Author Topic: Tourism Related News - पर्यटन से संबंधित समाचार  (Read 65820 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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श्रीबदरीधाम: 18 नवंबर को होंगे कपाट बंद
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बदरीनाथ, निज प्रतिनिधि: भू वैकुंठ धाम श्रीबदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि घोषित कर दी गई है। 18 नवबंर को अपराह्न तीन बजकर 55 मिनट पर शीतकाल के दौरान छह माह के लिए भगवान श्रीबदरीनाथ के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर के मुख्य पुजारी रावल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में धर्माधिकारियों व वेदपाठियों ने शुभ मुहूर्त निकालने के बाद यह घोषणा की। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत धाम में 14 नवंबर से विशेष पूजन शुरू हो जाएगा।

परंपरा के अनुरूप प्रतिवर्ष विजयादशमी पर्व पर मंदिर के रावल, धर्माधिकारी व वेदपाठी धाम के कपाट बंद करने की तिथि घोषित करते हैं। रविवार को इसी के तहत श्रीबदरीनाथ के रावल श्री केशव प्रसाद नंबूदरी की अध्यक्षता में धर्माधिकारी जगदंबा प्रसाद सती और वेदपाठी भुवन चन्द्र उनियाल, कुशलानंद बहुगुणा व राधाकृष्ण थपलियाल समेत अनेक विद्वानों की उपस्थिति में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित कर पंचांग के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की गणना की गई। मुहूर्त व तिथि का अवलोकन करने के बाद रावल श्री नंबूदरी ने गुरुवार 18 नवंबर (मार्गशीर्ष तीन गते) दोपहर तीन बजकर 55 मिनट पर मेष लग्न में द्वादशी तिथि को कपाट बंद करने की तिथि घोषित कर दी।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6822016.html

सत्यदेव सिंह नेगी

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हर की पैड़ी में गंगा सूखीं
« Reply #171 on: October 19, 2010, 09:41:45 AM »
हर की पैड़ी में गंगा सूखीं
हरिद्वार में हर की पैड़ी पूरी तरह सूख गई है।
गंगनहर बंद होने के पहले ही दिन हर की पैड़ी पूरी तरह सूख गई है। इससे श्रद्धालु बेहद दुखी हैं।
पश्चिम उत्तरप्रदेश और दिल्ली में पीने के पानी का सबसे बड़ा जरिया गंगनहर को रविवार देर रात 20 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। गंगनहर बंद होने से हर की पैड़ी पूरी तरह सूख गई है।
भीमगौड़ा बैराज की गेट बंद कर दी गई है और गंगनहर की धारा को रोक दिया गया है, जिसकी वजह से गंगनहर पूरी तरह सूख गई।
वहीं हरिद्वारा प्रशासन का दावा खोखला साबित हो रहा है। प्रशासन ने कहा था कि गंगनहर बंद होने के बाद भी हर की पैड़ी में डेढ़ से दो फीट पानी रहेगा, जिसमें श्रद्धालु यहां स्नान कर सकेंगे, लेकिन पानी नहीं होने से श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मालूम हो कि गंगनहर की सफाई और घाटों की मरम्मत के लिए इसे हर साल बंद किया जाता है। गंगनहर रुड़की से लेकर मुजफ्फरनगर और मेरठ के साथ-साथ हाथरस और फिरोजाबाद समेत 15 जिलों में सिंचाई का जरिया है।
गंगनहर के जरिए दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद को 350 क्यूसेक पानी दिया जाता है। इससे पहले गंगनहर में छह हजार क्यूसेक पानी बह रहा था, लेकिन रविवार रात से यह बंद कर दिया गया।
दूसरी तरफ गंगनहर के बंद होने से यहां के नाराज व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं तीर्थयात्रियों में भी हरि की पैड़ी सूख जाने से निराशा है। उनका कहना है कि त्यौहारों के सीजन के बाद प्रशासन को यह कदम उठाना चाहिए।

सत्यदेव सिंह नेगी

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नई टिहरी। प्राकृतिक सौंदर्य समेटे धनोल्टी में प्रकृति के नजारों के साथ सैलानी अब अब एडवेंचर का भी लुत्फ लेने लगे हैं। ऐसा संभव हुआ धनोल्टी इको विकास समिति के कारण। समिति ने धनोल्टी का पूरा चेहरा बदल दिया है। इससे लोगाें को रोजगार भी मिला है।

