Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 357533 times)

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

 

 

                                             विजय बहुगुणा जीक दगड़  उद्योग नीति पर इंटरव्यू
 
 

                                                      चबोड्या: भीष्म कुकरेती
                           

(s=-माने आधी अ )

              अचकाल फेस बुकs खबरों से कुछ पता इ नि चलदो बल खबर सही खबर च, दुस्मनो कि नेताओं तै बदनाम करणों बान झूटी खबर उड़ाईं/उछाळि च; नेताओंs  जन सम्पर्क को बान उच्छाळि खबर च या क्या च ? अब सि फेस बुकम एक खबर द्याख बल उत्तराखंडs मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा जी चौड़ (शीघ्र) एक उद्योग नीति लाण वाळ छन या घोषित करण वाळ छन। ठीकि च क्वी बि मुख्यमंत्री ह्वावो वो पैल प्रशासनम चुस्ती लाणों बान अधिकार्युं थोकम बदली करदो जां से ट्रांसफर उद्योगम उच्छाला आंदो अर इन बुल्दन बल नेताओं अर अधिकार्युं ड्यार रुप्योंन दबल-कुठार भरे जांदन। अब जब उत्तराखंडs मुख्यमंत्रीम करणों बान कुछ काम नि ह्वावो त वो उद्योग नीति घोषित करदो।
 
 

   

मीन कल्पना कार बल जु मि उद्योग नीति पर विजय बहुगुणा से मुखाभेंट (इंटरव्यू) करलु त वा मुखाभेंट इन होलि। मुखाभेंट हिंदीम इ होलि।
 
 

मि- विजय जी बधाई हो बल आप उत्तराखंडो बान  एक उद्योग नीति लाण वाळ छन।

विजय बहुगुणा- जी सोनिया जीक फजल से,  राजीव का आशीर्वचन से अर बुबा जीक पुण्यो परताप से मि शीघ्र ही राज्य उद्योग नीति घोषित करलु।
 

मि- बुगण जी ! मि ...

विजय- यी बुगण को च ?

मि- जी गावुंमा बहुगुणाओं तै अबि बि बुगण करिक भट्यान्दन।
 
विजय - पण म्यार ख़ास सलाहकारोंन  त इन बथाई छौ बल हम बंगाली छंवां अर  कबि नि बतै बल हम बुगण बि छंवां   

मि- अछा  ! छ्वाड़ो। जरा इन बतावो बल पहाड़ो का वास्ता पर्यटन उद्यम नीति क्या च? खासकर पौड़ी, पिथौरागढ़ जन जिला जख पर्यटन कम च उखाकुण क्या नीति होलि?
 
विजय - जरा मि नीति फ़ाइल देखिक बतांदु हां! वाह -नैनीताल देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश अर सितारगंज का पपर्यटन विकासो वास्ता बजट दुगणों करे जालो।

मि- सर ! मि पहाड़ोंम पर्यटन उद्योग विकास की बात पुछणु छौं।
 
 विजय-क्या नैनीताल देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश अर सितारगंज नि छन?

मि- सौरि सर नैनीताल देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश अर सितारगंज मैदानि हिस्सा छन।

विजय - पण म्यार ख़ास सलाहकारोंन मि तै बथै इ  नी च बल नैनीताल देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश अर सितारगंज पहाड़ी इलाकाक नि छन। यांक मतलब या च मि तै हौर बि सलाहकारों जर्वत पोड़लि।
 
मि- अच्छा सर! पहाड़ोम रोजगार नि होण से पहाडुंम  पलायन एक बड़ी समस्या च। पहाड़ी गावों से पलायन रुकणो बाण पहाड़ो बान आपक क्या उद्यम नीति च?

विजय- हाँ ! भलो हो इंडियन प्लानिंग कमिसन को। रोजगार का अवसर बढ़ाणो बान योजना आयोगन उद्धम सिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून अर सितार गंज को बजट दुगणों करी दे।
 
मि- पण सर! उद्धम सिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून अर सितार गंज त मैदानी हिस्सा छन अर मि पहाड़ोंम उद्यम लगाणों सवाल करणु  छौं जां से पहाडुं बिटेन पलायन रुकि जावो।

विजय- हैं गजब ह्वे गे म्यार खास सलाहकारोंन त मि तै  बतै इ नी बल उद्धम सिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून अर सितार गंज मैदानी भाग छन। मि तै कुछ हौर ख़ास सलाहकार  भट्याण पोड़ल जौं तै उत्तराखंड को भूगोल पता हो।
 
मि- सर ! पहाड़ोंम खेति पाति खतम होणि क्या चौपट ही ह्वे गे। जरा  इन बताओं कि आपकी नई उद्योग नीतिम  पहाड़ों बान कृषि उद्योग नीति क्या च?

विजय- हाँ ! कृषि विकासौ बान बासमती, रासमती, गेंहूं, अरहर, चना की खेती तै प्रोत्साहन दीणों बान बजट बढ़ाये जालो।
 
मि- पण सर !  बासमती, रासमती, गेंहूं, अरहर, चना की खेती त मैदानों खेति च। मि पहाड़ों खेति बाराम पुछणु  छौं।

विजय- पण मेरो बिंगणम नि आयो कि  म्यार ख़ास सलाहकारोंन मि तै किलै नि बतै बल बासमती, रासमती, गेंहूं, अरहर, चना की खेती त मैदानों खेति च। कुछ हौर सलाहकार भट्याण पोड़ल।
 
मि- चलो मि समजि ग्यों कि आप बि भूतपूर्व मुख्य मंत्र्युं  बाटो पर ही चलणा छौंवा।

विजय- नै नै .

मि- चलो जाणि द्यावो। जांद जांद एक सवाल च . भाषा नीति क्या च ?

विजय- उर्दू तै त हमन राज्य भाषा दर्जा दियाल। बस अब चौड़ (शीघ्र) ही  बंगाली तै बि राज्य भाषौ दर्जा दिए जालो .
 
मि- सर ! हजारों साल पुराणी राजकीय भाषाओं गढ़वाली अर कुमाउनी भाषौं बाराम क्या नीति च?

विजय- हैं ! गढ़वाली अर कुमाउनी भाषा हजारों साल पुराणि राजकीय भाषा छयी ?

मि- जी सर।

विजय- पण म्यार ख़ास सलाहकारोंन मि तै बतै इ नी च बल गढ़वाली अर कुमाउनी भाषा हजारों साल पुराणि राजकीय भाषा छ्या। कुछ हौर ख़ास सलाहकार भट्याण पोड़ल।
 
मि- जी यि ख़ास सलाहकार कखक छन?

