Author Topic: Tourism Related News - पर्यटन से संबंधित समाचार  (Read 63486 times)

पंकज सिंह महर

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लोहाघाट (चम्पावत)। मां अखिलतारिणी धाम में चल रहे 108 दिवसीय महायज्ञ के पारायण की तैयारियां शुरू हो चुकी है। यज्ञ स्थल पर यज्ञ वेदियों की स्थापना के साथ धार्मिक महत्व के पौधों को रोपा जा रहा है। 8 मई गुरुवार को अक्षय तृतीय के दिन यहां यज्ञ का पारायण हो जायेगा। इन दिनों महायज्ञ आयोजन समिति की ओर से लक्ष्य रुद्री पाठ का आयोजन कर आहुतियां दी जा रही है। इसके अलावा द्वादशाक्षरी मंत्र, गायत्री मंत्र व मृत्युंजय महामंत्रों की आहुतियां 71 यज्ञ आचार्यो द्वारा दी जा रही है। पीठाधीश्वर दिगम्बर मोहन तीर्थ महाराज ने बताया कि देर रात तक श्रद्धालुओं द्वारा भजन कीर्तन किये जा रहे है।

पंकज सिंह महर

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बदरीनाथ (चमोली)। मोक्षधाम श्री बदरीनाथ के कपाट वेद-मंत्रोच्चारण के साथ रावल बद्री प्रसाद नंबूदरी ने आज सुबह 7:48 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले। पहले दिन अखंड ज्योति के दर्शन करने वालों में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम, राज्य के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी सहित हजारों श्रद्धालु शामिल थे।
पौराणिक व धार्मिक नियमों के अनुसार कपाट खुलने के बाद रावल ने लक्ष्मी की प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाकर परिक्रमा स्थित महालक्ष्मी के मंदिर में विराजित किया। अब छह माह तक लक्ष्मी की पूजा-अर्चना यहीं सम्पन्न की जाएगी। उद्धव व कुबेर को छह माह बाद गर्भगृह में प्रवेश कराकर बद्री प्रसाद नंबूदरी ने बद्रीश पंचायत की पूजा प्रारंभ की। भगवान को पहनाए गए घृत कम्बल को उतारकर नये वस्त्र पहनाए गए। सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में घृत कम्बल बांटा गया। कल से ही बद्रीशपुरी में उत्सव का माहौल था। मुख्य मंदिर सहित सम्पूर्ण क्षेत्र को फूलों से सजाया गया। रात्रि से ही दर्शनार्थियों की लाइन लगनी शुरू हो गई थी। दिल्ली से आई प्रसिद्ध भजन गायिका अलका गोयल के भजनों ने श्रद्धालुओं को भक्ति विभोर कर दिया। गढ़वाल स्काउट के बैंडों की भक्तिमय धुनों के अलावा लोक कलाकारों के भजन भी सुनने को मिले। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद भट्ट, आईजी गढ़वाल अशोक कुमार, धर्माधिकारी जगदम्बा प्रसाद सती भी उपस्थित थे।

7:48 बजे खोले गए बदरीनाथ के कपाट

बदरीनाथ। कपाट खुलने के मुहूर्त को लेकर स्थानीय जनता व श्रद्धालुओं में रोष है। पूर्व में ब्रह्मामुहूर्त में कपाट खोलने की घोषणा हुई थी किन्तु गत सांय ब्रह्मामुहूर्त के स्थान पर सुबह 7:48 बजे मंदिर के कपाट खुलने का समय घोषित किया गया।

