साथियो,
आप सभी ने प्रकृति के चतेरे कवि चंद्र कुँवर बर्त्वाल का नाम सुना होगा, ये प्रकृति प्रेमी गीतिकार कवि थे, लेकिन साहित्य साधना का इन्हें बहुत कम समय मिला २८ वर्ष की अल्पायु में ही ये अनन्त यात्रा हेतु प्रस्थान कर गये। ये एक कुशल कवि, निबन्ध कार, कहानी कार, आलोचक, गद्य-काव्य और यात्रा संस्मरण लेखक भी थे। आइये चर्चा करते हैं, इनके व्यक्तिव और इनकी अमर कविताओ की....!