Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 359695 times)

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1

                                                कुछ विचित्र उपमा अलंकार
                                                 गढ़वाळि हास्य -व्यंग्यकोष -भाग -  35     

                               Garhwali Humorous and Satirical Dictionary part - 35


                                     खुज्याण , छिंडन, छँटण, बिंवन,  उकरण   ::: भीष्म कुकरेती

१- वैक  भारी,  फटीं, असली हौंस  इन छे जन क्वी कुत्ता तब ब खांसदु जब ब वु मर्च्यण्या मटन खै जावो
२-  ढांढ इन पड़ना छा जन बुल्यां क्वी मुंगरी गर्म कड़ै मा तड़कणा होवन
३- व्यवहारिक समझ गन्धनाशक दवै तरां च जै तै जादा जरूरत हूंदी वु  वांक प्रयोग नि करद
४- जब बच्चा ड्यारम ह्वावन तो साफ़ सफै करण इनि च जन मथि बिटेन ल्वाड़ / रयाड़  पड़ना ह्वावन अर तुम  तौळ सड़क खत्याणा ह्वावो
५-  गंजा हूण झूट जन हूंद , जथगा बड़ो हूंद  तथगा इ छुपाण कठण हूंद
६- विश्वासहीन संबंध बगैर सिमकार्ड का  मोबाइल जन हूंद जैपर तुम केवल मोबाइल गेम खेल सकदां
७- मीन अपण घरवळि मा ब्वाल - पति शराब का तरां हूंद जथगा पुरण हो तथगा ही बढ़िया। दुसर दिन घरवळि मि तै बिचणो दारु अड्डा गे
८- म्यार बॉस बच्चा जन च हर अधा घंटा बाद चिल्लाण शुरू कौर दींदु
९- जब क्वी कै तै पसंद नि करदु तो या तो वु एक दुसर से वाफिक नि च या भौत इ अधिक वाफिक च
१०- जिंदगी साइकल चलाण जन च अर जैक बैलेंस रखणो बान हर समय चलण चयेंद। 
 
16 /6 /2016  @ Bhishma Kukreti , Mumbai, India

Garhwali Satire  Dictionary, Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in village Jaspur ; Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in Dhangu Patti ; Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in Dwarikhal Block ; Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in Gangasalan Pargana ; Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in Lainsdowne Tehsil ; Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in Pauri Garhwal ; Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in Uttarakhand; Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in Central Himalaya ;Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in  North India;Garhwali Satire  Dictionary collected and edited by born in South Asia ; Garhwali Satire Dictionary; Garhwali send-up lexicon; Garhwali spoof vocabulary; Garhwali lampoon glossary; Garhwali Satire phrase book; word list; Garhwali Humor, Satire thesaurus;   

                                      स्वच्छ भारत ! स्वच्छ भारत ! बुद्धिमान भारत !     



Thanking You .
Jaspur Ka Kukreti

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1


Best  Harmless Garhwali Literature Humor , Jokes  ;  Garhwali Literature Comedy Skits  , Jokes  ; Garhwali Literature  Satire , Jokes ;  Garhwali Wit Literature  , Jokes  ;  Garhwali Sarcasm Literature , Jokes  ;  Garhwali Skits Literature  , Jokes  ;  Garhwali Vyangya   , Jokes   ;  Garhwali Hasya , Jokes   ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स


              चोली के पीछे क्या है ? चोली के नीचे क्या है ? हस्तक्षेप के पीछे कौन है ?
                                      चबोड़ , चखन्यौ , चचराट :::   भीष्म कुकरेती   
-

                           परसि मीन गां मा गांवक भितर जांद रस्ता याने प्रवेश  द्वार पर   मा सफै की बात कर दे। अर उपगांव , मुख्य गाँव व निकटवर्ती गांवुं मा भ्यूंचळ , बबंडर  , औडळ -बीडळ  ऐ गे।  सरा क्षेत्र मा उठापोड़ि मचि गे। ग्राम  प्रवेश द्वारम बच्चा तो बच्चा बैंक बि ब्यणस्यरिकम , अन्ध्यर मा झाड़ा बैठदन अर सुबेर सुबेर सरा  रस्ता मा गंध ही  गंध।  पैल तो क्या छौ बल सब्युंक गोर    छ्या , कुछुंक ढिबर बि छया।  कुछ गोर गुखवा हूंद छा  अर ढिबर त गूखवा हूंदी छन। पैल त  लोग अर गोर पतेड़ि  पतेड़िक अर बकै गूखवा गोर -बछर -ढिबर   साफ़ सफै कर दींद छा तो शदियों से ग्राम प्रवेश  द्वार मा सफैकि समस्या पैदा इ नि ह्वे।  फिर जयराम रमेश अर नरेंद्र मोदी बि नि छया  कि हम तै क्वी बताओ कि पैल शौचालय फिर देवालय।  तो शदियों से एक गन्दी परम्परा का निर्वाह निरंतर चलणि रै।  अर हम गाँव वाळु तै कबि बि गर्व , गुमान क्या घमंड बि नि ह्वे कि हम अपणी परम्परा निर्वाहन मा सतत प्रयत्नशील छंवां।
                     अब चूँकि गोर त रै नि गेन  जु सफै कारन तो गांवक प्रवेश द्वार पर फूलूं जगा मलमूत्र का ढेर लग्युं रौंद।  मीन गाँव वळु तै सलाह दे बल चलो जरा गू फिड़े जाव अर   स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान उत्तराखंड !  की तर्ज पर स्मार्ट विलेज कि तरफ बढ़े जाव। 
         मेरी बात क्वी क्रांतिकारी बात त छे ना कि गाँव वळ उद्देलित ह्वे जावन।  मेरी बात मा जेएनयू जन भारत विरोधी बात बि नि छै कि क्षेत्र मा  भ्यूंचळ , बबंडर  , औडळ -बीडळ  ऐ जावो।  पर द्वी घंटा  का अंदर अंदर म्यार चौक मा सरा क्षेत्र का सयाणा कट्ठा ह्वे गेन।
हरीश कोशियारीन पूछ - यू सफाई को विचार आइ किलै च ?
मि - सफाई को विचार आणम ले क्या च ? ऐ गे।   सफाई जरुरी च कि ना ?
हरीश कोशियारी - सफाई छोड़।  पैल बता कि यीं सफाई का पैंथर क्वा च ?
मि - अरे सफाई  पैंथर क्वा च क्या अर्थ ?
हरीश कोशियारी -- नहीं कोई ना कोई तो हैं।  बता सफाई के पीछे कौन है?  जब तक तू नाम नि बतैल तू चौक से भैर बि नि ऐ सकदी।
मि -ह्यां पर सफाई का पैंथर क्वी बि ह्वावो वां से क्या फरक पड़दो।  सफाई महत्वपूर्ण च।
रमेश नौटियाल - अजी कन फरक नि पडदु।  जब तक तू नाम नि बतैल तब तक सफाई तो दूर तू सफाई का बारा मा सोचि बि नि सकदी।  बता तेरे पीछे कौन है ?
मि - मेरी मनशा तो गू सफाई की च त  ...
काशी पंवार - अजी मनशा को धोळो गुदनड़।  मतलब सफाई को मारो गोली।  पैले ये बथावो बल इस मनशा के पीछे क्या है ? कौन है ? क्यों है ?   
मि - काशी दा सफाई का पीछे सफाई ही च बस।  सफाई गांवकुण महत्वपूर्ण च।  तो सफाई हूण चयेंद कि ना ?
भुवन चन्द्र टमटा - कुछ बि चीज महत्वपूर्ण नी हूंद जी सब बकबास च। जब तक तुम सफाई  पीछे कौन है नि बतैल्या तब तक ये गांवमा बिजली बि नि ऐ सकदी।
मि - ह्यां पर सफाई को उद्येस्य साफ़ च बल सफाई याने स्वस्थ गाँव।
सुरेश उपाध्याय,  विजय भट्ट , एक साथ - जब तक तुम यह नहीं बथावोगे कि सफाई के पीछे कौन है तब तक सफाई क्या , गू का एक टींडा भी गाँव से नहीं हटेगा।
सरा गाँव एकसाथ - जब तक तुम यह नहीं बथावोगे कि सफाई के पीछे कौन है तब तक सफाई क्या , गू का एक टींडा भी गाँव से नहीं हटेगा।
मि -अरे पर मेरी मनशा ही सफाई का पैंथर च।
 इंदिरा  बब्बर - अवश्य ही क्वी नॉनसेक्युलर पावर एक पैंथर च।  हम सफाई नहीं होने देंगे , हम सफाई नहीं होने देंगे।
सरा गाँव - बिलकुल नहीं होने देंगे ,
कुछ - पीछे कौन है ? पीछे कौन है ?बतयां बगैर कुछ नि ह्वे सकुद।
चूँकि म्यार पैंथर क्वी नि छौ , केवल मेरी साफ़ , पवित्र मनशा छे तो मि बतै नि साकु कि म्यार पैंथर क्वा च अर गाँव वळ बगैर नाम जण्या सफै करणो तयार नि छया तो मि अपण सि मुख लेक वापस ऐ ग्यों।

