उमेश जी,
में आप की बातो से सहमत हु पर शायद आप ने कभी ओरो की भाषा के बारे में जाना नहीं है, जेसा हमारे यहाँ होता है वेसा वहा भी होता है मतलब की १०-२० कम में भाषा में थोडा सा अंतर, पर मूल रूप वही रहता है
आप ने खुद भी देखा होगा की चाहे हम लोग मासी के हो या देघाट के पर भाषा तो समझ में आ ही जाती है.....शब्दों का थोडा बहुत हेर फेर होता है बस.....
इसलिए परेशानी ये नहीं है, परेशानी केवल अपनी भाषा में बात करने की है.......