Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 356918 times)

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य साहित्य
चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा



                       ठुल्लो  आई.ए.एस. अधिकारी क अपण कणसो  तै अड़ाण   

                                   चबोड्या- भीष्म कुकरेती

  ठुल्लो आई.ए.एस अधिकारी न अपण कणसो अधिकारी तै इन समजाई

- हे  कणसो  अधिकारी ! ईं प्रशासन कि दुनिया मा सब कुछ चलायमान च . अचल छन त प्रसाशनिक अडंगा, प्रशासनिक घमंड, फाइल, फैलूं  मा लुकायुं अर लुक्युं राज अर फायलूं मा पड़ी  धूल. 

-पण, महोदय ! मंत्री जी बि त अचल छन

-बत्स! मंत्री पद अचल च मंत्री चलायमान छन . एक मंत्री आन्दु अर फिर जान्दु अर हैंको आन्द .मंत्री असल मा गौन्त्या छन या नारद योनी का छन जु एक पद पर नि रै सकदन 

-महोदय! हमारो मन्त्र्युं प्रति क्या क्या कर्तव्य छन ?
 
-हमारो मंत्र्युं प्रति क्वी  कर्तव्य नी छन. हम सिरफ़ मंत्र्युं तै सायता करदवां कि वो विभाग क वास्ता जादा से जादा बजट लावन चाहे मंत्री लोग पार्टी. फिनेन्स मिनिस्टरी से , प्रेम मनिस्टर/मुख्यमंत्री से ,  या जनता से आतंकित रावन   पण मंत्री क  असली काम  विभाग क बान बजट ल़ाण च अर हमारो ये पुण्य काम मा मंत्री जीक मदद करण च.
 
-महोदय आतंक तै जरा ठीक से बिंगाओ

-हम तै इ दिखण चएंद कि मंत्री हर समय आतंकित राओ या कै हैंक तै आतंकित करणो राओ. जब बि राजनीतिग्य तरास मा हूंद त हम प्रशसकीय अधिकार्युं कि महत्ता बढ़दि . यदि मंत्री तरास मा नि ह्वाओ या आतंकित नि ह्वाओ त हमारि कबि बि पूछ नि होंदी. त हमारो पैलो अर हरेक दिनौ काम च कि मंत्री जी आतंकित ह्वावन या परेशानी मा ह्वावन.

-पण ब्याळी मंत्री जी बुलणा छया कि मंत्री लोग प्रजातंत्र का खाम.खम्बा छन अर ऊं तै जनता निर्वाचित करदी

-प्रिय ! हरेक मंत्री तै प्रजातंत्र मा अधकार च कि वो गलत फहमी मा राउ . प्रजातंत्र मा हरेक मंत्री तै अधिकार च कि वो अपणि गलत फहमी दूर नि कारो

-पण आप बि अर मी बि दिखणा रौंदा कि  मंत्री अर सांसद टी.वी चैनेलो मा बुलणा क्या धौंस दीणा रौंदन कि वो त जनता क चुन्यां मनिख छन.

- हाँ पण असलियत या च कि पार्टी का बलशाली लोग  टिकेट बाँटदन  ना कि जनता. हम प्रशासनिक अधिकार्युं तै या बात समजण जरूरी च कि क्वी बि मंत्री जनता क नी चुन्युं च बल्कण मा पार्टी क फुन्द्यानाथ ही सांसद या विधयाक का चुनाव करदन.

- पण आखिरैं त जनता ही चिनाव करदी कि ना ?

- बत्स! हाँ दिख्यांद  त यो यि च पण जनता मा क्वी हौरी आल्टरनेट नी च . जनता तै वूं मांगन ही चुनण पोड़द जौं तै पार्टी न चुनाव मा खड़ो कार.

 - पण मंत्री त मंत्री ही होंद.

- हाँ प्रजा तन्त्र मा इनी होंद. हमारो मंत्रालय मा एक चपड़ासि क  कम से कम कुछ योग्यता हून्दन   वै तै प्रशिक्षण दिए जांद तब वो चपड़ासि क काम पर लगद . पण मंत्री  बणनो  बान ना इ क्वी प्रशासनिक योग्यता चएंदी अर ना ही प्रशिक्षण.

- अर हम  प्रशिक्षित अधिकारी मंत्र्युं तै सिवा लागौन्दा

- ये भै! कमअनुभवी अर अप्रशिक्षित मंत्री ही त हम अधिकार्युं तै चएंदन. अनुभवी अर अप्रशिक्षित  मंत्र्युं क वजै से  ही हमारि पूछ होंद.

- हाँ यू त सै च कि ..

-अर इख्मि त हमारि अपण देस सेवा करणो अवसर मिल्दो .

जी ?

- अरे भै ! कमअनुभवी अर अप्रशिक्षित मंत्र्युं कि मदद करण ही हमारो कर्तव्य च अर देश भक्ति बि .

-अर फिर मंत्र्युं बणईं योजना ?

- आज तक मीन कै बि मंत्री तै इन नि द्याख कि वै तै योजना क बारा क्वी ज्ञान ह्वाओ

-पण?

- हाँ . प्रजातंत्र मा इनी दिख्यांद  कि राजनीतिग्य योजना बणान्दन

- हम अधिकारी ही ऊं तै बुलदवां या समझादवां कि या योजना देस कु नि ठीक राली अर या राजनीति क बान ठीक राली

- महोदय ! मंत्री अर हम अधिकार्युं मा क्या फरक च ?

- कै बि योजना क  असफलता क अभियोग हम अधिकार्युं पर नि लगद पण मंत्री जी पर असफलता का दाग लगी जांद

- जब कि योजना  कार्वानित  हमी अधकारी करदवां

- दैट्स  अब्स्युलीटली राईट

- सर ! मंत्री जी ऐ गेन अर  मंत्री जी परेशान  इ ना आतंकित बि दिखेणा छन .

- हाँ वो हमारो विभाग से भुजी  खरीदी  कि बात पत्रकारों मा लीक ह्व़े ग्याई इलै मंत्री जी आतंकित छन

-पण सर ! यांकी फाइल त आप मा इ रौंदी

- अच्छा चल अब मंत्री जीक आतंक खतम करण मा मदद करे जाऊ

Copyright@ Bhishma Kukreti 16/9/2012

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य साहित्य
चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा

 

                           गाँ मा लुखुन्दर अर मूस किलै नाचणा छ्या ? 


                                        चबोड्या- भीष्म कुकरेती


                 अच्काल जै बि टी.वी चैनेल द्याखो उख  खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट पर इ बहस होणि च .

  मीन स्वाच  या घड्याइ कि जणे जावु कि खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट  से क्या क्या क्या फैदा नुकसान ह्व़े सकदन. मि अपण गौं मा घूमु अर मीन पाई -
 
मीन घुंघरा काकि तै पूछ- ये काकि अब त भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट  आणु च त क्या क्या क्या फैदा  नुकसान ह्व़े सकदन?"

" कनो ?यू खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट बि इनी च जन कोयला खदानों आबंटन ?"  घुरा काकि न उल्टा  मै पूछ

मि अग्वाड़ी ग्यौं अर काजल बोडि तै पूछ," बल बोडि अब त  भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट आणु च त क्या फायदा नुकसान होलु ?"

काजल बोडि न पूछ, " यू हज्या इख गौं मा आलु कि शहरूं  मा आलु ?"
 
मीन बताई कि यू इन्वेस्टमेंट या निवेश शहरूं मा इ होलू त काजल बोडि ले सन्यूँ /छन्यूँ ज़िना अटकण बिसे ग्याई . मीन पूछ,"क्या ह्वाई ए बोडि?"

काजल बोडि न ब्वाल," कुछ ना बुबा ! जब बि शहरूं मा कुछ होंद छौ त हमारो गाँ बिटेन जवान अर वूंकी ज्वानि शहरूं जोग ह्व़े जांदी छे अब मै तै पूरो भरवास ह्व़े ग्याई बल   म्यार गोरुन  बि शहरूं जिना भगण . जरा मि ऊं गोरुं तै ग्वाड़ी द्यूं कि शहरूं ज़िना नि भागन. लौड़ अर नाती नतणा त भागि छ्या अब गौड़- कलोड़  इ ये गाँ मा बच्याँ छन ऊँ तै  शहर भगण से त बचौं "
 
मि रूंदा सूरत से अम्बिका मास्टर जी मा गेऊं अर मीन पूछ," मास्टर जी भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट आणु च त क्या फायदा नुकसान होलु ?"

मास्टर जीन पूछ," या नै घटना कख होणि होली?"
 
मीन बताई ," देहरादून जन शहरूं मा इ भौत बडी तादात मा मौल खुलल अर कख?"

मास्टर जीन मोबाइल फोन उठाई अर फोन पर बुलण लगी गेन," ये परमा ! अरे ओ देहरादून मा क्वी क्या कति मौल खुलण वाळ छन . अरे  देहरादून मा जै जमीन तै मीन नागँवारा समजी छौ ना तु इन कौर वीं इ जमीन क वास्ता म्यार नाम से बयाना-पेशगी देदि. मि अबि इख गाँ बिटेन चलणु छौं अर श्याम दै तलक देहरादून पौंछणु छौं  अब त बड़ा बड़ा शहर ही बसण जोग राला."

