Darsansingh Rawat
दिन सुधरी हमरा भै,योगी जी का आण सी।
भलु लगणु प्रेयसी दगड़ी, टब म नहाण सी।
आनंद जीवन कु लेणु, कैद बै भैर आण सी।
राला ऐ सदनी दिन, बूचड़ो की हड़ताल सी।
जुगराज रयां तुम,करदा रैयां काम इना सी।
जिन्दगी भी नरक छै,बूचड़खानो म रैण सी।
तुमरू भ्वार मिली भै,मौका जीणो स्वर्ग सी।
मिल्या मुख्यमंत्री सब थै,भै योगी आप सी।