Author Topic: जय प्रकाश डंगवाल-उत्तराखंड के लेखक JaiPrakashDangwal,An Author from Uttarakhand  (Read 62137 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
October 4 at 11:45pm · Delhi · Edited ·

मेरी कलम से© Jai Prakash Dangwal:-

किसी गुनाह की ग़र सजा दी होती, तो मुझे, कोईं शिकायत नहीं होती,
मगर, किसी बेगुनाह को, सजा देना, जुल्म होता है इनायत नहीं होती.

मुहब्बत में आशा के दीप जलाने से, खुदा की शान की पहचान होती है,
आशाओं के, दीप जला कर, उन्हे बुझा देने से मुहब्बत बदनाम होती है.

इसलिए ऐ मेरे नादान दोस्त मुहब्बत के दीप जला कर उन्हें मत बुझा,
मेरे लिए न सही, अपने चमन की, बहार के खातिर, यह दीप मत बुझा.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
September 19 · Delhi · Edited ·

मेरी कलम से© Jai Prakash Dangwal:-

हमने, कब कहा, चलने को, दो चार कदम एक साथ,
चौराहे पर बेसहारा छोड़ने की तेरी फितरत पुरानी है.
इतना कम अक्ल हूँ, दो राहे पर भी जो छोड़ दे साथ,
तो भटक जाऊँगा भटकने की मेरी फितरत पुरानी है.
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
October 31 at 12:04pm · Delhi · Edited ·

जामा मस्जिद के इमाम के विद्रोही बयान पर हर भारतीय की ओर से मेरी कलम से एक प्रतिक्रिया © Jai Prakash Dangwal:-

नफरत भरी है जिसके दिल में वह् नफरत ही घोलेगा,
दंत विष जिसके नहीं तोड़े वह् भुजंग विष ही उगलेगा.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
November 20 at 9:58pm · Delhi · Edited ·

मेरी कलम से©jaiprakashdangwal:-

यह मुहब्बत भी कैसी मुहब्बत है कि कभी देखा नहीं कभी मिले नहीं,
न जाने कैसे पता चल जाता है, कि आज की रात उसे नींद आई नहीं.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
November 20 at 1:28pm · Delhi ·

मेरी कलम से ©jaiprakashdangwal:-:-

घाव, जब गहरा होता है, और दर्द सर्द होता है, मन बड़ा बेचैन होता है,
घाव रिस रहा होता है, और दर्द से इनसान, बेइंतहा तड़फ रहा होता है.

आघात, जब कोई शत्रु करता है, तब प्रतिघात का खुला अवसर होता है.
आघात अपना करता है तो दर्द होता है, प्रतिघात का मन नहीं करता है.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
October 31 at 11:04am · Delhi · Edited ·

जामा मस्जिद के इमाम के विद्रोही बयान पर हर भारतीय की ओर से मेरी कलम से एक प्रतिक्रिया © Jai Prakash Dangwal:-

नफरत भरी है जिसके दिल में वह् नफरत ही घोलेगा,
दंत विष जिसके नहीं तोड़े वह् भुजंग विष ही उगलेगा.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
 

From my pen: God is a complicated subject. When we try to untangle complications it becomes more complicated. But we can feel God just by feeling him.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
 

From my pen: Instead of seeing beauty of body see the beauty of soul and beauty of nature as glimpse of God can be seen there

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
 

From my pen: In darkness a ray of light, in suffocation a gasp of fresh air, in defeat a spirit to struggle buildup a strong personality.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai Prakash Dangwal
November 20 at 9:58pm · Delhi · Edited ·

मेरी कलम से©jaiprakashdangwal:-

यह मुहब्बत भी कैसी मुहब्बत है कि कभी देखा नहीं कभी मिले नहीं,
न जाने कैसे पता चल जाता है, कि आज की रात उसे नींद आई नहीं.

 

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