मसूरी वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाला धनोल्टी यूं तो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है, लेकिन कुछ सालों पहले मसूरी वन प्रभाग के एक डीएफओ ने धनोल्टी में इको पर्यटन के विकास के लिए क्षेत्र के डिप्टी रेंजर की पदेन अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। जिसके बाद क्षेत्र के जंगल में पार्क विकसित करने के साथ साहसिक खेलों की सुविधाएं स्थापित की गईं। अब यह स्थिति है कि धनोल्टी में पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साहसिक खेलों का लुत्फ भी उठाते हैं। पार्क में प्रवेश के जरिए समिति को भी अच्छी खासी आय प्राप्त होती है। जिससे वह कर्मचारियों को लाभांश वितरण के साथ ही क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं का विकास भी करते हैं। समिति के अध्यक्ष डिप्टी रेंजर डीएल कोठियाल बताते हैं कि अब पर्यटक यहां इको फ्रेंडली बैंबो हट में रुकते भी हैं। पार्क में वन्य जीवों से संबंधित चित्र प्रदर्शनी भी हैं। बच्चों के लिए कई तरह के एडवेंचर हैं। वह कहते हैं कि पहाड़ में अपार सौंदर्य बिखरा है। उसे दिशा देने की जरूरत है। धनोल्टी में इको विकास समिति ने ऐसा कर दिखाया है।
http://www.amarujala.com/city/Tihri/Tihri-5030-16.html

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रिवर राफ्टिंग की तैयारियों में जुटा निगम
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पिथौरागढ़: बंगाली पर्यटक सीजन को देखते हुए कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। निगम इस वर्ष भी बंगाली पर्यटकों को सरयू नदी में रिवर राफ्टिंग करायेगा। निगम के राफ्टरों ने शुक्रवार को नदी में रेकी कर स्थितियों का जायजा लिया।

कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन प्रबंधक दिनेश गुरूरानी ने बताया कि गत वर्ष निगम ने बंगाली पर्यटकों को सरयू नदी में रिवर राफ्टिंग करायी थी, जिसे इन पर्यटकों ने खासा पसंद किया था। इस वर्ष जिले में बड़ी संख्या में बंगाली पर्यटकों के आने की संभावनाओं को देखते हुए निगम ने इस वर्ष भी वृहद रूप में रिवर राफ्टिंग कराने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पर्यटकों को पनार से पंचेश्वर तक राफ्टिंग करायी जायेगी। राफ्टिंग के लिए शुक्रवार को निगम के राफ्टरों ने सरयू नदी में रेकी की। रेकी के बाद राफ्टरों ने बताया कि इस वर्ष भारी वर्षा के कारण कई स्थानों पर नदी ने अपना मार्ग बदल दिया है। कई स्थानों पर नये रैपिड बन गये हैं। जिसकी जानकारी एकत्र कर ली गयी है, जो पर्यटकों को राफ्टिंग कराते समय फायदेमंद साबित होगी। रेकी करने वाले गाइडों में अरविंद सिंह नेगी, भूपेन्द्र सिंह रावल, राजेन्द्र सिंह रावल, पदम सिंह धामी आदि शामिल थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6838530.html

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                चारों धामों ने ओढ़ी बर्फ की च ादर
                                                                                   जागरण  टीम, गढ़वाल : लंबे समय बाद शरद ऋतु में मौसम ने करवट बदली और गढ़वाल की  पहाड़ियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली। चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के पहाड़ों  पर बारिश के बाद हिमपात हुआ। वहीं केदारनाथ में शुक्रवार रात से बर्फ  गिरने का सिलसिला जारी है। इसके अलावा उत्तारकाशी जिले के गंगोत्री और  यमुनोत्री धाम में सीजन की पहली बर्फबारी का तीर्थयात्रियों ने जमकर लुत्फ  उठाया। मौसम के बदले मिजाज को विशेषज्ञ शुभ संकेत मान रहे हैं।
उत्तारकाशी जिले के गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पहुंचे तीर्थयात्रियों व  पर्यटकों ने सीजन के दौरान ही बर्फबारी का नजारा देखा। लंबे समय बाद  अक्टूबर में हुए हिमपात से ठंडक बढ़ गई है। जिले में शुक्रवार को रात भर  रुक-रुक कर बारिश होती रही। उच्च हिमालयी क्षेत्र भोजवासा व चीड़वासा में  एक से डेढ़ फीट बर्फ गिरी। वहीं गंगोत्री धाम में चार इंच तक बर्फबारी  हुई। द्यारा बुग्याल, डोडीताल, बेलक आदि भी बर्फ से लकदक हो गए। इन इलाकों  में शनिवार को भी हिमपात जारी था।
बदरीनाथ से मिले समाचार के अनुसार शनिवार को ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ  गिरने ठण्ड बढ़ गई है। श्री बदरीनाथ धाम समेत गोरसों बुग्याल, औली, नीती,  रुद्रनाथ आदि स्थानों पर हिमपात हुआ।
रुद्रप्रयाग संवाददाता के अनुसार केदारनाथ और आसपास के इलाकों में  शुक्रवार रात से ही बर्फ गिर रही है। केदारनाथ में शुक्रवार की रात जोरदार  बर्फबारी हुई, जो कि रुक-रुक कर शनिवार भी जारी रही। वहीं मदमहेश्वर,  तुंगनाथ में भी भारी बर्फबारी के समाचार हैं। केदारनाथ में अलाव की  व्यवस्था न होने से श्रद्धालुओं को कड़ाके की ठण्ड का सामना करना पड़ रहा है