विजय- जी यि खास सलाहकार इलाहबाद बिटेन अयाँ छन।कुछ हौर ख़ास नया सलाहकार भट्याण पोड़ल।

मि- अर नया सलाहकार कख बिटेन भट्येल्या?

विजय- इलाहाबाद बिटेन अर कखन। मी अबि रीता तै फोन करदो कि सलाहकारों की एक हैंकि  खेप भेजी द्याव                   
 
 

             

   

 Copyright@ Bhishma Kukreti 30/01/2013

[भैरों ! मुखाभेंट कल्पना माँ इ ह्वे। )

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                                          देहरादुनs कायापलट 

 

 

                                       चबोड्या: भीष्म कुकरेती

 

 (s=-माने आधी अ )

 


                   जु ड्याराडूण  रौणा छन सि परेशान छन बल अब ड्याराडूणम इथगा परेशानी ह्वे गेन बल यू शहर रौण लैक नी च। जु  ड्याराडूण से भैर छन वो परेशान छन कि वूं तै ड्याराडूणै  परेशानी किलै नसीब नि होणि  च। ड्याराडूण संबंधित जथगा बि छापा -पतड़ा (अखबार-पत्रिका) अर इन्टरनेट्या माध्यम छन वो  ड्याराडूणौ कुव्यवस्थाs बाराम बताणा रौंदन।

 

                   मि घड़्याणु छौ बल जु मीम क्वी रिमोट कंट्रोल हूंद त मि ड्याराडूणs  कायापलट कौरि दींदु।
 
 

                  पैल त मि जगा जगा हरबंश कपूर अर वैक नौन्याळो  जन राजकरण्यौ  बैनर /होर्डिंगों पर बैन लगायि दींदो कि ये भै! जु तुम राजनैतिक  इथगा इ कामगति छंवां त तुम तै पब्लिसिटी जरोरात  इ क्या च ? अर जु तुमन बथाणि आयिब ल तुम अपण ब्वेक पुटुकन   इ जन सेवक ह्वेक आवां त बेशरम, निर्लज , लुच्चा , लफंगा, राजनीतिज्ञों ! होर्डिंग बैनर लगाणि इ आयि त नगरपालिकाs टैक्स भरो अर तब अपण बडै/ प्रशंशाs कर्दारा होर्डिंग लगावो। सरा भारतम लोगुं तै सबसे जादा परेशानी राजनीतिज्ञों बैनरों अर होर्डिंगो से हूंदी।

                      जैक बि ड्याराडूणम नगर -पालिका बगैर टैक्स भर्याँ  वाल पेंटिंग होर्डिंग, बैनर राला वै तै सीधा तीन मैनाखुण बगैर सुणवाइ जेल करे जालो अर उख जेलम रोज यूंक पूठा डामे जावन । यूं बिलंच नियम तोड़ू राजनीतिज्ञों तै सुधारणो बस यो हि तरीका रै  गे कि बिलंचो पूठों पर डाम धरे जाव।
 
   चकरौता से  परेड ग्राउंड तलक , रिसिकेस से  रेस्पिना अर क्लैमिंटाउन से राजपुर   तक  रैपिड ट्रांसपोर्ट की रेल होली।

 

               हेरक रिक्शा मीटर से इ चालल। जु रिक्षा वाळ मीटर से नि चौलल वैक लाइसेंस सद्यनो कुणि जब्त ह्वे जालो। पुलिस वाळो तें डंडा ना रोजाना तीन दै फ्रेश कळिक बुट्या बांटे जाला। कळि उत्पादन  गढ़वालम बांज पड्याँ पुंगड़ोम  ह्वालु।       
 
 

                     ड्याराडूणम, जनता की अदा जगा त इनक्रोचमेंट जोग हुंयीं च।    इनक्रोचमेंट करीं जगा खालि करैक जनता क वास्ता सड़क चौड़ी करे जालो। जु बि इनक्रोचमेंट करण वाळs बचावम आलो वैका कपाळ घंटाघरs चौकम जनता बीच  ड़ामे जालो।
 
व्यापार बढ़ाणो पूरो इंतजाम करे जालो पण दुकानदार अर उद्योगपतियों तै साफ़ सफ़ै जुमेवारी  उठाण पोड़लि। दुकान या व्यापारिक कार्यालयों  समणि कचरा  दिख्याइ ना कि  दुकान  या कार्यालयों मालिक तै (नौकर ना ) कचरा साफ़ करण पोड़ल अर दगड़म डंड का दगड़  मालिकौ कपाळ  बि ड़ामे  जाला। इन माँ सफाई आन्दोलन चलाणो अभियान  रुकणो बान जो भि सामाजिक कार्यकर्ता या राजनीतिग्य डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर या सरकारी अधिकार्युं तबादला बात कारल वै तै नवम्बर से अप्रैल तलक छै मैनाखुण गंगोत्री, जमनोत्री, केदारनाथ या बद्रीनाथ भिजे  जालो अर वांक खर्चा बि यूं फोकटिया , समाजविरोधी, सफाई विरोधि राजनीतिज्ञों या बुलणो ( तथाकथित) सामजिक कार्यकर्ता से इ उगाये जालो। सफाई अन्दोलब विरोध्युं तै गांधी मैदानम रोज कळि से झपोड़े जालो।
 
 

     जो बि कार , रिक्शा या बस का ड्राइवर द्वी दें से जादा ट्रैफिक नियम त्वाड़ल वैक लाइसेंस जिन्दगी भरोकुण निरस्त त करे इ जालो वै से पैल परेड ग्राउंडम यूं ट्रैफिक नियम तोडूं तै  कळि से झपोड़े जालो। 
 
        जो बि कारों भितर या बगैर परमिटो दुकनिम शराब प्याला /पिलाला वूं  तै सद्यानो कुण ड्याराडूण से भैर खदेड़े जालो अर वां से पैल  कळि से जरूर झपोड़े जाला (हालांकि यां  से सबसे बिंडी नुकसान  म्यार इ हूण किलैकि  म्यार दगड़्या  मी तै  ड्याराडूणम शराब या त कारम या बगैर परमिटो होटलम पिलान्दन)।
 
     ओ . एन .जी . सी क कार्यालय चकरौता, सर्वे इंडियाक कार्यालय कोटद्वार, सी . डी . ए कार्यलय भोगपुर शिफ्ट करे जालो अर उख विश्व स्तर का स्कूल -कॉलेज, विश्व स्तर की रौणे व्यवस्था बि करे जालि। यूं जगा फर वाल मार्ट का मौल खोले जाला।
 
      ड्याराडूण म्युनिस्पल  कौरपरेसन भंग किये जालो  अर क्वी बि नगर सेवक नाम का जीव जन्तु ड्याराडूणम नि राला। भै नगर सेवक नाम का जीव जन्तु ही कुछ करदा त मितै ये  लेख लिखणै जर्वत क्या छे?
 
