Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 361166 times)

Bhishma Kukreti

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                     मीन अपण ड्यारम मुर्गा बांधणाइ 


                  घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     
                   
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


मि -चचि ! त्वैकुण कथगा बोलि आल कि तू मिस काल नि कर्या कौर।  त्यार मोबाइलौ बिल मि मुंबई मा भरणु रौंद।
चची -अरे ! काण्ड लग गेन।  इख गांव  मा मिस काल करणै आदत जि पड़ी गे।  त मि बिसर जांद कि त्वैकुण  फोन करणु छौं।
मि -अच्छा बता फोन क्यांकुण फोन किलै कार ?
चची -वु म्यार बिचार बौण गे कि चौक मा एक मुर्गा बंधे जाव।
मि -अरे वाह ! यी त बढ़िया सोच च कि तख गां मा मुर्गी पालन करे जाव।
चची -ओहो तू बि त
मि -चचि ! तू मुर्गी पालन करलि तो तू बि व्यस्त ह्वे जैलि।  गां वाळु तैं अंडा अर मुर्ग्युं बान इना ऊना दुसर गां नि डंडखण पोड़ल।
चची -त्वै तै पता नी च अब रोज कोटद्वार बिटेन दूधक टेम्पो मा अंडा , ब्रेड , मक्खन अर मुर्गी बि आंदन तो अंडा -मुर्गी बान अब गांऊँ  मा नि डंडखण  पड़द।
मि -हाँ पर जब तू मुर्गी पालन करलि त लोगुं तैं गाँवी मा अंडा -मुर्गी मिलण मिसे जाल तो बढ़िया ह्वे जाल कि ना ?
चची -मै लगद तू अबि बि सुदबिज छे !
मि -नै।
चची -त फिर मुर्गी पालन की छ्वीं किलै लगाणु छे।  अरे जब तेरी नौकरी लग त मीन खेती करण बंद करी छौ कि ना ?
मि - हाँ जनि मेरी नौकरी लग त गाँव वाळु सलाह पर तीन खेती करण बंद कार कि अब जब मन्योडर आइ जाल त खेती पर किलै हडका तोड़े जावन !
चची -अब जब सुंदरु (चचिक नौनु ) की नौकरी लग त मीन क्या कार ?
मि -तीन देखादेखी अर सकासौरी मा गौड़ी भैंस बेचीं देन।
चची -ये जब दु दु कमाण वाळ ह्वे जावन त कैक दिमाग खराब हुयूं च जु मेनत कार।
मि -हाँ हम द्वी भायुंन बि ब्वाल कि बंद कौर सि खेती अर गौड़ -भैस पाळण।
चची -जब तुमरि तनखा बढ़ तो मीन क्या कार ?
मि -तीन सग्वड़म साग भुज्जी बोण बंद कौर दे। 
चची -तो तू क्या समझणी छे मि मुर्गी पालन करलु ?
मि -पर त्वी   .... ....