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6841029.html

        

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सात नवंबर को बंद होंगे यमुनोत्री के कपाट
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बड़कोट: विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम कपाट सात नवंबर को दोपहर 1.45 बजे शीतकाल के लिए छह माह तक बंद कर दिए जाएंगे।

गुरुवार को यमुनोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एसडीएम बड़कोट उदय सिंह राणा व सचिव खिलानंद उनियाल ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भईयादूज को सुबह आठ बजे शनिदेव की डोली मां यमुना की भोगमूर्ति को लेने खरसाली गांव से परंपरागत वाद्ययंत्रों के साथ यमुनोत्री जायेगी और वैदिक मंत्रोचार के साथ 1 बजकर 45 मिनट पर शीतकाल के लिए छह माह तक यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके मायके व शीतकाल प्रवास खरसाली गांव में होंगे। इस मौके पर मनमोहन उनियाल, रमण प्रसाद उनियाल, सुभाष उनियाल आदि उपस्थित थे।

jagran news


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उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिमपात, मुनस्यारी में ठंड बढ़ी
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मुनस्यारी (पिथौरागढ़): मौसम में हल्की तब्दीली आने से धारचूला और मुनस्यारी के उच्च हिमालयी भू-भाग में हिमपात हो रहा है। मुनस्यारी सहित अन्य स्थानों पर आसमान में बादलों के छाये रहने से तापमान में गिरावट आ चुकी है।

रविवार को मुनस्यारी क्षेत्र में आसमान बादलों से घिरा था। इस दौरान हिमालय की प्रमुख चोटियों सहित मल्ला जोहार के उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिमपात हुआ है। उधर धारचूला तहसील के दारमा और ब्यास घाटी में भी उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिमपात के समाचार मिले हैं। सीमांत क्षेत्र में देर सायं तक आसमान के बादलों से घिरे रहने और ठंडी हवाओ के बहने से हल्की वर्षा होने की आशंका बनी हुई है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6866277.html

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सैलानियों के लिए खुला राजाजी नेशनल पार्क
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देशी-विदेशी सैलानियों के लिए राजाजी नेशनल पार्क के सभी प्रमुख गेटों को सोमवार को खोल दिया गया। अब जून चौदह तक पर्यटक राजाजी की सैर कर सकते हैं। पार्क खुलने के पहले ही दिन मुंडाल में बाघ का पगचिह्न दिखा। देशी और विदेशी सैलानियों ने चीला रेंज का भ्रमण किया।

सोमवार सुबह सात बजे राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक एसएस रसायली ने चीला रेंज का मुख्य गेट का ताला खोला। पार्क के उपनिदेशक श्रवण कुमार ने मोतीचूर गेट का गेट टूरिस्टों के लिए खोला। हरिद्वार रेंज में वन्य जीव प्रतिपालक वीएस तोमर, मोहंड क्षेत्र के गेट को वन्य जीव प्रतिपालक एसबी लाल ने खोला, जबकि रामगढ़ गेट का ताला रेंजर चिरंजी लाल ने खोला। पार्क निदेशक एसएस रसायली, वन्य जीव प्रतिपालक वीएस तोमर और चीला-हरिद्वार के रेंजर महेन्द्र सिंह नेगी ने चीला रेंज का भ्रमण किया। मुंडाल में बाघ का पगचिह्न दिखा। चीलत-सांभर सरीखे वन्य जीव भी नजर आए। निदेशक ने बताया कि चीला रेंज के टूरिस्ट ट्रैक को दुरुस्त करने की कोशिशें लगातार जारी है। नेशनल पार्क में हरिद्वार रेंज के रानीपुर गेट से टूरिस्टों के लिए नया मार्ग खोला गया है, जिसमें वह हरिद्वार के रानीपुर गेट से बेरीवाड़ा और छिड़क तक जा सकते हैं। निदेशक का कहना है कि पार्क की छोटी बस का संचालन जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए शुल्क पर विचार किया जा रहा है।

