उत्तरकाशी। हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी संस्था ने गंगोत्री व यमुनोत्री के साथ ही विश्वनाथ व शक्ति मंदिर में लोकल उत्पाद पर आधारित प्रसाद व धूप वितरित करने का निर्णय लिया है।
गंगोत्री, यमुनोत्री, विश्वनाथ व शक्ति मंदिर में दर्शन से पहले यात्रियों को वर्तमान में जो प्रसाद चढ़ावे के लिए मिलता है वह दिल्ली, बम्बई, हरिद्वार, राजस्थान समेत अन्य स्थानों से पालीथिन में पैक होकर पहुंचता है, जिससे प्र्र्रदूषण का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। प्रसाद निकालकर पालीथिन सीधे गंगा में प्रवाहित कर दी जाती है जो गंगा को भी प्रदूषित कर देता है। हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान ने प्रसाद वितरण का जिम्मा अपने कंधों पर लेते हुए महिलाओं की एक टीम तैयार की है। खरसाली, बीफ, बनास, जसपुर, माण्डौ, जोशियाड़ा समेत अन्य गांवों की महिलाएं टीम में शामिल हैं। ये महिलाएं रामदाना, कुट्टू, तिल, मगज, शहद, अखरोट व घी से प्रसाद तैयार करेंगी। यह प्रसाद रिगांल की टोकरी में वितरित किया जाएगा। यमुनोत्री क्षेत्र के विधायक केदार सिंह रावत ने संस्था के इस प्रयास की सराहना की। संस्था के सचिव द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि प्रसाद वितरण के कार्य को बिना रुके किया जाएगा। इसके लिए हैस्को से भी सहयोग लिया गया है। संस्था इन दिनों गांव में महिलाओं से प्रसाद तैयार करवा रहा है इससे महिलाओं को आर्थिक आमदनी भी प्राप्त हो रही है।