16/6/2016 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।


 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwal
i Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes 
गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली  हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स , उत्तराखंडी जोक्स , गढ़वाली हास्य मुहावरे

      स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान उत्तराखंड ! 


Thanking You .
Jaspur Ka Kukreti

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1


Best  Harmless Garhwali Literature Humor  , Personnel Management ;   Garhwali Literature Comedy Skits  Personnel Management  ;   Garhwali Literature  Satire  ; Garhwali Wit Literature  Personnel Management  ;  Garhwali Sarcasm Literature  Personnel Management   ;      Garhwali Skits Literature Personnel Management   ;   Garhwali Vyangya  , Garhwali Hasya



                                 अाप यूँ मैनेजरों मादे कथगा मैनेजरों तै  जाणदा ?   

                                    जु मैनेजमेंट कॉलेजुं मा नि सिखाये जांद -16
                     
                  चबोड़ इ चबोड़ मा  मैनेजमेंट स्टाइलुं पर छींटा कसी  :::   भीष्म कुकरेती
-
             मीन मैनेजमेंट किताबु मा  मनेजरुं  शैली अादि पर भौत कुछ पौड़ पर असलियत कुछ हौर इ च।  मीन जु द्याख स्यु अलग इ च।  म्यार हिसाब से मैनेजरुं स्टाइल इन हूंद।

                            अनुचरुं से तेज चलण   वळ मैनेजर
  इ मैनैजर लॉबी मा हमेशा अनुचर से दस कदम अग्वाड़ी रौंद अर एक तकियाकलामी शब्द हूँद - हम तै बात करण पोडली। जीबी अनुचर बात करणो बान थुंथुर उठांद तब अधिपुरुष याने बौसक  हर्चंत ह्वे जांद।

                         खिड़की प्रेमी  मैनैजर
   
     यी अधिपुरुष कबि बि अनुचर से अांख मिलैक बात नि  करदु   एकि नगर हमेशा खिड़की से भैर  हूंदी अर अनुचर का तरफ पीठ हूंदी अर पैंटक खीसाउंद हाथ ।  अनुचर जब बि  बात करदु  तब बि एकि नजर खिड़की तरफ ही हूंदी।

                        पैड प्रेमी मैनैजर           

   तुम इन मैनैजर का साथ कुछ बि बात कारो इख तलक कि गप्प ही किलै नि मारो  यि सीधा  पैड मा  लिखण  लग जांदन।

                  बिल्कुल अज्ञानी

 इन मैनैजरुं तै कुछ नि अांद अर अनुचरु से बात कौरिक , खूब  टटोळइक , समजिक फीर बाद मा मैनैजमेंट जारगन भाषा मा याने लछेदार भाषा मा अनुचर तै सिखाण -अड़ाण  लग जांदन।

                   सूचना दबाण या छुपाण   वाळ

इन मैनेजरुं अादत हूंद कि हरेक सूचना तैं अपण छाती  पर लगैक रखणम अपण खूबी समजदन

                       अधिपति याने बौस भक्त

 इन प्रबंधक  जु बौस ब्वालल उनी करदन। 

              अधिपती से एक कदम  पैथर
हर वक्त अधिपति से एक कदम  पैथर चलणमा इ यी अपण सद्गति   समजदन 

   
                 अनुचरुं से वादाखिलाफी का अभ्यस्त 

यूँ तैं वादाखिलाफी से कबि बि परेज नि हूंद या वादा बिसरण यूंकि अादत हूंदी।

     भयंकर कठिन अंग्रेजी शब्द प्रेमी

कठिन से कठिन अंग्रेजी शब्द बोलिक यी अनुचर अर अधिपति दुयुं पर अधिपत्य जमाणो कोशिस मा लग्यां रौंदन।
                     नाक मा गुस्सा

 अनुचरुं समिण    यूंक नाक मा गुस्सा रौंद अर अधिपति समिण यूंकि नाक अधिपति का चरणो तक लंबी ह्वे जांद।

बकै अाप बथाओ !
17/6/16 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language on Management ;  Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature on Management ;   Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language Literature  on Management ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature on Management ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature  on Management ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature  on Management ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature    on Management ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  on Management ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature   ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature  on Management ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   on Management ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal  on Management ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  on Management ; Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  on Management ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal  ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar  on Management ;
Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,  Garhwali skits; Garhwali short skits, Garhwali Comedy Skits, Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits   
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!

Thanking You .
Jaspur Ka Kukreti

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1



Best  Harmless Garhwali Literature Humor , Jokes  ;  Garhwali Literature Comedy Skits  , Jokes  ; Garhwali Literature  Satire , Jokes ;  Garhwali Wit Literature  , Jokes  ;  Garhwali Sarcasm Literature , Jokes  ;  Garhwali Skits Literature  , Jokes  ;  Garhwali Vyangya   , Jokes   ;  Garhwali Hasya , Jokes   ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स


                       रुक जा ! रुक जा ! ना ना ! मैं तो राही उस मंजिल का
                                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट :::   भीष्म कुकरेती   

