हेमकुंड साहिब यात्रा: अव्यवस्थाएं हावी
===========================
हेमकुंड साहिब लोकपाल (लक्ष्मण मंदिर) एवं फूलों की घाटी के अंतिम पड़ाव घांघरिया (गोविंदधाम ) में यात्रा शुरू हुये एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद पेयजल एवं विद्युत व्यवस्था की स्थिति बदहाल है। उरेडा की ओर से संचालित लघु जल विद्युत परियोजना से एक दिन भी बल्ब तक नहीं जगमगाया है। वहीं गुरुद्वारा, होटल, लॉज एवं पर्यटक आवास गृह से सबन्धित व्यवस्थाओं को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है।
हेमकुंड यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी पड़ावों पर अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं। इसके अलावा भ्यूंडार ग्राम के सामने काकभुषंडी जाने वाले मार्ग पर लक्ष्मण गंगा के उपर बना पुल गत वर्ष यात्राकाल में भारी बरसात के बाद बह जाने के बाद अभी तक नहीं बन पाया है जिससे स्थानीय लोगों में रोष है।
भ्यूंडार के प्रधान देवेन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि यात्राकाल में यहां उरेडा विभाग की ओर से लघु जल विद्युत के सहारे विगत कई वर्षो से विद्युत व्यवस्था की जाती थी, किन्तु इस वर्ष उरेडा ने इस व्यवस्था को चौपट कर यात्रियों को पड़ाव को अंधेरे में रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही हाल पेयजल का भी है। उपभोक्ता स्वयं ही किसी तरह पानी की आपूर्ति कर रहे हैं।
प्रधान का कहना है कि गोविंदघाट से 9 किलोमीटर दूर भ्यूंडार ग्राम तक ग्रिड से विद्युत लाइन बनकर तैयार हो चुकी है, किन्तु भ्यूंडार से घांघरिया तक 4 किमी रास्ते पर कार्य बंद पड़ा हुआ है। उनका कहना है कि इसमें वन विभाग की ओर से पेंच फंसाया जा रहा है, जबकि सन 1980 के समय में ग्रिड द्वारा घांघरिया में दो साल तक बिजली की बराबर सप्लाई हुई थी।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7961867.html