   
 
    ड्याराडूणम कुमाउनी अर गढ़वाल्यूं तै कुमाउनी अर गढ़वळि भाषाम इ बचऴयाण पोड़ल। जो अपण भाषाम बात नि कौरल वैक कपाळ डामे जालो अर लिख्युं रालो 'मी अपण भाषा विरोधी छौं।  विजय बहुगुणा सरीखा लोगुं बान अपण भाषा सिखणों बाण विशेष स्कूल खोले जाला।   

              ड्याराडूणम  नया कूड़ बणाणो इजाजत  नि मीललि अर ना ही नया बासिंदों तै देहरादून रौण दिए जालो। 

 

  उत्तराखंड की राजधानी तुरंत गैरसैण शिफ्ट करे जालि। जो गैरसैण का विरोधी ह्वाला वोँ तै उत्तर प्रदेश भिजे  जालो। गैरसैणो बान  हरिद्वार अर उधम सिंह नगर फिर से उत्तर प्रदेशम मिलाये जावो त क्वी परवा नी च।       

       

     अब मी तै एक रिमोट कंट्रोल की जरूरत च बस! सोनिया गांधी या राष्ट्रीय स्वयं संघक रिमोट कंट्रोल मांगिक क्वी फैदा नी च। यूं दुयूंक रिमोट कंट्रोल जि कामक हूंदा त भारतक इन बुरा हाल हूंद? अब मी तै क्वी इन इंजिनियर चयाणु च जो मेखुण एक कारगर रिमोट कंट्रोल बणै द्यावो कि देहरादूनौ हालत बदले जावो। जापानक  रिमोट कंट्रोल बढ़िया होंदन पण मैंगा भौत हूँदन , चीनक रिमोट कंट्रोल सस्ता हॊन्दन पण क्वालिटी ठीक नि होंदी अर भारतम त रिसर्च एंड डेवलपमेंटो काम इ नि होंद। ठीक च जब तलक रिमोट कंट्रोल नि मिलदो तब तलक मि मुंबईक बाराम इ सोचदु , जन मि मुंबई आणो बाद अपण जन्मस्थली गां जसपुर तै भूलि ग्यों उनि अपणी  शिक्षास्थलि ड्याराडूणक बाराम बिसरण इ ठीक रालो  ।       

   

 
 
Copyright@ Bhishma Kukreti 31/01/2013

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                                                  नंदु कौंक छांच खाल कि ना ?

     
 
                                                         चबोड्या: भीष्म कुकरेती
 

(s=-माने आधी अ )
 
 

          सरा उत्तराखंडम बबाल मचि गे, सामाजिक, राजनैतिक, सास्कृतिक उड्यारों, पुंगड़ों, गदनों, डाडों, डंडऴयोँ, तिबार्युंम, चौकुम जंगळुम भ्युंचळ ऐ गे। सत्ता अर विपक्षी पार्ट्यूं अकळाकंठी लग गे , दुयुं तै औसन्दन पस्यौ (पसीना) आण बंद इ नि हूणु छौ। भूतपूर्व मुख्यमंत्र्युं भूत,भूतपूर्व मुख्यमंत्री, भूत पूर्व विरोधी दलों नेता, भूत पूर्व सास्कृतिक मंत्री, भूत पूर्व सचिव अर  वर्तमान मुख्य मंत्री, विरोधी दलों नेता , सांस्कृतिक मंत्री आर सचिव सब्युं निंद  हर्चि गे, सब्युं सरैल  पर   खाइ बाण ह्वे,गे,डौरन कमणा छा।

 
  बात सिरफ इन ह्वाइ कि ग्राम बड़ेथ, ढांगू बिटेन ग्रामीण पत्रकार नंदा दत्त बडथ्वालन एक खबर पोस्ट कार्डम भेजि छे अर वै दिन 'अमर प्रकाशम' क्वी घोटाला, बलात्कारया  केजरिवालो ब्यान नि छा त संपादकन टॉप न्यूज बणैक छापि दे बल नंदु कौंन छांच खाण बंद करि दे। अर यां पर एक विरोधी राजनेता फंड धुऴयां जीन जो अपण दलों वर्तमान नेता तै धकेलिक खुद  विधान सभाम विरोधी दलों नेता बणन चाणो छौ। वैन बयान दे बल मुख्यमंत्री तै गढ़वाळै संस्कृतिक बाराम   पोड़ि इ नी च। राजनेतौ बयान छौ बल जु नंदु कौंक सैकड़ो साल बिटेन नौ मण छांच खांदा छा अर अब नि खाणा छन त समझो कि गढ़वाळै संस्कृति नरक जोग  ह्वे गे।फंड धुऴयां जीन बोलि दे बल मुख्य मंत्री दक्षिण अफ्रीका का भारतीयों बाराम त खूब चिंता जताणा छन पण नंदु कौंन छांच नि खाण पर मुख्यमंत्री तैं क्वी फिकर नी च।


  या बात  एकाध घंटाम सोसल मीडियाम पौंचि गे अर उख मुजीब नैथाणी, देवी सिंह रावत, भारत रावत, सुनील नेगी, चन्द्र शेखर कारगती सरीखा पत्रकारोंन  घ्याळ मचै दे बल गढ़वाळै संस्कृति बचाणों बान कुछ करे जावो अर इख पर हजारों प्रवास्युंन नेट पर सैकड़ो सामजिक संस्था खड़ी करी दिने अर मांग कौर कि तुरंत गढ़वाळै संस्कृति बचाणों बान मुख्य मंत्री त्याग पत्र दयावान। सोसल मीडिया क अन्धादुन्द बहस से गढ़वाल का पत्रकार बि सचेत ह्वे गेन अर दुसर दिन सबि अखबारोंम एकि मुख्य खबर छे बल नंदु कौंक छांच नि खाण से गढ़वाळो सामाजिक ढांचा इ खपचै जालो। कुमाऊं वाळुन बि ब्वाल बल कुमाऊंम बि त सैकड़ो साल से नंदु गढ़वाळ जनि छांच खांदो छौ अर अब जब नंदु कौंक छांच नि खालो त कुमाउनी संस्कृति रसातल को चलि जालि।  मीडिया नंदुमय ह्वे गे। पहाड़ो से लेकि राजनैतिक गलियारोंम एकि बात छे बल नंदु कौंन छांच खाण बंद किलै कोर ? इख पर मुख्यमंत्री , विधान सभाम विरोधी दलों नेता, सांस्कृतिक मंत्रीन इक दगड़ि (संयुक्त) बयान दे बल नंदु तै मनाये जाणु च बल वो छांच खाण बंद नि कारो। इख तक कि भूतपूर्व मुख्यमंत्र्युं अर भूतपूर्व सांस्कृतिक मंत्र्युं बि ब्यान ऐन बल नंदु कौंका जरूर छांच प्याला। सरकार पर पहाड़ों से जादा दबाब प्रवास्युं छौ कि नंदु तै छांच पीणि चयांद अर प्रवास्युं चिंता छे कि कखि नंदु बि प्रवास्युं तरां छांच छोड़ि दारु पीण गीजि जालों त पहाड़ोम भूचाल ऐ जालो।

