Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 360015 times)

Bhishma Kukreti

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                     चिर सुंदरी भुंदरा बौका रूप वर्णन

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                  श्रृंगार प्रेमी     :::   भीष्म कुकरेती


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ब्याळि सुंदरा बौक फोन आयी ," हैलो ! मि सुंदरा बुलणु छौं। "

मि -अरे बौजी चरणस्पर्श !

सुंदरा बौ -ऊँ ! स्पर्श इ करणाइ तो भुंदरा तै स्पर्श कौर।

मि -जळणै गंद इख तलक आणि च।

सुंदरा बौ -बिंडि ना बोल हाँ।  मीन तेरी बांठै धौर दीण अर वींक बांठै बि   …।

मि -ह्याँ ह्वाइ  क्या च ?

सुंदरा बौ - इन बोदी बल क्या नि ह्वे।  सब बुलणा छन बल भुंदरा सबसे बिगरैली बांद च।  मेरी समज मा त भैंसीक  नाम च चाँद !

मि -भुंदरा बौ छ मयाळु माकि मायादार बांदु मा की बांद ,

सुंदरा बौ -होली वा- फुर्कली पौन

मि -छाजा माँ खड़ी  हूंदी जन धार माँ कि सि जून

सुंदरा बौ -वींक रंग होलु जन -लोहा गढी छेणी

मि -नही , पिंग्ळु  रंग मुखडी को नथुली नि दिखेणी

सुंदरा बौ -वींक चाल कन च ?

मि -घट को भगवाडी : रुब्सी खुट्योंन वा चलदी  अग्वाडी

सुंदरा बौ -भुंदरा बुल्दी कन च ?

मि -केळा  तोडी फली : कै  जगह सुणेली वींको  मोछंग सी गौळी

सुंदरा बौ -होली उनि कड़कड़ी। 

मि -नही।  साग लाई तोर --- नकडंडि  टुटगे  नथुली का जोर

सुंदरा बौ -अरे अर मथि गात ?

मि -धनिया को बीज ----छाती का अनार वींका  तर्सौनिया चीज

सुंदरा बौ - वींक यौवन कन च  ?

मि -  जवानी को धधकारु सौण सि छालू

सुंदरा बौ - मतलब ?

मि - इख पर महान शायर मर्श अल्सियानी को यु शेर फिट बैठद -


बला है कहर है आफत है , फितना है जिंंदगानी का।

तेरी जवानी क्या ? सैलाब है दरिया के पानी का।।


सुंदरा बौ - चल मीन नि करणै त्वे से बात। अरे एक नारी समिण हैंक नारीक इथगा अथा प्रशंसा ?

सुंदरा बौन गुस्सा मा जोर से  पटकिक फोन काटि दे।



27/8  /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
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                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!

Bhishma Kukreti

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                      गांवुं माँ घौरुं का  प्याजीकरण हूणु च ।  किलै ?


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                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती


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मि -हैलो ! हैलो !

चिर सुंदरी भुंदरा बौ -सुणा  ये सुंदरा द्यूर ?

मि -चलती क्या खंडाला ?
चिर यौवना भुंदरा बौ - वीं तैं इ लीजा खंडाला।  मि त क्या सुंदर देहरादून मा पलटन बजाराम खड़ी छौं।

मि -देहरादून ?
कान्त कामिनी भुंदरा बौ -हाँ।  क्यों ? मि देहरादून नि ऐ सकुद ?

मि -ना ना।  सिन बात नी च पर अचकाल  क्वी बि देहरादून आंद तो पाराशर गौड़ जी रुसे जांदन।

भुंदरा बौ -वूं जिठा जीक बात छोड़ि दे तू , अखबारुं खबर तै सच मानि लीन्दन।

मि -अच्छा इन बतादि बल देहरादून क्योकुण आण ह्वे ?
भुंदरा बौ -अरे यु भंगुल जामि गे।  जरा लाइफ स्टाइल चेंज करणो सामान खरीदणो अयुं छौं।

मि - इंडक्सन कुकर , टाइट झगुली कि अंडर  वि   …
भुंदरा बौ -अरे तांकुण त अब मोबाइल  मा अमेजन डॉट कौम , स्नैप डील सब फैसिलिटीज छन।  उ  …

मि -त नई तरां कि बिंदी, ब्यूटी पार्लर ?

भुंदरा बौ -बात सूण तू अर पाराशर जिठा जी गाँव तो आंद नि छंवां अर समजदवां कि हमर गाँव अबि बि अठारवीं सदी मा छन।  वी गढ़वाली विलेजर्स आल्सो आर लिविंग इन ट्वेंटी फस्ट सेंचुरी। हमर गांवक बजार मा फॉरेन लिकर की दूकान अर ब्यूटी पार्लर बि खुलि गेन।   समझे ?

मि -हाँ।  पर तू देहरादून मा क्यांक लाइफ स्टाइल चेंज करणौ अयीं छे ?
भुंदरा बौ - अरे जब बिटेन प्याज मैंगा क्या ह्वेन कि बोलुं।  यी नरन्द्र मोदी जिठा जी बि ना ! प्याज का दाम कम इ नि कर सकणा छन। मन की बात करिक  प्याज सस्ता थुका हूंदन।

मि -हैं ? प्याज का लाइफ स्टाइल सिंबल से क्या संबंध ?
भुंदरा बौ -अरे द्वी तरां का लाइफ स्टाइल हून्दन।  एक दशाब्दी का लाइफ स्टाइल अर कॉन्टेम्पोरेरी लाइफ स्टाइल।

मि -तो  ?

भुंदरा बौ - तो या च कि अच्काल प्याज सामयिक जीवन पद्धति  का हिस्सा ह्वे गे।

मि -हैं ?
भुंदरा बौ -जन तुम अजकाल अपण डिनर टेबल मा कट्यूं प्याज की फोटो वर्ड्स अप पर वाइरल करदां कि तुम अबि बि प्याज खरीदण लैक छंवां उनि हमर गांवुं मा बि प्याज स्टेटस सिंबल ह्वे गे।  अब प्याज लोग लोगुं तै दिखाणो बान छत , छज्जा मा , मुरिंड मा तक धरण लग गे छा  पर गूणी -बाँदर ना चोर   प्याज चोरिक ली गेन तो हमन प्याज दिखाणो बान अब दुसर स्टाइल अपनाइ याल।

मि -हे मेरी ब्वे !
भुंदरा बौ -हाँ अब हम अपण मुरिंड मा प्याज का स्टिकर चिपकांदवां।  भैर दीवाल मा प्याजक तैलचित्र चिपकाँदा। हरेक का तिबारी मा अजकाल इटालियन पेंटर जियाकौरनो सिरुति , डेविड यॉन्गर टेनियर की प्याज दिखौंदी पेंटिंग टंगी छन। दिवतौं फोटोक समिण प्याज की माळा  टांगीं छन , मेजपोश बि आज  प्याज का चित्र वाळ छन।  बस चौक से लेकि जखम बि लोगुं नजर जावो ऊँ तै प्याज दिखेण चयेंद।

