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Martyrs Of UK Movement - उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के अमर शहीद एवं आन्दोलनकारी

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Devbhoomi,Uttarakhand:
राज्य आंदोलनकारियों का आमरण अनशन शुरू
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उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बड़कोट तहसील प्रांगण में आमरण अनशन और क्रमिक अनशन पर बैठ गये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है।

पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को राज्य निर्माण आंदोलनकारियों में कंसेरू निवासी हरिमोहन सिंह भूख हड़ताल पर और अन्य आंदोलनकारी क्रमिक अनशन पर बैठ गये हैं। आंदोलनकारियों में विशालमणी बंधानी, भगवती भद्री, सुभाष उनियाल, विजय सिंह, जयभगवान गुप्ता, प्रदीप, चैन सिंह, वासवानंद डिमरी, किताब सिंह आदि का कहना है कि जिन आंदोलनकारियों ने राज्य निर्माण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्हें अब अपनी जायज मांगों के लिए बार-बार आंदोलन करने को विवश होना पड़ रहा है। आंदोलनकारियों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर 50 वर्ष की आयु पूरी करने वालों को पेंशन और कम उम्र वालों को योग्यतानुसार नौकरी, आंदोलनकारियों के उतराधिकारियों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की तय सीमा समाप्त कर हमेशा के लिए स्थाई किया जाय, चिकित्सा सुविधा, सरकारी बसों में फ्री यात्रा, आदि से अवगत कराते हुए लिखा है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।


Source Dainik jagran

Pooran Chandra Kandpal:
हम सबको उस टीम का हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहिए जिसने उत्तराखंड के अमर शहीदों की नामावली को हमारे लिए
प्रस्तुत किया है और आन्दोलन के उस इतिहास को जीवंत रखा है जिसको वर्त्तमान और भविष्य की पीढियां पढ़ेंगी, देखेगी
और समझेगी.  देश में उत्तराखंड ही एक ऐसा राज्य है जिसे अपने अस्तित्व  में आने के लिए तीन दर्जन उत्तराखंडियों को
शहीद होना पड़ा.  हमारे कल के लिए अपना आज कुर्बान करने वाले इन शहीदों को कोटिश: नमन. पूरन चन्द्र कांडपाल

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