    कुछ पत्रकारोंन बात उड़ै दे बल नंदुन अपण  साक्षत्कारम बोलि बल अब वैन कतै छांच नि खाण।

    अब घबरायां मुख्यमंत्री, विरोधी दलों नेता अर सांस्कृतिक मंत्री मध्य एक गुप्त बैठक ह्वे अर निर्णय ह्वे कि नंदु तै छांच खाणों मनाये जावो।

     असलम ह्वे क्या छौ जब उत्तराखंड राज्य बौणि छौ त दिल्लि बिटेन एक कागज आइ छौ बल अपणि एक सांस्कृतिक धरोहर क नाम बथाओ जैं धरोहर तैं  बचाण जरूरी ह्वावो अर यांको पूरो खर्चा यूनेस्को दयाल। चूंकि सैकड़ो धरोहर खतरा माँ छे अर यो बताण कठण छौ कि को धरोहर महत्वपूर्ण च त जल्दिबाजी ना होशियारी से  सांस्कृतिक सचिवन प्रूफ/ सबूतs दगड़ नोट दिल्लि भेजि दे बल चूँकि नंदु कौंक रोज  नौ मण छांच खान्दन पण  नंदु  भौत इ गरीब च अर वैको छांच खाण बि जरूरी च त नंदु वास्ता रोज नौ मण छांच को इंतजाम करे जावो। सबूत मा सचिवन गढ़वाली कहावत ''नौ मण नंदु कौंक खावन अर नंदु कौम छांचि जावन'' को पूरो बिरतांत टिप्पणी दगड़ भेजि दे। दिल्लि वाळुन उत्तराखंड सरकारों कुण हर रोज  नंदु बान छांच खाणों बजट पास करि दे। सचिव,  उत्तर प्रदेश को प्रवीण सचिव छौ त वैन मुख्यमंत्री , सांस्कृतिक मंत्री अर विरोधी दलों नेता मध्य एक मीटिंग करायी अर नंदु कौंक छांचक  बजटs बाराम बथाई।बस तब बिटेन एक अघोषित नियमो तहत हर मैना नंदु क बान छांचौ बजट सांस्कृतिक सचिव, सांस्कृतिक मंत्री, मुख्य मंत्री अर विरोधी दलों नेताs पास पौंछि जांद।

  अब जब नंदु क छांच नि खाणौ बात समिण आयि त भूतपूर्व मुख्यमंत्र्युं भूत,भूतपूर्व मुख्यमंत्री, भूत पूर्व विरोधी दलों नेता, भूत पूर्व सास्कृतिक मंत्री, भूत पूर्व सचिव अर वर्तमान मुख्य मंत्री, विरोधी दलों नेता , सांस्कृतिक मंत्री आर सचिव सब्युं निंद हर्चि गे।


    पण गढवाल अर कुमाऊं की संस्कृति बचि गे . चौथो दिन मुख्यमंत्री, विधान सभाम विरोधी दलों नेता , सांस्कृतिक मंत्रींन एक पत्रकार सम्मेलन कार उखम नंदु तै बिठाये गे अर नंदुन खुलेआम घोषित  कार कि वो अर वैको परिवार रोज नौ मण  छांच खालो।     अर जब नंदुन घोषित कार बल वो छांच खाणो तैयार च त सबि पहाड़ी खुस ह्वे गेन बल पहाड़ी संस्कृति बचि गे।                                                                                                                           

 

 Copyright@ Bhishma Kukreti 2/02/2013

(उन त यु लेख काल्पनिक च पण जु सही ह्वावो त वांक जुम्मेवारी मेरि नी च)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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घुत्ती दा की चिठ्ठी रामप्यारी बौ खुणी !
 
 प्रिय रामप्यारी,
 दिल की बीमारी,
 
 मैं यहाँ राजी ख़ुशी से नहीं हूँ। तुम्हारे पिता जी को भौत दुखी चाहता हूँ। सर्वप्रथम अपने म्वरनया शरीर का ख्याल रखना बाद में अन्य कार्य होंगे।
 
 प्रिय, तुम मेरे दिल की चिबतरी हो! पैली बार तुमको चिट्ठी लिख रहा हूँ साबुत दिल तुम पर फैंक रहा हूँ।
 
 उस दिन कांडे के कौथिग में तुम से मुलाकात हुई थी, तो मेरा दिल काजोल हो गया था जो  की आज तक छाला नहीं हुआ है।
 
 जब तुम्हे देखा तो मेरे दिल में प्यार की आग सिलक रही थी। परन्तु घ्यपुलु ने  जब तुम्हे बुरी नज़र से देखा तो मैं पूरा फुके गया था, इसलिये अचकाल बरनौल घूस रहा हूँ।
 
 मेरी गथयूडी ! अचकाल मेरी भूख - तीस हरच गयी है। चोबीस घंटे तुम आँखों में रीट रही हो। प्रिय इतना मत रीटा करो नहीं तो तुम्हें रिंग आ जाएगी और मेरी आँखें भी ख़राब हो जाएँगी। रात को सो नहीं सकता। तुम्हारी यादों के झीस बिनाते रहते हैं।
 
 रामप्यारी, कन्याक्वांरी ! तुम्हारी दगड्या लक्की तुमसे जलती है उससे बच कर रैना। उस दिन वह मुझे घास डाल रही थी पर मैंने सूंघी तक नहीं क्योंकि मैं पहले से ही छक हो रखा था।
 
 'दारू बोतल से पीता हूँ  ढक्की से नहीं,
 मुहब्बत रामप्यारी से करता हूँ लक्की से नहीं'
 ........................
 .......
 (हरीश जुयाल 'कुटुज़' का व्यंग संग्रह 'खुबसाट' बटेक )
 skGhutti da chiththi ramapyari of intellectual khuni!
 
