Dosto,
We are sharing here information about Datta Triyey Jyanti which is celebrated in Chamoli District of Uttarakhand in Anusuya Temple.
The detailed informaiton here
Regards,
M S Mehta
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उत्तराखंड की दत्तात्रेय जयंती
ND
उत्तराखंड के चमोली जिले में मंडल से करीब छह किलोमीटर ऊपर ऊँचे पहाड़ों पर स्थित प्रसिद्ध अनुसूया मंदिर है जहाँ पर दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है!इस जयंती में पूरे राज्य से हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं।
जयंती समारोह से जुडे सूत्रों ने बताया कि इस जयंती समारोह के अवसर पर नौदी मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसमें भारी संख्या में लोग अपने-अपने गाँवों से देव डोलियों को लेकर पहुँचते हैं।
सूत्रों के अनुसार देव डोलियाँ माता अनुसूया और अत्रि मुनि के आश्रम का भ्रमण करती हैं और माता अनुसूया के प्राचीन मंदिर में संतान प्राप्ति के लिए एक बड़ा यज्ञ भी कराया जाता है। सूत्रों ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में जप और यज्ञ करने वालों को संतान की प्राप्ति होती है।
ND आयोजन समिति के सूत्रों ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार इसी स्थान पर माता अनुसूया ने अपने तप के बल पर त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और शंकर को शिशु रूप में परिवर्तित कर पालने में खेलने पर मजबूर कर दिया था।
सूत्रों के अनुसार बाद में काफी तपस्या के बाद त्रिदेवों को पुन: उनका रूप प्रदान किया और फिर यहीं तीन मुख वाले दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। इसी के बाद से यहाँ संतान की कामना को लेकर लोग आते रहे हैं। यहाँ दत्तात्रेय मंदिर की स्थापना की गई है। यहाँ लगने वाले मेले में पूरे राज्य से हजारों की संख्या में लोग आते हैं।
चमोली जिले के मुख्यालय गोपेश्वर से करीब 17 किलोमीटर दूर यह स्थान अनुसूया संरक्षित वन प्रभाग के घने जंगलों में स्थित है। इस स्थान पर लोगों को कम से कम पाँच किलोमीटर पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। भगवान दत्तात्रेय से जुडे़ होने के कारण इस मेले में महाराष्ट्र और कर्नाटक से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं। Source : webdunia.com