- नै नै
- अरे क्या ह्वे गे  , चल्दू च
- ह्यां न  ह्वां , न ह्वां , बिल्कुल ना।
- ऊँ , क्या ह्वे गे
-पर ब्याळक याद च ?
-हाँ पर जल्दी निपटै द्योलु ना
- निपटाणै बात नी च। 
- घौरम कै तै पता नि चौलल
-ह्यां पता चलणो बात नी च
- क्या ह्वे गे।  थुड़ा सि त
-पर ब्याळि तीन कसम ले छौ
-कसम !  मि  त बौसक समिण रोज  कसम खांदु कि टैम पर काम निपटै द्योलु।
-या कसम अर बौसाक समिण खईं कसम मा अंतर च। 
- फल तुड़णा  कुण लगदन , रिकॉर्ड टुटणा   कुण बणदन अर कसम तुड़णा कुण खये जांदन।
-हां पर ब्याळि त वींक समिण कसम खाई। अपण घरवळि समिण खईं कसम ?
-चल्दू च।
-पर अफिक अफु से बि त कसम खै छौ।
- आज फिर सच्चिक कसम खै द्योलु।
-अरे ठीक नी च।  रुक जा
-पर  ..
-रुक जा हाँ , घौरम बड़ो हंगामा ह्वे जाल हाँ।
-नै रै मि तै विश्वास च आज नि ह्वालु।
- बच्चा बड़ ह्वे गेन।  उंक त खयाल।
- बस आज इ थुड़ा सि  अर आज का बाद माँ कसम फिर कबि ना।
- ब्वेक कसम खांद अर  ..
- सच्ची आज का बाद ना।
- ह्यां पर
- अरे स्यु सद्गुरु बार ऐंड रेस्टोरेंट ऐ गे।  पता नी आठ बजदन अर म्यार खुट अफिक बारक तरफ आण मिसे जांदन जन  गोरुक खुट अपण छन्नी तरफ  अफिक चलदन।
- नि जा , नि जा , तीन दारु  पेकि ड्यार जाण अर घौरम हो हल्ला ह्वे जाण।
- तो ठीक च।  मि बारा बजी बाद इ घौर जौल।  एक क्वाटर की जगा आज द्वी क्वाटर ह्वे जाल और क्या  पर घौरम शांति तो रैली तब। 


/6/2016 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।


 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwal
i Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes 
गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली  हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स , उत्तराखंडी जोक्स , गढ़वाली हास्य मुहावरे

      स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान उत्तराखंड ! 

--


Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1



Best  Harmless Garhwali Literature Humor , Jokes Father's day  ;  Garhwali Literature Comedy Skits  , Jokes Father's day ; Garhwali Literature  Satire , Jokes ;  Garhwali Wit Literature  , Jokes Father's day ;  Garhwali Sarcasm Literature , Jokes Father's day ;  Garhwali Skits Literature  , Jokes Father's day ;  Garhwali Vyangya   , Jokes  Father's day ;  Garhwali Hasya , Jokes Father's day  ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स


                                 ज्यूँद मा भूकन मारी -तिरैं बरखिम  जीमण भारी (फादर्स डे स्पेसियल )
                                                         चबोड़ , चखन्यौ , चचराट :::   भीष्म कुकरेती   

                  स्वतंत्रता से पैलाक भारतमा श्राद्ध समय याने फादर्स -मदर्स डेज।  अब भारत मा अलग से फादर्स -मदर्स डे मनाणो प्रचलन ,, संस्कृति माने फैशन  अति प्रसिद्ध ह्वे गे।  ब्वे -बाबुकुण त ना पर भारतवास्युं कुण कुछ बि बहाना से पार्टी -सार्टी करणो , लेख लिखणो या भाषण भीषण करणो मौका  अवश्य ऐगेन।
          अचकाल फेसबुक,  व्हट्सअप , लिंकदिन  सरीखा सोसल मीडिआ मा तो फादर्स -मदर्स डेज का दिन ब्वे -बाबुं की इन पूजा हूंद कि भौत सा स्वर्गवासी ब्वै -बाब भगवान से प्रार्थना करदन कि हम तै वापस भ्याजो - हमर नौन्याळ हमारी कथगा रिस्पेक्ट करणा छन अर हम इख स्वर्ग मा उदासीनता की रुटि खाणा छंवां जब कि बच्चा हम तै केक पेस्ट्री खलाणो तयार बैठ्याँ छन।
      जी हाँ  स्वर्गवासी माता -पिता  फादर्स -मदर्स डेज का दिनों पृथ्वीलोक का ब्वै -बाबुँ से ईर्ष्या करणा रौंदन अर बुल्दन - काश हमर टैम पर बि  फादर्स -मदर्स डेज हुँदा तो हम बि अपण बच्चों की अंग्रेजी ढंगै  पूजा पांदा। सोरग हो , नरक हो या पृथ्वीलोक हो ईर्ष्या , जलन अर आत्मा कबि नि मरदी।
  खैर मी बि पोलिटिकल पार्ट्यूं प्रवक्ता ह्वे ग्यों।  पूछे जांद कि भारतमा  इथगा ग्युं ह्वे गे त क्या करण तो प्रवक्ता को जबाब हूंद हम पाकिस्तान को छटी का दूध याद दिला देंगे।  छ्वीं छे "ज्यूँद मा भूकन मारी -तिरैं बरखिम  जीमण भारी (फादर्स डे स्पेसियल )" अर मि ईर्ष्या पर लिखण लग ग्यों।  जादा टीवी समाचार दिखणो यू इ नुकसान हूंद।
         तो पर्सी फादर्स डे छौ अर मि एक हफ्ता से पैल अर एक हफ्ता पैंथर तक फार्ड्स डे का वजै से व्यस्त ह्वे जांद ।   हरेक मित्र अपण फादर त ना किन्तु म्यार दगुड़ पसंद जि करदो।
          फादर्स डे से पैलाकि राति कुण म्यार पांच दगड्योंन एक फादर्स डे की बड़ी ग्रैंड पार्टी एक बड़ो थ्री स्टार  होटलम धरीं छे।  सब्युंक फादर्स स्टेज मा बैठाळे गेन अर फिर डीजे , भयंकर म्यूजिक का बीच फादरुं सम्मान मा केक काटे गे। दारु -सारु तो आम बात छे तो दारु का गदन बि बौंगेन।  फिर कुछ देर बाद  याने द्वी घंटा बाद फादरुं तैं ऊंक ओल्ड एज हॉउस भिजे गे अर पार्टी सुबेर तीन बजे तक चलणि राइ।  फादर्स बि हैप्पी छया  कि फादर्स डे का बहाना से ही सही नाती -पूतों की सकल तो द्याख अर पूत बि हैप्पी छ्या कि फादर तै सम्मान देक अपण स्वर्ग का रस्ता तो साफ ह्वे इ गे होलु। 
   पर्सी मीन  एक मित्र  का  फेसबुक पर  फादर्स डे संबंधित  चालीस पोस्ट देखिन  अर हरेक पोस्ट तैं Like करण लाजमी छौ।  फेसबुक का सदस्य समजणा छया कि गढ़वाल मा यू ही एक मात्र श्रवण कुमार च।   पर असलियत या च कि ब्वे बाब श्रवण कुमारौ  दगड़ नि रौंदन बलकणम अपण बेटीक इख रौंदन। अब ऑफ लाइन ही नहीं ऑन लाइन बि ढकोसला बाजिका माध्यम बण गे।   
            जन कि फादर्स डे का चार  दिन पैंथर  एक मित्रन संडे कुण इ फादर्स डे की पार्टी दीण ।  फादर्स डे का दिन मित्रकी मदर इन लौ का बर्थ डे छौ तो मित्र तै फादर तै पैंथर ढकेलण इ पड़णु च बिचारो मित्र !
   अच्काल फादर्स डे -मदर्स डे मा इनी ढकोसला चलणु च जन पैल जिंदा मा ब्वै बाबु तैं भरपेट खाणो नि दीण किन्तु तिरैं -बरखी कुण सरा अडगैं (क्षेत्र ) तै भोज खलांद छा । कति त ब्वे तै पीटदा बि छन अर बरखी ही ना अपितु दैलु -फैलु से सप्ताह उर्यांदन । 
           एक आधुनिक श्रवण कुमार च जब तक ब्यौ नि ह्वे छौ तब तलक वेको झगड़ा अपण भाई -भौजुं दगड़ ई राइ कि तुम माता -पिता की सेवा नि करणा छंवां , सेवा नि करणा छंवां।  पर जनि ब्यौ ह्वाइ ब्वे बाब त छवाड़ा मन्योडर  तैं मारो गोली , वै आधुनिक श्रवण कुमारन गांव आण इ बंद कर दे। अर  अब श्राद्ध करणो गया तो क्या नाशिक त्र्यंबकेश्वर बि गे। 
 
                        आप कथगा ढकोसलाबाज श्रवण कुमारुं तै जाणदा ?
 