चची -अरे मी मुर्गी पालन करुल तो गां मा मेरी नाक नि कट जालि कि परिवार मा द्वी नौकरी करणा छन अर मि गुजर बसर का वास्ता मुर्गी पालन करणु छौं ? क्या ब्वालल लोग मेखुण ?
मि -हाँ पर तीनि त ब्वाल कि तू मुर्गा बाँधणी छे।
चची -हाँ मीन मुर्गा बांधणो बात कार मुर्गी पालन की बात थुड़ा कार ?
मि -मुर्गा ? क्यांकुण चयाणु च मुर्गा ?
चची -सुबेर सुबेर बांग दीणो बान चयेणु च मुर्गा !
मि -सुबेर सुबेर बांग दीणो बान चयेणु च मुर्गा ? बांगक बान मुर्गा ?
चची -हाँ ! अचकाल बिजण मा तकलीफ ह्वे जांद।  क्वी सुबेर बिजाळण वाळ इ नी च।   भौत सा बगत त मि दुफरा मा बिजुद अर कबि कबि त दुसर दिन स्याम बिजुद।
मि -पर द्वी घड़ी अलार्म वाळ छन।  एक मेकैनिकल अर एक इलेक्ट्रॉनिक घड़ी।
चची -एक पर मि बार बार चाबी दीण भूल जांद अर दुसर घड़ी पर पता इ नि चलद कि कब बैटरी बदलण।  इनमा मि तैं कु  बिजाळलु ?
मि -मोबाइल पर बि त अलार्म च ?
चची -अरे बिजोग पड़ जांद। मोबाइल मा 7 AM की जगा 7 PM सेट ह्वे जांद।  एक दिन मि मोबाइल कु अलार्म का चक्कर मा सुबेर सात बजिक जगा स्याम सात बजी बिजु।
मि -हाँ त बगल मा कुटुंब की बोडी बि त च।  बोडी बि त बिजाळ सकदी च ?
चची -हां पर तेरी बोडी  तै बि बिजाळण वाळ क्वी हूण   चयांद कि ना ? फिर हम द्यूराण -जिठाण छंवां तो हफ्ता मा एक दिन हम झगड़ा नि करदां तो हमर खाणक नि पचद।  त जब हम अबच ह्वे जाँदा त हम एक हैंक तैं बिजाळणो धै बि नि   लगौंदा।
मि -हाँ पर गां मा हौर बि जनन छन वो त बिजाळ सकदन कि ना ?
चची -हाँ पर जब हमम कुछ काम नी च त हम सब समय बिताणो बान जब झगड़ा झगड़ा खिलदा तो वै टैम पर क्वी कै तैं नि बिजाळदु।
मि -मतबल , सुबेर बिजणो बान मुर्गा आवश्यक च ?
चची -हाँ ! घड़ी , मोबाईल , द्यूराण -जिठाण पर पूरा भरोसा ह्वे नि सकद त मुर्गा ही एक विश्सनीय चखुल च जै पर भरवस करे सक्यांद।
मि -त ठीक च  सुबेर सुबेर बांग दीणो बान बाँध दे मुर्गा चौक मा.
चची -आज ही तू बीस हजार रुपया म्यार खाता मा ट्रांसफर कर दे ।
मि -बीस हजार रुपया मा मुर्गा ?
चची -ना ना ! बढ़िया मुर्गा तो द्वी सौ रुपया मा मील जालो।  मुर्गा कुण चौक मा मुरगाखाना बणाण पर बीस हजार रुपया खर्च आलो।
मि -ठीक च मी बीस हजार रुपया ट्रांसफर कर दींदु।