मी कुछ दिन पैल रिटायर हुयाँ   हवलदार शेर सिंग भैजी क ड़्यार गेऊं . मीन पूछ, बल भैजी भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट आणु च त क्या फायदा नुकसान होलु ?"

शेर  सिंग भैजिन पूछ बल या क्या बीमारी च त मीन शेर सिंग भै तै खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट  क बारा मा बताई.

ऊंन   एक फोन मिलाई अर बुलण बिसेन, " जेठू जी समनैन  ! उ अबि भीसम न बताई बल  शहरूं मा भौत सा मौल खुलण वाळ छन . त मतबल या च कि उख चौकीदारों कि जरूरत पोड़लि . ओ आप बुलणा छया कि क्वी सेक्युरिटि  एजेंसी खुले जाव त इन कारो आप तख  देहरादून मा एक सेक्युरिटि ख्वालो मी इख सौब जमीन जायजाद बेचिक सात आट दिन मा उख देहरादून इ ऐ जांदू. "
 
मि निरासा मा भौंपालु ल्वार काका  क अणसाळ ज़िना गेऊं .अच्काल जब बिटेन लोगुंन खेती बन्द कार त गौं मा मूस भौत हूण बिसे गेन  त अब भौंपालु काका न मूस फसाणो चुहेदानी   बणाण शुरू करी देन. मीन पूछ," काका भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट आणु च त क्या फायदा नुकसान होलु ?"

भौंपालु काकान पूछ," ब्यटा  ! यू क्वी रिजर्वेसन च?"

मीन जब काका तै खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट क मतबल बिंगाई त भुंपालू काका न   वैबरी अपणि अणसाळ कि आग बुझाई अर अणसाळ इ तोड़ी द्याई

मेरी समज मा कुछ नि आई त मीन पूछ," ये काका यि क्या तुमन त अपणि अणसाळ इ  तोड़ी दे?"

ल्वार काका न बिंगाई," ब्यटा यांको साफ़ मतबल च कि अब हमर गाऊँ बिटेन सब्यूँन शहर चली जाण अर गाऊंन अब हौरि बि सफाचट खालि ह्व़े जाण त मी बि भोळ शहर जाणु छौं अर उखी चुहेदानी क अणसाळ खोलुद."

मी भोंपालू काका ड़्यार बिटेन  अपण ड़्यार औणु छौ त क्या दिखुद कि रस्ता मा लुखुंदर अर मूस नचणा छ्या अर गाणा गाणा छ्या , " जै हो भरात मा फोरेन इन्वेस्टमेंट की ! अब त गौं मा मनिख राला इ ना . अब त सबि  गावुं मा हम मुसुं  अर लुखुंदरूं को  इ राज होलु."

 

  Copyright@ Bhishma Kukreti 17/9/2012

Bhishma Kukreti

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चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा

 

                    हम  अपण खासियत इ नि जाणदवां  कि हम कथगा महान छंवां


                           चबोड्या- भीष्म कुकरेती


                     कै पणि बोल च बल भितर त वु अपण कज्याण तै रोज धमकांद , पित्यांदु  .पण  जनि वा भैर गाँ मा जांदी वीं तै छ्वारा हथुं  मा जनक्यांदन. हम अपण गांवक ल्वार  तै पुछद बि नि छंवां  पण दुसर अडगें (क्षेत्र) क लोग वैकी खुसामद पर लग्यां रौंदन. अपण गांवक ग्यानी  बामण तै सिवा लगाण मा शरम आन्द  पण दुसर गांवक पुडक्या बामण बि हमखुणि चतुर्वेदी ह्व़े जान्दो.

               अब द्याखो ना भारत का ननु से ननु अर बड़ो बड़ो से बड़ो अखबार या ननि से ननि  पत्रिका अपण पेज काळि स्याई से लपोड़दो लपोड़दो थकी गेन  बल ह्यां सि मनमोहन सिंग जी क नाकाबिल प्रधान मंत्री छन त मनमोहन सिंग जी, सोनिया गांधी जी अर हमारा कोंगरेस्यूं क निंद इ नि बिज. पण  ये म्यार भुभरडु  जनि एक अमेरिकी पत्रिका मा एक छ्वटु लेख आई बल मनमोहन सिंग जी नाकाबिल प्रधान मंत्री छन त यूँ सब्युंक निंद इन बिज जन यूँ तै गुरान तड़कै दे ह्वाओ . फिर सरा भारत वासिन्दा बुलणा रैन , किराणा रैन कि ये भैर भारत कि आर्थिक दशा खराब च चलणि त मनमोहन सिंग जी, सोनिया जी अर सबि कॉंग्रेस्यूं क कंदुड़ो पर बुजिन रैन लग्यां. अर जनि एक अमेरिकी अखबारां न ल्याख  बल ये मनमोहन क राज मा अब भारत कि आर्थिक दशा खराब च त यूँ सब्युंक कंदुड़ खुली गेन अर यूँन  बगैर समज्याँ बुझ्याँ झटाझट यूँ सब्युन अपण गौळुन्द  रिटेल मा फोरेन इन्वेस्टमेंट  कु गौळ डाळि दे । हम भारतीय भारतियुं बुल्युं पर विश्वास नि करदां  अर नौनइन्डियन कि बातु  पर हम फास्टलि   बिलीब कर दां . उना देस्युं पर बिलीब त बिलीव की इ छ्वीं छन. वा अलग बात च कि ये फोरेन इन्वेस्टमेंटक   गौळ से यूँ काँग्रेस्यूं क  साँस नळि बन्द होण  लगी गे .
 
    अब इनी एक न्यूज पड़णु छौ बल हियर इज ए साइकल दैट ऐडजस्ट इट्स सीट 

 यीं न्यूज मा अखबार नबीसन ये उन्ना देसी (विदेसी) वैज्ञानिक  कि बडी बडे कार कि कन ईं साइकल मा सीट एडजस्ट हूंद

 यि अखबार वळ बि ना ! अरे हमर देस मा त द्याखो कि हमर इख राजनैतिक सीट कना ऐडजस्ट होन्दन ? यूँ अखबार वळु तै लन्दन का इंजिनियर कि बडै करण मा मजा आन्द पण मजाल च कि हमारा राजनैतिक इंजिनियरूं नया नया ऐडस्टमेंट की  इ लोग बडे कारण धौं! द्याख नी च हमन ? कि कन निशंक जीन अपण सीट ऐडजस्ट कार अर जीति गेन अर जब खंडूरी जीन बि सीट ऐडजस्ट कार त कति भाजापाओं तै या सीट ऐडजस्टमेंट बुरी लग अर ऊन सुरेन्द सिंग नेगी जीक दगड ऐडजस्टमेंट कौरिक  अपणी पार्टी क ऐडस्टमेंट बिगाड़ी  दे  .  हमारा ऐडजस्टमेंट  का यि महान वैज्ञानिक  क्या ब्रिटिश  वैज्ञानिकों से कम छन?

   अब द्याख नी च आपन राज्यसभा मा हमारा नेताओं क ऐडजस्टमेंट एटमी तकनीक जब लोकपाल बिल पर बहस ह्वाई? याँ से बढिया ऐडजस्टमेंट कि मिसाल विज्ञान मा क्या इतिहास मा बि नि मिल्दी.  द्याख नी च आपन कि द्वी विरोधी ध्रुव समणि पर त लड़दा दिखेणा छया पण पैथर यि विरोधी ध्रुव एक हैंक पर चिपक्याँ छ्या. क्या ये  निहुण्या तै हुण्या करण वाळ ऐडजस्टमेंट से बड़ो अर सुविधाजनक ऐडजस्टमेंट क्वी विदेसी वैज्ञानिक कौर सकुद च?

     सी.ए जी. (औडिट )  माने अकाउंटिंग अर अकाउंटिंग माने गणित . गणित मा एक अर एक द्वी हुन्दन पण हमारा कपिल सिब्बल मुनि को  ऐडजस्टमेंट ज्ञान त द्याखो .भारत का ये महान राजनैतिक वैज्ञानिक न  टू जी  अर कोल गेट की सी.ए.जी रिपोर्ट तै इ गलत साबित करी दे . अब जब आप द्वी अर द्वी चार का सिद्धांत तै इ खारिज करी सकदवां त आपसे बड़ो महान वैज्ञानिक क्वि इं दुनिया मा ह्वेई नि सकुद. द्वी अर द्वी माने चार का सिद्धांत तै जु खारिज कारल त वो ऐडजस्टमेंट का महानतम वैज्ञानिक इ होलू. पण मजाल च हमारा भारतीयोंन  ऐडजस्टमेंट का ये महान वैज्ञानिक कपिल सिब्बल मुनि की क्वि प्रसंशा कौरि  ह्वाऊ धौं ? अरे भै द्वी अर द्वी चार का सास्वत सिद्धांत  तै जु फेल करी द्याओ वै तै त भारत रत्न मिलण चएंद पण हम भारतियुं कुणि त  अप ड्यारै कुखड़ी अलुण थिंच्वणि  बरोबर होंद त हमन ऐडजस्टमेंट का महान वैज्ञानिक कपिल सिब्बल मुनि तै भारत रत्न नि दे.