मि -क्या ? पर प्याज तो गांव मा हूंद तो प्याज टांगो।

भुंदरा बौ -अरे अचकाल गांवुं मा मैदानी चोर ऐ गेन।  कखि एक दाणी प्याज दिखदन झट से  चोरी करिक ली जांदन।  अब हम प्याज दिखान्द छंवां पर सब प्लास्टिक  हूंदन।  प्याज का डांकुळी सहित फूल, बड़ा बड़ा प्याज सब प्लास्टिक का अर सब सजैक रखण पड़द।  तिबार्युं मा कांच की बर्णयूं माँ बि प्लास्टिक का प्याज धरिक हम तिबारी सजाणा छंवां।  आज सब्युंक एकी ध्येय रौंद बल हमर घौर टोटल ओनियनाइज्ड लग ।

मि -टोटल ओनियनाइज्ड ?
भुंदरा बौ -हाँ टोटल ओनियनाइज्ड हाउस। 

मि -तो क्या क्या खरीदण देहरादून बिटेन ?
भुंदरा बौ -नकली प्लास्टिक का बनि बनिक प्याज , प्याज की पेंटिंग वळ पोस्टर ,प्लास्टिकौ  प्याज की माळा , प्याज का फूलूं बुके , प्याज का चित्र वाळ टेबल क्लॉथ , प्याक का चित्र वाळ कुसिन , प्याज का झुम्पा आदि।

मि -औ त अब घर ओनियनाइज करे जाल ? मतलब घर का प्याजीकरण ?

भुंदरा बौ -हाँ। प्याजीकरण ! दुरस्त  अल्फाज !

मि -अर जब प्याज सस्ता ह्वाल अर फुल गोभी मैंगी ह्वे जाली तो ?
भुंदरा बौ -तो प्याज का डिकोरेसन तै बदलिक कॉलीफ्लावर का डिकोरेसन करला हौर  क्या ?

मि -हैं ?
भुंदरा बौ -हाँ ! बी रोमन व्हेन यू  लिव इन रोम ! सामयिक स्टेटस का हिसाब से हम बि स्टेटस सिंबल बदल  द्योला।


28 /8  /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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Bhishma Kukreti

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                       रक्षाबंधन का दिन फेसबुक मा  बुड्यों मध्य भगदड़ , खलबली अर आतंक


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                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती   

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             ब्याळि फेसबुक वळुन रक्षाबंधन कु पुनीत अवसर पर नार्युं तै सुवसर दीणो नियत से नार्युं तै मर्दुं स्टेटस मा घुसणो परमिसन क्या दे कि छ्वारोंक  ना बुड्यों मध्य खलबली , भगदड़ , घपरोळ मची गे।

                    बिचारा 83 साल का डा दलबीर सिंह रावतन अपण स्टेटस मा अपण उमर नि बताईं छे अर पचास  साल पुराणि जुल्फिदार  जवानी की  फोटो चिपकाईं छे कि युवा छोरी फटाफट दगड्याणि बणलि अर वास्तव मा डा रावत की जुल्फिदार फोटो कि जुलफ्युं मा भौत सि फेसबुक्या छोरी फँसि बि छन अर वु छोरी बेधड़क डा दलबीर की फेसबुक फ्रेंड बण बि गेन।  अब डा रावत ऊँ फ्रेन्डु दगड़ चैट चैट खिलणा रौंदन।  डा रावतन हिंदी मा विहारी की सतसई बी खरीद जाँसे चैटिंग मा छोर्युं बड़ै करण मा अलंकार प्रयोग कर साकन।  डा रावत बि खुस , छोरी बि खुस अर बिहारी की आत्मा बि खुश।  पर आज सुबेर जब वूंन फेसबुक ख्वाल अर द्याख तो अबि तक बेहोश पड्यां छन।

   प्रो. कीर्ति विलास डबरालन बि फेसबुक मा उमर अर फोटो नि बताइ , फिर अंग्रेजी , हिंदी अर गढ़वळि मा श्रृंगार रसयुक्त कवितौं से छोरी इनि आकर्षित ह्वेन जन लिचड़ गुड़  पर माख चिपकदन।   डबराल जी का फेसबुक फ्रेंड सर्कल मा नारी ही नारी छन , अनारी,  अनाड़ी, अर पुरुषार्थ्युं का  प्रो डबराल का स्टेटस मा कखि बि नामो निशान  नि छौ। डबराल जी बि ब्याळि अर्धरात्रि से घैल,  अर्धबेहोशी हालात मा छन अर हर समय बरड़ाणा छन - नो नो ! हाउ कैन आई एक्सेप्ट देम माई सिस्टर।  कैसे  उन्हें मै बहन कह  सकता हूँ ? हैं बैणि ?

        सूर्य प्रकाश डंगवाल बि बिहोश छन।  छत्र सिंह असवाल तो अर्धविक्षिप्त अवस्था मा छन।  फेसबुक की जनानी दगड्याण्युं चक्कर  मा असवाल जीन  दुबर पचीस साल बाद गजल लिखण शुरू कार कि फेसबुक का एक दिन का वास्ता नार्युं तै मर्दों का स्टेटस मा घुसणो इजाजत से सब कुछ मटियामेट ह्वे गे।

   मि त भुंदरा बौ का वजै से बची ग्यों। क्वी बि जनानी अबि तक म्यार स्टेटस मा नि छीरिन।   पर मी बि डर्युं छौं कि कखि भुंदरा बौ म्यार स्टेटस मा घुसि  गे तो ?

         रावत जी , डबराल जी , डंगवाल जी अर असवाल जीका ही ना अधिकाँश बुड्यों का स्टेटस का अंदर छोरी घुसी गेन अर सबि  बुड्या आत्महत्या की मानसिकता का शिकार हुयां छन।

         रावत जी ह्वेन , डबराल जी ह्वेन , डंगवाल जी या  असवाल जी ह्वेन सब्युं की छोरी फ्रेंड्यूंन युंका टाइम लाइन का  स्टेटस मा वाल चिपकै दे कि हम यूंकि असली बैणि छंवां।

  अब बताओ करिश्मा कपूर की फोटो वळुन अपण फोटो डा रावत की वाल मा चिपकै अर लेखी दे -मि करिश्मा अर दलबीर पिटाल्वटि भाई बैणि छंवां। इन मा डा रावत का बेहोश हूण लाजमी च कि ना ? जैं स्याळी से मजाक मसखरी करणो ज्यु बुल्याणु छौ वा सरा  फेसबुक वळु मध्य  धै लगाणी च कि दलबीर करिश्मा का भैजि छन।

प्रो डबराल , डंगवाल  का स्टेटस मा सोनाक्षी सिन्हा , कटरीना कैफ आदि की फोटो वळि फेसबुक्या हसीना यूँ सब तै रखड़ि पैराणि छन। बताओ जैं बौ से आसा छे वा बौ भुला भुला करिक भट्याओ तो आत्महत्या करणो ज्यु बुल्यालो ही कि ना ?

