जागर के कुछ अंश
सात धारों की साकीकरे,
झार झराटा बूटे की छैलकरे
उल्लू की पांख करे,
कारण बल्द की गोबर करे
जो बैरी करे, सो बैरी मरे,
जो जसा जलै, तिल-तिल
जैसा गले,
जैका बाणा होला, तैकी खान,
भल करिया नरैणा भगवाना..
ऊं शरणागते नमो नमः
पांच पड़ी, छठा नरैणा,
कौरो की कोर ला
पर्वत की ह्युं गला
बासुरी नाग लोक की माता
शरणागतो नमो नमः
यसो बिंदिंया सिखी
पाताल की नागरकी मारो
आकाश की डाकरणी
भूतनी-पिशाचिनी
सकणी सैताणी मसाणी चौबाटे की धूल
चेहाणा का कोयला
चली छौ भगवाना-नरैणा।