पंख बगैर ऊंची उड़ान
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अनुज नेगी, शशांक रावत, सौरभ रावत, अमित बिष्ट, हेमा पंत, कल्पना देवली सहित कई ऐसे नाम हैं, जिन्हें पर्याप्त अवसर मिलता तो वे आज भारतीय फुटबाल टीम का हिस्सा होते। सीमित संसाधनों के बावजूद जिस तरह क्षेत्र के फुटबाल खिलाड़ियों ने ऊंची उड़ान भरी, उससे स्पष्ट है कि उन्हें संसाधन मुहैया कराए जाएं तो वह दिन दूर नहीं कि जब ये खिलाड़ी उत्तराखंड का नाम देश/ विदेश में रोशन करेंगे।
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में भले ही फुटबाल खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त संसाधन न हों, लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं। इन्हीं के चलते कोटद्वार के खिलाड़ी न सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे, बल्कि वर्तमान में भी कई स्पोर्ट्स हॉस्टल में फुटबाल खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। पौड़ी जनपद में कोटद्वार ही फुटबाल के उत्कृष्ट खिलाड़ियों की खान है। राज्य के बड़े स्पोर्ट्स हॉस्टलों में भी अधिकतर फुटबाल खिलाड़ी कोटद्वार के ही हैं।
खिलाड़ी, जिन्होंने फैलाया अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परचम
1. अनुज नेगी: बैंकाक में आयोजित अंडर-14 फुटबाल प्रतियोगिता में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। साथ ही ईराक, ढाका, आबूधाबी व श्रीलंका में प्रतिभाग किया।
2. शशांक रावत: थाइलैंड में अंडर-14 फुटबाल टीम में शामिल। ढाका व ईरान में भी किया प्रतिभाग।
3. राहुल नेगी: भारतीय अंडर-16 फुटबाल टीम के सदस्य, श्रीलंका में किया प्रतिभाग।
4. सौरभ रावत: चीन में आयोजित 36वीं एशियन फुटबाल चैंपियनशिप में भारतीय टीम के कप्तान।
5. अमित बिष्ट: 2007 में राष्ट्रीय विद्यालयी फुटबाल प्रतियोगिता के सर्वोत्तम खिलाड़ी, 2008 में आबूधाबी में भारतीय फुटबाल टीम के सदस्य
बालिकाओं ने भी दिखाए जलवे
जनपद में बालकों ने ही फुटबाल में झंडे नहीं गाड़े, बल्कि बालिकाएं भी इसमें अव्बल रहीं। रेनु सुंद्रियाल, प्रियंका रावत, प्रियंका गुंसाई, मोनिका चौधरी, रचना थपलियाल, मोनिका रावत सहित कई ऐसे नाम हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की टीम का प्रतिनिधित्व किया है। हेमा पंत व कल्पना देवली दो बार राष्ट्रीय फुटबाल कैंप में भी शिरकत कर चुकी हैं।
क्या हैं दिक्कतें
कोटद्वार में फुटबाल प्रतिभाओं की कमी नहीं, लेकिन इन प्रतिभाओं को निखारने के लिए शासन स्तर से कोई मदद न मिलना प्रतिभाओं के कुंद होने की बड़ी वजह है। हालात यह है कि क्षेत्र में एक ऐसा मैदान तक नहीं, जहां खिलाड़ी अपनी प्रतिभा निखार सकें।
क्या हो रहे हैं प्रयास
फुटबाल प्रतिभाओं को निखारने के लिए शासन स्तर से कोई मदद नहीं मिलती, लेकिन क्षेत्र के फुटबाल प्रेमी स्थानीय स्तर पर संपन्न लोगों की मदद से किसी तरह फुटबाल प्रतिभाओं को निखारने का प्रयास कर रहे हैं। नगर में 'सिद्धबली फुटबाल एकेडमी' की भी स्थापना कर दी गई है, ताकि एकेडमी के माध्यम से प्रतिभाओं को बड़ी प्रतियोगिताओं तक भेजा जा सके।
क्या कहते हैं कोच
'कोटद्वार सहित पूरे जनपद में फुटबाल की कई प्रतिभाएं छिपी हुई हैं। जरूरत है उन्हें सही मार्गदर्शन देकर आगे लाने की। क्षेत्र में फुटबाल प्रतिभागियों को पर्याप्त संसाधन मिल जाऐं तो वह दिन दूर नहीं जब कोटद्वार के फुटबाल खिलाड़ी भारतीय फुटबाल टीम का हिस्सा बन देश का नाम रोशन करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय कोच सुनील रावत।
(Dainik Jagran source)