देहरादून। सब कुछ ठीक-ठाक चला, तो वर्ष 2009 की शुरुआत में दक्षिण-एशिया के कई देशों से साहसिक खेलों के महारथियों की भीड़ उत्तराखंड की हसीन वादियों का रुख करेंगी। राज्य में प्रस्तावित सैफ विंटर गेम्स की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। औली की बर्फीली ढलानों को जहां अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक तैयार किया जा रहा है, वहीं आइस स्केटिंग हॉल भी तकरीबन बनकर तैयार है। गढ़वाल मंडल विकास निगम का दावा है कि फरवरी 2009 तक सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे।
उत्तराखंड के लिए सैफ विंटर गेम्स की मेजबानी न सिर्फ गौरव की बात है, बल्कि यह सूबे के पर्यटन व्यवसाय के लिए भी एक मेगा इवेंट साबित होगा। एलपाइन सलालम, ज्वाइंट सलालम व क्रास कंट्री के अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक औली में 800 मी. लंबा बर्फीला स्लोप तैयार हो रहा है। आइस स्केटिंग के लिए 40 लाख रुपये की लागत से स्केटिंग हॉल बनकर तैयार है, जिसमें अब केवल सिटिंग एरेंजमेंट होना बाकी है। इसके अलावा यहां कृत्रिम बर्फ बनाने वाली 10-15 स्नो-गन भी लगाई जानी हैं, जिन पर करीब 3-4 करोड़ खर्च का अनुमान है।
साथ ही, विशेषज्ञों की देखरेख में पानी की एक बड़ी झील भी बनाई जाएगी। गढ़वाल मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक डीएल शाह ने बताया कि निगम को वीआईपीज के लिए ठहरने, ट्रांसपोर्टेशन, कैटरिंग के अलावा कांफ्रेंस हॉल व रेस्तरां बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। उनका दावा है कि यह तमाम व्यवस्थाएं फरवरी 2009 तक पूरी कर ली जाएंगी, ताकि विंटर गेम्स समय पर शुरू हो सकें।