मेरी ये समझ मैं नहीं आ रहा है कि गैरसैण उत्तराखंड कि राजधानी बनाने से और न बनाने से क्या हो जायेगा और क्या नहीं,होगा
भाइयों राजधानी, चाहे गैरसैण हो या देहरदून हो या कहीं बद्रीनाथ जी कि चोटियों पर क्या फर्क पड़ेगा, वहां कि राज्य सभा मैं भी वही सफेत पोश नेता रहेगें और वही रिस्पत खोर सरकारी,सफेत पोश और सर मैं टोपी पहनने वाले नेता नाम के दानव रहेंगे, ये तो हो नहीं सकता कि गैरसैण राजधानी बनाने से उत्तराखंड कि राज्यसभा मैं मुख्यमंत्री किसी मेरा पहाड़ के सदस्य को या किसी उत्तराखंड के क्रांतिदल के किसी नवयुवक को बने जाय, राजधानी कहीं भी हो उससे हमें या किसी को भी फर्क नहीं पड़ना चाहिए हमें तो उत्तराखंड का विकास और आम नागरिक सुविधा मिलनी चाहिए
जय उत्तराखंड