 Dear ramapyari, heart disease, I'm not your dad gladly willing to want to hurt bhaut.. mvarnaya first take care of your body after other functions. Darling, you're my heart chibtari! Paili time am writing whole heart thee letter reached out on you. that day was in the kande kauthig met you, my heart was blister so far of which kajol. see love in my heart when you fire silak. but ghyapulu when you saw the evil eye so I was all phuke, So I'm gathyudi my achkal brolin rake! Achkal my appetite-thirty harach. chobis hours you eyes don't do so. rit dear will you ring not Rita and my eyes also can not sleep at night breakdown.. ramapyari your memories jhis binate., kanyakvanri! Do you have your escape from her burning dagadya lakki Raina put it the other day I was grass. "but I can't because I already snuffed-out are chak." drink a drink from a bottle, not by dhakki mash ramapyari am from lakki does not ' ... ... ... ... ... ... ... ... ... ....
 (Harish juyal ' collection ' khubsat ' the backhanded compliment of batek kutuz) sk (Translated by Bing)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Garhwali Classes "गढ़वाली छुई"Wednesdayरामप्यारी बौ की चिठ्ठी घुत्ती दा खुणी  !
 
 प्रिय दिलदार
 प्यार के अनगार !
 माई हैण्डसम घुत्ती !
 
 तुम्हारा भेजा पत्र पोस्टमैन छन्नी के जल्वट में रख गया था। पत्र हाथ में आते ही पाणी पाणी हो गयी थी पर अब उबा गयी हूँ।
 
 प्रिय :
 जलेबी के भाव हो गए हैं सस्ते
 पत्र पढने से पहले तुमको मेरी नमस्ते //
 
 मेरे चित्त के चिलगट ! मैं यहाँ  कुशल हूँ। मुझे अजकाल खूब नींद आ रही है। त्यारा सौं घचोर घचोर के भी नहीं उठती।
 
 सच कहूँ तो तुम्हारा पत्र पाते ही मन का कल्चुंडा नाच उठा। प्यार की कंपुली फूट पड़ी, खुशियाँ फाल मारने लगी और मुझे पता ही नहीं चला कि  मैं छज्जे से लमड गयी हूँ। भयुं सौं, अब लचक लचक के हिट रही हूँ। .........
 
 (हरीश जुयाल 'कुटुज़' का व्यंग संग्रह 'खुबसाट'  बटेक )
 skRamapyari ghutti da chiththi khuni of intellectual!
 
 Dear angry dildar love!
 My haindasam ghutti!
 
 In the letter sent to your jalvat postamain channi. pani pani letters come at hand had been on the chart longer uba. dear: jalebi are expressions of the cheap paper read before thee my Hello//chilgat of my kept! Here I am proficient. I sleepy plenty ajkal. tyara saun ghachor ghachor not even rising. frankly find your letter kalchunda of mind dancing. love and happiness fall kill kompella schism arose, I didn't realize that I'd gotten from the balcony lamad. bhayun saun, now hit suppleness suppleness..........
 
 (Harish juyal ' collection ' khubsat ' the backhanded compliment of batek kutuz) sk (Translated by Bing)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बोतल विमोचन
 
 "बस  भै साब मेरी कैपिसिटी इतगे छ"
 छोड़ यार  ! तू बि कुछ नि छे'
 न भै साब मिथै लगि गयाई'
 अबे जादा  नखरा नि कैर, ल्या ग्लास इनै धैर '
 'मि पींदु नि छो पर आपकि इज्ज़त करनू छो '
 
 (हरीश जुयाल 'कुटुज़' का व्यंग संग्रह 'khubsaat' बटेक )
 skBottle released "just my capacity bhai Saab itge g" let man! Thou not without some practices ' mithai ' Abe bhai Saab lagi gayai played nakhra r Carr, get a free glass inai dhair "lya pindu s on your ijzat karnu s ' (Harish khubsaat" vyang ' collection ' kutuz juyal ' batek) sk (Translated by Bing)

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

 ?



                                         मुज्जफर नगर कांड का पुलिस बलात्कार्युं बाराम किलै हल्ला नि होणु च? 

                                                                    कुज्याण किलै म्यार दिलमा यि विचार आंदन  धौं ?







                                                      चबोड्या: भीष्म कुकरेती
 

(s=-माने आधी अ )



     म्यार बडा जि मेखुण  बुल्दा छा बल रे भीष्म जु तू विचार करण छोड़ि देलि त तीन बडो नेता ह्वे जाण। मीन विचार करण बंद नि कार अर इख तलक कि नामौ राजनैतिक पार्टी जन कि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी या  उत्तराखंड सेना पार्टी बि चुनावों टिकेट त छवाड़ो चुनावी प्रचारों वास्ता बि नि बुलांदन अर ना हि अपण बुलणो  (तथाकथित ) मुखपत्रोंम म्यार लेक नि छापदन। राजनैतिक  पार्ट्यूं बुलण च बल विचारों से या आचार -विचार से राजनीति नि  चलदि।


            खैर मि बुलणु छौं बल म्यार दिलम बचपन से इ विचार आणा रौंदन।


                 ब्याळि उत्ताराखंडौ ब्याळौ मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियालs बयान सूण बल विजय बहुगुणा की सरकारम उत्तराखंड विकास का बाराम ना त दिशा च ना हि क्वी निर्देश। कुज्याण दिलम विचार किलै आंदन धौं बल कौन सा भाजापाइ मुख्यमंत्रीन उत्तराखंड विकास का बाराम क्वी ठोस दिशा दे होलु? यो त इनि च जन सैकड़ो दुंळ वळि छणि चंळु दुंळुक दोष गणनि ह्वावो।
 

                  विचार आँदन बल पिथौरा गढ़ को मुनस्यारीम बि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्कीइंग खेल ह्वे सकदन अर पर्यटन तै बढ़ावा मिल सकद। पण यांकुण राजनीतिज्ञों अर अधिकार्युंम पर्यटन अकल अर आत्म बल हूण जरूरी च।

 

                                 विचार आंदन बल बलात्कार पर इथगा बुल्याणु च त मुज्जफर नगर कांड का पुलिस बलात्कार्युं बाराम किलै हल्ला नि होणु च?