उल्लेखनीय है कि हर वर्ष ब्रह्मामुहूर्त में ही भगवान बदरी विशाल के कपाट खोले जाते हैं। इस वर्ष भी यही घोषणा की गई थी लेकिन गत सांय समय परिवर्तित किए जाने के बाद बदरीनाथ के स्थानीय लोगों व श्रद्धालुओं में कपाट खुलने के दौरान काफी रोष देखा गया। धर्माधिकारी जगदंबा प्रसाद सती ने कहा कि टिहरी राज दरबार में बसंत पंचमी के अवसर पर ब्रह्मामुहूर्त में ही कपाट खोलने की घोषणा हुई थी लेकिन कल सांय जब राज दरबार की ओर से लग्न पत्र मिला तो उसके अनुसार समय कपाट खोलने का समय सुबह 7 बजकर 48 मिनट पर निश्चित किया गया था। धर्माधिकारी सती के अनुसार उनके द्वारा प्रत्येक वर्ष रावल की उपस्थिति में कपाट बंद होने की तिथि का समय विजयदशमी के पावन अवसर पर बदरीनाथ में निकाला जाता है। आज तक मुहूर्त को लेकर कोई विवाद भी नहीं हुआ। इस संबंध में नगर पंचायत बदरीनाथ के अध्यक्ष बलदेव मेहता का कहना है कि जब बसंत पंचमी के अवसर पर कपाट खुलने की तिथि की घोषणा हुई थी तो तब से आज तक ब्रह्मामुहूर्त में ही कपाट खुलने की सूचना मिली थी। मामले में कोशिशों के बाद भी तीर्थ पुरोहित से सम्पर्क नहीं हो सका।

पंकज सिंह महर

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गोपेश्वर (चमोली)। भगवान बदरी विशाल व बाबा केदारनाथ के कपाट खुलते ही उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा को भीड़ चरम पर पहुंच गई है। जनपद के मोटर मार्गो की खस्ता हालत के कारण तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कई वर्षो से राष्ट्रीय राजमार्गो पर ग्रीफ द्वारा कछुआ गति से किए जा रहे कार्य से स्थानीय लोग भी खफा हैं।
उल्लेखनीय है कि भगवान बद्री विशाल के कपाट 9 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। जिससे तीर्थ यात्रियों का उमड़ना शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार ने भले ही तीर्थ यात्रा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए हों, लेकिन जनपद के राष्ट्रीय राजमार्गो का चौड़ीकरण का कार्य कर रही डीजीबीआर संसाधनों का रोना रो रही है। कई वर्षो से मोटर मार्ग आधे-अधूरे बने हुए हैं। जिसमें गौचर-कर्णप्रयाग, पीपलकोटी-जोशीमठ, विष्णुप्रयाग-लामबगड़ मोटर मार्गो की हालत खराब है। इन मार्गो पर वाहनों को चलाना जान जोखिम में डालने के बराबर है। विष्णुप्रयाग से लामबगड़ मोटर मार्ग चौड़ीकरण का कार्य चार वर्ष पूर्व किया जा चुका है, लेकिन अभी भी उक्त मोटर मार्ग पर डामरीकरण का कार्य न होने से मोटर मार्गो पर भारी भरकम खडडे बने हुए हैं। वहीं गौचर-कर्णप्रयाग मोटर मार्ग पर पिछले चार वर्षो से कार्य चल रहा है। ग्रीफ के वाहनों द्वारा बीच मोटर मार्ग पर वाहन खड़ा कर पत्थर, कंक्रीट भरने के कारण घंटों जाम लगा रहता है। मोटर मार्गो पर ग्रीफ द्वारा कई स्थानों पर कंक्रीट, बजरी व पत्थर इकट्ठा किए जाने से भी स्थिति भयानक बनी हुई है।

पंकज सिंह महर

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गोपेश्वर (चमोली)। बीते वर्ष की तरह इस बार भी 15 से 21 मई तक पोखरी में खादी, पर्यटन औद्योगिक किसान विकास मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए मेला समिति अभी से तैयारियों में जुट गई है। खेल मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि राज्यपाल तथा शिक्षामंत्री भी मेले में शिरकत करेंगे।