   अब द्याखो ना कोंग्रेस्यूं हिसाब से अपणा भावी प्रधान मंत्री राहुल गांधी जब बि उत्तर परदेस मा जांदा छया त मुलायम सिंग अर मायावती कि पार्टी तै भद्र भाषा मा इ सै पण गाळि  दीन्दा छया आर सैत च अग्वाडि  बि गाळि दयाला पन हमारा भारत मा सीट ऐडजस्टमेंट अन्वेषण त द्याखो दिल्ली मा यि द्वी कौंग्रेस सरकार का डुलेर बण्या छन . अर यू सौब भारत की सीट ऐडजस्टमेंट सिद्धांत मा पारंगता की निशाणि च पण हम ब्रिटिश वैज्ञानिकों बडै  त कौरी पण अपण महान खुजनेरूं की बडै हम से नि ह्व़े.

  हमारा उत्तराखंड मा कथगा इ वैज्ञानिक त सीट एडजस्टमेंट मा नोबल पुरुष्कार पाण लैक छन. अबि सि नि द्याख आपन कि कनो किरण मंडल तै याद आई कि भारतीय जनता पार्टी नॉन सेकुलर पार्टी च अर सेकुलरिज्म बचाणो खातिर सर से मंडल न सितारगंज सीट छोडि दे. अर अचाणचक  विजय बहुगुणा तै याद आई कि ये भै ओ त बंगाली छन. सीट एडजस्टमेंट  अर जात एडजस्टमेंट मा यूँ दुयूं से बड़ा महान वैज्ञानिक क्वी छ दुसर ?

  इनी हजारों उदाहरण छन जो सिद्ध करदन कि हम  भारतीयुं से बड़ो सीट एडजस्टमेंट का वैज्ञानिक ये ब्रह्मांड मा क्वी हौर नि ह्व़े सकदन.

 

  Copyright@ Bhishma Kukreti 19/8/2012

 

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चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा

                           

                             अहा वो  लौड़ख्यळया (बचपन ) दिन   अर  यू चाइल्डहुड 

                                                      चबोड्या- भीष्म कुकरेती


                           जब बि मि अपण बचपन समळदु अर आजौ  बच्चों क चाइल्डहुड दिखुद त मै लगद कि कुछ ना कुछ अंतर त छें च.

अब द्याखो ना तब जब हम छ्वटा छा त हम माटो से इथगा प्यार करदा छा कि हम माटु मा इ खिल्दा छया अर एक दें मुंड मा माटु  पोड़ी गे त आठ दस दिन तलक वै माटु तै अळगैक चलदा छ्या, खांदा छया अर सीन्दा छया. फिर आठ दस दिन परांत जब ब्व़े या बाबु तै लगद छौ कि अब हम बच्चा ये माटु तै जादा नि अळगै सकदवां त फिर वु लोग गाळि देकी हम तै नवान्दा छया अर फिर उ हमारो प्रिय माटो अर हमारा असली जीवन साठी जूं एक दगडडि भ्युं जोग हुन्दा छा. हम माटो अर जूं बगैर नि रै सकदा छया त फिर से माटू मा रबड्वेक  खिल्दा छ्या अर कुज्याण कखन हमर मुंड मा फिर से जूं ऐ जांदा छया. अब सुचदु त इन लगद जन बुल्यां हम माटो अर जूंको  बान इ जनम लीन्दा छया. अब कख रै ग्याई माटु अर जुऊँ से वु अथा प्रेम. अब त रोज नयेकि बचा लोग माटु अर जूं तै पनपण इ नि दीन्दन  अर फिर ब्व़े बाबु अपण बच्चो तै पर्यावरण विरोधी शैम्पो से नवान्दन  अर पर्यावरण बिगाड़दन . हमर टैम का बच्चा  अपण माटु अर अपण जानवरूं (जन कि जूं ) से प्रेम करदा छ्या त अबाक बच्चा माटु  अर से दूर इ रौंदन. जब बच्चा बचपन से इ अपण  माटु से प्रेम नि कारल त फिर देश प्रेम कखन आलो. इलै अबाक जवानु मा देशप्रेम काम पाए जांद.

 

         हम भगवान का दियुं जु बि चीज छयो  वै तै प्रसाद इ समजदा छया अर हरेक चीज से प्रेम करदा छया  . अब द्याखो ना हमारो सीम्प, हमारो आन्खुंक पीप अर पूठो गू सब भगवान कि इ देन च. हम बच्चा लोग भगवान कि यूँ देन से इथगा प्रेम करदा छ्या कि हमारि साँस रुक जांदी छे पन हम सीम्प पुंजण से घबरान्दा छया कि कखि भगवान नराज नि ह्व़े जाओ. आँख पीप से बजे जावन  पण मजाल च कि हम अर हमर दिखण वाळ आन्खुं पीप पूंजो धौं. प्रेम प्रेम कि या भक्ति भक्ति की बात छे अर इनी प्रेम हम भगवत देन गू से बि करदा छया. पूठों पर गूवक पपड़ लगी जावन पण हम पूठ नि धूंद छया कि कखि भगवानो दियुं  वस्तु गू हम से नि बिछुड़ जाओ. अब क बच्चों क नाक ना त सीम्प, ना आंखू मा पीप अर ना ही  पूठ पर गू दिखेंद. त इन मा भगवद प्रेम मा कमजोरी आणि च कि ना ? ए भै जब बच्चा  भगवानौ दियुं चीजुं से प्रेम नि करला त कनकैक यूँ बच्चों मा भगवद भक्ति आलि?

       हमारो टैम पर भाव प्रदर्शन खुले आम हूंद छौ . मनिखौ भाव प्रदर्शन रुके जाव त मनिख मानसिक रोगी ह्व़े जांद . वै टैम पर क्वी बि मानसिक रोगी नि होंद छौ किलैकि हम जोर से भारी भीड़ मा  सब्युं समणि पादि सकदा छा, डंकार  ले सकदा छा. अब त पदण अर डंकारण   सामाजिक गुनाह मा शामिल ह्व़े गेन. अर जब हम अपण प्राकृतिक भावु तै भैर आण से रुकला त हमारा बच्चा मानसिक रोगी ह्वाला इ.

     हमर टैम पर कबीर हमर समाज पर हावी छौ . हम ढाई अक्षर प्रेम तै अहमियत दीन्दा छा अर शिक्षा तै प्रेम का समणि शून्य माणदा छा. हम बच्चा  वै टैम पर गोर, से प्रेम करदा छा त स्कूल जाणो जगा गोर मा जाण जादा महत्वपूर्ण छौ. हम गोठ से प्रेम करदा छा त किताब पढ़न से जादा ग्वाठम रयाड चड़ण या भगळवट पर इ ध्यान दीन्दा छया.

  हमर बड़ा बूड हम कुणि बुल्दा छा कि कांडो मा नंगी खुट धारो अर अपण खुटों तै मजबूत बणाओ अर म्यार खुट इथगा मजबूत ह्व़े गे छ्या  कि जब बि मि नंगी खटुन सडक मा जान्दो ट सडक बुलण बिसे जांदी  कि जा जुट पैरिक आ त्यार कड़कड़ा खुट में फर चुभणा छन.  अचकालौ ब्व़े बाबु अपण बच्चों सणि बुल्दन बल ," अपने पैर बगैर जूतों के जमीन पर ना रखें कहीं आपके पैर मैले ना हो जायं ".

 हमर टैम पर गाळि गलौज अर आशीर्वाद मा क्वी फरक नि छौ.गाळि हमारि सांस्कृतिक धरोहर छे तब. हमर ब्व़े सुबेर सुबेर हम तै इन बिजाल्दी छे ," ये म्वाड़ मोरल त्यार, खाडुन्द करा कब बिजण तीन?", खाणा दींद दै ददि या बोडि या क्वी बि ह्वेन उ इन भट्यान्दा  छ्या,' ये कब लगाण तीन  तै पुटकि पर आग"  . अर जरा जादा खाण क मांगो त आशीर्वचन हुन्दा छा,"  भूत लगी गेन त्यार पुटुक पर ". यि गाळि  सौब बड़ों का पक्का आशीर्वाद छया अर या इ कारण च कि हम पर गाळियूँ से क्वी फरक नि पोड़दु    अर कूड़  पर गरम पाणि नि फुकेंदन . अचकालौ बच्चा तातो से तातो  पाणि से नि फुकेंदन पण गाळि सुणिक जळि क्या भरचे जान्दन.

 इनी कथगा इ अंतर छन म्यार लौड़ख्यळया (बचपन ) का दिनु मा आजौ बच्चों  चाइल्डहुड  मा.

 

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चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा


                        कैन ब्वाल रूप्या डाळ पर नि लगदन ?

