हरिद्वार में हर की पैड़ी पूरी तरह सूख गई है।गंगनहर बंद होने के पहले ही दिन हर की पैड़ी पूरी तरह सूख गई है। इससे श्रद्धालु बेहद दुखी हैं।
पश्चिम उत्तरप्रदेश और दिल्ली में पीने के पानी का सबसे बड़ा जरिया गंगनहर को रविवार देर रात 20 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। गंगनहर बंद होने से हर की पैड़ी पूरी तरह सूख गई है।
भीमगौड़ा बैराज की गेट बंद कर दी गई है और गंगनहर की धारा को रोक दिया गया है, जिसकी वजह से गंगनहर पूरी तरह सूख गई।
वहीं हरिद्वारा प्रशासन का दावा खोखला साबित हो रहा है। प्रशासन ने कहा था कि गंगनहर बंद होने के बाद भी हर की पैड़ी में डेढ़ से दो फीट पानी रहेगा, जिसमें श्रद्धालु यहां स्नान कर सकेंगे, लेकिन पानी नहीं होने से श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मालूम हो कि गंगनहर की सफाई और घाटों की मरम्मत के लिए इसे हर साल बंद किया जाता है। गंगनहर रुड़की से लेकर मुजफ्फरनगर और मेरठ के साथ-साथ हाथरस और फिरोजाबाद समेत 15 जिलों में सिंचाई का जरिया है।
गंगनहर के जरिए दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद को 350 क्यूसेक पानी दिया जाता है। इससे पहले गंगनहर में छह हजार क्यूसेक पानी बह रहा था, लेकिन रविवार रात से यह बंद कर दिया गया।
दूसरी तरफ गंगनहर के बंद होने से यहां के नाराज व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं तीर्थयात्रियों में भी हरि की पैड़ी सूख जाने से निराशा है। उनका कहना है कि त्यौहारों के सीजन के बाद प्रशासन को यह कदम उठाना चाहिए।