 

                         अब जन कि विचार आंदन  बल भौत सि पार्टी जन कि डी . ऐम .के या तृणमूल पार्टी या क्वी बि जख्या भंगुल पार्टी जब तलक भाजापा वळो दगड़ सत्ता का डवालाम खुट पसारिक रौंस लीणा रौंदन तब तलक यूं धर्म निपरेक्ष पार्ट्यु तै पता इ नि चलदो बल सत्ता रुपी ड्वालाs  डुलेर धर्मांध छन अर जनि यी सत्ता रुपी ड्वाला छुड़दन यूं तै पता चलदो बल डुलेर याने भारतीय जनता पार्टी धर्म निरप्रेक्ष पार्टी नी च। कथगा दै बहुजन समाज पार्टीक नेत्याणि भाजापा  डुलेरूं बदौलत सत्ता रुपी ड्वालाम बैठि तब तलक बहुजन समाज पार्टीक नेत्याणि तै पता इ नि चौल बल डुलेर  धर्म निरपरेक्ष  नि छन अर अब वा नेत्याणि कौंग्रेस तै इलै समर्थन दीणि च कि नौन सेक्युलर पार्टी सत्ता से भैर रावो। म्यार दिलम विचार आंद बल धर्म निरपरेक्ष की असली परिभाषा क्या च ?

   

                श्रीमती गांधीन ब्याळि मनरेगाक बैठकम ब्वाल बल मनरेगाम भ्रष्टाचार खतम हूण चयेंद। इनि भग्यान राजीव गांधीन बि बोलि थौ बल भारत से भ्रष्टाचार खतम हूण चयेंद। म्यार दिलम कुज्याण किलै विचार आंदन धौं बल जब सोनिया गांधी सरीखी शक्ति शाली नेत्याणि या नेता भारत बिटेन भ्रष्टाचार खतम नि कौर सकदन त अमेरिका या चीन बिटेन कै तै बुलाण जो  भारत बिटेन भ्रष्टाचार खतम कौरल?

             फिर कुज्याण दिलम विचार किलै  आंदन धौं बल जब कौंग्रेस की सरकार ही डी . ऐम . के, शरद पवार , लालू प्रसाद यादव , मुलायम सिंह यादव , मायावती  या इनि हौरुंक  समर्थन से चलणि ह्वावो त सोनिया गाँधिक भ्रष्टाचार खत्म करणै बात लोगुं तै बौगाणै बात ही त होलि?                                 

                 

Copyright@ Bhishma Kukreti 3/02/2013

Bhishma Kukreti

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हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
 



                                  पत्नी के  दिल में भी खयाल  आता है !







                                  चबोड्या: भीष्म कुकरेती




(s=-माने आधी अ )




      वैदिन  घरवळि  बुलण लगि बल," तुम से बढ़िया त वो फिलम वाळ राकेश इ ठीक छौ।"

"कु फिलम वाळ?" मीन पूछ

वींन बोलि," जु तुम से पैलि मि तैं दिखणो ऐ छौ। क्या बुलबुला छा, क्या स्टाइल छे वैबरि वैकि, वैक समणि  देवा नन्द बि  शरमांदो होलु।"

"त किलै नि कार वैक दगड़ पलाबन्द ? मि कैं मतबरौ नौनि लयांद , कुछ दहेज मा त मिलदो।"

   घरवळिs जबाब छौ," मि त तयार छौ पण बुबा जीक बुलण छौ बल जु दुसरो नकल करण वळु ह्वालो वों फिलम लैनम ऐक्स्ट्रा बि नि बौण सकुद।"
 
 मीन वीं तैं चिरड़ाइ," हां वो ता जिंदगी फ़िल्मी स्ट्रगलर  रौंद अर त्यार बुबा जी तुम तै पळणो रौंदा।"

वींन बोलि," जब वूं तैं हिंदी फिल्मुंम ऐक्स्ट्रा क पाठ (रोल) खिलणो बि नि मिलदो त वो गढ़वळि भाषा प्रेमी ह्वै जान्दा"
 
मीन रुसैक बोलि," त्यार मतबल च जु हिन्दी साहित्य या हिन्दी  फिल्मोम फेल ह्वे जांदन वो इ गढ़वाली साहित्य या गढ़वाळि  फिल्मोंम आंदन।"

वा बुल्दि गे," जब हिंदी फिल्मोम कामयाब  नि होंदा  मिल्दो त वो राकेश गढ़वळि फिल्मो विकास अर संवर्धन का वास्ता बौलिवुड छोड़िक  हिलवुड याने  देहरादून ऐ  जांदा।"
 
 मीन बोलि," नै या बात सै नी च बल हिलवुड याने गढ़वळि फिल्मो मा वी आंदन जु हिंदी फिलम उदयोगम  फेल ह्वे जांदन।"

 घरवळि बुल्दि गे,"  उन त वो   बेकार से बेकार, फोर्थ ग्रेड से बि बेकार  गढ़वळि फिल्म बणान्दा पण  गढ़वळि लोग भावना क बल पर  फिल्म  देखि लींदा।"
 
मीन ब्वाल," हां   गढ़वऴयूं जोगम   फोर्थ ग्रेड से बि बेकार फिलम लिख्यां छन त आलतू -फालतू फिलम बौणलि"

वा बुल्दि गे," बुड्यांद दें राकेश  तै पश्चाताप होंद बल वैन अब तलक गढ़वळि संस्कृति दगड़ बदतमीजी ही  कार अर राकेश तिलु  तड़ीयलि पर फिलम बणान्दू ."
 
मीन बोलि," बस अब त लोक कथा अर लोक गीतों तै इ गढ़वळि संस्कृति माने जांदो बकै कलाओंक बाराम त लोग बौं हड़ पोड्याँ छन, सिंयाँ छन "

वींन मेरि बातुं पर ध्यान नि दे," अर फ़िर तीलू तडियालि अर अमरदेव गाथा पर राकेश फिलम बणान्दु ,"
 
मीन छिटगा  लगै," हजार चूहे खा के बिल्ली हज को चले।"

वा बुल्दी गे," वीं सांस्कृतिक फिलमम कुछ सीन तीलू तडियाली अर अमरदेव का  गंगा जी अर  नयार नदीम स्विमिंग का सीन रौंदा।"
 
मीन पूछि , "स्विमिंग सीन  स्विमिंग सूट  मा या स्यूं  कपड़ोमा ?"

वा बुल्दि गे "जब फिलम सेंसर से पास ह्वे जांदी अर रिलीज होणो ठीक एक दिन पैलि उत्तराखंड का मुख्यमंत्री फिलम तै बैन करी दींदा ,"
 
मीन बोलि," हैं गढवाली संस्कृति बचाण वळि फिलम तै कर मुक्त हूण चयाणि छे कि फिलम बैन हूण चयाणि छे ?"