                                    चबोड्या- भीष्म कुकरेती

  ब्वाळि  इकीस सितम्बरौ  खुणि ब्यखुन दै हमर प्रधान मंत्री जी न अपण रैबार मा बोलि बल  रूप्या डाळ पर नि लगदन . बिचारा मनमोहन सिंग जी ! विचारों तै पता इ नी च बल रूप्या डाळ पर बि लगदन. अब विचारा मनमोहन जी न त  नरसिम्हा राव राज मा हर्षद मेहता क सूटकेसुं से रूप्या बौगद द्याख  त वूं क्या पता कि भारत मा सूटकेसुं छोडि डाळु पर बि रूप्या लटकदन अब हमर इख बुल्दन  बल सौणौ  मैना मा जनम ह्वाओ त सबि चीज हौरी हौर दिखेंद. मनमोहन जीन त महाराष्ट्र मा कोंग्रेसी राज मा तेलगी स्टाम्प केस बिटेन रूप्या झड़दा देखिन  त वून कन कैक जाणन कि डाळु पर बि रुप्यौ झुम्पा लगदन. 

                     मनमोहन सिंग जीन त कोंग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक चौहाण का राज मा शहीदों क परिवारु कुणि बण्यु कूड़ आदर्श बिटेन रुप्यौ  पौ बारा द्याख त बिचारा क्या सूंगन कि कूड़ो छोड़िक डाळु पर बि रुप्यौ पात  हून्दन .

           अब जनो दगुड़ करिल्या त दगड्या क बतायुं तै इ सब कुछ समजे जांद , अब जब मनमोहन जीन लालू प्रसाद जीक दगुड़ कार त मनमोहन सिंग जी सम्ज्दन कि घास/चारा  पर इ रूप्या चिपट्या रौंदन. अब मनमोहन जी लालू जीक चस्मा से द्याखाल त कनै द्याखाल कि हरियाणा विधान सभा मा पाँच मार्चौ  २०१२ खुणि बड़ो घ्याळ ह्व़े छ्याओ कि बौण अर हर्बल पार्क मा बि मिनिस्टरों  तै छ्कैक रूप्या मीलि जान्दन.

   अब बिचारा मनमोहन जी कॉमन वेल्थ गेम मा रूप्या हगणो प्रतियोगिता दिखण मा इ व्यस्त राला त ऊं तै कनै दिख्याल कि महाराष्ट्र क नागपुर सर्कल अर वर्धा सर्कल मा  २०११ अर २०१२ मा जंगळो मा डाळु अर डाळ लगांद दै रुप्यों बरखा ह्व़े छे या क्या ह्व़े छौ धौं !

  अब मनमोहन जी ह्वाई देस का प्रधानमंत्री त वु से हम उमेद बि नि कौरी सकदवां कि वो जाणि ल्यावन कि महाराष्ट्र मा इ भौत सा जगा सरकारी बौण की जगा मा बडी बडी बिल्डिंग खड़ी ह्व़े गेन अर याँ से हम त जाणि गेवां कि जंगळ मा रुप्यौ खान छन  पण कुनगस च कि पी.ऍम. ओ  मनमोहन सिंग जी तै या बडी बात नि बतांदु बल जंगळु मा रुप्यौ खांडि बि  छन.

   अब बिचारा मनमोहन सिंग जी गाँ मा त राई नी छन त ऊन कनै बिंगण बल डाळु पर बि रूप्या खिल्दन , जरा एक डाळ  काटणो  अर्जी द्यावदी त जाणि जैल्या कि  प्रधान जी अर पटवरि जीक ड़्यार चौक मा कन डाळु  से फल फ्रूट झड़दन.

अब मनमोहन जी कोयला खदानों धूळ  साफ़ कर न मा यि राला त ऊं तै कंजरवेटर,  डी.ऍफ़.ओ, रेंजर , फोरस्ट औफ़िसरो शानदार कोठी अर उंकी जनान्यु क जेवरात दिखणो मौक़ा इ नि मिलुद , जु एक दै मनमोहन जी जंगल विभाग का अधिकार्युं कोठी , जेवरात अर ऊंका रिश्तेदारु बैंक बैलेंस देखि ल्यावन त फिर कबि बि मनमोहन जी न नि बुलण , पैसे पदों पर नही लगते है'.

   जैदिन मनमोहन जी जंगल विभाग का अधिकार्युं कोठी , ठाट बाट, जेवरात अर ऊंका रिश्तेदारु बैंक बैलेंस देखि   ल्याला त फिर ऊन हमेसा बुलण बल  भारत मा पैसा डाळु पर बि लगदन. 


Copyright@ Bhishma Kukreti 22/9/2012

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गढ़वाली हास्य, व्यंग्य साहित्य

चबोड़ इ चबोड़ मा , हौंस इ हौंस मा

                             तीनि कचांग  लगाई अर त्वी  ऐ गे मलम लगाणो ?

                              चबोड्या: भीष्म कुकरेती

[हास्य-व्यंग्य;  जसपुर वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; ढांगू वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; गंगासलाणी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;सलाणी  द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;  गढ़वाल वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी गढ़वाल  वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; उत्तराखंड वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी मध्य हिमालयी  द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी हिमालयी   द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; भारतीय द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; दक्षिण एशियाई द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; एशियाई द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; पूर्वी  महाद्वीपीय साहित्यकार द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य लेखमाला]

                                                 तीनि कचांग लगाई अर त्वी ऐ गे मलम लगाणो ? 

 

     ओहो ! मंमोहान जी ! परसी बड़ो घंघतोळ ह्व़े ग्याई जब आपन राष्ट्र तै रैबार द्याई. क्या बात च जी ? आपौ खुणि त लोग बाग़ बुल्दा छया बल  आप एक गैर राजनैतिक मनिख छन . पण इ सौब बेकार कि बात बुल्दन. आप से  बड़ो राजनीतिग्य अबि कवी नी च. आपि त ये रिफौर्म का तूफान लै छ्या अर जैन इथगा रगड़  बगड़ करी दे अर  अब आपि तूफ़ान से बचणो बान मनरेगा जन टेंट का कील घटणा छया. तुम्ही ने दर्द दिया क्या तुमि दवा भी दोगे ?

            वाह मनमोहन जी ! तुमसे बड़ो राजनीतिग्य कु ह्व़े सकदु जु पैल अपण मंत्र्युं तै , मुख्मंत्र्युं तै , एम्.पीयुं तै घूसखोरी करण दीन्दा अर फिर बुल्दां कि कोंग्रेस अर मेरी सरकार घूसखोरी रुकणा बान जमानो से कटिबद्ध च. वाह मनमोहन जी ! क्वी तुम मांगन  सीखो कि पैल कैकी अंगुळि काटो  अर फिर कट्या  पर अफिक मूतो बि. वाह साब क्या बात च हैं ! पैल जनता क अंग भग कारो अर फिर भसभसो /रीतो (खोखला) भाषण  से  सर्जरी कारो हैं! आप तै त इंटरनेशनल  मेडिकल कौंसिल से  नई डाक्टरेटकि डिग्री  मिलण चयेंद  कि जु दूसरों जिकुड़ी पर खुद चीरा लगान्द अर फिर भाषण का पेन रिलीवर बि दींदु. मनमोहन जी ! आप यीं भसभसी पेन रिलीवर कि दवा क पेटेंट करी द्याओ .अब जब इतिहास मा आप तै  बड़ो बेकार प्रधान मंत्री ही माने जालो त ह्व़े सकुद च ये भसभसो पेन किल्लर /रिलीवर की इजाद का बान इ सै आप अमर त ह्वेल्या.  तुमि ने डा  दिया तुम इ दवा भी दोगे ?

   अहा आपक भाषण बि क्या छौ हैं! भड़यइं चखुलि उड़ाण  मा आप त धूर्त से बड़ो धूर्त राजनीतिग्य तै बि मात दे सकदवां  भै!  कुज्याण कतगा   दिन, कथगा मैना , कथगा साल ह्व़े गेन धौं! आपन बोलि छौ कि बस भोळ आण द्याओ मैंगाई खतम इ समजो .वाह मनमोहन जी पैल आपि मंहगाई क एसिड कि बरखा करदवां अर फिर द्वी चारो तै मंहगाई को एसिड से बचणो छत्रा बंटदा . अर मजा या च कि आप  एंटी ऐसिडौ  छत्रा  बंटद  दै दगड मा डीजल पेट्रोल का बढया रेट का लूण-मर्च  बि घाव पर घसोड़ दीन्दा.  मनमोहन जी ! मारी अर वां पर महामारी क खेल सिखाणो बान  आप एक  इंटरनेशनल स्कूल खोलि इ द्याओ . इतिहास आप से सीखल कि कन पैल दर्द दिए जांद अर फिर दर्द मिटाणो  मलम से दर्द  हौरी बि  बढ़ए सक्यांद. हे महापुरुष ! जनता कु नयो दर्द से पुराणो दर्द बिसराणै /भुलाणो  कौंळ /तकनीक अन्वेषण का बान आप तै त भारत रत्न अर नोबल पुरुष्कार मिलण इ चयेंद.  आप ब्वालो त  मि सोनिया  बैणि से भारत रत्न क बान आपकी सिफारस कौरी द्यूं?

    आप पैल इन करतब करदवां कि मंहगाई उभारी खुण दौड़ण लगी जांद अर फिर आप वीं मंहगाई तै रुकणो बान आप फौरेन इन्वेस्टमेंट, उद्योगतियुं  तै सब्सिडी दीणो तंतर मंतर, झाड ताड़ करदवां पण या निर्भागण मंहगाई इन च कि आपक तंतर, मंतर, झाड ताड़ कु फरक यि बिथ्या पर हुंदी इ नी च . उल्टा आपक रिफौर्मी जंतर मंतर से या मंहगाई उड़ण बिसे जांद .

