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We are sharing here information about Vimalkot Temple Dhaulchina Almora which is one of the ancient temple of Devbhoomi Uttarakhand.
डेढ़ शताब्दी पुराना है धौलछीना का विमलकोट मंदिर धौलछीना (अल्मोड़ा)
उत्तराखण्ड को देवभूमि यों ही नहीं कहा जाता। यहां की ऊंची चोटियों में चारों ओर मां भगवती के मंदिर स्थापित हैं। तो नदियों के तट व संगम पर भगवान शिव के मंदिरों की लंबी श्रृंखला है। यही नहीं लोक देवता भी यहां हर गांव में वास करते हैं। ऐसा ही एक ऐतिहासिक मंदिर धौलछीना के निकट विमलकोट में स्थापित है। अटूट आस्था का यह केंद्र सैकड़ों वर्ष पुराना है। बताते हैं कि लगभग 15 सौ वर्ष पूर्व इस विमला देवी के मंदिर की स्थापना अफगान व मुगल साम्राज्य के दौर में हुई थी। जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर जागेश्वर मोटर मार्ग पर चोटी पर स्थित है। 1995 में इसका जीर्णोद्धार रावत परिवार द्वारा किया गया। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां से हिमशिखरों का विहंगम दृश्य तो दिखाई ही देता है, साथ ही मंदिर के चारों ओर की पहाड़ियों में बांज, बुरांश, देवदार, काफल, उतीस के घने जंगल दृष्टिगोचर होते हैं। 8 हजार फिट की ऊंचाई में स्थित इस मंदिर की तलहटी पर पत्थरखानी गांव बसा है।
मां विमला देवी मंदिर की चोटी से
- नंदादेवी,
- त्रिशूल,
- चौखम्बा,
- पंचाचूली,
- नीलकंठ,
- नंदा धूरी,
- नंदा खाट,
- धौलगिरि,
- पिंडारी ग्लेशियर,
- चौकुड़ी,
- कसारदेवी,
- वृद्धजागेश्वर,
देवीधूरा जैसे आध्यात्मिक स्थलों के दर्शन होते हैं।
(ource- Dainik Jagran)
M S Mehta