वींको बुलण छौ," मुख्यमंत्री बयान  हूंदा बल इन सुणन मा आयि बल फिलम मा कुछ सेक्सी सीन छन  जो गढवाली संस्कृति का खिलाफ छन। ड्यारादूण म गढ़वाली संस्कृति बचावो संगठन फिल्म का विरोधमा घंटाघरम अंग्रेजी बैनरों लेकि धरना मा बैठि जांदा   "
 
मीन बोलि," त मुख्यमंत्री अर  गढ़वाली संस्कृति बचावो संगठन वाळुन पैलि फिलम देखि ह्वेली ?"

वा बुल्दि गे ,"ना फिलम कैन नि देखि ह्वेलि पण विरोध बड़ो होंदु। सब तै संस्कृति बचाणों चिंता जादा होंदी अर इन माँ सबि फिलम दिखणै बात नि करदा।"
 
मीन पूछ," इन कनो भै फिलम कैन नि देखि अर बगैर फिलम दिख्यां फिलम को विरोध?"

वा बुल्दि गे," भारत एक प्रजातांत्रिक देश च इख राजनैतिज्ञों , धर्मअर  संस्कृति  का ठेकेदारों डंडा न्यायपालिका अर कार्यपालिका से जादा असरदार च . फिर वा फिलम दिल्ली मा रिलीज होंदि "
 
मीन पूछ," दिल्ली माँ बि विरोध होलु ?"

वींको जबाब छौ," ना . उख त फिलम की बड़ी तारीफ़ होंदि। नयार अर गंगा जी मा अमरदेव अर तीलू तड़ीयाली माछ अर मच्छी रूप माँ तैरदन अर यो सीन गढ़वळि फिल्मो इतिहासम सबसे बढ़िया सीन होंदो।"
 
मीन पूछ,' फिर या फिलम देहरादून याने उत्तराखंडम रिलीज होंदि कि ना?"

 वींन बोलि," किलै नि होंदि। मुख्यमंत्री तै पार्टी फंड अर संस्कृति बचाण वळ संगठनो तै फिलम रिलीज से पैलि चंदा दियॆ जांदो त फिलम को विरोध  बि नि होंद।"
 
मीन पूछ," त क्या जयललिता अर मुस्लिमो तथा कथित हितैषी मुस्लिम संगठनो न कमला हासन की फिलम विश्वरूपम फिलम को विरोध रुपया खाणों बाण करी होलु?"

वींन बोलि," कुज्याण ! लोग त इनि शक करणा छन .!"         
 
 

                                                   
 



Copyright@ Bhishma Kukreti 5/02/2013

Bhishma Kukreti

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हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                              पौड़ी कमिश्नरिम काम कराणो तरीका /नुक्शा           

 

                                                चबोड्या: भीष्म कुकरेती

 

(s=-माने आधी अ )

प्रिय भतिजो !

                    भलो च जु तु पौड़ी जाणो छे। अब चूँकि त्वेम समौ नी च त तू दिल्ली बिटेन सीधो पौड़ी जाणि छे अर उख गढ़वाल कमिश्नरीम जैक दाखिल खारिजो काम  पूरा करी देली। भगवान त्वे तै गढ़वाल कमिश्नरी कार्यलय का  ट्याड़ा -बांगा रस्तों पर चलणो हिकमत अर चकडैति, चतुर बुद्धि द्याओ या ही मेरि पैलि कामना च!

             अब जब तु पौड़ी पौंछलि अर पौड़ी कमिश्नरी पता  पूछलि त सूण जु बि मनिख  तेरि बात से हंसण बिस्यालो बींगी  ले, समजि ले कि वो हि पौड़ी रौण वाळ च अर जु तेरि बात सूणिक नी हौंसल त वैका मुख नि लगि वो पौड़ीक ह्वेइ नि सकुद।पौड़ी वाळ त्वे पर या कमिश्नरीs पता पुछण वाळ पर किलै हंसदन ? यांको उत्तर जब तू गढ़वाल कमिश्नरी क दफ्तर जैलि त त्वे तै पता चौल जाला कि पौड़ी का वासिन्दा किलै गढ़वाल कमिश्नरी आण वळ पर  खित खित कौरिक हंसदन।

          अब जब तु  कमिश्नरी दफ्तर जैलि त दरबान या चतुर्थ श्रेणी को एक मिलाजिम उख मीलल पण वै तै कुछ बि पुछ्लि त वो त्वै तैं भितर जाणों इशारा कारल किलैकि वैक मुख पर पानौ बुज्या किट्यूं  रालो। फिर भितर एक हैंको चतुर्थ श्रेणीक कर्मचारी से तेरि मुखाभेंट-मुखसौड़ होलु। तु वै तै कमिश्नरीम काम को बाबत पुछ्लि तो वो त्वै तै सलाह द्यालो कि भैर दफ्तरों तौळ एक एजेंट बैठ्यु च वै से काम कराइ द्यावो पण वेबरि त्वै पर अन्ना हजारे को भ्र्श्थीं भारत को दिवता आयुं रालो त तु वैकि सलाह नि मानलि अर वै से कणसों अधिकारी का बाराम पुछलि त वो एक कैबिनs तरफ इशारा कारल।

तु  कणसो अधिकारी कैबिनम जैलि अर वा कुठडि त्वै तै खालि मीललि।

यांमा तु चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से   पुछलि," भैजि! यि ऑफिसर कख होला?"

त वो जबाब द्यालो," साब देहरादून छन।"

तेरो सवाल होलो," किलै?"

 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीs जबाब द्यालो," वू क्या च साब इख पनिशमेंट का तौर पर भिजे गे छा। वूं पर छै सात करोड़ का घोटाला अभियोग लग्युं च त पनिशमेंट का तौर पर गढवाल कमिश्नरी भीजे गेन . अर वो पनिशमेंटो साब हफ्ता मांगन आठ दिन देहरादून पड्या सेक्रेट्रियेटम अपण ट्रांसफर देहरादून कराणों जुगतमा देहरादून ही डट्यां रौंदन।" 

फिर तू दुसर ठुलो साब याने सीनियर साब तै मिलणै इच्छा जाहिर करलि अर  कनिष्ठ कर्मचारी त्वै तै एक कैबिन को तरफ इशारा कारल अर उख जैक त्वै तै पता चौलल बल वा कैबिन बी अधिकारी विहीन च।

 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीs तेरी जिज्ञासा शांत कौरल,' यि साब प्रोबेसन पर इख गढ़वाल कमिश्नरीम भिजे गे छा। वूं तै पौड़ी आबहवा पसंद नि छे त वों भि देहरादून पड्यां छन अर अपण ट्रांसफर मैदानी इलाकाम करणों जुगत माँ रोज  सेक्रेट्रियेटम चक्कर लगाणा होला।"