कार्यक्रमों की जानकारी देते मेला सचिव राजेंद्र असवाल ने कहा कि 15 मई को मेला व स्टालों के उद्घाटन के बाद स्थानीय शिक्षण संस्थाओं के बच्चे और हेमराज कला मंच पिथौरागढ़, बिंसर सांस्कृतिक कला समिति देहरादून सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाएंगे। 16 मई को विनायकधार में खेलकूद के बाद पर्यावरण, वन व जीव संरक्षण गोष्ठी तथा स्थानीय शिक्षण संस्थाओं के अलावा संस्कार कला मंच अल्मोड़ा, जय माता राजराजेश्वरी कला मंच उत्तरकाशी के सांस्कृतिक कार्यक्रम, 17 को राज्य स्तरीय बालीबाल प्रतियोगिता, पशुपालन, कृषि व सहकारिता गोष्ठी, राबाइंका गोपेश्वर व मंगलेश डबराल के सांस्कृतिक कार्यक्रम, 18 को राज्य स्तरीय बालीबाल प्रतियोगिता, स्वास्थ्य गोष्ठी व शिशु प्रदर्शनी, पूर्व सैनिक सम्मेलन, राबाइंका कर्णप्रयाग, मसोली सांस्कृतिक टीम, पिंडर घाटी उत्थान व बधाणी सांस्कृतिक समिति, लक्ष्मी नारायण दूनघाटी रंगमंच के सांस्कृतिक कार्यक्रम, 19 को खेलकूदों के फाइनल कार्यक्रम, राज्य स्तरीय बालीबाल प्रतियोगिता, समाज कल्याण, बाल विकास व महिला सशक्तीकरण गोष्ठी, क्षेत्रीय युवक मंगल दल, राबाइंका गौचर, नागज्योति कला मंच, वीर कला दर्पण उत्तरकाशी के सांस्कृतिक कार्यक्रम, फैशन शो, कव्वाली, 20 मई को राज्य स्तरीय बालीबाल प्रतियोगिता का फाइनल, कल्पना चौहान व मास्टर रोहित चौहान के सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाएंगे।

पंकज सिंह महर

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कर्णप्रयाग/सिमली (चमोली)। प्रसिद्ध आदिबदरी धाम में सोमवार से होने वाले प्राचीन नौठा कौथिग में कई धार्मिक व सांस्कृतिक खेलकूद कार्यक्रम होंगे। यह जानकारी मेला समिति के कैलाश शाह ने दी।

उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र का प्राचीन परंपरागत मेला है, जिसमें सीमावर्ती गांवों की महिलाएं व पुरुष बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं। पंचबदरी समूह में प्रथम बदरी आदिबदरी धाम के मंदिर प्रांगण में लोकगीत, चौफला नृत्य व लठयूल मेले का मुख्य आकर्षण होंगे। दूसरी ओर प्रसिद्ध सिद्धपीठ राजराजेश्वरी चंडिका मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक आचार्य प्रकाश खंडूरी ने भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों का वर्णन किया और कर्म की प्रधानता को प्रमुख बताया।

पंकज सिंह महर

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उत्तरकाशी। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की भीड़ में इस साल जोरदार बढ़ोत्तरी हुई है। सात दिन में 21 हजार से अधिक यात्री स्नान व पूजा-अर्चना कर चुके हैं। भीड़ को संभालने में पुलिस को रात-दिन पसीना बहाना पड़ रहा है।

विश्व प्रसिद्ध धाम गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुले अभी एक सप्ताह हुआ है। इस साल तीर्थ यात्रियों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि नजर आ रही है। गत वर्ष की अपेक्षा तीन गुना अधिक तीर्थ यात्री अभी तक दर्शनों के लिए पहुंचे है। यात्रियों को पार्किग की समस्या और वाहनों के प्रवेश को लेकर परेशानी झेलनी पड़ रही है। हनुमानचट्टी से आगे बड़े वाहन प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में प्रीपेड व्यवस्था के तहत हनुमानचट्टी से जानकी चट्टी तक तीर्थ यात्रियों को जीप व टैक्सी से पहुंचाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि प्रीपेड व्यवस्था के तहत 60 टैक्सियां उपलब्ध हैं। इन टैक्सियों की संख्या बढ़ाए जाने के लिए ऋषिकेश व हरिद्वार संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर पुलिस को अबके कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। यात्रियों को सूचना व सुरक्षा पुलिस का महत्वपूर्ण दायित्व है। एसपी ने बताया कि यमुनोत्री यात्रा पर प्रतिदिन 3 हजार से अधिक यात्री पहुंच रहे हैं। गंगोत्री में प्रति दिन चार हजार से अधिक यात्री दर्शनों को पहुंच रहे हैं। ऐसे में गंगोत्री की वाहन पार्किंग व्यवस्था तंग नजर आ रही है। पुलिस अधीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि गंगोत्री की ओर 130 बडे़ वाहन और 120 छोटे वाहनों की आवाजाही नित्य हो रही है। करीब 250 वाहन गंगोत्री पहुंच रहे है। गंगोत्री में पार्किंग व्यवस्था न होने से स्थिति विकट हो गई है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इसका समाधान भी तलाश लिया गया है। कोशिश की जा रही है कि भैरव घाटी से प्रति दिन 30 वाहन ही आगे जाएं। 30 के बाद जाने वाले वाहनों को भैरवघाटी में रोककर वहां से प्रीपेड टैक्सी के माध्यम से यात्रियों को गंगोत्री की रवाना किए जाने की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है।

