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Martyrs Of UK Movement - उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के अमर शहीद एवं आन्दोलनकारी

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पंकज सिंह महर:
साथियो,
       उत्तराखण्ड राज्य का गठन 9 नवम्बर, 2000 को देश के 27 वें राज्य के रुप में किया गया। यहां पर यह उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड राज्य का गठन बहुत लम्बे संघर्ष और अनेकों बलिदानों के फलस्वरुप हुआ। उत्तराखण्ड राज्य की मांग सर्वप्रथम 1897 में उठी और धीरे-धीरे यह मांग अनेक समयों पर उठती रही। 1994 में इस मांग ने जनांदोलन का रुप ले लिया और आखिरकार हम राज्य प्राप्त करने में सफल रहे।
       लेकिन इस सफलता में कई नाम ऎसे भी थे, जिन्होंने हमारे बेहतर कल के लिये अपने वर्तमान को दांव पर लगा दिया और पुलिस के दमन और उसकी कायर गोलियों से आगे हंसते-हंसते अपनी जान कुर्बान कर दी। मेरा पहाड़ इन महान और अमर शहीदों का परिचय आप लोगों से कराने का प्रयास करेगा।
         इसके अतिरिक्त हम यह भी प्रयास करेंगे कि इस आन्दोलन में सक्रिय आन्दोलनकारी, जिन्हें जेल जाना पड़ा और पुलिसिया दमन के शिकार हुये, उनसे भी आप लोगों को रुबरु करा सकें।

पंकज सिंह महर:
दिनांक 2 अगस्त, 1994 को उत्तराखण्ड के गांधी स्व० श्री इन्द्रमणी बड़ोनी जी के नेतृत्व में पौड़ी शहर में आमरण अनशन किया गया। इस आन्दोलन के व्यापक रुप से फैलाव होने से परेशान प्रशासन ने दिनांक 8 अगस्त, 1994 को उत्तराखण्ड में पहला गोलीकांड किया।
    इस गोलीकांड में आन्दोलनकारी आर०पी० नौटियाल घायल हो गये और फायर ब्रिगेड़ की गाड़ी के चालक श्री जीत बहादुर गुरुंग की मौत हो गई।
    इस दिन से पुलिस प्रशासन ने गोलीबारी का जो सिलसिला शुरु किया, वह पूरे साल उत्तराखण्ड में चला और जगह-जगह आन्दोलनकारियों का दमन इसी तारीख से शुरु हुआ। इसीलिये अगस्त माह को "उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन की अगस्त क्रान्ति" माना जाता है।

पंकज सिंह महर:
खटीमा गोलीकाण्ड

1 सितम्बर, 1994 को उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन का काला दिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन की जैसी पुलिस बर्बरता की कार्यवाही इससे पहले कहीं और देखने को नहीं मिली थी। पुलिस द्वारा बिना चेतावनी दिये ही आन्दोलनकारियों के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग की गई, जिसके परिणामस्वरुप सात आन्दोलनकारियों की मृत्यु हो गई।

१- अमर शहीद स्व० भगवान सिंह सिरौला, ग्राम श्रीपुर बिछुवा, खटीमा।
२- अमर शहीद स्व० प्रताप सिंह, खटीमा।
३- अमर शहीद स्व० सलीम अहमद, खटीमा।
४- अमर शहीद स्व० गोपीचन्द, ग्राम-रतनपुर फुलैया, खटीमा।
५- अमर शहीद स्व० धर्मानन्द भट्ट, ग्राम-अमरकलां, खटीमा
६- अमर शहीद स्व० परमजीत सिंह, राजीवनगर, खटीमा।
७- अमर शहीद स्व० रामपाल, निवासी-बरेली।

**अमर शहीद स्व० श्री भगवान सिंह सिरोला, सात बहनों के अकेले भाई थे और अमर शहीद स्व० श्री परमजीत सिंह अपने मां-बाप की इकलौती संतान....।