अब तू वै प्रोबेसनरी अधिकारी से ठुल्लो  अधिकारी से मिलणों राड़ घाळलि त चपड़सि जी त्वै तै एक हैंकि कैबिन तर्फां इशारा कारल अर वा कैबिन बि त्वै तै खालि मीललि।

फिर  चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीs तेरा ज्ञान चक्षु ख्वालल," बल वो साब प्रमोसन पर इख पठाये गे  छा अर वो बि इख कबि नि ऐन या कैबिन वूकी जगवाळम धिवड़ो (दीमक) जोग होइ गे"

 

  फिर तू प्रमोसनरी अधिकारी से सीनियर अधिकारी से मिलणो इच्छा जाहिर करिलो अर वूं अधिकारीs   कैबिन बि त्वै तै खालि मीललि।

 

यां पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीs शंका समाधान कारल," यि अधिकारी परमानेंट अधिकारी छन अर परमानेंट अधिकारी उखि मिल्दो जख बड़ो साब होंदु।"

 

तू   पूछ्लि," त कमिश्नर साब से इ  मिलै द्यायो।"

त चपड़सि जी खुलासा कारल,' इख जू बि कमिश्नर आंदो वो चार्ज लीणों आँद अर फिर वो कबि बि पौड़ी तरफां नि दिखदो।"

  फिर तू पूछलि," त लिपिक वर्ग से ही काम कराए जावो।"

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जबाब द्यालो," अरे भै ! जब ग्वैर ही गोर मांगन गायब रालो त बखर बि त जगा मा नि मिल्दन कि ना ?"

अब तू समजी जैलि बल किलै पौड़ी वळ वै पर हंसदन जो पौड़ीम गढ़वाल कमिश्नरी पता पुछ्दन।

अब त्वै पर अन्ना हजारे भुत पिचास मिटी जालो अर  फिर तू अंतत: दलाल को पास जैलि अर वो त्वै मांगन  फीस ल्यालो अर वो देहरादून को दुसर एजेंटो पता दयालो।

फिर तू देहरादून ऐलि अर जो काम पौड़ीम गढ़वाल कमिश्नरीम करण छौ  वो देहरादूनम दलाल का मारफत कर्वेलु।       



शुभेच्छु

त्यार काका

 Copyright@ Bhishma Kukreti 6/02/2013                       

 

 (संवैधानिक चेतावनी -यह लेख कल्पना के आधार पर लिखा गया है। यदि यह बात सही पायी गयी तो लेखक उसका जुमेवार नही है कि  क्यों कर  लेखक ने कल्पना में सही बात लिख दिया?)   

 

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा





                            कन बिजोग पोड़  ! जु  तौंकि  निंद  फिर खुलि गे     





                                चबोड्या: भीष्म कुकरेती
 

(s=-माने आधी अ )



                           कुज्याण कथगा सालों परांत सि दिखेन धौं! मिन क्या  हिन्दुस्तान का सबि हिन्दुउंन सोचि आल छौ अब सि सद्यानो समाधि जोग ह्वे गेन। हम सब्युं तैं अंथाज बि नि छौ सि अबि बि राम भक्त छन। हमन सोचि आल थौ अब सी शिव भक्त ह्वेक मथुरा-बृंन्दावनम पेड़ा चटकाणा होला या बनारसम शिव मंदिरों समणि भांग को भोग लगाणा होला!


पण कुनगस सि ब्याळि   सि  फिर दिखे गेन अर ये म्यार भुभरड़ ! सि एक चौबटम घ्याळ करणा छ्याइ या किराणा छया बल 'राम मन्दिर वहीं बनेगा'- 'राम मन्दिर वहीं बनेगा'.


 सबि हिंदुउंन त समझि छौ बल राम मंदिर उखमि बौणि गे होलु त यि राम भक्त थक बिसौणो बाण फसोरिक से गे होला! अब जब यि लोग 'राम मन्दिर वहीं बनेगा' को हल्ला करणा छन तो हिंदुओं मा जाग ह्वे बल अबि तलक 'राम मन्दिर वहां नही बना'.

           

मीन एक राम भक्त तै पूछ," ये भै ! अबि तलक उखम राम मन्दिर नि बौण त तुम फिर कख छया?"

वूंन जबाब दे,"कखि बि ना?"

मीन पूछ," औ त तुम  ऊं तै अड़ाणौ  जयां रै ह्वेला जो अपण ब्वे-बुबों बुल्युं नि माणदन अर वूं तै राम को बतायों बाट पर चलण सिखाणा रै होला ?"

 रामभक्तों उत्तर छौ," नै नै यो काम हमर नी च।"


मीन पूछ," तो फिर तुम वूं आधुनिक रावणों याने बलात्कार्युं तै जेल भिजवाणा रै ह्वेल्या जो जनान्युं तै कमोडिटी समजदन?"

 राम भक्तो जबाब छौ।" यो बि हमर काम नी च "


  मीन पूछ," त फिर तुम रामक  आदर्श याने एक पत्नीवाद को पाठ लोगुं तै पढ़ाणा रै ह्वेल्या अर यांमा तुम 'राम मन्दिर वहीं बनेगा ' की बात बिसरि गे ह्वेल्या।"

राम भक्तन रुसेक बोलि," तुम लगता है कॉंग्रेसी हो। रामक  आदर्श की बात करणों हमर काम नी च।"


  मीन पूछ,"तो फिर आप हनुमानौ आदर्श याने भक्ति याने आध्यात्म की फुवार लोगुंम बंटणा रै ह्वेल्या?"

एक बजरंग दलीन उत्तर दे," हम अचकाल हिंदुओंम हथियारों से  रक्षा बात सरांदा (फैलांदा). भक्तिs बात करण हमर काम नी च"


मीन पूछ," ह्यां त तुम अब तलक  छया कख?"

एकान जबाब दे," हम वेलेंटाइन डे मनाण बंद कराणा छया।"

हैंकाक जबाब छौ," हम खामांखां शाहरुख खान या अमीर खान की फिल्म बंद कराणम व्यस्त छया।"

तिसरो जबाब छौ," हम एम् . ऐफ़ हुसैन तै देशनिकाला करण मा व्यस्त छया।"

 इख पर मीन पूछ," पण फिर अचाणक तुम अच्काल राम मन्दिर वहीं बनेगा ' का नारा लगाणा छंवां?"

  कैन बि जबाब नि दे।

मीन ब्वाल," औ ! त चुनाव नजीक छन त तुम तै राम मन्दिर याद ऐ गे हैं ?"

पण ऊंन मेरी बातो उत्तर नि दे।

क्या काठे हांडी पर बार बार चुलुम खाणों   बणि सकदो? 

 




Copyright@ Bhishma Kukreti 7/02/2013

 

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