अभी तक इस टापिक में हम उत्तराखण्ड से प्रथम की चर्चा कर रहे थे, लेकिन इस आम चुनाव के बाद कुछ ऐसा हुआ है कि उत्तराखण्ड देश का ऐसा राज्य है, जहां का प्रतिनिधित्व केन्द्रीय सरकार में नहीं है, अर्थात कोई भी केन्द्रीय मंत्री इस राज्य से नहीं बनाया गया है, जब कि इस राज्य से पांच सांसद निर्वाचित हुये और सभी सत्तारुढ दल से ही हैं।