    इन च मनमोहन जी !  जब   क्वी बि डा  पुटुक मा ह्वाओ अर दुसर मिल्कौं सकासौरि मा मलम हत  खुटों पर लगैल त पुटकौ दरद त नि जालो हाँ हत खुटो पर नै बीमारी सौरि जाली . भैर मुल्कों सकासौरि जगा आप क्वी भारतीय हिसाबन रिफौर्म लांदा त ह्व़े सकुद च कि आप सचेकि इतिहास पुरुष बौणि जांदा. सकासौरी मा लौड़ गौड़ लमडाण इ छयाई, अनर्थ करण  इ छयाई  त ये मनमोहन जी ! आपन किलै अर्थशाश्त्र मा पी.एच डी. कार. पी एच.डी करणो असली   मकसद हुंद नई खोज करणो  ढब . पण आपन त नकलची बौणिक  अपण नाम बि गुवाई अर भारत को बि अनिष्ट कार , सबी जगा,  सबि दर्दों कि , सबी बीमार्युं की  एकी दवा नि होंदी  माराज. भारतीय मरज कि नई दवा खुज्याओ अर छ्वाड़ो ये नकलची रिफौर्म कि रट माराज .. 

     

Copyright@ Bhishma Kukreti 23/9/2012

गढ़वाली  में हास्य-व्यंग्य; जसपुर वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; ढांगू वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; गंगासलाणी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;सलाणी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;  गढ़वाल वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी  गढ़वाली   वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; उत्तराखंड वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;प्रवासी हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; भारतीय द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; दक्षिण एशियाई द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; एशियाई द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; पूर्वी महाद्वीपीय साहित्यकार द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य लेखमाला   जारी ...

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गढ़वाली हास्य, व्यंग्य साहित्य

चबोड़ इ चबोड़ मा , हौंस इ हौंस मा

 

                                        दीदि  मान गये आपको !

 

                                          चबोड्या: भीष्म कुकरेती
[हास्य-व्यंग्य; जसपुर वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; ढांगू वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; गंगासलाणी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;सलाणी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; गढ़वाल वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी गढ़वाल वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; उत्तराखंड वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; भारतीय द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; दक्षिण एशियाई द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; एशियाई द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; पूर्वी महाद्वीपीय साहित्यकार द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य लेखमाला]

         दीदि  कि दरियादिली से मि तै मार्केटिंग को पैलो पाठ याद आन्द बल छवि ( परसिप्सन )  अर असलियत मा  भेद हुंद , अंतर हूंद.दीदी न अपण छवि बणै द्याई बल दीदी आम मनिखों दगड्याणि च. दीदी क छवि ह्व़े ग्याई बल दीदी  से गरीब-गुरबों, दीन-  दलितों क दुःख दिखे इ नि जांद. छवि च बल दीदी क दिल गरीबों दगड़चंद च. दीदिक दरेक-हरेक  साँस मा गरीबुं दुःख इ रौंद.  दीदी माने अपणी ममता बनर्जी भै. मायवती त बैणि च अर ममता त दीदी  च. 
 
    मान गये दीदी आपको बल त्वे तै गरीबु बान दाणा पाणी चएंद पण हे दीदि , पण हे दमदार दीदि ! जरा तीन कबि हम क्या ऊं दलेदरों, गरीबुं तै बि बताई कि दाणा पाणी बान क्या क्या करे जालो? गरीबु दल मा होण या दीन दिखयारूं पाळि मा होण भलि बात च , दानवी गरीबी हटाणो बान दणमण अन्सदारी  बौगाण मा मै क्या कै बि दुरमत्यौ मनिख तै क्वी ऐतराज नी च. पण दीदि  खाली गरीबुं दुहाई दीण इ त तुमारो कर्तव्य नी च. गरीबों कुण कन  कैक दूधभति  आलो यांक खुलासा बि त तुम तै करण चयेंद कि ना? त्यारो गरीबुं अर दलिदरूं क दिदा या दीदि हूँ मा क्वी दिक्कत नी च  पण ये दीदि त्वे तै  दुनिया तै इन बि बथाण पोड़ल, दिखाण पोडल  कि ये दुख्यरन कनै ठीक हूण, निरोगी हूण.    आपक दनकाणै भाषा  भाषणु बान ठीक च पन दगड मा गरीबी हटाणो ब्य्नुत बथाण बि त कर्तव्य च.

      ये दीदी तुम रुणा रैंदा , तुम कै तै बि दनकाणा रौंदा, धमकाणा रौंदा बल  बंगाल मा गरीबो तै रोजगार दिलाओ. जी हाँ हमारो पड़ोसी पाकिस्तान वळ बि चान्दन बल हरेक भारतीय तै रोजगार मिलण इ  चयेंद . इख तलक कि नेपाली अर बांग्लादेसी बि दिल से अर दिमाग से चान्दन कि बंगाल अर भारत मा हौरी जगा बि रोजगार की खान लगी जाओ. पण यि दीदी जब क्वी रोजगार दिलाणै फैक्ट्री (जन कि टाटा मोटर) पर सफाचट दंदळ फ़ेरि द्याओ त ये दीदी इन बथाओ कि रोजगार क्या अस्मान बिटेन आलो ?

  अच्छा चलो तुम नि चांदा कि बंगाल मा क्वी प्राइवेट कम्पनी रोजगार द्याओ त ए जरा बथादि   त सै ! तुमन बंगाल का मुख्यमंत्री ह्वेक सरकारी स्तर पर  रोजगार दिलाणो बान  क्या कार? दीदि सबि जाणदन बल एक रोजगार हूंद जो सरकारी अनुदान जन हूंद अर उखमा उत्पादन शीलता को क्वी भागीदारी या रोल नि होंद. हैंको सरकारी स्तर या प्राइवेट स्तर को रोजगार हूंद जखमा उत्पादन शीलता बि बढ़दि . त हे दीदी मि उत्पादन शीलता बढ़ाण वळु रोजगार कि बात करणु छौं। ये दरियादिल दीदि जरा बथा दि त सै आपन बंगाल मा उत्पादन शीलता बढ़ाण वळु रोजगार क बान क्या कार या क्या क्या योजना बणैन . हे ममता दीदि ! गरीबुं मशीहा दिखाणै छवि बणान   अलग बात च अर गरीबुं कुण उत्पादन शील रोजगार दीणै  सोच अलग बात च. आपम गरीबुं कुण उत्पादन शील रोजगार दीणै सोच ई नी च. याद च हमारा एक समाजवादी विचारधारा क प्रधान मंत्री  ह्व़े छया अर ऊन बि इनी छवि बणै छे जन बुल्यां यूँ से बड़ो समाजवादी दुनिया मा क्या ये ब्रम्हांड मा ह्वाई इ नी च . अर ये दीदि जब इ भारत का प्रधान मंत्री बौणिन  त यूँ तै भारत कु सोना लन्दन का बैंकु मा गिरबी रखण पोड़ छौ अर ये दीदी वै टैम पर योजना आयोग का उपाध्यक्ष छया अपणा मनमोहन सिंग जी. अर ए दीदी ! प्रधान मंत्री छया महान समाजवादी चिंतक चन्द्र शेखर जी. 
 
  दीदी हमारा भारत का जथगा बि प्रख्यात , दिलदार समाजवाद समर्थक ह्वेन इ या आज तुमारा जन समाजवाद को दगड्या , समर्थक छन यूंक सरेल पर गरीबी क दुःख से दमळ त उपड़द छन पण यूंन आज तक कबि बि भारत तै यू नि बताई कि भारत मा उत्पादन शील रोजगार कन कैक पैदा करे जाओ जां से उत्पादक रोजगार बि मीलो अर गरीबी पर लगाम बि लगि जाओ.

    यां मा कवी द्वी राय नि छन बल दलिदरि   एक दुखुद च एक दुखौण च पण ईं दलिदरि से पार पाणो बान एक  निखालिस भारतीय सोच कि जरोरत च. दलिदरि दूर भगाणो बान दया दृष्टि ना अभिन्न अनोखा-भारतीय दूर दृष्टि चयाणि च . दलिदरि क दाह संस्कारों बान दृढसक्यात  चयाणि च  . हे  दलिदरों देवी !   दलिदरि तै डुबाणो बान डौंर बजाण, दमौ बजाण  या  डुग डुगी  बजाण जरूरी नी च बल्कण मा एक दायित्व  वळ उतरदायी कर्तव्य चएंद. हे दलिदरों सुख कि दिवानी !  जब आप मा उत्तरदायी कर्तव्य को अहसास ह्व़े जालो त फिर आपम एक नयो ब्यूंत  आलो जु निखालिस भारतीय ह्वालो अर भारत से दलिदरि भजाणो अभिनव तरीका ह्वालो.