पंकज सिंह महर

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उत्तरकाशी। यात्रा काल शुरू होने से पहले सरकार का दावा था कि जानकीचट्टी तक बस पहुंचाई जाएगी, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोक निर्माण विभाग की धीमी कार्य प्रणाली से वाहनों की आवाजाही हनुमान चट्टी तक हो रही है। यहां से यात्रियों को 11 किमी पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। वहीं गंगोत्री में दूरसंचार सेवाएं भी ठप है।

यात्राकाल से पूर्व सरकार का दावा था कि यमुनोत्री तक की सड़कों को दुरुस्त कर लिया जाएगा और वाहन जानकीचट्टी तक पहुंचेंगे। लेकिन अभी वाहनों की आवाजाही हनुमान चट्टी तक ही हो पा रही है। ऐसे में यात्री 6 किमी के बजाय 11 किमी पैदल चलकर मंदिर तक पहुंच रहे हैं। जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक रैलिंग कई जगहों पर टूटी हुई है। रैलिंग टूटी होने से दुर्घटनाओं की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। यमुनोत्री तक पैदल दूरी पर कई बार यात्री आक्सीजन की कमी से बेहोश तक हो जाते हैं। यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है, पर प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं तलाश पाया है। बड़कोट के उप जिलाधिकारी एसएच सेमवाल ने बताया कि लोक निर्माण विभाग मार्ग दुरुस्त करने की कोशिशों में जुटा हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही जानकीचट्टी तक वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। उप जिलाधिकारी ने कहा कि इस बार खच्चर, घोड़ा व डंडी-कंडी संचालक प्रीपेड व्यवस्था होने से मनमाना पैसा नहीं वसूल रहे हैं। गंगोत्री की स्थिति पर नजर दौड़ाए तो यहां दूरभाष सेवाएं ठप हैं। यात्रा से पहले दावा किया गया था कि गंगोत्री में तमाम व्यवस्थाएं चाक चौबंद रहेंगी, पर यात्रा की शुरूआत में ही सुविधाओं का दम निकलता नजर आ रहा है।

पंकज सिंह महर

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रुद्रप्रयाग। भगवान केदारनाथ के दर्शनों के लिए देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक तेरह हजार से अधिक तीर्थ यात्री भोले के दर्शन कर चुके हैं। मंदिर समिति को इससे करीब आठ लाख से अधिक की आय प्राप्त हुई है।

यात्रा शुरू हुए छह दिन बीत चुके हैं। मंदिर समिति के आकड़ों के मुताबिक अब तक 13 हजार श्रद्धालु भोले के दर्शन कर चुके हैं। हर दिन सैकड़ों यात्री भगवान केदारनाथ के दर्शन कर रहे है। इससे मंदिर समिति को करीब आठ लाख से अधिक की आय हो चुकी है। इस वर्ष प्रारंभ से ही यात्रियों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है। हालांकि सोमवार को केदारपुरी में मौसम सर्द था, बावजूद इसके श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं हुई। यात्रियों की बढ़ती संख्या से केदारपुरी सहित यात्रा पड़ावों पर स्थानीय व्यापारियों को भी अच्छा रोजगार मिल रहा है। व्यापारी उमेश पोस्ती बताते है कि यात्रियों की संख्या बढ़ने से लाभ मिल रहा है। शीतकाल में छह माह तक यात्रा शुरू होने की इंतजारी में रहते है, क्योंकि यात्रा से ही उनकी आजीविका चलती है। ऐसे में यात्रियों की भीड़ कम हो तो उन्हे भी इसका नुकसान उठाना पड़ता है। मंदिर समिति कार्याधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि कपाट खुलने से लेकर अब तक 13,411 तीर्थ यात्री भगवान के दर्शन कर चुके है, जबकि इससे मंदिर समिति को आठ लाख के लगभग आय प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

