Author Topic: Mahakumbh-2010, Haridwar : महाकुम्भ-२०१०, हरिद्वार  (Read 107955 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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कुंभ हादसे की पूरी सूचना न देने पर अधिकारी तलब
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हरिद्वार। कुंभ-२०१० में हुई दुर्घटना के मामले में मुख्य सूचना आयुक्त ने मेला पुलिस के अधिकारियों को तलब किया है। वादी का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने उसे मांगी गई कुछ सीडी तो उपलब्ध करा दी, लेकिन वे अधूरी हैं।
उत्तराखंड सेवादल के मीडिया प्रभारी रमेशचंद्र शर्मा ने आरटीआई के तहत डीजीपी से १४ अप्रैल २०१० को कुंभ के दौरान हुई दुर्घटना के संबंध में १६ बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी थी। शर्मा द्वारा मांगी गई सूचनाओं में १३ एवं १४ अप्रैल को ललतारौ पुल घटना स्थल, वाल्मीकि चौक, अपर रोड, पोस्ट आफिस, हरकी पैड़ी, नाई घाट, सुभाष घाट, गऊ घाट आदि में लगाए गए सीसी टीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग की सीडियां उपलब्ध कराया जाना था। इस संबंध में कुंभ मेला उपाधीक्षक मणिकांत मिश्रा द्वारा दिए गए पत्र में कहा गया है कि सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग की सीडी नहीं दी जा सकती।
इस सूचना की पुष्टि अपर पुलिस अधीक्षक कुंभ मेला द्वारा अपील निस्तारण में भी की गई। जिसके खिलाफ शर्मा ने मुख्य सूचना आयुक्त के यहां शिकायत दर्ज की। इस पर मुख्य सूचना आयुक्त ने पुलिस अधिकारियों को दो फरवरी को आयोग के सामने तलब किया है। रमेशचंद्र शर्मा ने कहा कि इस बीच प्रशासन ने उसे कुछ सीडियां तो उपलब्ध करा दी हैं, लेकिन वे अधूरी हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों के इस रवैए के खिलाफ वे पुनः सूचना आयोग में शिकायत करेंगे।

http://www.amarujala.com/state/Uttrakhand/8406-2.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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  नोबेल पुरस्कार को हरिद्वार महाकुंभ का नामांकन       Sep 27, 02:24 am    बताएं           हरिद्वार, जागरण संवाददाता: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हरिद्वारमहाकुंभ की शानदार व्यवस्था का ही कमाल रहा कि महाकुंभ का नामांकन नोबेल पुरस्कार के लिए हो गया है। कम समय में बेहतर व्यवस्था करने के आधार पर महाकुंभ के लिए नोबेल की पैरवी की गई थी।
मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद श्री निशंक पहली बार हरिद्वार पहुंचे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ का नामांकन नार्वे में नोबेल पुरस्कार के लिए हो गया है। दक्षिण अफ्रीका से लेकर मलेशिया तक के राष्ट्राध्यक्ष महाकुंभ के मैनेजमेंट की सराहना कर चुके हैं। महाकुंभ अपने आप में ऐतिहासिक आयोजन रहा। उन्हें पूरी उम्मीद है कि महाकुंभ को नोबेल पुरस्कार अवश्य मिलेगा। उन्होंने बताया कि गोपियो इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट के अलावा युगांडा के उपराष्ट्रपति समेत कई संस्थाओं ने इस संबंध में नोबेल कमेटी को प्रस्ताव भेजा था, नोबेल कमेटी ने अब पत्र भेजकर सूचित किया है कि हरिद्वार महाकुंभ को नोबेल के लिए रिकमंड कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि सदी का पहला महाकुंभ हरिद्वार में 14 जनवरी से 14 अप्रैल 2010 तक चला। इस अवधि में करीब 8 करोड़ लोग गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने पहुंचे। अंतिम शाही स्नान पर ही 1.66 करोड़ लोगों के आने का दावा किया गया। धार्मिक गुरु दलाई लामा सहित कई हस्तियों ने कुंभ में शिरकत की। सदी के इस पहले महाकुंभ की विशेषता यह रही कि इसमें सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों, जिसमें संन्यासी, वैरागी, निर्मल व उदासीन थे, ने एक साथ गंगा में डुबकी लगाई। असली बनाम नकली शंकराचार्य के मुद्दे पर भी कुंभ में मंथन हुअ। 130 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारी की थी। एक मिनी इंडिया के तौर पर कुंभ क्षेत्र को बसाया गया था।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8275623.html

   

 

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