 

21 /6/2016 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।


 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwal
i Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes 
गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली  हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स , उत्तराखंडी जोक्स , गढ़वाली हास्य मुहावरे

      स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , धनी  उत्तराखंड ! 
 
 
 

 Be the Sales Warrior !


Regards

Bhishma  Kukreti

The Sales Warfare Expert


Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1


Best  Harmless Garhwali Literature Humor , Jokes , Yoga ;  Garhwali Literature Comedy Skits  , Jokes  ; Garhwali Literature  Satire , Jokes , Yoga;  , YogaGarhwali Wit Literature  , Jokes , Yoga ;  Garhwali Sarcasm Literature , Jokes , Yoga ;  Garhwali Skits Literature  , Jokes  ;  Garhwali Vyangya   , Jokes , Yoga  ;  Garhwali Hasya , Jokes , Yoga  ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स, Yoga


                                                 यूं निर्भाग्यूंन योग तैं भाजपा से जोड़ि दे बल ! 


                                                 चबोड़ , चखन्यौ , चचराट :::   भीष्म कुकरेती   



 पर्सी योग दिवस छौ।  पर्सी योग दिवस सरा दुन्या मा मनाये गे बस भारत मा धर्मनिरपेक्ष सम्राट, सेक्युलर राजा अर  पाकिस्तान्युंन योग नि मनै।
         चलो पाकिस्तान योग नि मनाओ तो मानि सकदा कि पाकिस्तान की अपणी मजबूरी च।  बिचारो पाकिस्तान ! जु हिन्दुस्तान का इतिहास तैं इ नि मानि सकुद वु बिचारो योग मनाओ तो कनकैक मनाओ ? पर भारत का प्रेजेंट सेक्युलर ऐम्परर नीतीश कुमार अर वर्तमान धर्मनिरपेक्ष सम्राट लालू यादव अर भावी धर्मनिरपेक्ष सम्राट कजीरवाल की योग नि मनाणो क्या मजबूरी रै होली भै ?
         यदि भाजपा पर भारतीय संस्कृति पर अधिकार करणो अभियोग लगद तो यो बि सै च कि इ बेशरम , बिलंच , बदखोर  सेक्युलर भारतीय संस्कृति तैं केवल हिन्दुओं तै जोड़िक भारत का साथ नाइंसाफी करणा छन।
 यूं कमअक्ली , कौमनष्टि  सेक्युलरुंन पैल सीता -राम  तै भाजपा की पाळी मा धकेल अर अब इ   बदतमीज , बदमिजाज , बददियानती धर्मनिरपेक्ष योग जन विशुद्ध धर्मनिरपेक्ष क्रिया तै भाजपा की कुखली जोग करणो  पुठ्या  जोर लगाणा छन।
   यू बेगैरत सेक्युलरुं तैं क्वी पूछो त सै योग छ  क्या च कि जु योग गैर इस्लामी बुले जावो या गैर क्रिस्तानी बुले जाव ?
   अब भोळ नरेंद्र मोदी अपण अकल  से , कौंळ से  आयुर्वेद तै पुनर्प्रसिद्ध , पुंनर्स्थापित कर द्यालो तो यूं पोंगा सेक्युलरुंन आयुर्वेद तै हिन्दू धर्म कु कर्मकांड प्रसिद्ध करिक आयुर्वेद तै गैर इस्लामी  अर गैर क्रिस्तानी सिद्ध कर दीण। 
    मीन पतंजलि क योग सूत्र कथगा दैं पौढ़।  असल मा मीन पतञ्जली योग सूत्र योग सिखणो नि पौढ़ अपितु मार्केटिंग का लेख लिखणो पौढ़ अर योगसूत्रों का आधार पर मीन एक ब्रैंडिगै  किताब बि लेखी अर कथगा इ मार्केटिंग लेख बि छपवैन। योग एक दर्शन च याने मनोविज्ञान। अब भोळ नरेंद्र मोदी 'The Basics of Psychology ' किताब तै अच्छु ब्वालल त यू सेक्युलर बाबाओंन त Psychology शब्द तै नॉन सेक्युलर घोषित कर दीण।
    योग तै नुकसान पौंछाणम कट्टर अर अज्ञानी हिन्दुओं कु सेक्युलरों से अधिक हाथ च। यूं हिंदुऊँन योग तै हिन्दू धर्म से जोड़ दे अर योग (शरीर अर मनोविज्ञान का जोड़ ) तै धार्मिक क्रिया सिद्ध कर दे।  यी  अज्ञानी हिन्दू  जाणदा इ नि छन कि षठ दर्शन - द्वी मीमांसा , सांख्य , योग , वैशिशिकी , न्यायदर्शन कर्मकांड या धार्मिक आख्यान नि छन अपितु साफ साफ मनोविज्ञान का विषय छन।   पतञ्जली का योग सूत्रों मा भगवान पूजा का माध्यम नि मने गे अपितु एक पदार्थ का रूप  औषधि (भांग या दारु ) का रूप मा माने गे। योग और गीता क्वी हिन्दू  धर्मी कर्मकांड   या रामायण , महाभारत या पुराण नी छन  अपितु आयुर्वेद निकट का दर्शन छन ।
  योग आवश्यक च चाहे उ हिन्दू हो या गैर हिन्दू।  किन्तु अज्ञान मा धर्म की नासमझी से योग , गीता, आयुर्वेद , होमिओपैथी , यूनानी वैदिकी  आदि तैं धर्म से जोड़िक मानव समाज का भौत नुकसान करये जाणु च।
मेरी हिन्दुओं से प्रार्थना च कृपया योग , गीता , अष्टावक्र की महागीता तै हिन्दू धर्म से ना जोड़िन।  जनि योग, गीता , महागीता  तै हिन्दू धर्म से जुड़े जांद जूतमपैजार शुरू ह्वे जांद अर  दर्शन कु छत्यानाश शुरू ह्वे जांद। 
स्क्युलर वाद्यूं से मेरी क्वी प्रार्थना नी च किलैकि यूंन हिन्दू धर्म  अर यूंक प्रतीकुं तै गैर धर्मनिरपेक्ष बणै आल तो यूं से क्वी आसा ही नी च कि यी योग तै प्रश्रय द्याल अर योग की प्रगति मा अग्याळ -पगाळ द्याल। 



23 /6/2016 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।


 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwal
i Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes 
गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली  हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स , उत्तराखंडी जोक्स , गढ़वाली हास्य मुहावरे

      स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , धनवान   उत्तराखंड ! 




Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1



Best  Harmless Garhwali Literature Humor , Jokes  on swearing benefits  ;  Garhwali Literature Comedy Skits n swearing benefits , Jokes n swearing benefits ; Garhwali Literature  Satire on swearing benefits , Jokes n swearing benefits;  Garhwali Wit Literature n swearing benefits , Jokes n swearing benefits ;  Garhwali Sarcasm Literature on swearing benefits , Jokes  swearing benefits ;  Garhwali Skits Literature n swearing benefits , Jokes  n swearing benefits;  Garhwali Vyangya n swearing benefits  , Jokes   ;  Garhwali Hasya , Jokes   ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स


                                   आधुनिक  सासु द्वारा  ब्वारी तैं गाळी दीण
 
                                                     चबोड़ , चखन्यौ , चचराट :::   भीष्म कुकरेती   
       
इ मेल
प्रेषक – सासू
सेवा में – खास अपण इ ब्वारी
विषय – गिच्चै  खुजली मिटाण 
         चूँकि अच्काल हम दुयुं मा कुट्टी चलणी च त मि समिण बोलि नि सकदु अर जब तक मि त्यार दगड द्वी चार दैं चरचर बचन नि  बोलुल त मि तैं खाणा  हजम नि हूंद तो इमेल से मि अपण बिचार भिजणु छौ ।  उन त मेरी सहेली कब बिटेन जग्वाळम बैठ्याँ छन कि मि औं अर तेरी छ्वीं ऊँमा लगों ।अर फिर छुटी-छुटी छूयूँ मा मेरी सहेल्युं तै मजा बि नि आंद। सब लूण , मर्च,  मसाला मिलैक दूधभति खांदन त ऊँ तैं इन बथों मा क्या मजा आलो !
  मि फेसबुक मा अपण चचराट पोस्ट कर सकुद छौ, किन्तु त्यार फ्रेंड अधिक चतुर  , चंट ,  चचरट्या  छन तो ऊंन नखुर-नखुर शब्दों से म्यार बरखबान कर दीण त मि किलै फ़ेसबुक मा अपण कुणकुणाट पोस्ट कौरुं अर अपण बेज्जती करवाऊं।  उन बि  मि   सुब्रमणियम स्वामी त छौं ना कि अपण ड्यारो छ्वीं बीच बजार मा धौरी द्यों। 
            सुबेर बिटेन म्यार गिच्च खयाणु छौ कि मि कुछ बोलु त मि ईमेल से बच्याणु छौं।  जन गरम पाणी पेकि तीस नि मिटदी उनी  गिच्च की खुजली ईमेल से नि मिटदी , किन्तु कुछ त सेळि पड़ जांद बस।
              ज्यू  त म्यार  त्वे कुण लाब काब बकणो  बुल्याणु च पर ऑनलाइन मा सब कुछ सेव रै जांद तो मि त्वे कुण लाब काब बि नि बख सकदु तू श्याम दैं मेरी गाळि म्यार नौनु तैं बथै देली।  अर अचकाल त ऑफ़लाइन मा बि हम सासु अपण ब्वार्युं तैं गाळी बि नि दे सकदां।  ब्वारी  ऊँ गाळयूं तै मोबाइल पर टेप कर दींदन अर कत्ति ब्वारी त मोबाइल से वीडिओ फिल्म बि बणै दींदन।  इन मा अब ब्वार्युं मैत वळु तैं हम सासु बुरी बुरी गाळी बि नि दे सकणा छंवां।  मीन सूण बल उख दिल्ली -मुंबई मा सासूंन लॉफिंग क्लब जन गाळी क्लब बणयां छन जख ब्वार्युं तै गाळी दिए जांदन।  रांड ह्वेलि ईं सरकारै इख अबि तक कैन बि गाळी क्लब नि ख्वाल निथर मी बि क्लब मा भर्ती ह्वेक खूब गाळी बखुद।  पता नी कतगा दिन ना मैना ह्वे गेन धौं मीन जी भरीक गाळी नि देन।  कांड लग जैन यीं मोबाइल संस्कृति पर जैक डौरक मार हम जोर जोर से गाळी बि नि दे सकदां। अर डा हरसमय हिदैत दीणु रौंद कि रोज अद्धा एक घंटा गाळी बका करो।  वैक बुलण च बल गाळी दीण से मन की इच्छा पूरी ह्वे जांदन।  जन कफ भैर आण जरूरी च तनी बल मनुष्य से गाळी भैर आण   जरूरी हूंद।  एककक भैर औण  शरीर का वास्ता जरूरी च तो दुसराक भैर आण घुटन दूर करणो उपाय च। पैलाक जमन अच्छु छौ।  सासु  चौकाक एक कूण्या मा खड़ी ह्वेका अपण ब्वारी तै गाळी दींदि छे अर ब्वारी चौकाक हैंक कूण्या मा खड़ ह्वेक गाळयूंक जबाब गाळी से दींद छा।  सासू -ब्वारी अपण कुंठा गाळी देकि दूर करदा छा तो दर्शक मनोरंजन पै लींद छ।  एक पंथ द्वी काज।
 गाळी दीण से सासु तै बि अर ब्वारी तै बि शारीरिक आराम मिल जांद छौ।  पर गाळी बंदी से अब भौत सी नई शारीरिक बीमारी जनमणि छन।
                  तब शक्ति अर नियंत्रण का वास्ता गाळी दीण सुगम पथ छौ।  अब तो शक्ति ई नी च त नियंत्रण कख अर कै पर करे जावो ?
 गाळी दीण से अहिंसात्मक लड़ै लड़न सौंग  छौ , सरल छौ , निष्कपट छौ तब। अर अब बस घुटन ही घुटन।
          अहा तब गाळयूं से पता चौल जांद छौ कि या सासु कैं अडगैं -क्षेत्र की च अर ब्वारिक मैत कै मुलक च।  अब जब गाळी इ नीन तो कनकैक पता लगाण कु कै छ्वाड़क च।  अर अचकालै ब्वारी अंग्रेजी मा गाळी दींदन त पता इ चलद कि ब्वारी कै छवाड़ैक च। अचकालै ब्वारी त  छ्वाड़ तीरै ब्वारी छन। निम्न स्तर की !           
             तब फेसबुक नि छौ अर ना ही ब्लॉग सुविधा छौ तो गाळी बकण अभिव्यक्ति को सुविधाजनक माध्यम छौ।  अर अब उ मजा कख च जु मजा अमिण -समिण गाळी दीण मा आंद छौ।
हैं ! यि क्या ? मि त राहुल गांधी ह्वे ग्यों।  जाण छौ कर्नाटक अर पौंछि ग्याइ  बैंकॉक।  तेकुण कुछ बुलण छौ त मि गाळी का फायदा बथाण मिसे ग्यों।  उन तो तू पढ़ीं लिखीं छे त मीन जु बुलण छौ उ अपरोक्ष रूप से बोली दे।  समजी जै कि म्यार मंतव्य क्या छौ।   
   
 24 /6/2016 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwal
i Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes 
गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली  हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स , उत्तराखंडी जोक्स , गढ़वाली हास्य मुहावरे

      स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , धनवान   उत्तराखंड ! 
--
 
 
 
 

 Be the Sales Warrior !


Regards

Bhishma  Kukreti

The Sales Warfare Expert


Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1


Best  Harmless Garhwali Literature Humor on wrinkle releaser  , Jokes  ;  Garhwali Literature Comedy Skits on wrinkle releaser  , Jokes  ; Garhwali Literature  Satire on wrinkle releaser , Jokes ;  Garhwali Wit Literature on wrinkle releaser  , Jokes on wrinkle releaser  ;  Garhwali Sarcasm Literature , Jokes on wrinkle releaser  ;  Garhwali Skits Literature  , Jokes on wrinkle releaser  ;  Garhwali Vyangya on wrinkle releaser   , Jokes   ;  Garhwali Hasya , Jokes on wrinkle releaser   ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स


                                                             आपको कौन सा रिंकल रिलीजर चाहिए ?
-
                                                          चबोड़ , चखन्यौ , चचराट :::   भीष्म कुकरेती   

