03-उधमसिंहनगर
उधमसिंह नगर उत्तरांचल राज्य के उधमसिंहनगर जिला का मुख्यालय है। यह शहर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इसके अतिरिक्त यहां की प्राकृतिक सुंदरता इस जगह को और अधिक सुंदर बनाती है। उधमसिंह नगर पहले नैनीताल जिले में था। लेकिन अक्टूबर 1995 में इसे अलग जिला बना दिया गया।
इस जिले का नाम स्वर्गीय उधम सिंह के नाम पर रखा गया है। उधम सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड होने के पश्चात् इन्होंने ही जनरल डायर की हत्या की थी। इस जिले में तीन अनुमंडल रूद्रप्रयाग, काशीपुर और काटिमा को सम्मिलित किया गया है। यह जगह चारों ओर से हिमालय से घिरा हुआ है।
काशीपुर-
इस जगह को गोविशन के नाम से भी जाना जाता है। हर्ष काल (606-647 ईसवीं) के दौरान, यून-च्वांग (631-641 ईसवीं) इस जगह घूमने के लिए आए थे। काशीपुर का नाम काशीनाथ अधिकारी के नाम पर रखा गया था। काशीनाथ अधिकारी ने ही इस स्थान की स्थापना की थी।
प्रसिद्ध कवि गुमानी ने इसी जगह पर अनेक कविताएं लिखी है। यह जगह गिरीतल और द्रोणा सागर के साथ-साथ पंड़ावों के लिए भी जानी जाती है। काशीपुर में लगने वाला चैती मेला भी काफी प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में काशीपुर प्रमुख औद्योगिक शहरों के लिए जाना जाता है। सर्दियों में यहां का नजारा काफी अद्भुत होता है।
पूर्णागिरी-
पूर्णागिरी मंदिर शक्तिपीठ के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान तंकपुर से 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर पर्वत के सबसे ऊंचे हिस्से में है। हर साल काफी संख्या में श्रद्धालु पूर्णागिरी के दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रा के अवसर पर यहां बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।
अतारिया मंदिर-
इस मंदिर में भगवान अतारिया की पूजा की जाती है। हर साल काफी संख्या में भक्तगण इस मंदिर में आते हैं। नवरात्रों के अवसर पर यहां दस दिनों के मेले का कार्यक्रम होता है। अतारिया मंदिर रूद्रप्रयाग-हल्द्वानी मार्ग से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।