Author Topic: Kumauni & Garhwali Poems by Various Poet-कुमाऊंनी-गढ़वाली कविताएं  (Read 132649 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Darsansingh Rawat
 
यू ऑख्योन क्या नि देखी,सोलह वर्षी शासन देखी।
मुख्यमंत्रीयो की मनमानी, लगातार होंदु पलायन देखी।
बदलेंदा शासन शासक, मुख्यमंत्री बदलेंदा देखी।
चुनाव पर चुनाव देखी त,दल बदल की बहार देखी।
नि देखी विकास नि देखी,पहाड़ो की बदली दशा नि देखी।
नि देखी रूकदा मनखी,क्वी बौड़ैन्दा पहाड़ों म नि देखी।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Darsansingh Rawat
February 23 at 1:13pm ·
तस्वीर च गवे देणी, धन कुबेर पहाड़ी हम।
पांच लखी जेवर ले, ब्यटुला घुमदा हर दम।
फिर भी किले मार, पलायन की झेलणा हम।
वक्त की बात न ऐ, भै मन सी कमजोर हम।
अपणी विरासत छोड़ी,नकली दुन्या जीणा हम।
बौड़ि जाओ गौं खुड़ी,दुन्या का बड़ा रईस हम।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Darsansingh Rawat
February 22 at 10:43pm ·
रौनक छै ए चौक कभि, वक्त अब बदली गे।
राज तंत्र बदलि जब,रौनक भी छटिण लै गे।
धन्य पुरण्यो की ऐ,संजोयी विरासत रै गे।
बैठि जब ए चौक, याद नना छौनो की ऐ गे।
नयु जमनु पलायन, पुरणी चीजों बिसरे गे।
राजमहल ठिक सी, बस असकोट ही रै गे।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Darsansingh Rawat
February 22 at 9:39am ·
न दगुड़ु दे टीवी अखबरो न, न धन्ना सेठो न।
इखुली तब भी अब भी, संर्घष करण हमन।
न कार न जीप दगड़,गौं गौं पौंचण हमन।
फर्ज भलु उत्तराखण्ड,स्वपनु देखी पूर्वजू न।
राज्य ले शहीदी दे, अब सुशासन ल्यांण हमन।
सुपन्यु कु उत्तराखण्ड बनाणो,लणै लड़ण हमन।
संर्घष जीवन यूकेडी कु, संर्घष करण हमन।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Darsansingh Rawat
February 21 at 7:45pm ·
बटन वोट कु दबै यलि,अब क्या होलु अगनै।
लागला पहाड़ अगनै,कि राला फिरि पिछनै।
देखणा आश सी कि, विकास होलु जौला अगनै।
अपणा खातिर अपणा, खैचणा अपणो थै पिछनै।
सोच हमरि भी ऐ च, दुन्या दगड़ी लगुला अगनै।
जितण्या भै बंदो,पिछनै की छोड़ो अब चलो अगनै।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Darsansingh Rawat
February 20 at 11:21am ·
छै वक्त कभि इनु भी,नना छौना छाया हम।
बदली समय अब त,बिसरा गंजेली थै हम।
समझण थै संजोणु,दायित्व समझंदा हम।
पकड़ी हथ पुरणी चीज, गर्व समझंदा हम।
किलै बदली वक्त यो भै,सदनी कु च यु गम।
कना कोशिश फिरी भी,बदलणा ए वक्त हम।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
बटोई नी दिखेंदू अब
रैंत्यल्या पहाड़ मा
विकासकु उजाळु होयूं
पुंगड़ी और गुठ्यार मा!
झुंडमा नेता शोर मौचणा
बच्चीन् खुच्चीन गौंगंवाडियों आग लगौणा!
बटोई नी दिखेंदू अब
रैंत्यल्या पहाड़ मा
विकासकु उजाळु होयूं
पुंगड़ी और गुठ्यार मा!
गदराधारु मा नजर रख्यां
भरौंसू लैक नीन इअब
बस मा यूंका होलू त
बेच देला पुस्तैनी गुडाड् तुमारा!
बटोई नी दिखेंदू अब
रैंत्यल्या पहाड़ मा
विकासकु उजाळु होयूं
पुंगड़ी और गुठ्यार मा! - @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू
February 23 at 4:55pm ·
कबरि याद आलि त,
यख द्येख्यन तुम दगड़्यौं,
कुतग्याळि सी लग्लि त,
खुद तुमारी मिटि जालि.....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू
23/2/2017

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू
February 23 at 12:42pm ·
न जाने किसकी डर से,
मिल गए दो परिवार,
आस यही है मन में,
हो जाए बेड़ा पार.....
जिनकी डर वे मिले,
रह गए हैं दंग,
सिंहासन प्राप्ति का,
ये है एक ढंग......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू
23/2/2017

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू
February 23 at 4:55pm ·
कबरि याद आलि त,
यख द्येख्यन तुम दगड़्यौं,
कुतग्याळि सी लग्लि त,
खुद तुमारी मिटि जालि.....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू
23/2/2017

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22