-
                      उन सब्युं तैं रिंकल रिलीजर का बाराम जणन जरूरी ह्वे गे।
       सिलवट , सिकुड़न याने रिंकल्स मनुष्य कुण सद्यनि बिटेन एक समस्या , एक शिकवा एक प्रोबलम राई। 
       जख तलक  कपड़ा , झुल्लौं पर सिलवटुं सवाल च म्यार ऐतिहासिक ज्ञानौ हिसाब से  गुर्ख्याणी  तक  कपड़औँ पर सिलवट क्वी समस्या नि छे।  तब झल्लौं पर सिलवट सभ्य लोगुं निसाणी छे।  उ त अंग्रेजुंन हम तै जागृत कार बल कपड़ों पर सिलवट एक असभ्य मनिखौ निसाणी च तब जैका  हमर चेतना जाग कि सिलवट चाहे कपडों कु ह्वावु या मुख कु द्वी असभ्यता का द्योतक छन।  जब तलक प्रॉक्टर गैंबल, यूनी लीवर  आदि कम्पनी नि ऐ छया तब तक कपड़ों पर सिलवट अर मुख पर झुर्री बड़ लोगुं निसाणि छे।
   इख तलक कि अंग्रेजुं समौ पर बि थोकदार जी ,  भरदार जी अर कल्यो लिजाणो श्रमिकदार जी - सब्युंका कपड़ों मा सिलवट हूंदी छे अर तब सिलवट आर्थिक स्थिति भांपणो , मापणो ,  नापणो पैमाना नि छौ।  अर तब त मूंजी , सिलवट , चुनवट जूं आदि का वास्ता निवासस्थान बि छौ।  तब हम अधिक अहिंसावादी छा तो कपड़ों मा मूंजी  रखे जांद छा कि जूं , मक्वड़ या उप्पन आदियुं तैं पाळणो जगा दिए जावो।  अर मानेका गांधी तो आज बि बुलणि रौंदी कि हिमाचल -उत्तराखंड का गांवों मा सुंगर सुरक्षा का साथ साथ जूं पालन पर बि ध्यान दीण आवश्यक च।  वैदिन मानेका गांधी अर स्वास्थ्य मंत्री नड्डा  मा भयंकर वाक्युद्ध ह्वे गे। मानेका गांधीक बुलण छौ कि  हिमाचल -उत्तराखंड का लोगुं तै केवल नडियादार सुलार पैरण चयेंद अर सात दिन तक एकी सुलार पैर्युं रखण चयेंद , जांसेकि जूं फलन -फूलन। जब कि नड्डा कु बुलण छौ कि रोज झुल्ला धुये जाण चयेंद जांसे कि प्रॉक्टर गैंबल, यूनी लीवर  आदि कम्पनी लाभ कमावन अर भारत मा FDI अधिक  आवो।
            तब सब ठीक छौ जब सिलवट अर झुर्री समस्या नि छे।  किन्तु अंग्रेजुं आण से गांवुं मा बि कोल आइरन -इस्तरी पौंछि गे वाया सिपै दादा।  अर कपड़ों पर सिलवट -चिनवट असभ्यता कि निसाणी ह्वे गे। तब ब्यौ काजुं मा मूछुँ मा चौंळू  टींड  ना अपितु सिलवट विहीन कपड़ा मातवरै निसाणी बण गे। 
           बुल्दन बल बड़ा गौड़  घास खावन अर छुट बछर  थुंथर चाटन। गांवुं मा क्या शहरूं मा बि जौमा इस्तरी छे सि सिलवट दूर करणो वास्ता इस्तरी चलांद छा  अर बकै   लुट्या पर अंगार धौरिक सिलवटुं छत्यानास करदा छा।  जन आज पोलियो हटावो आंदोलन चलणु च तब दस  बारा दशकों तक सिलवट हटावो आंदोलन चलणु राइ अर गांधी जी बि सिलवट विरोधी ह्वे गे छा।  नेहरू जी का  चकाचक सिलवट विहीन कपड़ा   देखिक गांधी जी बि सिलवट विरोधी ह्वे गे छा।  या मेरी मौलिक खोज च कि गांधी जी बि सिलवट विरोधी छा अर मीन देशहित मा ये आविष्कार पर अपण क्वी कॉपीराइट नि रखणाइ।
        सिलवट अर कोयला की इस्तरी अर बाद मा इलेक्ट्रिक आइरन का मध्य भौत सालों तक गरमा गरम युद्ध चलणो राइ।  इन मा जागतिक शीत युद्ध का दौरान , पॉलिस्टर की खोज ह्वे अर सिलवट विहीन कपड़ा बजार मा ऐ गेन।  किन्तु फिर बि बार बार सिलवट हिम्म्त दिखैक कपड़ा धारक तैं दिखे ही जांदी छे। 
           अब जब बिटेन  रिंकल रिलीजर आइ तब बिटेन रिंकल याने सिलवटुं महिमामंडन समाप्त हूण शुरू ह्वे गे।  यू प्रॉमिस मि ना अपितु  भौत सा कम्पनी करणा छन।  बस कखिम बि कपड़ा पर सिलवट , चिनवट या  रिंकल दिखे ना कि एक  बूंद रिकल रिलीजर लगै द्यावो तो सेकंडों मा रिंकल गायब अर दगड़म सुगन्धित सुगंध बि आस पास छुड़द ।  सुणन मा आणु  च बल एक कम्पनी रिंकल रिलीजर का साथ एक अपोजिट सेक्स अट्रैक्टर परफ्यूम बि मिलाण वळ च।  फिर सिलवट विहीनता का साथ साथ अपोजिट सेक्स बि आकर्षित होलु।  पर जब यदि कै मीटिंग या पार्टी मा एकी लिंग का मानव भाग ल्याल तो रिंकल रिलीजर विद अपोजिट सेक्स अट्रैक्टिंग परफ्यूम  से क्या धमाल ह्वालु यांकी कल्पना से म्यार मुख पर सिलवट पड़ी जांदन।
 इनि फेस रिंकल रिलीजर से बि झुर्री कुछ देरौ कुण या कुछ दिनौ कुण गायब ह्वे जांदन बल।  मतबल विज्ञापन बथांदन कि फेस रिंकल रिलीजर का प्रयोग से दादी अर नातिण की आयु , एज का पता इ नि   चलद। कुज्याण , कुज्याण क्या भंगुल जमणु च धौं !   
                  खैर चाहे क्लॉथ रिंकल रिलीजर हो या फेस रिंकल रिलीजर हो मनुष्य तब बि सुखी नि ह्वे सकुद। मानव तै तो लाइफ का रिंकल रिलीजर चयेणु च अर ये विषय  पर जैदिन बाबा रामदेव की नजर  पोड़ली वैन लाइफ रिंकल रिलीजर बजार मा उतारी दीण।  मि त जीवन मा सिलवट  नि रावो की दवै  की जग्वाळ मा छौं।  अर आप क्योंकि प्रतीक्षा मा छंवां रिंकल रिलीजर या रिंकललेस लाइफ  ? सिलवट विहीन जिंदगी ?
 
29 /6/2016 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।


 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwal
i Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes 
गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली  हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स , उत्तराखंडी जोक्स , गढ़वाली हास्य मुहावरे

      स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , समृद्ध   उत्तराखंड ! 



Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1


Best  Harmless Garhwali Literature Humor , Jokes  Migrants, Migration ;  Garhwali Literature Comedy Skits  Migrants, Migration, Jokes  ; Garhwali Literature  Satire , Jokes Migrants, Migration;  Garhwali Wit Literature  , Jokes  Migrants, Migration;  Garhwali Sarcasm Literature , Jokes  ;  Garhwali Skits Literature Migrants, Migration , Jokes  ;  Garhwali Vyangya   , Jokes   ;  Garhwali Hasya , Jokes  Migrants, Migration ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स


                              बुड़ाकोटी जी !  प्रवासी बकवास नहीं करते , घड़ियाली आंसू नहीं बहाते
                                                                   घपरोळ  :::   भीष्म कुकरेती   

संजय बुड़ाकोटी जीन फेसबुक मा पोस्ट्याई -बस बहुत हो चुका सोशल मीडिया पर पहाड़ के लिये आंसू बहाना, पलायन पर रोना धोना।या तो खुद पहाड़ पर जाओ बसो और पलायन को रोको या फिर चुपचाप अपने बिलों में दुबके रहो।"
-
-
म्यार बुलण च- 
     जरा  प्रवास्युं तिसरी पीढ़ी तैं मुंबई मा पूछो - औ लम्बी छुट्टि पड़ीं छन तो ड्यार  जाणा ह्वेला हैं ?
           तिसर पीढ़ीक प्रवासी का जबाब हूंद - नै नै यार इथगा पैसा कखन लाण जु घौर जये जावो।
           या यीं  तिसरी पीढ़ीक पचास सालौ बुड्याक जबाब हूंद - अरे ड्यार जाणो ज्यु तो बुल्याणु त च , छुट्टि बि बचीं छन अर एलटीसी बि मिलदी पर उख ड्यारम रौण कख च ? सब टुटि -टटी गेन  कूड़। एलटीसी अर छुट्टि लैप्स नि हो तो मि पंद्रा दिनों कुण रूरल साउथ जाणु छौं।
      जी हाँ  प्रवासी की तिसर क्या चौथी  पीढ़ी अबि बि गढ़वाळी  गांव तै घौर मानिक चलदी अर तब बि गांवुं मा कूड़ खंद्वार हूणा छन।  मजबूरी च तो क्या करे जावो। जी एक मजबूरी हो तो बताए जाव।
                मुनिवर बी. मोहन नेगी जीन एक कविता ल्याख  बल गांवुं मा मजदूरी वास्ता नेपाली अर बिहारी ऐ गेन अर प्रवासी दिल्ली -मुंबई मा टैक्सी चलाणा छन।  पर यदि प्रवासी दिल्ली मुंबई मा टैक्सी चलाणु च तो वो अपण बच्चों का भविष्य का खातिर टैक्सी चलाणु च ना कि अपण पुटुक भरणो वास्ता।  वै प्रवासी तैं बी. मोहन नेगी जन गढ़वऴयूं आप बीती पता च।  प्रवासी तैं पता च बल बी. मोहन नेगी जीन ताजिंदगी गढ़वाळम  पोस्ट ऑफिसम नौकरी कार अर अंत मा अपण बच्चों तैं नौकरी करणो दिल्ली भिजण पोड़।  प्रवासी जणदु च बल जब आखिरैं दिल्ली -मुंबई मा इ नौकरी मिलण त फिर भोळ किलै आजि दिल्ली -मुंबई चले जावो।  उख से आस नी च अर मुंबई से आस च।  तबि त बिचारो इख हडक तुडणु च।  प्रवासी बि जणदु च बल उख मनरेगा से फोकट मा खये सक्यांद च किन्तु उ तो भविष्य का खातिर आज अधिक कठिन परिश्रम करणु च।  ठीक च दिल्ली मुंबई मा आज अन्ध्यरु  च पर इख भोळ अज्यळो चिट्टी पूर्णमासी की  उम्मेद च।  पर गढ़वाळ मा आज बि  कृष्ण पक्ष की दसमी स च अर बाकबुल्या  बाक बुलणु  च बल भोळ  औंसन आण।
-
     जख  मीडिया या ऑफ़लाइन    माध्यमुं सवाल च  जांक जिकर संजय बुड़ाकोटी जीन कार तो बुड़ाकोटी जी जरा अपण आस पास हेरन त सै  तो पाला कि गढ़वाळ का शिक्षा विकास या अन्य आर्थिक विकास मा प्रवास्युं को 80 % हाथ मीलल।  अधिसंख्य स्कूल तो प्रवास्युं की सोच अर कर्मों से ही खुलिन।   मन्योडर इकोनॉमी तो आज बि गढ़वाळ की रीढ़ की हड्डी च।  छ कि ना बुड़ाकोटी जी ?
-
 जरा देहरादून का गुरुराम राय स्कूलों इतिहास बाँचो तो सै।  गढ़वाळ  की उच्च शिक्षा मा गुरु राम  ऐज्युकेसन ट्रस्ट कु भौत बड़ो  हाथ च।  बुड़ाकोटी जी ! पता च ? आप तै ? कि ये ट्रस्ट का संचालक कु छया ? खमण (डबरालस्यूं ) का श्री श्रीधर  कुकरेती याने  महंत इंदिरेश चरण दास जी।  श्रीधर कुकरेती एक प्रवासी ही छौ (तब देहरादून सहारनपुर खण्ड मा आंद छौ ) । तो प्रवासी की भावना तै आप यूं शब्दुं से " फिर चुपचाप अपने बिलों में दुबके रहो"  दुत्कारणा छा ?
-
                कै बि कार्य करणो वास्ता पैल भावना पैदा हूंद या भावना चएंदि , फिर वैचारिक विश्लेषण चएंदी अर अंत मा कार्य सम्पादन की योजना अर फिर कार्य की पौ धरे जांद। तो कार्य से सफल हूण पैल वैचारिक विमर्श आवश्यक  च।  यदि प्रवासी वैचारिक मंथन करणा छन तो कौन सा गुनाह ह्वे गे भै ?
-
             उत्तराखंड आंदोलन मा क्या प्रवास्युं भूमिका कम महत्वपूर्ण छे ? यदि प्रवासी वैचारिक स्तर पर लेख आदि नि छपांदा या घौर का लोगुं से विचार विमर्श नि करदा तो क्या उत्तराखंड आंदोलन चलदो क्या ? 'हिलांस' मासिक पत्रिका का उत्तराखंड आंदोलन अर स्थानीय भाषा आंदोलन मां महत्वपूर्ण योगदान च।  अर हिलांस मुंबई से प्रकाशित हूंदी छे अर हिलांस का करता धर्ता एक प्रवासी ही छ्या -  स्व अर्जुन सिंह गुसाईं जी  ।
-
             भाषा की बात आई तो मि बतै द्यूं कि शुरवात से इ गढ़वाली  साहित्य विकास मा सर्वाधिक योगदान प्रवास्युं कु इ च। पंजाब का सुशील बुड़ाकोटी जी से पूछी ल्यावो।
            हाँ आप तै लगल कि प्रवासी खाली उपदेस दिंदेर बण्या छन।  क्वी बि प्रवासी बेबस , परबसी नि हूण चांदो अर उ मजबूर्युं  बस गांव म नि बसि सकणु च तो क्या वै परबसी, बेबस  प्रवासी तै अधिकार बि नी च कि वु पलायन आदि समस्याओं की छ्वीं लगावो ? यू मानवीय  अधिकार  त बिचारा प्रवासी से नी लूंठो जी !
-
   अर वैचारिक विमर्श का वास्ता क्वी हद्द या सीमा नि होंदी।  विचार अच्छा ह्वावन तो टिपे  ही जांदन। प्रवासी वास्तव मा गढ़वाल का , अपण पट्टी का , अपण गांवका सचमुच मा विकास चांदु अर उखमा वैकी गाणी -स्याणी  पर अविश्वास कतै नि करे सक्यांद।
-
     फिर एक विचार का नाम आपन सूणि होलु - क्रॉस फर्टिलाइजेशन। याने दुसर जाति का साथ मिलण अर विचारूं मा बि क्रॉस फर्टिलाजेसन हूंद।   यदि बेबस, परबसि , परभक्षी प्रवासी विचार दीणु च तो ऊँ विचारूं पर मनन कर ल्यावो , विचार सही छन तो अपणै ल्यावो ,  नि छन तो रण द्यावो।  कैंपणि बोल च बल -बुढ़िया भीख नि दीणाइ त नि दे पण अपण  कुत्ता तै त संभाळ।  आप प्रवास्युं सलाह नि मानो किन्तु इन त नि ब्वालो - अच्छा ! अब हम तै दिल्ली -मुंबई वाळ समझाल !   