Copyright@  Bhishma Kukreti  23 /6/2014 
   
*लेख में  स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।

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Bhishma Kukreti

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                       कूटनीतिका  अर राजनीतिक सिग्नल , इशारा याने बुल्द बेटी कुण छौं सुणांद ब्वारी तैं छौं


                                           घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     
                   
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )



                 उन त डा मनमोहन (सॉरी सोनिया जी ! सरकारी दस्तावेजुं मा प्रधान मंत्री राहुल गांधी ना मनमोहन जी ही छन ) सरकार बि राजनैतिक -कूटनीति सिगनल -संकेत -सैन भेजदी छे किन्तु लोग बाग़ बींगीक बि बौग सारी दींदा छा।  भौत सा दैं भारत का गृह मंत्रीन राज्य सरकारों कुण लेख कि आतंकवादी हमला बाद अल्पसख्यकों तैं सुदी -मुदि नि पकड़े जाव।  सिग्नल अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानो कुण छौ कि बीएसपी , एसपी , टीएमसी आदि पार्ट्युं तैं वोट नि देन बल्कण मा कॉंग्रेस तैं वोट देन मुसलमान त कॉंग्रेस का सिग्नल -सैन नि समझिन पर हिन्दू समझी गेन कि सिगनल कैकुण च अर उन भाजपा तै जितै दे।
                2014 लोकसभा चुनाव मा पैल पैल नरेंद्र मोदीन कोलकत्ता मा भाषण दे तो बंगाल्युं  एक हाथ मा लड्डू (लोकसभा मा बीजेपी सांसद ) अर हैंक हाथ मा रसगुल्ला (बंगाल मा टीएमसी की सरकार ) शब्दों से ममता बैणि तैं मोदीन सिगनल दे कि मीतै तेरी आवश्यकता पोड़लि।   ममता त ममता बनर्जी च कैपर बि दया नि दिखांद।  ममतान सैन मा न सीधा बोलि दे कि 2002 कु अभियोगी दगड़ मेरि नि पटण।  तो जबाब मा मोदीन बंगलादेस्यूं किस्सा उठै दे अर भाजपा तैं फैदा मिल गे।
  हालांकि मनमोहनी सरकार बि संकेत भेजदी छे किन्तु भ्रष्टाचार अर स्कैमों चलदा मनमोहन सरकार का सिगनल क्वी पकड़दो इ नि छौ।  कॉंग्रेसन संकेत भेजी बि छौ कि केजरीवाल , सिसोदिया , प्रशांत भूषण का NGOs तैं अमेरिकी कम्पन्यूं से डोनेसन किलै मिलदु अर केजरीवालन भारत का वास्ता इन क्या काम कौर छौ कि केजरीवाल तैं मेगासे अवार्ड मील ! कॉंग्रेस का सिग्नल आम जनता नि पकड़ साक।
 पर भाजपा ये मामला मा भाग्यशाली च कि अबि जनता भाजपा का सिग्नल पकड़नी च।
  अब द्याखो ना जैं संस्था कु काम हूंद कि सरकारी दफ्तरों से क्वी बि सीक्रेट लीक नि हो वीं इन्फोर्मेसन ब्यूरो का ऑफिस से एक सूचना लीक ह्वे गे।  ईं सूचना मा छौ कि कुछ अमेरिकी परस्त या पश्चिम देशों सहायक NGOs तैं भारत मा भौत सा प्रोजेक्टों मा अड़ंगा लगाणा छन कि भारत की आर्थिक दसा मा तीब्रता से सुधार नि ह्वावु।  यूं  देशद्रोही संस्थाओं का वास्ता कड़क सिग्नल छौ कि यदि तुमन संवेदनशील प्रोजेक्टों मा अड़ंगा लगाइ तो तुमर विदेशी चंदा आण पर रोक बि लग सकद।  जनता का बीच सिग्नल या रैबार बि पौंछि गे कि यी देशद्रोही NGOs देस  विकास रुकणा छन तो यूँ देशद्रोही NGOs की भकलौण मा कतई नि ऐन।  उन सिग्नल तो अमेरिका बि पौंछि गए कि हम भारतवासी तुमर चंदा की चाल तैं समझदा छंवां।
 उन आम जनता विदेश नीति का सिग्नल कम ही बिंगदि किंतु जब मोदी सरकारन अरुणाचल प्रदेश मा 50    मिल्ट्री चौकी खुलणै समाचार अर चीन सीमा  पर सड़क बणाणो बान रक्षा विभाग का वास्ता पर्यावरण आदि कि इजाजत आवश्यक नि रै गे जन सूचना जगजाहिर कौर तो जनता समझ गे कि सिग्नल चीन का वास्ता च कि ठीक च हम भारतीय तुमर दगड़ व्यापारिक संबंध बाढ़ाणो तयार छंवां किंतु हम तैं अपण बॉर्डर की बि चिंता च।  चीन सिग्नल -संकेत समझि गे अर वैन द्वीएक हैकपॉटर उत्तराखंड का सीमा मा उड़ाइ देन।
 विदेश मंत्री बंगलादेश की यात्रा पर जाणि च तो भारतीय गृह मंत्रालय द्वारा बंग्लादेस्यूं तैं वीजा ऑन अराइवल पर अड़ंगा लगाइ दे।  याने मय बंगलादेश भौत सा लोगुं तैं संकेत भिज्याणा छन।
संकेत तो श्रीलंका बि भिजणु च -कबि त अपण सीमा पर पकड़्यां भारतीय मछुवारों तै चौड़ छोड़ दींदु अर कबि देर करणु रौंद।
सिगनल तो मोदी न अमेरिका बि भिजण शुरू करि ऐन। भारत सरकार अब अपण न्यूक्लियर प्लांटों मा इंटरनेश्नल वॉचडॉगुं तैं सरलता से प्रवेश करण देलि असल मा अमेरिका का वास्ता एक सिग्नल च। 
पैल जनता सिगनलु तै नि समझदी छे पर अब समजण लग गे कि कूटनीति मा बि " बुल्द बेटी कुण छौं सुणांद ब्वारी तैं छौं " जन वाकिया हून्दन ।