 
 
 


Copyright@ Bhishma Kukreti 24/9/2012

गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; जसपुर वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; ढांगू वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; गंगासलाणी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;सलाणी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; गढ़वाल वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी गढ़वाली वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; उत्तराखंड वासी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य;प्रवासी हिमालयी द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; प्रवासी उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; भारतीय द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; दक्षिण एशियाई द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; एशियाई द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य; पूर्वी महाद्वीपीय साहित्यकार द्वारा गढ़वाली में हास्य-व्यंग्य लेखमाला जारी ...


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गढ़वाली व्यंग्य साहित्य

चबोड़ इ चबोड़ मा , हौंस इ हौंस मा

                           खावन प्यावन औरुक मार खावन गौरुक  (ब्लेम गेम्स)

 

                                             चबोड्या: भीष्म कुकरेती

 [व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तराखंडी व्यंग्य साहित्य; मध्य हिमालयी व्यंग्य साहित्य; हिमालयी व्यंग्य साहित्य; उत्तर भारतीय व्यंग्य साहित्य; भारतीय व्यंग्य साहित्य; एशियाई व्यंग्य साहित्य; जसपुर वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; ढांगू वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; प्रवासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली प्रवासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; प्रवासी उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;मुंबई वासी द्वारा  गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;महाराष्ट्र वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य लेखमाला ]



     अपण कसूरो  जगा पर दुसर पर भगार लगाणो ब्लेम गेम बुल्दन अर गढ़वळि मा यां पर मिसल बि च बल खावन प्यावन  औरुक मार खावन गौरुक. उन मिसल औरी बि छन जन कि अपण पूठो गू हैंको पर पुंजण,  अपण अन्दाळो बान हांको तै गाळि  दीण .


              ब्लेम गेम या दुसर पर अपण कसूरो भगार लगाण एक टुटब्याग च. अब द्याखो ना वैदिन ब्य्खुन दै रामसरूप ग्वाठम  गोरु जग्वाळ मा छौ. नौनु ह्वाई वु हैंक ग्वाठम  अपण दगड्या क दगड  खिलबगाड़ लगि ग्याई अर इथगा मा बाग़  द्वी चिनख उठै क लीगे . रामसरूप न अपण बुबा पर इ भगार लगाई दे कि चिनखूं तंदला इ कमजोर छौ. रामसरूपौ बुबान अपण कज्याणि घमकै द्याई कि  वीन सुबेर सुबेर गाळि जी दे छौ. टुटब्याग म इन नि दिखे जान्द कि भगार कै पर लगणि च बस कसूरवारो काम हुंद बल अफ़ु तै बचाण.बाकी ब्व़े मार खै बि द्यालि त क्या ह्वाई  मि भतका-चटका  खाण से त  बचि ग्यों ना! 

 
   जब बि कैको नौनु इमतान मा फेल हूंद  त ब्व़े बाब शिक्षा विभाग कि डंडलि सजाण मा दिन रात एक करि दीन्दन. ब्लेम गेम एक मनोवैज्ञानिक बीमारी बि च.


            कसूर अपण अर भगार दुसर पर लगाणो उदारण  सेल्स लाइन मा मीन भौत दिख्युं च. सेल्स या ब्यौपार कम ह्वाओ त सेल्समैन बुल्दन क्या करां साब ! कंपिटीटर का रेट भौत कम छन अर यू सेल्समैन इन कबि नि बुल्दु कि ऑर्डर लीणों बीस दुकानु जगा वु पांची दुकानु  मा ग्याई . फिर हैंको बुल्दु बल साब ! टार्गेट कनै पूर हूण  कंपनी सर्विस ही भौत बेकार च. यू सेल्समैन कबि बि स्वीकार नि करदो कि ये तै दिन मा बि शराब पीणै  लत जि लगि ग्याई. तिसरु बुलद बल साब! अच्काल त सीजन इ नी च अर इन नि बुल्दु कि सेल्स टूर बिची मा छोडि वु चोरि  छिपी अपण गाँ ह्वेक आई.गां मा जमीन नि बिकी त भगार  हीण सीजन पर लगै दे. ब्लेम गेम या भगार लगाणो खेल मा इन नि दिखे जांद कि जैक लूण खाण हो वैक दगड इमानदारी बरतण चएंद. उन भगार लगाण  बहाना क एक रूप बि च.


          कथगा इ कसूरवार निर्दयी हून्दन. वो अपण गुनाह लुकाणो बान कैकी मौ जौ बि उजाड़ी दीन्दन.


   अच्काल त पत्रकारिता ब्लेम गेम की नई मिशाल  कायम करण मा लगीँ च. जख द्याखो भगार लगाणो समाचार छन, खास खबर मा भगार, पेज थ्री मा भगार, सम्पादकीय मा भगार, वित्तीय समाचारों मा भगार अर लांछन,  खेल जगत मा भगारों की भरमार. इन लगद जन पत्रकारिता क एकी ध्येय रै गै भगार लगाण.


           जरा प्रशासन मा नजर त मारो उख त एक विभागक  दुसर विभाग पर भगार लगाणो बान पांति लगी रौंदन. एक विभाग बुल्दु बल हमर इख काम  इलै  नि होणु च बल दुसर विभाग वळ फटाफट काम खतम करदन अर फाईलुं  चट्टा हमर विभाग मा लग जांद अर  इथगा जादा फाइल देखिक हमर विभगाक  लोग फगोसे जान्दन.


  भौत सा  संस्थानों मा जब बि क्वी कौनफेरेंस त ब्लेम एक पाळि बिटेन हैंक पाळि ज़िना  इन चलदन जन बुल्यां टेनिस कु खेल चलणु ह्वाऊ. एक हैंको पर ब्लेम कु बैक स्पिन करदो त समणि बिटेन क्रोस ओवर की भगार को जबाब ऐ जान्दो..  याँ मा  पीठ पैथर चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी बुलदा बि छन आज त ब्लेम गेम डे च.

  ब्लेम गेम माने अपण अंगुळि दुसरौ  तरफ कारो अर जरा कैकी अंगुळि तुमर तरफ आओ त वैकी अंगुळि इ ना मौणि मड़कै द्याओ .

  फिर ब्लेम गेम मा दुसरो ध्यान कै हैंकि जगा बौड़ये जांद अब जन कि कौंग्रेस न कोलगेट क दोष लुकाणो बान खुरदरा व्यौपार मा विदेशी निवेश आदि क योजना लागू कर दे .कम  पूँजी निवेश अर  कम उद्यम का वास्ता कथगा इ मंत्री संतरी विरोधी पार्टी वळु पर भगार लगै दीन्दन.

     कथगा इ नेता कै बि आन्दोलन, घटना या दुर्घटना तै विदेसी हाथ से जोड़ दीन्दन.  ब्लेम गेम या भगार लगाणो खेल को यू स्वर्णिम आधार च .

  अपण दिग्गी बाबू त माख बि मुर्दन त वांक दोष राष्ट्रीय स्वयं संघ पर लगै  दीन्दन.


 भारतीय जनता पार्टी दुसर पर भगार लगा न मा बि काम नि च. लोकसभा मा जोर जोर से घ्याळ करदन अर धमा चौकड़ी मचान्दन अर  फिर बेशरमी से सरकार पर भगार लगांदन कि सरकार लोक सभा चलाण इ नि चांदी.

  द्याख च आपन अपण शरद पंवार जी तै एक दिन बुलण बैठीन  बल खाण पीणो चीजों कि  मंहगाई रुकणो बान सरकार कुछ नि करणि च . ये म्यार भुभरड़  ! कृषि मंत्री इ सरकार पर भगार लगाणु बल खाद्य पदार्थों दम किलै बढ़णा छन? अर कवी पुछ ण वाळ बि नी च बल  ये भै मंत्री त सरकार कु अंग होंद कि ना ?   

 
  अब द्याखो ना वैदिन  खबर आई बल मनमोहन जीन सोनिया जी तै बताई बल कोयला खदानों क लाइसेंस दीण मा  अहमद पटेल (सोनिया जीक मुख्य सचिव) कि अहम भूमिका च. अब बथाओ भारत कु सबसे बड़ो साब बि दुसरो शिकायत कारल  त इनी त बुल्याल बल हमर प्रधान मंत्री बि बलम गेम मा माहिर इ ना ब्लेम गेम का बड़ा डाक्टर छन .

 
  ब्लेम गेम या भगार कु खेल मा कै ना कैकी बळि जरुरी हूंद. जन कि आदर्श घोटाला या हौरी बि घोटाला मा बळि क बुगठया  सरकारी ऑफिसर इ बणदन, दोषी नेता त उल्टा  यूँ बळि क बुगठयों   मौणि काटणो बान खुन्करी पळयांदु .


 एक बात सत्य च बल ब्लेम गेम या भगारो खेल मा छ्वटा छ्वटा प्यादा इ धराशयी  होन्दन बड़ा बड़ा शातिर त बच इ जान्दन . द्याखदी कलमाड़ी जी त ओलम्पिक खेल दिखणो बान लन्दन ह्वेक बि ऐ गेन.अर सी अम्बानी सरीखों क मैनेजिंग डाइरेक्टर जेल घूमी घामिक ऐ गेन अपण अनिल अम्बानी बुलणु राई बल मै त पता इ नी च कि म्यार संस्थान मा कु क्या करद. ब्लेम गेम या भगार लगाणो यो बि एक  सास्वत नियम च  कि अफु तै अजाण साबित करि द्याओ अर भगार से बची जाओ.