 
 

1/7/2016 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।


 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwal
i Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya Migrants, Migration, JokesMigrants, Migration ;  Garhwali skits , Jokes Migrants, Migration ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits Migrants, Migration, Jokes Migrants, Migration, Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits Migrants, Migration , Jokes Migrants, Migration
गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली  हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स , उत्तराखंडी जोक्स , गढ़वाली हास्य मुहावरे

      स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , समृद्ध   उत्तराखंड ! 
--
 
 
 

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1

Best  Harmless Garhwali Literature Humor , Jokes  flue , influenza ;  Garhwali Literature Comedy Skits flue , influenza , Jokes flue , influenza ; Garhwali Literature  Satire flue , influenza, Jokes flue , influenza;  Garhwali Wit Literature flue , influenza , Jokes  ;  Garhwali Sarcasm Literature flue , influenza, Jokes  ;  Garhwali Skits Literature flue , influenza , Jokes  ;  Garhwali Vyangya  flue , influenza , Jokes   ;  Garhwali Hasya , Jokes   ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स


                                      आमों  के मौसम के बाद  फ्लू  का मौसम
                                                         चबोड़ , चखन्यौ , चचराट :::   भीष्म कुकरेती   



  दिखे जावो तो फ्लू हमेशा बेमौसम बरसातौ तरां इ हूंद।  जड्डुं अर बरखा मा त फ्लू हूण नै बात नी च पर फ्लू तो रुड्युं मा बि सौरि जांद। 
जुकाम , सर्दी , बुखार , बंद नाक , नाक बिटेन पाणी बगण , छींक पर छींक आण , आंख्युं मा पाणी , लाल आँखि , बदन टूटण , खाई बाण आदि फ्लू की निसाणी च।
        डाक्टरम जैल्या तो डाक़्टर बस इथगा इ बुल्दो कि कुछ ना वायरल इन्फेक्सन च।  अर वायरल इन्फेक्सन माने भूत जन लगण।  हूंद च पर वायरस दिखेंद नी अर भूत हूंद च पर दिखेंद नी।  बस द्वी महसूस हूंदन।
    भूत अर फ्लू मा कुछ  साम्यता हूंदन। कुछ असमानता हूंदन अर द्वी परेशान करदन।
  भूत कबि बि लग सकद तो फ्लू बि बगैर न्यूत  देकि ही आंद।  भूत हो चाहे फ्लू ! क्वी बि यूंकुण स्वागत गेट नि लगांदन किन्तु फिर बि यी लग इ जांदन।
   भूतुं अर फ्लू दुयुंक मौसम हूंद।  पैलाक जमाना मा द्वी तीन दिनों मा गांव मा द्वी चार लोगुं पर भूत लग जांद छौ अर एक द्वी बाछी  कड़कड़ी ह्वे जांदी छे।  इनि जब फ्लू आंद तो सरा शहर का लोग खंसण मिसे जांदन।
              अच्छा हाँ  ! भूत लग जावो तो दोष भूत तै नि दिए जांद अपितु मरीज पर  दोष दिए जांद कि स्या लाल साड़ी पैरिक वै गदन घास काटणो किलै गे , स्यु वै पत्थर मा किलै बैठ या स्यु कुबगत पर उनां  झाड़ा पिसाब ग्यायि  किलै च -एक घंटा टट्टी नि रोकी सकुद छौ  आदि आदि। इनि डाक़्टर त ना पर मरीज का परिवार वळ या पड़ोसी मरीज पर भगार लगांदन कि ऑफिस मा कै फ्लू का मरीज का  समिण बैठि  होलु , बगैर हाथ धुयाँ खाणा खै  होलु या कै फ्लू का दुख्यर तै  किस कर दे होलु आदि आदि। भूत का मरीज तै जोर से कोसे जांद कि तू उख किलै गे , तीन इन किलै कार तो फ्लू का मरीज तै बि डांटे जांद कि तीन इन किलै कार  आदि आदि।
                                   डाक़्टर कबि नि बतांद कि यू फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस A ,  इन्फ्लूएंजा वायरस B या  इन्फ्लूएंजा वायरस C से हुयूं च , बस दवै दे दींदु।  उ त मरीज ही पुछद कि जी कै टाइपक फ्लू च तब जैक कबि डाक़्टर बथांदु कि टाइप A च B च या C च।  इनि भूत भगाण वळ तांत्रिक इन नि बतांद कि कै किस्मौ भूत लग्युं च।  उ त गांव वाळ इ तांत्रिक /झाड़ ताड़ दिंदेर तैं बतांदन कि फलण डाळ तौळक भूत ह्वालु , अलण गैर गदनक भूत ह्वालु या कै घटक सैद लग्युं होलु।  फिर तब जैक जोर जबरदस्ती मा तांत्रिक तैं सुदि मुदि बताण पोड़द कि कैं जगाकु भूत लग्युं च।
                         जन आम जनता ही ना तांत्रिक बि नि बतै सकुद कि यू भूत छुट मुट भूत च या बड़ो भयंकर भूत च उनि आम खांसी अर इन्फ्लूएंजा फ्लू मा अंतर बताण  या अनुभव करण कठण काम च।   
              आम साधारण डाक़्टर बि फ्लू मरीज तै पैल छुटि मुटी दवै दींदु अर फिर धीरे धीरे तेज , अधिक असरकारक दवै बदलद। यदि दुसर तिसर दफै क दवै से बि फरक नि पड़दु त मरीज डाक़्टर ही बदल दींदु।   तांत्रिक बि पैल रंगुड़ या राई  मन्त्रिक दींदु , फरक नि   पोड़ त रख्वाळि  करद अर तब बि फरक नि पोड़ तो फिर कंडळी -कांडुं से पश्वा (मरीज ) तै झपोड़दू अर घट स्थापन जन मंत्र पढ़दु । यदि तब बि भूत नि हट तो मरीजका घरवळ दूर का बड़ा तांत्रिक बुलौंदन।
                   उन मेरी राय च।  छुटि   मुटि खांसी हो अर आस पास फ्लू का दबदबा हो तो तुरंत डाक़्टरम भगण चयेंद।  अर यदि सचमुच मा भूत ही लग्युं च तो तांत्रिक याने मनोचिकित्सक का पास जाण जरूरी च।   
                                        उन भूतूँ  बारा मा त मि नि जणदु पर फ्लू का बारा मा मि बोली सकुद कि साफ सफै अर पौष्टिक भोजन से फ्लू की बीमारी का अवसर कम ह्वे जांदन। 

2/7/2016 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।


 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwal
i Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature flue , influenza, Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature flue , influenza , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature flue , influenza; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature flue , influenza, Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature flue , influenza  , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature flue , influenza , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature flue , influenza , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature flue , influenza, Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , flue , influenza Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal flue , influenza; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes 
गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य , व्यंग्य ; गढ़वाली  हास्य , व्यंग्य,  गढ़वाली जोक्स , उत्तराखंडी जोक्स , गढ़वाली हास्य मुहावरे

      स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , समृद्ध   उत्तराखंड ! 


 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22