चंबा से 20 किलोमीटर दूर, कादुलखाल से 1.5 किलोमीटर पैदल
समुद्र तल से 3,030 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर इस क्षेत्र के वास्तविक एवं लाक्षणिक दोनों रूपों में सर्वोच्च स्थलों में से एक है। 1 से 1.5 किलोमीटर पैदल यात्रा करने पर मंदिर आता है,
यह एक ऐसी जगह है जहां से हिमालय दर्शन का अद्भुत नजारा देखा जा सकता है एवं जो विस्मयकारी विशालता तथा रंगीन धार्मिक सिंहावलोकन प्रस्तुत करता है तथा यहां आने के लिए प्रेरणा भी देता है।
मां सुरकंडा देवी को समर्पित मंदिर के अतिरिक्त भगवान शिव एवं हनुमान को समर्पित मंदिर की स्थापना भी इसी परिसर में हुई है। प्रत्येक वर्ष मई महीने के गंगा-दशहरा पर्व का आयोजन यहां होता है, जब सैकडों तीर्थयात्री यहां अपनी श्रद्धा अर्पित करने आते हैं।