अरे बुबू घर की मुर्गी दाल बरोबर ठैरी हो, सुणा ही होगा आपने. आपके जैसा गुस्सा तो मुझे भी आने वाला ठैरा लेकिन क्या करें ये लोग अब ठैरे बडे – 2 नेता वगैरह, हम जैसे गरीब जनता की कहां परवा करते हैं हो. पता नहीं किस को खुस करने के वास्ते ये लोग यैसा करते हैं भगवान जाने हो. हम तो यही कहने वाले ठैरे कि गंगनाथ बाबा इन को सद्बुधि दे नहीं तो इन को ऐसा ‘छल’ लगे कि जान जाये कितने बिस्सी सैकडा होते हैं करके.