असवाल जीक स्टेटस मा तो सोनम कपूर , पादुकार्णि ही ना आशा पारीख , बैजयंती माला, वहीदा रहमान बि यूंका स्टेटस मा घुसिन अर सब्युंन असवाल जी तै ब्रदर घोषित कर दे. इन मा बिचारा असवाल जीन पागल ह्वेका बौऴयाण इ  छौं।  जौंकि प्रेरणा से गजल की फसल उगान्दा छया वी प्रेरणा दीदी -भूली बणि गेन तो अब गजल कखन लिखे जाली अर गजल फजल कैकुण लिखण ?

हाँ नरेंद्र सिंह नेगी की फेसबुक स्टेटस मा कुछ नि ह्वे।  हूण बि क्या छौ।  जब नेगी जीन पैलि वाल मा सब्युं कुण लिख्युं छौ -हे दीदी , हे भुल्युं , हे भग्यानि   … तो इन मा वैलेंटाइन डे बि हो तो क्वा फेसबुक्या नार नरेंद्र सिंह नेगी जिका स्टेटस का तरफ झळकां बि द्याखली ?

रावत जी , डबराल जी , डंगवाल जी , असवाल  का परिवार यूँ सब्युंकी बेहोशी , बड़बड़ाट , विक्षिप्त अवस्था से परेशान हुयाँ छन।

                  यूँ फेसबुक्या दुखी मनिखौं का परिवार वळुन अपण अपण वकीलों तै फोन कार। यी सब फेसबुक पर केस करण चाणा छन कि फेसबुक का नया नियम से हमर बुबा जी बेहोश हुयां छन तो हम तै कम्पेन्सेसन मिलण चयेंद।   फोन पर वकील त नि ऐन अपितु वकीलुं  घरवळि फोन पर ऐन अर हरेक वकील की घरवळि का बुलण छौ बल " हम खुद फेसबुक पर केस करणो वास्ता वकील की खोज मा छंवां।  हमर वकील पतिदेव फेसबुक मा नार्युं द्वारा भाई बणाण से आतंकित ,  त्रास , आकस्मिक भय से   बेहोश पड्याँ छन। "

खैर रक्षाबंधन त्यौहार सम्पन हूणों उपरान्त हरेक मर्द अपण स्टेटस ठीक कर द्यालो किन्तु तब तक तो हरेक मर्द आतंकित  ही रालो  कि कखि फेसबुक्या नारी ऊँका स्टेटस मा घुसिक ऊँ तै भाई घोषित कर द्याली  तो ?


 


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                  डॉलर का मुकाबला प्याजै कीमत बढ़ोतरी  से भारतीय अर्थव्यवस्था खचपचाई


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                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती   

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             कुछ मैनौं  से डौलरक मुकाबला भारतीय प्याजौ कीमत बढ़न से भारतीय अर्थव्यवस्था खचपछै गे।  कॉंग्रेस उपाध्यक्ष राहुल बाबान नासिक दौरा पर बबाल करिक प्रधानमंत्री कु इस्तीफ़ा ईमेल से मांग। खबर च बल प्रधानमंत्री प्याज आयात का  वास्ता अफगानिस्तान , कजिकस्तान , पता नि कै कै अस्तान का दौंरा  पर छन धौं।   

           सब तै पता हूण चयेंद कि भारतीय प्याक आज इंडियन करेंसी च अर भारत मा प्याज की आवक -जावक से डौलर की कीमत उब -उंद हूंद।  अच्काल प्याज मा उछाला से डौलर मा गिरावट क्या आयि कि भारतीय निर्यातकों  की मौण खड्डा पुटुक बैठि गे।  प्याज डौलर से अधिक ह्वे गे याने भारतीय माल की लागत बढ़ी गे अर यां से भारतीय निर्यात लुढ़क गे। फेसबुक मा एक फेक इंटरव्यू मा भूतपूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम न आजौ वित्त मंत्री पर डौलर लुढ़काणो अभियोग लगाई अर तुरंत ईमेल से इस्तीफा की मांग कार।  वित्तमंत्री ओनियन ग्रोइंग कंट्रीज असोसिएसन की बैठक  मा भाग लीणो इटली जयां छन जख वित्तमंत्री इटली से हिमालयन क्षेत्रों का वास्ता प्याज बीज निर्यात पर इटली सरकार से बि बात कारल।  वित्तमंत्री का बचाव मा टीवी चैनलों का विश्लेषक खुले आम चिदंबरम की खिल्ली उड़ाना छन।  यूँ बेपेंदी का विश्लेषकों कु बुलण च बल डॉलर लुढ़कणौ पैथर चिदंबरम का हाथ च किलै कि  यूपीए सरकारन जनवरी 2014 मा  डॉलर का तौळ से अडसारो (आधारभूत आडु ) हटै दे छौ।

           आरएसएस अपण मुख लुकाणो वास्ता नागपुर छोड़िक झारखंड का कै जंगळ मा अपण ऑफिस ली गेन ।  यूपीए सरकार का टैम पर जब डौलर की कीमत अळग गै   अर भारतीय प्याज की कीमत तौळ गै  तो संघ वळुन यीं घटना तै नेशनल शेम या  राष्ट्रीय लज्जा नाम दे छौ और जगा जगा नकली डौलर जळै छया।  लज्जा दिवस का दिन कथगा इ लज्जाजनक घटना ह्वे छै। आज प्याजै कीमत अळग च अर डौलर तौळ तो अब नेशनल प्राइड मा भयंकर उछाला ऐ गे किन्तु आयत - निर्यात घटण से दुसर किस्मौ नेसनल शेम शुरू ह्वे गे।  जथगा बि विदेशी अर्थशास्त्री एजेंसी छन सब फिर से 'शेम फॉर इण्डिया , शेम फॉर इण्डिया , भारत तो डूब गया ' जन इकॉनॉमिकल जुल्म प्रयोग करणा छन।  बिचारा भाजपाई प्रवक्ता शरम का मारा छुटि पर चलि गेन।  जब कॉंग्रेस का राज मा विदेशी अर्थशास्त्रीय  एजेंसी भारत का प्रतिकूल कुछ टिप्पणी लिख्दा छ तो  भाजपाई प्रवक्ता तुरंत मनमोहन जी से इस्तीफा मांगदा छा।  आज जब विदेशी एजेंसियां भारतीय आर्थिक स्थिति की थू थू करणा छन तो भाजपाई प्रवक्ताओं समज मा नी आणु कि मुक लुकाए जाय, मुक बंद करिक मूक रहे जाय  या भाजपा छोड़िक यूपीए मा भर्ती हुए जाव।

