देवदारा जगऊ बीच, छाजी र त्यारा धामा
नागेश , जागेस कई जा शम्भू पूरनकामा
हाटकेश्वर ले कूनी, पुराणों में बतूनी
जागेश्वर ले कूनी ,शिव ज्यू जागी रूनी |१|
विराजित भया देवा , भक्तो का मना मा
पैन शिवलिंग छू या , जटा गंगा तटा मा
मृतुन्जया,क थान में , महिमा बतूनी
एक्के बोटे में , देखो तुम पारवती महेशा |2|
शिव शक्ति दगडे रूनी ,सबुक हरनी कलेशा
पेनी बति जस्स्ये कय, उस्स्ये है जनेर भय
शिवज्यू मुख थे, जैल जे कय ,उस्से मिल जनेर भय
भल क्बए , नक क्बए मैसून औरी करी दी |३|
तब जबेर, ‘कीलित’ कराय, शंकराचार्य ज्यू ले
जप करला, तप करला ,तब्बै पूरी ह्वाली कामना
कैके लिजी नक् नि करिया ,सब्बुक भल करि दिया
हर हर महादेवा छा तुम,दुःख दरिद्र हर दिया ...| ४|
राजेश लोहुमी ,अनुरागी