निजी वाहनों पर ब्रेक

हरिद्वार: जनवरी से पार्क में निजी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाएगी। चीला रेंज के बाहर मिलने वाले टूरिस्ट जीप से ही केवल अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी।

टूरिस्ट के लिए खुले रूट

-राजाजी पार्क का चीला रेंज

-मोतीचूर रेंज से कोयलपुरा

-हरिद्वार रेंज से बेरीवाड़ा

-मोहंड से चीलावाली तक

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6906327.html

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सरयू में आज से रिवर राफ्टिंग का प्रशिक्षण
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पिथौरागढ़: कुमाऊं मंडल विकास निगम के तत्वावधान में रिवर राफ्टिंग का प्रशिक्षण गुरुवार से शुरू होगा। पहले चरण में बागेश्वर जनपद के 14 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

केएमवीएन के साहसिक पर्यटन प्रबंधक दिनेश गुरुरानी ने बताया कि रिवर राफ्टिंग का प्रशिक्षण चरणबद्ध तरीके से दिया जाएगा। घाट से पंचेश्वर तक सूरयू नदी में राफ्टिंग के लिए सर्वे किया जा चुका है। युवाओं को प्रतिदिन भारतीय योग संस्थान के प्रशिक्षकों द्वारा योग एवं प्राणायाम का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बागेश्वर के बाद पिथौरागढ़ के मूनाकोट ब्लाक के युवाओं को राफ्टिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अवकाश के दिनों में साहसिक खेलों के शौकीन स्थानीय लोगों को राफ्टिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6914339.html

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फोटो: पैराग्लाइडर से भरी 2900 मीटर की उड़ान
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अद्भुत -

- हिमालयन पैराग्लाइडिंग सेंटर पिथौरागढ़ में क्रास कंट्री के लिए कर रहा सर्वे

चित्र परिचय: 28 पीटीएच 4

पिथौरागढ़ में 2900 मीटर की ऊंचाई पर पैराग्लाइडिंग करते हिमालयन पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के पायलट शंकर सिंह।

चित्र परिचय: 28 पीटीएच 5

पैराग्लाइडिंग के दौरान खींचा गया पिथौरागढ़ नगर का विहंगम दृश्य।

जागरण कार्यालय, पिथौरागढ़: हिमालयन पैराग्लाइडिंग सेंटर के पायलट शंकर सिंह ने रविवार को नगर में पैराग्लाइडर से उड़ान भरी। उन्होंने 2900 मीटर की ऊंचाई तय की और नगर के कई विहंगम दृश्य कैमरे में कैद किए।

उड़ान भरने से पूर्व हुई बातचीत में शंकर सिंह ने कहा कि पिथौरागढ़ में पैराग्लाइडिंग की अपार संभावनायें हैं। हिमालय पैराग्लाइडिंग सेंटर भविष्य में पिथौरागढ़ में पैराग्लाइडिंग की क्रास कंट्री कराने पर विचार कर रहा है। इसकी संभावनाओं का पता लगाने के लिए ही वह उड़ान भर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने चार दिनों तक नगर के नजदीक चंडाक क्षेत्र से उड़ान भरी। इसमें उन्हें आठ मीटर प्रति सेकेंड का थर्मल प्राप्त हुआ। रविवार को उन्होंने पैराग्लाइडिंग से 2900 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरी, जो टेक ऑफ प्वाइंट (उड़ान भरने वाले स्थान) से 1100 मीटर ऊंचा था। उन्होंने उड़ान भरने के बाद पूरे नगर का चक्कर लगाया और नगर के स्टेडियम में लैंडिंग की। शंकर को उड़ान भरते देखने के लिए कई लोग चंडाक पहुंचे। लैंडिंग के वक्त भी अनेक लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ में पैराग्लाइडिंग की क्रास कंट्री का आयोजन होने के बाद यह शहर अंतर्राष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग के नक्शे पर आ जायेगा।

चंडाक क्षेत्र में विद्युत लाइन पहुंचाएगी नुकसान

चंडाक में बन रहे विद्युत सब स्टेशन को नगर के सब स्टेशन से जोड़ने के लिए नगर के बीच से विद्युत लाइन बिछाई गई तो वह पैराग्लाइडिंग के लिए बेहद नुकसानदायक होगी। हिमालयन पैराग्लाइडिंग सेंटर के पायलट और इंडियन पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के सदस्य शंकर सिंह ने कहा कि इस विद्युत लाइन को नगर के बाहरी हिस्से से बिछाया जाना चाहिए, ताकि यहां पर्यटन की संभावनाएं खत्म न हों।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6955258.html

 

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