                हाँ भाजपाई प्रवक्ताओं का वास्ता एक सांस लीणो खबर , एक अर्धविरामी  खबर याने अच्छी खबर या ह्वे कि भारतीय मीडिया वळुन  इंदिरा मुखर्जी द्वारा शीना बोरा की हत्या तै नेसनल  मर्डर , मुल्काक हत्या याने  राष्ट्र हत्या घोषित कर दे अर पिछ्ला आठ दस दिन से टीवी अर अखबारों , साप्ताहिक पत्रिकाओं मा केवल अर केवल चौबीसों घंटा शीना मर्डर की छ्वीं , चर्चा , तहकीकात हूणि छन अर प्याज से प्रभावित , चीन से प्रभावित , भारतीय राजनीति से प्रभावित दुख्यरि अर्थ व्यवस्था की छ्वीं लगाण वळ क्वी नी बच्युं च तो भाजपाई वळु से क्वी बि भारतीय अर्थव्यवस्था का सवाल नी करणु च।  भाजपा वळ भगवान से प्रार्थना करणा छन कि इनि क्वी हैंक हाइ प्रोफाइल मर्डर केस समिण ऐ जावो तो हमारा टीआरपी आधारित पत्रकार वै मर्डर का पैथर लग्यां रावन अर मूल भूत  समस्याओं की बात कबि नि ह्वावो।

          प्याज अब जनता तै इ नी रूलाणु च अपितु निर्यातकों अर आयातकों तै बि रूलाणु च।  चीनन डौलर का मुकाबला अपण करेंसी  की कीमत कम क्या कार कि मेक  इन इण्डिया का सुपिन  बि चकनाचूर हूण लग गे।  अब भारत तै मेक इण्डिया की जगह अपण रुपया की कीमत घटाण पर ध्यान दीण पड़णु च।

          भारतै जनता का समज मा नी आणु च कि जब भारतीय प्याज की कीमत डौलर का मुकाबला तौळ हूंद तो भी भारतीय अर्थव्यवस्था चरमरांदि अर जब प्याज की कीमत डौलर का मुकाबला अळग जांद तो भी भारतीय अर्थव्यवस्था डावांडोल हूंदी तो क्या करे जावो ? बिचारी जनता ? जब भारतीय पीचडी , डीएससी डिग्री धारी अर्थशास्त्री ही भारतीय अर्थसशास्त्र तै पिछ्ला अड़सठ साल से नि समजी सकिन तो जनता क्या ख़ाक समजलि ?


       



30/8  /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!


Bhishma Kukreti

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                नितीश को  दागी , सोनिया को दागी  और  सर्फ को दाग अच्छे लगते हैं


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                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती   

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  अचकाल भारत मा सब तैं दाग , धब्बा , कलंक अच्छा लगदन।  अब भारत दाग प्रेमी , धब्बा प्रेमी अर कलंक अनुरागी ह्वे गे।  जख बि जावो , जैमा बि जावो स्यु बखणु रौंद दाग अच्छे लगते हैं।

    सर्फ तै तो दशकों से 'दाग अच्छे लगते हैं '. भारत मा जथगा जादा दाग सर्फ तथगा अधिक फॉरेन मनी अमेरिका भ्याजल।

निरमा तै बि भारत मा तुलसी , अलसी , सलसि सब्युंक साड़ी पर दाग पसंद छन।  साड्युं पर जथगा अधिक दाग पटेल साबक  बैंक बैलेंस मा उथगा ही अधिक झाग।

गोदरेज वाशिंग मशीन तै  लिपिस्टिकौ दाग  प्यारा लगदन।  गोदरेज तैं दाग प्यारा लगणी च।  जथगा अधिक दाग गोदरेज की तिजोरी मा उथगा इ जगा की कमी।

पैल बेटी ब्वारिक दाग छुपाये जांद छा।  अचकाल माँ अर सासु माँ बेटी- ब्वार्युं दाग फेसबुक का फोटो मा दिखांदन अर प्रार्थना करदन बल हमर बेटी-ब्वार्युं दाग Like कारो।  दाग अब शरमाणो ना गर्व की बात ह्वे गे।

मि तै नार्युं किस का दाग अच्छा लगदन किन्तु लिपस्टिक वळ दाग ना।  लिपस्टिक से मि तै एलर्जी जि च।

 अब ब्याळि 30 अगस्त 2015 कुण पटना गांधी मैदान मा स्वाभिमान रैली छे।  वास्तव मा या बिहार की स्वाभिमान रैली नि छे अपितु बेशरम , बेहया , बदजात दाग प्रेम्युं रैली छे। दाग दिखाणौ रैली छे।  राजनीती मा दाग अच्छे लगते है तै प्रमोट करणै महसभा छे।  सब दाग प्रेमी एकजुट ह्वेका राजनीती तैं और कथगा दागी करे जावो का वास्ता कट्ठा हुयाँ छया।

 लालू प्रसाद यादवन पता नी कॉंग्रेस ही न मोतीलाल नेहरू , जवाहर लाल नेहरू , इंदिरा नेहरू , राजीव गांधी नेहरू तै बिल्चा भरि भरिक कथगा गाळी दे होली धौं।  पर ब्याळि लालू यादव सोनिया गांधी नेहरू से इन मिलणु छौ जन बुलया सोनिया गांधी नेहरू सात जनमुं की समधण  हो।  चारा घोटाला का आरोपी  , जातीबाद कु कोढ़ी , नाटकबाजी का राजनैतिक बाजीगर लालू यादव तै नेहरू खानदान अर कॉंग्रेस का दाग अच्छे लगते हैं।

 सोनिया गांधी नेहरू उन त कोढ्युं पास बि नि जांदी।  किन्तु राजनैतिक बाढ़ पार करणो बान लालू यादव जन भ्रष्ट कोढ़ी का शरीर से चिपकणो बान उत्साह दिखाणी छे।  नदी का भंवर से कोढ़ी बि बचाओ तो सोनिया गांधी नेहरू तैं राजनैतिक कोढ़ी बि दाग जैसे  अच्छे लगते हैं।

वाह रे नॉन सेक्युलर विरोधी , स्वच्छ राजनीति व स्वच्छ  नीतियुं का स्वयंभू बादशाह नितीश कुमार ? वाह रे चतुर छगटा , राजनीती का गलादार , ठग !  त्वे तै बि दाग अच्छे लगने लगे हैं ? पिछला बीस सालों से लालू कु जंगलराज , परिवारवादी राज अर घोटालों की पोल खोलिक नीतीश  कुमारन तीन ना जानेकथगा चुनाव जीती ह्वालु धौं ! पर ब्याळि लालू यादव का दागुं तैं जनहित भरे दाग बुलणु छौ।

