Surender Rawat
1 hr
एक बार हमर गौं में एक अंगरेज पहुँचि गोय।
भटकने~ भुटकने
मोहनदाक घरकें मोहनदाल ठन्ड पाणि पिलाय आैर खोयिक भिड़म दरि बिछाय
अंगरज हैं कौय बैठ मणि सुस्तै ले
अौर आपुण इजहें कौय,,```
इजा एक भ्यार हमर खोम ( आंगन में ) एक अंगरेज एरौ
जाणि कां बे आमौ ? थाकि पटायी बिचार :::::::
भितेर पन रव्ट छैं तो दिदे उंकैं!
इजैल हरि साग बनायी हौय बेथुक आैर मनुवक रव्ट
एक मनुवक रव्टम हरि साग धरि बेै अंरेज कैं दी,,,,,,,
अंगरेज लै साग खाय अौर रव्ट वापस करते हुवे कौय माँ जी आपका प्लेट,,,,,,,
माँल कौय निखाण पाने झन खये म्यर कुकुर खाल
माति खौरक,,,,,,,