     

 


Copyright@ Bhishma Kukreti 25/9/2012

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Bhishma Kukreti

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गढ़वाली व्यंग्य साहित्य

चबोड़ इ चबोड़ मा , हौंस इ हौंस मा

                                 कूलौ बाट मा सिंचाई साधनुं  प्रदर्शनी

 

                                       चबोड्या: भीष्म कुकरेती



[व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तराखंडी व्यंग्य साहित्य; मध्य हिमालयी व्यंग्य साहित्य; हिमालयी व्यंग्य साहित्य; उत्तर भारतीय व्यंग्य साहित्य; भारतीय व्यंग्य साहित्य; एशियाई व्यंग्य साहित्य; जसपुर वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; ढांगू वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; प्रवासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली प्रवासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; प्रवासी उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;मुंबई वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;महाराष्ट्र वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य लेखमाला ]


                 ब्याळि जैबरी महाराष्ट्र मा  नेशनल कॉंग्रेस्यूं  स्पोंसर्ड राजनैतिक नाटक - स्वांग चलणु छौ ,  मि तैबरी  एक गाँ मा कूलौ बाट (नहर  वाला रास्ता) मा सिंचाई साधनुं प्रदर्शनी दिखणु छौ.   गाइड बड़ो भलो मनिख छौ अर सौज सौज कौरिक  सब बिंगाणु छौ.


गाइड- या च सिचाई साधनुं प्रदर्शनी क मुख्य द्वार चूंकि सिंचाई विभाग मा बजट रयुं नी च त जु इ प्रदर्शनी क द्वार छन वो खन्द्वार बण्या छन.

मि- अर यि सिंचाई प्रदर्शनी  तौळ जु पौ च वो बि त खंड मंड दिख्याणा छन.

गाइड- हाँ यू प्रतीकात्मक प्रदर्शनी च त इखमा आप तै प्रतीकों से बिंगण पोडल कि महाराष्ट्र मा सिंचाई विभाग कन च. उन क्वी जादा दिमाग लगाणो जरूरत नी च आपक समज मा अफिक ऐ जालो. जब तथाकथित लाटा काल़ा जन मनिख  समजी जान्दन त आप बि समजी जैल्या .


मि- जी यि क्या च ? ग्लोब बि च अर महाराष्ट्र कु नक्सा बि  च ?

गाइड- यू च ग्लोब अर या च महारासत्रा. अर द्याखो यू जु नीलो रंग दिखाणु च कि  हरेक देस या जगों मा बांधु ब्वालो या डामुं घनत्व क्या च ?

मी- अरे वाह ! भौत बढ़िया ! ब्रेवो महारास्ट्र ! घनत्व क हिसाब से त महाराष्ट्र भारत का हौर प्रदेसुं इ ना बकै  देसूं से भौत अग्वाड़ी च ? 

गाइड- जी ! महारास्ट्र प्रदेस ना डामुं  प्रदेस च. इख जमीन क प्रति एकड़ क हिसाब से सबसे जादा डाम छन.

मि- ब्रेवो! महारास्ट्र ! अर यि रंगदार माटू से बणयूँ चीज च ? जमीन बि दिख्याणि च अर सिंचित जमीन ब दिख्याणि च .

गाइड- जी ! ये प्रदर्शन मा हमन इ दिखाई कि महारास्ट्र मा  पणचर ( सिंचित)  जमीन कथगा च अर उखड़ (गैर सिंचित ) जमीन कथगा च अर फिर हमन  देस मा हौर प्रदेसुं मा पणचर जमीन अर उखड़ जमीन कु अनुपात बि दिखायुं च.

मि- अछा जु यू नीलो रंग च यू पणचर जमीन कि निसाणि च अर यू खरसण्या रंग उखड़ जमीन कि निसाणी च .

गाइड- बिलकुल सही .

मि- हैं पण यि क्या ! महारास्ट्र मा डाम सबसे जादा , पण महाराष्ट्र मा पणचर जमीन अर उखड़ जमीन को भेद हौर प्रदेसुं से जादा च .मतबल डामों अनुपात मा पणचर जमीन हौर प्रदेसुं से  त कम च ?

गाइड- भै ! अब पूठ धूणो, बदन धूणो , खाणक बणाणो अर उद्योगुं बान पाणि नि चएंद . यू बि त एक तरां सिंचाई इ च कि ना? 

मि- मतबल ..?

गाइड - हाँ हाँ बजट आंदो सिंचाई कु अर खर्च हूंद शाहरू या उद्योगुं बान पाणि इंतजाम मा .

मि- यू गोरख धंधा म्यार बिंगण से भैर च .

गाइड- भारत मा भौत सि बथ त  भगवानौ बिंगण मा बि नि आन्द कि वैकी बणईं दुनिया मा हूणु क्या च.

मि- अरे यू क्या च एक जगा मा फाइल पर फैलूं चट्टा लगणु च, फाइल सरकणो नाम नि लीणा छन  अर हैंक जगा मा फाइल सरकणो स्पीड   ध्वनि गति से बि बिंडी च

गाइड- हाँ ! यू जु फाइल नि सरकणा  छन ओ बथान्दन कि आम दै सरकारी फाइल सरकद  इ नि छन. पण जब अपणा अजीत पंवार जी सिंचाई मंत्री छया त डैम /बाँध पास करणो फाइल फटाफट पास हुंदी छे.

मि- इथगा अंतर किलै  ?

गाइड - या बात आखिरी बिन्गौला कि किलै पंवार जेक राज मा फाइल इथगा तेजी से अटकदि छे.

मि- अर यू क्या च ? हैं सोना चांदी क बडी बडी इमारत ?

गाइड- यि प्रतीकात्मक इमारत छन. अर यि सोना चांदी क ईमारत सिंचाई मंत्री क परिवार वाळु,  रिश्तेदारों, राजनैतिक दगड्यों  अर सिंचाई विभाग का ठेकेदारों क छन .

मि- अर यि डामुं  बिटेन पाणी जगा  काळो  काळो रूप्या स्विट्जर लैंड क तरफ जाणु च . यू क्या च ?

गाइड- ओहो ! यू सौब तुम पड्या  पद्या लिख्यां लोगूँ दिमागी फितूर च, भरम च  अर आम जनता तै यू नि दिख्यांद . अग्वाड़ी बढ़ो .

मि- अरे यू क्या च . ये सिंचाई विभाग का अखाड़ा मा भौं भौ किस्मौ नेता लड़णा छन . क्वी कुस्ती लड़णो च , क्वी जुडो ,  क्वी थमळी से वार करणो च, कखि एक दुसरौ दगड वाक् युद्ध चलणु च , कखि चरित्र पर दाग लगाणो खेल चलणु च  .यि सौब क्या च /

गाइड- यू विधान सभा क एक प्रतीक च जख सरकारी अर विरोधी दल का नेता आपस मा प्रजातंत्री खेल खिलदन अर जनता देखिक खुस होंदी.

मि- अर यि पर्दा पैथर बि त कुछ चलणु च ?

गाइड- नि द्याखो ! हाँ ! नि द्याखो तुमन बेहोश ह्व़े जाण

मि- अरे जु नेता भैर लड़ना छया यि सब इख पर्दा भितर एक बडी थाळि म बैठ्या छन अर एक हैंकाक प्लेट मा बोटी सोटी दगड़ी खाणा खाणा छन  .

गाइड- याने कि यि नेता एकी थाळि चट्टा बट्टा छन अर खान्द दै इ सौब  एक ह्व़े जान्दन.

मी- अर अर ! यि क्या च यि खम्बा क्या छन कुज्याण कथगा खम्बा छन धौं ! अर यूँ मा सन बि लिख्युं  च कि  कु  खम्बा  कै  सन  मा  घटे  गे  छौ   

गाइड- यि खम्बा स्वतंत्रता  बाद सिंचाई विभाग मा भ्रस्टाचार पता लगाणो बान जथगा बि कमिसन बैठीं वांक प्रतीक छन अर यि खम्बा सबूत छन कि हमारा नेता बड़ा पाक साफ़ छन. आज तक कै बि कमीसन से क्वी नेता कबि बि नि पकड्याई

मी- अर यि मर्तण्या  लोग कु छन जौं मा सिरफ़ साँस बाकी च ?

गाइड- या इ त भारत की जनता क दशा च

 Copyright@ Bhishma Kukreti 26/9/2012

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व्यंग्य साहित्य गढ़वाली  भाषा में

चबोड़ इ चबोड़ मा , हौंस इ हौंस मा

                                 काका भतिजौ  खेल   

 

                                 चबोड्या: भीष्म कुकरेती


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                                       काका भतिजौ खेल 

एक- हे चलो काका भतिजौ खेल खिलला.

हैंक बच्चा - हाँ हाँ बड़ो मजेदार खेल च !

तिसरु- ठीक च मी नौरतु याने सूत्रधार  बणदु   . अर तु स्वाग कुणि डाईलौग लेखिक दींद जा.