उत्तर प्रदेश का समाजवादी यादवों तैं त दाग बचपन से ही पसंद छन तो दाग कुण्ड मा नयाणो आण मा यादवों तै परेशानी किलै हूण छे।  दाग से राजनैतिक फायदा हो तो कै तैं बि दाग अच्छे लगते हैं।

ब्याळि या स्वाभिमान रैली नि छे अपितु राजनीति तैं और बि दागदार बणानै रैली छे।  ब्याळि या स्वाभिमान रैली नि छे अपितु राजनीति तै कथगा अधिक कलुषित करे जावो की रैली छे।  ब्याळि या बिहार तै स्वाभिमान दिलाणो रैली नि छे अपितु राजनीति मा स्वार्थ तै चमकीला , धवल , स्वच्छ , जगमग दिखाणो रैली छे।  ब्याळै स्वाभिमान रैली से पता चलद कि राजनैतिक  बदमाशुं तैं , कुर्सी  का बकध्यान्यूं तैं , सत्ता का लोभ्युं तै बेईमानी का दाग , बसाण्याँ (दुर्गन्धयुक्त ) धब्बा, जनधोखा का कलुषित कलंक  अच्छे लगते हैं।

अर रूण , पितेणै , निराशा की बात  या च कि जनता अबि बि यूँ राजनैतिक छक्का पंजा , छलकपट , छेतरीपन मा फंसदि जाणि च।

क्या कखि क्रांति की उम्मीद बि बचीं च जख दाग अच्छे ना लगें ?


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Bhishma Kukreti

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                  प्याज अब मुहावरा बदलणु च

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                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती   

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  जी हाँ पिछ्ला पंदरा सालुं से जब बिटेन प्याज हर रोक मैंगो हूंद तब से भारतीय समाज मा मुहावरा बि बदलेण मिसे गेन।  सभी भारीतय भाषाओं खासकर गढ़वळि भाषा कुण या शुभ सूचना च।  इन ना सै उन ऐ ही सही कुछ तो विकास हूणु च।

अब क्वी बि नि बुल्दु कि फलणी राजनीतिक पार्टि का आँखूं मा खून का आंसू ऐन।  अब बुले जांद कॉंग्रेस या भाजपा का आंख्युं मा प्याज का आंसू आणा छन।

प्याज सभ्यता , संस्कृति अर चुनावौ  आधार स्तम्भ च अर  प्याज चुनाव जितांद बि च अर हरांद बि च।

मेहमान तै प्याज इलै खलाये जांद किलैकि भित्र प्याज इ बच्युं छौं।

 सौकार -अमीर आदिम बरात्यूं स्वागत प्याजै माळा से करदो।

प्याज वी दान करदो जैमा भौत कुछ ह्वावो या हौर कुछ नि हो।

 

प्याज की सच्चे हृदय से स्तुति करिल तो अवश्य ही प्याज प्राप्ति होली।

जू प्याज की प्रशंसा  नि कर सकदन वू कैकि बि प्रशंसा नि कर सकदन

हे अर्जुन ! तू प्याज से मुख मोड़ ! अवश्य ही तू कौरव सेना तै जीत लेली

तू एक प्याज देगा तो वो दस प्याज देगा

प्याज पाणै  भावना सबसे बलवती भावना च या भावना हौर भावनाओं तै धराशायी कर दींदी

यद्यपि मि गरीब छौं , निर्धन छौं , उपेक्षित छौं फिर बि भगवान का भोग मि प्याज से लगांदु

अनेक गुण एक अभाव , प्याज का अभाव तै पूर्ति करणो काफी नि हूंदन

अधिक प्याज की इच्छा ना करो कम प्याज पाने की इच्छा कारो।  यां से मन शांत रौंद

हमम जथगा ज्यादा प्याज आंद तथगा इ रिस्तेदार दगड्या दूर ह्वे जांदन

सब प्याज दगड्या छन।  जैदिन तीम प्याज नि रालो सब त्यार दगुड़ छोड़ि द्याला

प्याज की कीमत स्थिर रखण तो भारत की जनसंख्या कम करण जरूरी च

जु गरीबुं तै प्याज दींदु वु परमपिता तै बि ऋणी बणै दींदु

राजनीति प्याज जन च।  एक छिलका /छुक्यल उतारो हैंक छुक्यलु भितर रौंद

असली मित्र वी च जु बारबगत पर मित्र तै प्याज दे द्यावो

यदि तुम लोगुं से लाभ उठाण चांदवां तो लोगुं तै प्याज द्यावो

असली दार्शनिक प्याज प्रेमी हूंदन

लेखनी प्याज से अधिक ताकतवर हूंदी

प्याजौ कीमत अर नेताओं का आश्वासन का कुछ बि भरवस नि हूंद

प्याज प्रदर्शन साहूकारी का अनुचित दिखावा  च।


भाग्य मजाक नि करदो , बिना कारण आप तै प्याज नि मिल्दो।

प्याज स्टॉक मार्किट तै बि प्रभावित कर सकुद।

                             एक आधुनिक प्रार्थना का कुछ अंग -

हे भगवान !

मि तै तिनि टैम प्याज खाणो दे

मि तै दान दीणो वास्ता प्याज दे

मि मेहमानदारी मा जौं तो उख चर्री टैम  भरपूर प्याज मिल्दु रै

होटलुं मा प्याज मुफ्त मा मिल्दो रै

मि तै इन घरवळि दे जो प्याज नि खावो

 


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Bhishma Kukreti

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                         मच्छरुं जीमण , प्रीतिभोज , बैंक्वैट

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                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती   
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              अचकाल म्यार घरम क्या मुंबई मा सब्युं घौरम मच्छर घूं घूं करिक घुमणा रौंदन अर एक दुसर तै घूं घूं करिक धै लगाणा रौंदन बल - भैरों फौड़म  जीमण तयार च पूरी तयारी कारो अर मनिखौ ल्वै से तर बतर ह्वे जावो। मच्छर हमर शरीर का पास इनि आंदन जन अठ्वाड़म लोग बुगठ्या , ढिबर मारणो खुंकरि , बसूला , फरसा , चक्कू -छुर्रा लेक आंदन, कुछ खूनै केक बणाणो तजबिजु करणो आंदन अर हौर लोग शिकार खाणो थाळी -लुट्या ल्हेक आंदन।  मच्छर बि अपण जीमण मा पूरो तजबिज करिक आंदन।
 
