ज्यूंति पूजा के समय गाये जाने वाला संस्कार गीत
मेरा ममा का कंस राजा का, ज्य़ोंति की पूजा
वै रे चैइनीं मोष्टिका फूल।
उति को उठो बालो मेरी बारुड़ी का घर।
बणै दे बारुड़ी बांस पिटारी,
उतिको उठो बालो मेरी भएड़ि का घर,
बणैं दे इजू छही ज्यूंनार।
हमु ले जांणों छ चौ गंग पार॥
आहो भांणिजा, ल्याहो भांणिजा,
मोष्टिका फुल ल्या।
मेरा ममा का कंस.......
क्वे त्वे बाबा रे बाटो बतालौ?
को त्वे बाबा रे जमुना लैखलो,
आंखा जोड़ी बाटा बताओ,
जंघा जोड़ी जमुना तैराला।
उति को उठो बालो मेरो नागिणीं का घर।
व्युंजा नागिणीं नाग आपणो।
मेरा ममा का......
की तू बाबा रे मोस्यांणी लेछपाणीं कि,
तू बाबा रे जुवो को हारीया,
कि तू बाबा रे बाटो को भुलिया,
ना मैं नागिणी मौस्याणी ढोछयाणीं,
नामैं नागिणो बाटो को भुलिया,
मेरा ममा का.....
ली जा बाबा रे झडि़या पाडि़या लीजा,
बाबा रे धरति चडिया,
नीली जूनागिणी झंडीया,
पडि़या नी लीजू नागिणी धरति,
चडि़या नीका भला नीका,
भला कोरंगी भरुला।
ज्यूंत (जोत) पूजा का गीत है, पूजा के लिये "मोष्टिका" नाम के एक विशेष फूल की आवश्यकता है, एक बालक उसकी खोज में है।