Author Topic: Kumauni & Garhwali Poems by Various Poet-कुमाऊंनी-गढ़वाली कविताएं  (Read 383436 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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दगड़्यो आपकी सेवा मा एक नई रचना प्रस्तुत छ
पसन्द ऐलि त कमेन्ट अर शेयर जरूर कर्यां भारैssss
"वु"
नीन्दप्याट बिन पाणीs घटकाणा छन वु
फिर सैरा गौं तै कुरबाणी सुणाणा छन वु
न त करीं खेती-पाती न पळीं गौड़ी -भैंसी
बैठि - बैठी स्यू बाघ सि जमाणा छन वु
सैरा साल ख्यलणा रैन ब्वगठ्या मुर्गौं क मैच
इन्त्यानौं मा अल्का-जल्का लगाणा छन वु
जुगराज रयाँ व टी.बी.अर दैणु हुयाँ मोबैल
जौंका सारा दिन अपणा बिताणा छन वु
ड्वखरि - पुंगण्यूं मा जम्यूं छ यूंकि कुर्रीs
प्वड़ि-प्वड़ी सरकारि राशन भसगाणा छन वु
तंगत्याणान डौंणा, हथ पर शिकरीs पन्नी
अफुतैं गरीबी रेखा वलु बताणा छन वु
यूंतै छोड़ीs जैलु त कख जैलु रै 'खुदेड़' तु
औs ! जैलेदि छुचा त्वेथै धैइ लगाणा छन वु
सर्वाधिकार सुरक्षित -:
धर्मेन्द्र नेगी "खुदेड़"
चुराणी, रिखणीखाळ
पौड़ी गढ़वाळ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dharmendra Negi
March 16 at 11:40am ·
आप सब्बि मित्रौं तैं उत्तराखण्ड मा नई सरकार बणणा की बधैइ
यीं रचना का दगड़ि
कभि खुललि हमारि बि रात भैजी ,कुजणि- कुजणि भै
कभि होला हमरा बि ठाट भैजी , कुजणि-कुजणि भै
पहाड़ै ज्वनि अर पहाड़ै पाणि यखि र् वकण बल वून
कभि होलि सच या बात भैजी , कुजणि- कुजणि भै
कुरंगुळु लगिगे जलड़ौं पर कुर्यो लगाणान रात-दिन
फौंका सुखणा, झड़णान पात भैजी,कुजणि-कुजणि भै
बिरूट सि ह्वेगेनि लोग यख क्वी कैसे मेल नि रखदू
कख हरचि ह्वेली मनख्यात भैजी , कुजणि-कुजणि भै
स्वारा भै बि एक हैंका तैं छन पिरपुरु कै ह्यरणा
किलै पुछणान जात-थात भैजी , कुजणि-कुजणि भै
लौंफे ल्यो फौंक्यूं-फौंक्यूं मा ऐला बौड़िकि ग्वाळम
पुरण्यूं कि अंछे ब्वलीं य बात भैजी ,कुजणि-कुजणि भै
कतै ज्यू नि लग्याँ कैको बि यूं डांड्यूँ मा 'खुदेड़'
कैकी अंछे घलीं छ य घात भैजी , कुजणि-कुजणि भै
सर्वाधिकार सुरक्षित -:
धर्मेन्द्र नेगी 'खुदेड़'
चुराणी,रिखणीखाळ
पौड़ी गढ़वाळ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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सलाह (एक छ्वटि कविता)
बिण्डि
मिट्ठु
ना
बोला
भैजी!
न हो
कखि
माखी
रिटीं
मुख
फर...

By Ashish

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हैंकै मवसि ठड्याणा छन ,अपणि बुस्याणा छन
फरमैस पुर्याणौं वूंकि, मौ अपणि धुळ्याणा छन
रख्वलि कनौ राति जौंकी, देळिमा बैठ्यां रैनि वु
फज़ल हून्दै वी वूंफरै, कुकर छुळ्याणा छन
जौन बेची खैदेनि वूंकि,कूड़ि क क्वरा बळिन्डा भी
बनि - बनी चीजबस्त वू , वूंखुणी मुल्याणा छन
बिसरणा छन जो अपणी बोली, रीति अर रिवाज
झणि किलैइ निख्वर्या अपणी, जलड़ि कुर्याणा छन
छिलम नी घड़ेकि वूंथै,बल काम मा ब्यळम्याँ छन वू
धार मा बैठी वु एक हैंकै , पीठ कन्याणा छन
जौंका खातिर रूड़ि- ह्यूंद अर बसग्याळ झ्याल 'खुदेड़'
वी कुपूत बुढापा मा, ल्वे का आंसु रुवाणा छन
सर्वाधिकार सुरक्षित -:
धर्मेन्द्र नेगी 'खुदेड़'
ग्राम चुराणी, रिखणीखाळ
पौड़ी गढ़वाळ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dharmendra Negi
March 2 at 9:48am ·

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Sudesh Bhatt

तेरे चरणों मे हे हिमालय
नित नमन मै करता हुं
शीश झुका कर कोटि बंदना
तुझे हिमालय करता हुं
गंगा जमुना का उदगम है
तपो भूमि रीसी मुनियों की
सतर्क प्रहरी बन अडिग खडा तु
शान है मेरे भारत की
तेरे चरणों मे हे हिमालय
नित नमन मै करता हुं
शीश झुका कर कोटि बंदना
तुझे हिमालय....

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लोग्वा बान
लोग्वा बान
लोक थैं बचावा
अपणी बोली भाषा
संस्कृति, समाजौ
सामाळ कारा।
कखि बि छाव
दीन -दुन्या म
अपणा घर-गौं की
सुध ल्यावा।
हरचणू चा जो
जरा -जरा कैकी
थाती समाळ कारा
बौगा किलै हुणा
गौं- समाज से
अपणी संस्कृति बचावा।
दिनेश ध्यानी
२२/३/१७

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Darsansingh Rawat
 
जिन्दगी घार बूण हमरी,कटेणी बूण थै भै छट्याण म।
लोग लग्या कुर्सी पिछनै, पर हम जीवन बचाण म।
वोट हमरू रालु सदनी,पहाड़ो की सरकार बनाण म।
हमन त भै रैंण सदनी, ई प्रकृति कु जीवन बचाण म।
शक्ति हम पहाड़ो की छौ , जीवन त जीण संघर्ष म।
जिन्दगी दिखेंदी त ,दिखेंद बस संर्घष कु पहाड़ो म।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Darsansingh Rawat
March 21 at 7:42am ·

सोच म प्वड़यु भुला,सोड़ कु दगड़ म।
भ्यार जै की भलु च,कुछ न पहाड़ म।
भला दिन चलणा, छोड़िगी बचपन म।
बार बार ख्याल,किले आणु च मन म।
कर्म भै बड़ु च,क्या भैर क्या पहाड़ म।
तैरण्यो थै देखिक,नि कुदणु पाणी म।
जीवन रूखु भैर,सजलु सी पहाड़ म।
कुछ बणि जौ,टीस रैंण नि रै पहाड़ म।

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छुछा
अब तू छुछा दिखेणु नि छै
कख तू छुछा सैगुसै ह्वेगे
द्वि बियां कु चार अनारा
कैगे तू कदगों कु बिमारा
बल तिल खूब कमैई कै छै
तेरु किलै क़ि अब निखंडु ह्वेगे
पहाड़ पिछणे पहाड़ हुलु
क़दगा पिडा लुक्के हुलु
अब तू छुछा दिखेणु नि छै
कख तू छुछा सैगुसै ह्वेगे
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

 

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