                   इन बुल्दन बल मनिखों मा 20 % लोग प्रोटीन चुस्वा मच्छरुं तै आकर्षित करदन।  मी बि मच्छरुं तै आकर्षित करणो खून भरी थाळी छौं।  जरा म्यार क्वी अंग ढिकाण से भैर आवो ना कि मच्छर भयात सहित म्यार शरीर रूपी फोड़म काँटा -छुर्री लेक ऐ जांदन। वैज्ञानिक बुल्दन बल इन मनिखौं खून O टाइप हूंद अर मच्छर O टाइप तै पसंद करदन।
             कुछ वैज्ञानिक बुल्दन बल चूँकि मनिख कार्बन डाइ ऐक्साइड छुड़द , या पसीना मा लैक्टिक एसिड रौंद या पसीना की गंध ही मच्छरुं तै आकर्षित करद।  यु मच्छरुं आकर्षण वास्तव लैंड बिल ह्वे गे जैपर वैज्ञानिकों मा एका नी हूणु च।
  कुछ बुल्दन बल शरीर पर ल्यासण घूसो या ओडोमस घूसो तो मच्छर आस पास नि आंद।  मीन ल्यासण बि घूस अर ओडोमस बि घूस अर मच्छर आण त बंद नि ह्वेन पर मेरी घरवळिन म्यार बैडरूम मा सीणी ना घुसण इ बंद कर दे।
  अज्काल एक मॉस्क्विटो बैट मिल्द।  मीन बि मॉस्क्विटो भगाणो बान सचिन तेंडुलकरौ वीडिओ टेप से बैटिंग सीख।  किन्तु मच्छर समाज युद्ध का नियम पूरी तरह से अपनांदु , बैट से एक मारो तो दस मच्छर रिजर्व मा रौंदन।  अर फिर बैटिंग दिन मा या सीण से पैल तो करे सक्यांद पर सुपिन मा करीं एंटी मॉस्क्विटो बैटिंग से मच्छर थुड़ा धराशाही हूंदन।
    उन कुछ केमिकल छन जु मच्छरुं तै बिलकुल न्याड़ -ध्वार नि आण दींदन।  किन्तु यूँ केमिकल का छिड़काव का बाद मनिख बि वीं जगा आस पास द्वी दिन तक खड़ु बि नि रै सकदु।
  मच्छर अर माख इन कौम छन तुम कुछ बि करो , यी आपक आस पास आइ जांदन। मीन कथगा हौर मॉस्क्विटो रिपेलेंट अपणैंन पर मच्छर हम से अधिक वैज्ञानिक छन ऊंकी दुसरी साखी (जनरेसन ) ये रपेलैंट का रेिजसटेंट वळि साखी ह्वे जांदी।  मच्छर सौ फ़ीट की दूरी से अपण फौड़ (मनिखौ शरीर ) की गंध सूंघ लींदु , पछ्याण जांद कि  फौड़ कख च , कन च तो इनमा मच्छरों से कख तक बचलु मि या आप ?
         जीमण पाणै उम्मीद मा मच्छर नरेंद्र नेगी की भौण मा लोक गीत , गजेन्द्र राणा की ढौळ मा छुरकी  बांद का गीत , हिमेश रेशमिया की भौण मा जाज -फाज गीत गाण लग जांदन।   मनिख तै मच्छरुं यी संगीत इनि बुरु लगद जन असली , ईमानदार भारतीय महात्मों तै जैक्सन का चिंघाड़ो गीत बुरा लगदन। मि आशाराम बापू ,  बाबा रामपाल , माँ राधा की बात नि करणु छौं जौं तै जैक्सन का गीत ही जादा पसंद छन।
              फिर हम मनुष्य  खासकर हिन्दुस्तानी बड़ा दयावान छंवां।  हमर गमला मा मनी प्लांट या क्वी बि छुट मुट फूल ह्वावो अर वै फूल तै चार चमच पाणी जरूरत ह्वावो तो हम वै गमला मा एक तामौ लुट्या पाणी अखणै दींदा अर मच्छरुं पौध लगाणो सुंदर व्यवस्थित व्यवस्था करदवां।  हम कीट प्रेमी छंवां अर अपण आस पास कीड़ -मक्वड़ अर मच्छर पालन केंद्र खुलणो बान जगा जगा पाणी जमा करणो भरपूर इंतजाम करदवां।  इनि हम बड़ा बड़ा डाळ कटण तै पाप नि समझदां पर घर का आस पास कचरा , खर पतवारुं  पौधा जमाण तै पुण्य  समजदवां।  मच्छरुं तै और चयेंद इन खर पतवारुं मध्य मा मच्छरुं तै आराम करणो भरपूर मौका मिल जांद।  उन भारत का हरेक प्रधान मंत्री हर पंदरा अगस्तौ दिन घोषणा करदन कि हम मच्छरों को भगाने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं।  पर मच्छर सरकारी कदमों से हमेशा द्वी कदम अगनै रौंदन।  सरकारी कदम कड़ा (कडकड़ो )  हूणो कारण उथगा तेजी से नि दौड़ सकदन जथगा तेजी से मच्छरुं कदम दौड़ लगांदन। कदमुं दौड़ मा हमेशा मच्छर ही जीतदन।  बिचारा सरकारी कदम !
            हाँ एक बढ़िया बात च  कि हम तै केवल जननी मच्छरी ही काटदी।  किलैकि जननी मच्छरी तै अपण अण्डों बान मनुष्यो प्रोटीन जि चयेंद। अब जनानी मच्छर काटो तो कुछ तो सुखलाभ हूंदी च।   इलै इ भारत मा फेमिनिस्ट ऐक्टिविस्ट मच्छर भगाओ आंदोलन तै स्पोर्ट नि करदन।  वीमेन राइट एक्टिविस्ट्स , फेमिनिस्ट ऐक्टिविस्ट का हिसाब से मच्छर भगाओ का मतलब हूंद नारी जाती तै भगावो। तो हम बि जनानी मच्छरुं तै नि भगौन्दा।
  बस एक हथियार हम हर समय प्रयोग करदां अर वु हथियार छन  हमर नंग।  जब बि मच्छर काटदन तो हम बार अपण शरीर तै कन्याणा रौंदा। 
 यद्यपि हिंदी फिलम वाळ बुल्दा बि छन कि एक मच्छर मनुष्य को हिजड़ा बना देता है पर हम हिंदी फिलम क्वी उपदेश लीणो बान थुका  दिखदाँ।  इनि जि हूंद तो भारत से भ्रष्टाचार कब का खतम नि ह्वे जांद ?



