**** आज का अणभुट्यां निराला बिचार ******
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आज कल हर कैथे अपणी खूबसूरती पर किले इतगा घमण्ड रैन्द |
त आवा आज मि तुम्थे खूबसूरती की परिभाषा बतान्दु अपड़ी गढवाली मा !!
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खूबसूरत ओ ओंठ (लब) छी ...... जौं ओठों पर , दूसरों खुणी हमेशा गाली न बल्कि दुआ, सलामती निकली !!
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खूबसूरत ओ दिल्ल छी ............ओ दिल्ल जु, कि कैकी भी दुख , बिपत्ति मा मे शामिल व्है जैं !!
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खूबसूरत छी ........ ओ जज़बात , मन्ख्यात जो, दूसरो की भावनाओं थे समझी साकीं !!
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खूबसूरत छी ....... ओ एहसास की जै मा प्यार ,अपणा पन्न की मिठास व्हा !!
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खूबसूरत छी ......ओ छ्वीं ,बात जैमा , शामिल व्हा दोस्ती और प्यार की कथा , कहानी !!
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खूबसूरत छी .........ओ आँखां जैमा , कि कैका भी खूबसूरत ख्वाब , सुपन्या समा जेंईं !!
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खूबसूरत छी ........ओ हाथ जु कि कैकी भी , मुश्किल वक्त मा सहारा बणी जेईं !!
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खूबसूरत छी ..........वो सोच जैम की ,कैकी भी सब्या ,ख़ुशी, मुस्कराहट छुपी जाऊ !!!
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खूबसूरत छी .......... ...ओ दामन जो, दुनिया मा कैक भी गमो थे छुपा दयाउ !
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खूबसूरत छी ......ओ आसूँ जु , कैक भी गम ,व दुःख मा बोगीं ( बह ) जैं !!!
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/\.... लाल चन्द निराला ...!!!