पंकज सिंह महर

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पिथौरागढ़। छलिया महोत्सव की पहली रात बाल कलाकारों के नाम रही। देर रात तक स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रतियोगिता चली। जिसमें नगर के स्कूली बच्चों ने राज्य की विभिन्न संस्कृतियों पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किये। प्रतियोगिता में राजकीय बालिका इण्टर कालेज की टीम अव्वल रही।

हालांकि पहली रात मौसम ने कार्यक्रमों में खलल डाला,इसके बावजूद कलाकारों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी। देर रात के कार्यक्रमों का उद्घाटन हिल्ट्रान अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने की। उन्होंने छलिया महोत्सव जैसे आयोजनों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से सांस्कृतिक विरासत मजबूत होती है। उन्होंने कहा इससे लोक कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता है और लोक कलायें समृद्ध होती है। देर रात के कार्यक्रमों में स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रतियोगितायें हुई। जिसमें नगर के अलावा दूरदराज के क्षेत्रों से आये विभिन्न स्कूलों के बाल कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतिया दी। बाल कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों में लोक गीत, लोक नृत्यों का शानदार प्रदर्शन किया। सांस्कृतिक प्रतियोगिता में राजकीय बालिका इण्टर कालेज पिथौरागढ़ की टीम को पहला, उत्तराखण्ड पब्लिक स्कूल को दूसरा, राजकीय बालिका इण्टर कालेज धारचूला और एलडब्लूएस इण्टर कालेज की टीम को तीसरा स्थान मिला।

पंकज सिंह महर

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पिथौरागढ़। छलिया महोत्सव के दूसरे दिन विविध सांस्कृतिक प्रतियोगितायें हुई। दूरदराज से आये लोक कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।

रविवार को सबसे पहले वाद्य यंत्र प्रतियोगिता करायी गयी, जिसमें दर्जन भर दलों के कलाकारों ने भागीदारी की। किनीगाड़ से आई टीम भीम राम एण्ड पार्टी इस प्रतियोगिता में अव्वल रही। अल्मोड़ा से आये सुरेश चंद ने दूसरा स्थान हासिल किया। नेपाल से आयी टीम तीसरे स्थान पर रही। इस प्रतियोगिता के निर्णायक डा.पोखरिया, पुष्कर जोशी और केदार जोशी थे।
दोपहर में चित्रकला प्रतियोगिता हुई। यह प्रतियोगिता चार अलग-अलग वर्गो में करायी गयी। नर्सरी से कक्षा दो तक के पहले वर्ग में योगेश पाण्डे को पहला, कीर्ति गुप्ता को दूसरा और खुशबू जोशी को तीसरा स्थान मिला। कक्षा तीन से पांच तक के बच्चों के लिए आयोजित दूसरे वर्ग में पराग वर्मा अव्वल रही। विनोद बोरा को दूसरा और गजेन्द्र सिंह बिष्ट को तीसरा स्थान मिला। कक्षा पांच से आठ तक के बच्चों के लिए आयोजित तीसरे वर्ग में पल्लवी जोशी पहले, सोनल पाठक दूसरे और क्षितिज गैड़ा को तीसरा स्थान मिला। ओपन वर्ग में शिवानी विश्वकर्मा पहले, सीता नेगी दूसरे और द्रौपदी तीसरे स्थान पर रही। प्रतियोगिता की निर्णायक शाहिद खान, प्रीति जोशी और मुकेश पुनेठा थे।

 

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