नौरतु (सूत्रधार ) - बदमासो कु खेल द्याखो

                     --- धुर्याओं क खेल द्याखो

                     -- गरीबी मिठाणो खेल द्याखो

                    ---- पैलाक मंगत्या , भिकारी अर आजौ  नेता क  एकी साल  मा खड़ी चमकदार कोठी द्याखो

                    -----   राजनीति मा 

                    ---छकटु (ठग) कु   छकटणु (ठगुण ) द्याखो 

                   --- कुर्सी पर परिवार वाद कु गोंद द्याखो

                    -- भाई भतीजा वाद कु रोग द्याखो

एक- अरे बन्द कर भौत  ह्व़े ग्याई. इ सौब. भलो छे कि जु तु बिहार अर बंगाल मा नि छे निथर त्यार  मुख प्रजातन्त्री म्वाळ से बन्द करे जांद.

नौरतु- आओ जरा महाराष्ट्र की परुशरामी धरती मा काका भतीजों खेल खिले जौ

काका- आ ये म्यरा भतीजा जरा बेवकूफ बणाणो खेल खिले जाओ.

भतीजा - काका सन सैंतालीस से यू खेल चलणु च अब दर्शक ब्वालो या जनता तै अब नेतौं द्वारा बेवकूफ बणाणो खेल से बिखलाण ह्व़े ग्याई

काका- त चल काका भतीजा क खेल दिखौला 

भतीजा- काका यु क्या सिंचाई विभाग मा  घोटालो जांच कु औडळ बीडळ  आणु च

काका- अरे क्या ह्वे ग्यायि । इन त सेंट्रल महाराष्ट्रा कोपरेटिव   बैंक घोटाला जांच कु ढांड बि पोड़ी छौ

भतीजा- पण काका इन लगणु च सिंचाई विभाग मा घोटालो जांच कु औडळ बीडळ खतरनाक च . जादा परेशानी वळ च.
 
काका- त इन कौर तू मंत्रालय जाण बन्द करि दे .अर  सिंचाई विभाग मा घोटालो को  ध्यान अपण 'मंत्रालय  नि जाण' पर लगै दे .

भतीजा- पण काका यू स्वांग त तुमन डिल्ली मा बि कौर छौ. जनता जन ढिबरों बात  त जाणि द्याओ पण अजकाल यि टी वी. चैनलुं  दरबार मा पत्रकार  अर विश्लेषकुं न जाणि जाण कि मी सिंचाई विभाग मा घोटालो अर सरासरी फाइल पास करणो ध्यान हटाणो बान   मंत्रालय नि जाणु छौं.

नौरतु- यूँ नेताओं स्वांग , टुटबाग द्याखो

काका - त इन कौर ब्रह्माश्त्र छोडि दे

भतीजा-  काका आपन त बथाई छौ कि छक कैकी खाओ पीओ अर भगार दुसर पर आण चएंद इ  ब्रह्माश्त्र हुंद

काका- अरे गलती ह्व़े ग्याई . उ छक कैकी खाओ पीओ अर भगार दुसर पर आण चएंद त टुटब्याग  शाश्त्र होंद.

भतीजा - त गुरु जन काका ! यू ब्रह्माश्त्र क्या हूंद ?

काका- त इन कौर तू उप मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दे दी

भतीजा- याने लाल बहादुर शाश्त्री क तरां ?

काका - दिमाग खराब हुयूँ  च त्यार अर म्यार जु अछेकी त्यागपत्र या इस्तीफा द्योला !

नौरतु- यूँ नेताओं स्वांग , टुटबाग द्याखो

        - यूँ नताओं क कुकर्मी  स्वांग द्याखो     

        - नेताओं क भरम फैलाणो बेशरम जाळ द्याखो

         -नेताओं क बेवकूफ बणाणो खटराग द्याखो

         --- नेताओं क इस्तीफा क स्वांग द्याखो

 भतीजा- अर जु मुख्मंत्री  म्यार इस्तीफा स्वीकार करी  द्यालु त ?

काका- अबे बेवकूफ छे तू. मुख्यमंत्री त्यार इस्तीफा स्वीकार  कौरल त महाराष्ट्र अर डिल्ली मा सरकार भ्युं नि पोड़ी जालि?

भतीजा-  त ठीक च मी अबि इस्तीफा दे दींदु

काका- अबे नालायक ! पैल मि तै कोलकत्ता जाणि दे अर फिर इस्तीफा दे. जां से लगो कि त्यार इस्तीफा  स्वांग नी च असलियत च .

नौरतु- -- द्याखो द्याखो ! यूँ नेताओं क जंक जोड़ द्याखो

        --  यूँ नेताओं क सियीं जनता तै जौर, ज्वर कु इंजेक्सन दीण द्याखो

          --यूँ जनता जनार्दनो कु जंजाळ द्याखो.पावर कु पावर द्याखो 

           - जन सेवकुं  कि हिजड़ा जन , जनखा जन  जंवामर्दि  द्याखो

काका- हाँ मि कोलकत्ता पौंछि गयो अब तू उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दी अर घ्याळ इथगा हूण चयेंद कि महाराष्ट्र इ ना भारत का सबि भर्याँ  बाँध -डामुं पाणी सूखि जाओ.

एक चानेल- ब्रेकिंग न्यूज - उप मुख्यमंत्री न इस्तीफा द्याई

दुसर चैनेल- ब्रेकिंग न्यूज- महराष्ट्र मा सरकार तै खतरा

तिसर चैनेल- ब्रेकिंग न्यूज अब हम भारत मा 'कोयाला खदानों अर महराष्ट्र मा सिंचाई विभाग मा घोटालो समाचार अर विश्लेषण दीण सद्यानो खुणि बन्द करणा छंवां  अब  बीस पचीस दिन सिर्फ अर सिरफ़ उप मुख्यमंत्री क इस्तीफा कु घ्याळ ह्वालो

नौरतु- द्याखो द्याखो ! भारत मा ख़ास मुद्दों से  ध्यान बंटाणो खेल द्याखो

           - नेताओं क भूक, तीस, रोजी रोटी क कमी से ध्यान हटाणो  कमीनापंथी क हथियार द्याखो

खटकरी -अरे मि ईं दमानिया समानिया पर मान हानि क दावा करणु छौं

भतीजा - खटरागी खटकरी जी ! ये स्वांग कु स्क्रिप्ट मा त आपक रोल इ नि छयाई  . आप किलै ऐ गेवां ? ये स्वांग मा त मेरो इ इस्तीफा पर चर्चा क स्क्रिप्ट छौ

खटकरी- अरे ये स्वांगक स्क्रिप्ट मा समानिया दमानिया बि त नि छेइ  अर वा म्यार अर त्यार काका क खाओ पीओ अर बांटिक खाओ वळा संबंधो क बारा मा सबि टी वी चानेल अर अखबारों तै बथाणि च त मि ये स्वांग से भैर किलै रै सकदु .

नौरतु- अहा ! धुर विरोधी नेता अर सरकारी नेताओं क जुगलबंदी द्याखो. भैर दिखानो कुत्ता बिरळ कि लड़ाई अर भितर कावों क  भाई बंदी द्याखो.

---- अर सि द्याखो जनार्दन द्विवेदी कु  अपण ख़ास विरोधी खटरागी खटकरी जी तै बचाणो वकीली जिरह द्याखो

  -- खटरागी खटकरी जी क दगड्या उज्यळु  जावडेकर जी कु खटरागी खटकरी जी तै दूध कु धुयुं  साबित करणो  कुतर्की जबाब  द्याखो

  -- थैली क चट्टे  बट्टों  कु खिलवाड़ द्याखो

खुस पटेल- अब उप मुख्यमंती क इस्तीफा वापस नि ह्वालो . अब भतीजा क जगा बेटी उप मुख्य मंत्री होली

भतीजा - काका ! यू क्या च / मीन ट इस्तीफा इअली द्याई कि कि ..युत नियम विरुद्ध च . यू त स्क्रिप्ट मा छें इ छौ

काका- बेटा राजनीति मा स्वार्थ पूर्ती का सब चाल  जायज छन . अब मी चांदो कि मेरी बेटी तेरी जगा ल्याऊ . शतरंज अर राजनीति का खेल इकजनी होन्दन

नौरतु- वाह राजनीति की शतरंज का खेल द्याखो

बीस पचीस विधायक- भतीजा क इस्तीफा वापस नि ह्वाल त हम सरकार गिरे द्योला

काका - भतीजा यू त स्क्रिप्ट मा नि छयो 

भतीजा - काका यि सौब कौंळ मीन तुम मांगन इ सीखेन

काक- ओ मि बिसरी ग्यों कि च्याला बि गुरु पर भारी पोड़ सकुद . ठीक च त जन च तनी रौण दे . त्यार इस्तीफा रद्द ह्व़े जालो

नौरतु- नै नै यू स्वांग बन्द नि ह्वालू. रोज इनी स्वांग चलणा राला

जनता- अर में जनता क  क्या ह्वालू?

नौरतु- जब तलक तू इनी सिंईं  रैलि  तब तलक भारत मा  राजनैतिक- बेतुका, बदजात, बदतमीजी , बलात्कारी, लूटमारी , चोरी-जारी , बेशर्मी का स्वांग इनि चलणा  राल .

 

 


 


Copyright@ Bhishma Kukreti 28/9/2012

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