उत्तरकाशी श्यालम गद (वरूणा) काली गद (असी गद) तथा भागीरथी नदियों के बीच स्थित है। शहर के ऊपर की ओर वरूणावत पर्वत की प्रधानता है, जिस पर वर्ष 2004 में बिजली गिरी और फलस्वरूप, शहर में भूस्खलनों एवं मलवे का गिरना जारी रहा एवं भवनों खासकर कई होटलों को क्षतिग्रस्त कर दिया जो बस पड़ाव के विपरित पर्वत के आधार पर स्थित थे।
उत्तरकाशी के इर्द-गिर्द पहाड़ियों पर चीड देवदार के जंगल हैं। शहर में भी कई पीपल एवं बरगद के पेड़ है, जिन्हें पूजा जाता है। धतूरे का फूल देखने योग्य होता है, जिसे विश्वनाथ मंदिर में पूजा के समय चढ़ाया जाता है।