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Bhishma Kukreti

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Modern Garhwali Folk Songs, Poems

         
बक्कीबात
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रचना --       हरीश जुयाल इंटरनेट प्रस्तुति और व्याख्या - भीष्म कुकरेती

 
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पळौ कुकर कटणा छन , बक्कीबात ।
हरिबि हमतैं चटणा छन , बक्कीबात ।।

इच्छाधारी "छिपोड़्यामैन" हमरु गौं मा ।
नै - नै लगुली कटणा छन बक्कीबात ।।

कुकर काखड़ एक भद्वळिंद मुंड कुच्याकि ।
दगड़ि परळि चटणा छन बक्कीबात ।।

वैकु ब्वल्यां फर आंखा बूजिकि रट्वा त्वाता ।
रटयूं पाठ रटणा छन बक्कीबात ।।

बिजांद -बिजांद सियां छन सि फस्सोरिकि ।
सि , दिन अपुडा़ कटणा छन बक्कीबात ।।

हम हुयां रौ यूंखुणै बावन पत्ता ।
फटणा, कटणा, बंटणा छन बक्कीबात ।।

घटण लगींच उमर, औकात मेल - जोल ।
आदिम तलक घटणा छन बक्कीबात ।।

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                    बुड्यों पर बि लोग हंसद छन

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                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती   
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                       ब्याळि मि अपण ऑफिसक समिण रस्ता मा खड़ो ह्वेक  सिगरेट पीणु ना फुकणु छौ कि कोटक महेन्द्रा का सेल्समैन न मि पकड़ द्यों अर सीधा बुलण बैठ - अंकल हमर कम्पनी वळुन रिटायर्ड लोगुं कुण भौत  निकाळि च।
मि तै बुरु गे।  मीन गुस्सा मा  पूछ - हूँ द हेल टोल्ड दैट आई एम रिटायर्ड ?
वु अपण सि मुख लेकि  हौर रिटायर लोगुं खोज मा अगनै  बढ़ गे।
                            ऑफिस औं त  ऑफिसक एक नौनिन पूछ दे बल - कुकरेती जी आप खोसला साब से कथगा साल बड़ा ह्वेला ? मतलब मि खोसला साब से कथगा बुड्या छौं।
मीन अपण ड्राइविंग लाइसेंस दिखान्द ब्वाल बल - खोसला मै से तीन साल बडु च।  कै तै  बि विश्वास किलै हूण छौ।  खोसला का सबि बाळ अबि तक बच्यां अर म्यार कपाळ अर मुंड मा क्वी अंतर , फरक इ नी च। मि तैं पता च सब मन इ मन मा हंसणा रै होला बल बुडेन्द दैं बि बुड्या सच नी बुलणु च।
 जिऔफ टिब्बाल्सन बूड्यों विषय पर भौत सि हंसुड़ी (हंसिकाएं ) कट्ठा /संकलित करिन।
एक पेज मा जिऔफन  बच्चा अर बुड्या मध्य अंतर इन बतै -
4 साल की उमर मा -------अपण रुझीं पैंटक तरफ नि झांकण ------------ सफलता च।
12 साल की उमर मा----------------- दोस्त मिलण  --------------------- ----सफलता च।
 17  साल की उमर मा   -------------- ड्राइविंग लाइसेंस मिलण ----------------सफलता च।
  20 साल की उमर मा   --------------  श्रृंगार रस प्राप्ति  ----------------------सफलता च। जिऔफ तैं इन्द्राणी मुखर्जी बारा मा पता नि छौ।
35 साल की उमर मा   --------------धन हूण ---------------सफलता च।
50 साल की उमर मा   --------------धन हूण ----------------सफलता च।
65 साल की उमर मा   --------------  श्रृंगार रस प्राप्ति -----------------------सफलता च। जिऔफ तैं नारायण दत्त तिवाड़ी बारा मा पता नि छौ।
70 साल की उमर मा   -------------- ड्राइविंग लाइसेंस मिलण ---------------सफलता च।
75 साल की उमर मा----------------- दोस्त मिलण   --------------------- --सफलता च।
80 साल की उमर मा -------अपण रुझीं पैंटक तरफ नि झांकण ------------ सफलता च।
अर जवान छोरी अर जवान छ्वारा मथ्याक बुड्यों मुतालिक हास्य पर हंसणा होला।  आप बि हंसणा छंवां ना ? हैं कि ना ? पर जवानो सूणो - गढ़वळि मा एक मिसल च बल हमन तुमम नि आण तुमन हमम आण याने हम बुड्योंन त जवान हूण नी च तुमन बुड्या अवश्य हूण तो  बुड्यों की हंसी किलै उड़ाणा छंवां ?



  3/9  /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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                           घुण्डुं अभ्यास  याने नी एक्सरसाइज