इस पुलिस फायरिंग में बिचपुरी निवासी श्री बहादुर सिंह, श्रीपुर बिछुवा के पूरन चन्द्र भी गंभीर रुप से घायल हुये थे।



पंकज सिंह महर:
मसूरी गोलीकाण्ड
2 सितम्बर, 1994 को खटीमा गोलीकांड के विरोध में मौन जुलूस निकाल रहे लोगों पर एक बार फिर पुलिसिया कहर टूटा। प्रशासन से बातचीत करने गई दो सगी बहनों को पुलिस ने झूलाघर स्थित आन्दोलनकारियों के कार्यालय में गोली मार दी गई। इसका विरोध करने पर पुलिस द्वारा अंधाधुंध फायरिंग कर दी गई, जिसमें कई लोगों को (लगभग 21) को गोली लगी और इसमें से तीन आन्दोलनकारियों की अस्पताल में मृत्यु हो गई।

मसूरी गोलीकांड में शहीद-


१- अमर शहीद स्व० बेलमती चौहान(48), पत्नी श्री धर्म सिंह चौहान, ग्राम-खलोन, पट्टी घाट, अकोदया, टिहरी।
२- अमर शहीद स्व० हंसा धनई(45), पत्नी श्री भगवान सिंह धनई, ग्राम-बंगधार, पट्टी धारमंडल, टिहरी।
३- अमर शहीद स्व० बलबीर सिंह(22), पुत्र श्री भगवान सिंह नेगी, लक्ष्मी मिष्ठान्न, लाइब्रेरी, मसूरी।
४- अमर शहीद स्व० धनपत सिंह(50), ग्राम-गंगवाड़ा, पट्टी-गंगवाड़स्यू, गढ़वाल।
५- अमर शहीद स्व० मदन मोहन ममगई(45), नागजली, कुलड़ी, मसूरी।
६- अमर शहीद स्व० राय सिंह बंगारी(54), ग्राम तोडेरा, पट्टी-पूर्वी भरदार, टिहरी।





पंकज सिंह महर:
मुजफ्फरनगर (रामपुर तिराहा) गोलीकाण्ड
1-2 अक्टूबर, 1994 की रात्रि को दिल्ली रैली में जा रहे आन्दोलनकारियों का रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में पुलिस-प्रशासन ने जैसा दमन किया, उसका उदारहण किसी भी लोकतांत्रिक देश तो क्या किसी तानाशाह ने भी आज तक दुनिया में नहीं दिया कि निहत्थे आन्दोलनकारियॊं को रात के अंधेरे में चारों तरफ से घेरकर गोलियां बरसाई गई और पहाड़ की सीधी-सादी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार तक किया गया। इस गोलीकांड में हमारे 7 आन्दोलनकारी शहीद हो गये थे।

शहीदों के नाम

१- अमर शहीद स्व० सूर्यप्रकाश थपलियाल(20), पुत्र श्री चिंतामणि थपलियाल, चौदहबीघा, मुनि की रेती, ऋषिकेश।
२- अमर शहीद स्व० राजेश लखेड़ा(24), पुत्र श्री दर्शन सिंह लखेड़ा, अजबपुर कलां, देहरादून।
३- अमर शहीद स्व० रविन्द्र सिंह रावत(22), पुत्र श्री कुंदन सिंह रावत, बी-20, नेहरु कालोनी, देहरादून।
४- अमर शहीद स्व० राजेश नेगी(20), पुत्र श्री महावीर सिंह नेगी, भानिया वाला, देहरादून।
५- अमर शहीद स्व० सतेन्द्र चौहान(16), पुत्र श्री जोध सिंह चौहान, ग्राम हरिपुर, सेलाकुईं, देहरादून।
६- अमर शहीद स्व० गिरीश भद्री(21), पुत्र श्री वाचस्पति भद्री, अजबपुर खुर्द, देहरादून।
७- अमर शहीद स्व० अशोक कुमारे कैशिव, पुत्र श्री शिव प्रसाद, मंदिर मार्ग, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग।





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