टैम्पल सिटी के नाम से भी मशहूर है चम्पावत
=============================
ऐतिहासिक, धार्मिक व पौराणिक स्थलों के साथ नैसर्गिक सौंदर्यता को अपने में समेटे चम्पावत को टैम्पल सिटी के नाम से भी जाना जाता है। जनपद में देवी मॉ के शक्तिस्थल के रुप में मंदिरों की बहुतायत है। जहां विश्व विख्यात बग्वाल मेले के लिए प्रसिद्घ मां बाराही धाम है, वहीं उत्तरभारत का प्रसिद्घ पूर्णागिरी धाम और ब्यानधूरा मंदिर जो हर एक की मनोकामना पूर्ण करते है।
चम्पावत की ऊंचीं चोटी में क्रांतेश्वर, हिंग्लादेवी और मानेश्वर मंदिर स्थापित है। गंडक नदी के समीप डिप्टेश्वर, ताड़केश्वर, महाभारतकालीन घटोतकच्छ मंदिर तथा कुमाऊं के आराध्य देव गोरलदेव का मंदिर स्थापित है।
नगर के बीचों बीच बालेश्वर, नागनाथ मंदिर श्रद्घालुओं की मनोकामना पूर्ण करने के साथ ही प्राचीन व अनूठी शिल्पकला के लिए प्रसिद्घ है। इसके अलावा मांदली गांव में ज्वालादेवीमंदिर, शिवमंदिर, खर्ककार्की में विष्णुमंदिर, कलेक्ट्रेट परिसर में गजारबाबा का मंदिर और चैकुनी गांव में सूर्यमंदिर अपने कला शिल्प के साथ ही भक्तों की आस्था का केंद्र बने है।
तल्लादेश क्षेत्र के मंच कस्बे में स्थापित गुरूगोरख नाथ मंदिर अपनी त्रियुगी धूनी के अलावा निसंतान दंपत्तियों की मनोकामना पूर्ण करने के लिए प्रसिद्घ है। जिम कार्बेट द्वारा इस क्षेत्र में नरभक्षी बाघ के आतंक से निजात दिलाने के कारण भी यह पर्यावरण प्रेमियों के साथ विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
रीठासाहिब में स्थापित गुरुद्वारा सिख धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र तीर्थस्थल के रूप में विख्यात है। इसके अलावा जनपद के ओर छोर में तकरीबन दो हजार से ज्यादा छोटे बड़े मंदिर है।
जिनमें पंचेश्वर शिवमंदिर, सुई का आदित्यमंदिर, खेतीखान और पऊ मोस्टा का सूर्यमंदिर, भिंगराड़ा ऐड़ीमंदिर, फटकशिला मंदिर गहतोड़ा, पूर्णागिरी मंदिर बापरू और मानेश्वर, झूमाधूरी मंदिर, देवीधार मंदिर, पम्दा का भगवती मंदिर विशेष रूप से लोगों की आस्था का केंद्र बने हुए है। जनपद के हरएक गांव में कम से कम आधा दर्जन ईष्टदेवी देवताओं के मंदिर स्थापित है।