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                         दरदील्या दास्तान -   भीष्म कुकरेती   
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                            मि गैर हिन्दुस्तानी  , यूरोपियनअ  तरां इ ना बल्कण मा पाकिस्तानी आतंकवाद्यूं तरां समय से पैल पौंछि ग्यों।  म्यार अप्वाइंटमेंट छौ ठीक आठ बजिक अर मि समय से पैल साढ़े सात  बजे पौंछ ग्यों।  याने आधा घंटा पैल अर आदतन भारतीय रिवाज से यदि म्यार अप्वाइंटमेंट आठ बजेक हो तो म्यार नंबर साढ़े आठ , नौ बजे से पैल ऐई नि सकद।  तो मि तै डेढ़ घंटा सुदि बैठण पोड।  जवानी का दिनुं मा डेढ़ घंटा प्रतीक्षा कुछ नि हूंद छौ  , अपण गर्ल फ्रेंड की प्रतीक्षा करणो ढब पड़्यूं रावो तो द्वी घंटा की प्रतीक्षा कुछ बि नि लगद। यदि गर्ल फ्रेंड की प्रतीक्षा का ढब नी बि हो तो जवानी मा डे ड्रीमिंग से कथगा इ घंटा उनि तनि सरलता से कट जांदन।  जन जब मि जवान छौ अर राजीव गांधी बि जवान छौ तो जब मीतै प्रतीक्षा करण हो तो मि इंदिरा गांधी का नारा 'गरीबी हटावो ' से प्रेरित ह्वेक मि इम्प्ल्वायमेंट  एक्सचेंज की नाखतम हूण वळि लाइन मा सुपिन देखि सकुद छौ कि हरेक भारतीय गरीबम द्वी कमरा छन अर खाणो खाणा कुण एक महीना की राशन दबलुन्द पड़ीं च।  जवानी मा मनिख कल्पनावादी हूंद।  पर अब बुढ़ापा ऐ गे तो मि उत्तर वास्तविकतावादी ह्वे ग्यों।  अब सुपिन आंद इ नि छन तो थोड़ा सि प्रतीक्षा बि घुणदो तरां बड़ी कष्टदायी हूंद। डेढ़ घंटा की प्रतीक्षा अर फिर घुण्डुं   पर घोर डाउ।
                खैर प्रतीक्षा खतम ह्वे अर मि तै एक अपडुडेट रिसेप्स्निस्ट भीतर फीजिकल थिरैपी थियटर ली गे।  फिजीकल थिरैपी थियटर वास्तव मा आधुनिक जिमखाना छौ।  भितर द्वी तरां का मनुष्य छया। एक वर्ग तरो ताजा मॉडर्न अपटूडेट युवक -युवतियां  जु वास्तव मा फीजोथिरेपिस्ट छया। सुबेर सुबेर की महक भरी , ताज़ी , रि  हवा छया इ। अर दुसर वर्ग छौ , हड्डी का  रोगी म्यार तरां खंडहर।
   पिछला एक महीना से मीन अपण घुण्डुं बीस प्रकार से बि अधिक चेकिंग , टेस्टिंग , अल्ट्रा चेकिंग कराइ तब डाक्टरन निर्णय ले कि  मि तै ना म्यार घुण्डुं तैं क्या चयेणु च। इक थिरैपी थियेटर मा बकै बीमार अभ्यास करणा छया अर हरेक या तो एक्सरसाइज करद करद कणाणु  छौ , किराणु छौ या किरणों आवाज रुकणु छौ /छई।
     एक जवान नारी थिरपिस्टन म्यार मेडिकल चार्ट देखिक ब्वाल ,' ओ आप तै वार्म आप एक्सरसाइज करण "
मि -वार्म आप एक्सरसाइज ?
थैरेपिस्टन अस्वस्त  कार - डरणै बात नी च।  आप यीं एक्सरसाइज तै लगातार दस घंटा बि कर सकदां।
मि -दस घंटा?
   नारी थैरेपिस्ट- घबराणै जरूरत नी च।  बाइसाइक्लिंग प्रैक्टिस च ।  चूँकि आपक फीस सिरफ एक घंटा प्रतिदिन च तो आप जावो अर समिण की साइकल मा बैठिक दस मिनट प्रैक्टिस कारो। मि साइकल मा चौड़ अर दस मिनट की प्रैक्टिस क्या कौर कि मि तै लग कि मि  दस साल से साइकल चलाणु छौं।  म्यार घुण्डक दर्द तो गायब ह्वे गे किन्तु शरीर का हरेक अंग दर्द क भंवर मा फँस्युं छौ।  थिरेपिस्ट्याणि का कोमल हाथुं , गरम गरम सांसुं अर प्रिय बचनों मदद से   मि सायकल से उतर। थिरेपिस्ट्याणिन एक हवा भर्युं गोळ सि चीज मा पांच मिनट सुस्ताणो आदेश दे।  पांच मिनट बाद शरीर का दर्द तो गायब ह्वे गे छौ पर घुंडौ डाउ फिर शुरू ह्वे गे छौ।
 फिर वीन मि तै एक जगा मा पड़ाळ अर कुछ एक्सरसाइज करणो ब्वाल।  वा अपण टैबलेट मा म्यार प्रोफाइल देखिक मि तै हिदायत दीणी छे अर मि एक्सरसाइज करणु छौ।  घुण्ड मोड़ो , खुट अळग कारो , एड़ी हलायां बगैर खुटुं अंगुळी हलावो , कमर उठाओ पर मुंड अर खुट नि उठाओ अर पता नि क्या क्या। अर दर्द से म्यार इन कुहाल छौ कि शरीर तो थिरैपी थियेटर मा छौ पर म्यार मन संज्ञा शून्य हुयूं छौ।
अब हैंकि थिरेपिस्ट्याणि ऐ गे छे।  वींन मी तै खड़ो हूणों ब्वाल अर कुछ एक्सरसाइज करैन।  यदि मि जवान हूंद छौ तो मीन एक्सरसाइज करण छोड़िक इक बिटेन भाजी जाण छौ।  पर म्यार घुण्ड की बुरी हालत छे तो मि भगण त राइ दूर ठसक बि नि सकुद छौ।
 फिर एक मेल थिरैपिस्ट मि तैं भारोत्तोलन थियटर मा (धीरे धीरे ) लीग।  उख तराजू अर बाटूँ खेल से मीन एक्सरसाइज कार।  कबि बजट अळग जावो तो म्यार खुट गद्दा मा रावो , कबि बाट गद्दा का सीद मा रावो तो म्यार खुट भौत अळग़ अर कबि बाट अर खुट एकी समांतर सीड मा। उफ़ !   दर्द ? संसार मा अबि तलक इन भाषा बण  इ नी च कि मि अपण ये दर्द की वास्तविक अभिव्यक्ति कौर सौकु।
 अब नई थिरेपिस्ट्याणि मि तै एक दुसर कमरा मा लीग अर उख म्यार घुण्डुंका गरम शेक करे गे।  फिर उखि वींन कनफणी सि एक्सरसाइज कराइ।
फिर मि एक हैंक कमरा मा औं अर उख म्यार घुण्डुं पर आइस ट्रीटमेंट ह्वे।  आइस याने बरफ।  बरफ बचपन मा , युवापन मा  या फिल्मों मा इ अच्छो लगड़।  जब घुण्डुंमा दर्द हो तो बरफ बि भट्टी लगद।  दस मिनट का आइस ट्रीटमेंट वास्तव मा मि तै ह्यल्ल ट्रीटमेंट याने नरक का अभ्यास लग।
 अब अंत मा एस्कोर्टिंग नर्स आई वींन ब्वाल - सर अब आप एक हफ्ता बाद शुक्रबारो कुण एइ समय पर आवो।  हमन आपक ईमेल से घौरौकुण एक्सरसाइज करणो चित्र सहित इन्सट्रक्सन भेजी ऐन।  अंग्रेजी अर तमिल द्वी भाषा मा इन्सट्रक्सन भेजी आलिन।
मीन पूछ - तमिल मा इन्सट्रक्सन ?
एस्कोर्टिंग नर्स - आप कुकरेती छन ना ?
मि -हाँ।
नर्स - तो पार्थसारती , सत्यमूर्ति , मूर्ति जन कुकरेती बि साऊथ इंडियन   ?
मि -जी मि साऊथ इंडियन नि छौं  . हिंदी स्पीकिंग छौं।
नर्स - ठीक च हिंदी मा बि इन्सट्रक्सन भेजी द्योला।
फिर मि तै द्वी मरद एस्कोर्टर मेरी कार मा छोड़िक ऐन।  अर मि घौर औं।
अबि बि मि कुछ हौर लिखण चाणु छौ पर म्यार सुबेरौ एक्सर्साइजौ  समय ह्वे गे।
उन म्यार  डाक्टरन ब्वाल बल यदि मि जिंदगी मा हर दिन दस मिनट एक्सरसाइज करणु रौंदु तो मि तै बुढ़ापा मा एक्सरसाइज करणै जरूरत इ नि पड़न छे।  पर अब त चणा बेसण बण गे अर बेसण दुबर चणा नि बणद।   

 



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