अरेंज मैरेज
बहुत सालो से बाहर हूँ
कहने को एन आर आई हूँ
मेरे तमाम मित्रो की शादिया होगई
पर मै अभी तक कुंवार हूँ !
यहाँ एक दो के साथ
डेटिग करके देख लिया है
है कौन कितने पानी में ए दो चार
मुलाकातों में पहिचान लिया हो !
यहाँ की कन्याये , दिखने में सुंदर
अंदर से आव्वाज नहीं
हिर्दय से .. हिर्दय बिहीन
भाबनाये तो इनमे दूर तक दिखती नही !
कोई देखे जबे
कोई डालर देखता है
कोइ देखे बैक बैलंस
तो कोई घर को देखता है !
सबकी एक ही बात
सबकी एक ही धेय है
इसके पास क्या है? कितना है ?
ए स्टेट है , या गे है ?
अबतो आदत सी होगई
आटैची सदा साथ रखता हूँ
जाने कब कौन , रात को कह दे
"निकल " ए मान के चंलता हूँ !
सोचा भारत से भारतीय कन्या से
शादी करके आता हूँ ................
पति को परमेश्वर जो माने
उस कन्या को बरता हूँ !
कुंवारा रहना भी, एक बात है
न शादी होना भी एक राज है !
थी मन में जिज्ञासा भारत से ही शादी करूंगा
इसीलिए अभी तक कुंवार हूँ
बिचार आया मन में अब तो शादी कर लू !
भारत में चाची को फोन किया
चाची भारत आता हूँ !
मन बना लिया है अब तो
आ कर शीघ्र ब्याह रचाता हूँ !
चाची बोली.. आ-हो भाग्य हमारे
जो , तुने ऐसा सोच लिया
पुरखो का नाम करेगा रोसन
जो, तुने ऐसा कर लिया !
वे बोली .. बोल कैसे चाहिए
माडर्न , एक्स्ट्रा माडर्न या एल्त्रा मार्डन
या शीधी साधी ...........
दाहेज में क्या चाहिए बता
कार. बंगला या पैसा - फैक्ट्ररी 1
मै बोला ... नहीं नहीं ..
भागवान का दिया सब कुछ है .. ए जान लो
मुझको तो आप लोग
बस एक सुंदर शुशील कन्या दिलवा दो !
पहुँचते ही देस अपने
अपने अपने के रिस्तो को लेकर
लाइन लगी थी
कोई अपने माँ/बाप के साथ
तो कोइ अपने बोया फिरेंद के साथ खडी थी
जब देखा मैंने सब को
देख उन्हें , आँखे चौन्ध्या गई थी
ड्रेस देखकर उनकी , थी आंखे फटी फटी
अक़ल मेरी दंग थी
उपर से कमीज तंग , तो
निचे से स्कर्ट जरा ज्यादा ही कम थी !
मैंने चाची से कहा ... ये क्या है ?
ये है भारतीय कन्याये ? ऎसी होगी
ये तो मैंने कभी सोचा ही नहीं
बोली चाची ..... बेटा ..
ये तो सिर्फ कट पीसे है
अभी तुने .. थान तो देखे ही नहीं !
वे बोली... पुत्तर ज़माना बदल गया है
इन्स्संको बदलते देर नही लगती
ये तो मैंने इन्हें है रोका बरना
ये सब बिकनी पहन के आती !
दूर खडी एक लडकी
जो साधारण आम सी लगती थी
वो मुझको पसंद थी आई
जाकर पास उसके मैंने परिचय दिया
आगे बात बडाई .................. !
जैसे ही मैंने कहा हेलो
उनसे तपाक से हाथ बढाया
बोली . हाउ यु डूईंग , हाउ आर यु
मेरा हाथ पकड वो हिलाती बोली
टाक टू मी , आई एम् टाकिंग टू यू
बिना रुके वो शुरू होई
मुझ से वो मेरा इन्टरब्यू लेती रही !
क्या करते हो ? कितना कमाते हो ?
एच आर १ में हो ? या पि आर में हो ?
दारु सिगरेट और कोई बिसन है तो बत्ताओ
लाइफ पार्टनर बाना है कोई खेल नहीं
तुम्हे डाएबिटीज है भी है , या नहीं समझाओ !
मम्मी पापा साथ है
या इकेले रहते हो तिनिक बत्ताए
मै स्वतंत्र प्रवर्ति की हूँ
मुझे किसे की रोक टोक नहीं पसंद
ऐसा वर चाहिए !
शादी से पहले सारी बात खुलके होजये तो
बात अच्छी हो जाएगी
शादी के बाद लगेगा पता तो
हमारी तो ऐसी की तैसी होजायेगी !
वो बोली... बोलो, `क्या कहते हो
कोर्ट चले , या यही शादी करते हो ?
ये सब पूछने के बाद वो रुकी .. बोली
मैं ने जो पूछना था पूछ लिया
अब है तुमाहरी बारी पूछो ....
मै बोला ..
सुनकर आपकी बाते
मैंने ये निर्णय ले लिया है
देबी....,
फिलहाल तो मैं शादी का
निर्णया त्याग लिया है !
पराशर गौड़
दिनाक १४ जून २००९ १०.२२ रात को