बालक मूलनारायण ने अपनी दीदी (बुआ जी), अर्थात पिता कि बहन हिवाल नंदा माई को स्वप्न देना
बालक मूलनारायण ने अपनी दीदी (बुआ जी), अर्थात पिता कि बहन हिवाल नंदा माई जो हौलू राजा को ब्याही गयी थी; सपना दिया कि, हे बुवा जी ! मे भगवन ऋषिकेश्वर मुनि का पुत्र जो कि घोर संकट मे हूँ, कारण यह है कि मे मूलनक्षत्र मे पैदा हुवा जानकर जन्म के एक सप्ताह के बाद इस जंगल मे माता पिता द्वारा त्याग दिया गया हूँ! मै यहाँ पर जंगल लतावो के सहारे जीवित हूँ जबकि मुझे माँ का दूध पीने से फुरसत नही मिलती! बुवा जी तुमि मुझे बचा सकती हो !
नंदा देवी का स्वप्न देखकर बालक कि रक्षा के लिए चल पड़ना
अचानक ऐसा सपना देखकर माँ नंदा, राजा के अनुमति लेकर बरफ कि गठरी साथ लेकर, अपने अंगरक्षको ( गणों) के साथ उस हिमालय क्षेत्र से रास्ता लगती है ! आनन फानन मे नंदा देवी जब अपने मायके पहुचती है तो यह क्रोध से आज अपने भाई ओर भाभी को प्रणाम भी नही करती है ! तब ऋषिकेश्वर मुनि कहते है कि, बहिन तू तो और दफे खूब पहाडी जड़ी बूटियाँ एव यहाँ जो वस्तुए वहाँ दुर्लभ है, वहाँ से लाती थी, आज क्या बात है, तू बहुत क्रोधित लगती है और केवल बर्फ कि गठरी लाई है, !
" आप लोगो ने आप लोगो ने मुझे विवाया ही कहाँ एकदम हिमालय के घर जहाँ चारो ओर बर्फ ही बर्फ है तो लाती भी क्या ? बर्फ ही तो लाउंगी ! आप लोगो ने तो पुत्र ( मेरा भतीजा) के पैदा होने पर मुझे निमंत्रण भी नही दिया और उसे जंगल मे छोड़ दिया ! मेरे भतीजे ने मुझे सपने के द्वारा मुझे यहाँ बुलाया है ! अब आप लोग मुझे दहेज़ दो ! " मै अपने भतीजे को लेकर अपने हौलू राजा के पास चली जाती हूँ !
ऋषिकेश्वर मुनि बोले " हमने तो लड़के का मूल नक्षत्र मै पैदा होने से नामकरण से पहले ही परित्याग कर दिया कहाँ नामकरण का निमंत्रण देते ! लो ये सात तुम्बे रखे है उनको ले जाओ और हर साल फसल के समय इन तुम्बो के प्रभाव के इसे (नाकुरी एव पुंगराओ - बागेश्वर जिला के रीमा क्षेत्र ) क्षेत्र मे ओले गिराना ! ओले न गिराने के लिए यहाँ के लोग तुम्हे लीक, सीक देने लगेंगे तबी तुम सुख शान्ति से अपने दिन व्यतीत करना" !
इस कथा मे यह भी कहा जाता है, जब नंदा देवी इस बालक को दूड़ने चल पड़ती है तो उन्हे बालक काफ़ी दूड़ने के बाद भी नही मिलता है ! तब नंदा देवी कहती है हे बालक यदि तुम वास्तव मे अवतारी हो, तो मुझे अपने बारे मे बताओ तुम आख़िर कहाँ पर हो. तब भगवान मूल नारायण जी नंदा आकाशवाणी के द्वारा बताते है, कि इस जगह पर हूँ !