Copyright@  Bhishma Kukreti  25 /6/2014 
   
*लेख में  स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।

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Bhishma Kukreti

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                अजकाल मोदी स्टाइल मा  प्रजेंटेसन  दिखणो कम्पीटीसन चलणु च


                       घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     
                   
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


अचकाल , कखिम बि , कै बि टैम , कै तैं कुछ पूछो वु कड़क ह्वेक बुल्दु ," ठीक से प्रजेंटेसन दे !"। मोदी सरकार आण से इण्डिया मा अच्छा दिन आइ गेन  कि अबि आण बाकी छन ,  मंहगाई की कमर टूटी ह्वे या ना किंतु कै हैंक से प्रेजेंटेसन मांगणो फैशन बड़ो जोरों से चलण मिसे गे।
अबि मि परसि कोलकत्ता जयुं छौ त चाइना टाउन मा एक लेफ्टिस्ट बुद्धि जीवी एक कखड़ी बिचण वाळ से बचळयाणु छौ।
लेफ्टिस्ट इंटेलेक्चुअल - त्वी छे ना कखड़ी बेचणु ?
कखड़ी व्यापारी -हाँ , कै तैं कुछ कन्फ्यूजन च ?
लेफ्टिस्ट बुद्धिजीवी -ठीक च जरा प्रोफेसनल वे मा प्रेजेंटेसन देकि बतादी कि तेरी कखड़ी काबिल कखड़ी छन।
कखड़ी विक्रेता -बाममार्गी जी ! जु मि प्रेजेंटेसन दीण जि जाणदु त मि तैं भाजपा से  लोकसभा टिकेट नि मिल जांद।  मेरी जगा चन्दन मित्रा तैं टिकेट मील किलैकि वै तैं प्रजेंटेसन दीण आंद च।
इनि अचकाल केश कर्तानलयुं मा रोज कहा सुनी हूणि रौंद।  केश धारक केश कटण वाळ नाइ से कम्प्यूटर का जरिया बाळुं नया  नया फैसन का प्रजेंटेसन की मांग करणा रौंदन अर हर बार नाइ सफाई दींद ," जु मि तैं कम्प्यूटर चलाण जि आंद,  त मि कम्प्यूटर लर्निंग क्लास ना सै इंटरनेट कैफे नि खोलि दींदु ?"
केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा तो नरेंद्र मोदी क प्रजेंटेसन स्टाइल से बड़ा परेशान छन।  कलराज मिश्रा जी तैं अब पता लग कि किलै लाल जी टंडन अर कैलाश जोशी सरीखा दिग्गज नेताओंन चुनाव लड़न से इनकार कार।  सब तैं पता छौ कि मंत्री बणनो बाद मोदीक समिण प्रजेंटेसन दीण पोड़ल अर दगड़ मा दिनांक का हिसाब से कु काम कै दिन पूरु ह्वे जाल बि बताण पोड़ल।  कलराज मिश्रा जीन प्रजेंटेसन दीण सिखणो बान चार पांच क्रैश कोर्स बि करि आलिन किन्तु सुणन मा अयि कि अबि बि कलराज मिश्रा पर प्रजेंटेसन नाम सुणिक ही कंपकंपी छूट जांद।
कॉंग्रेस जु नरेंद्र मोदीक गुजरात मॉडल अर अधिनायक वाद से खार खांदी , ज्वा पार्टी अबि बि बुलणि च कि नरेंद्र मोदी की क्वी लहर नि छे अपितु मनमोहन सरकार का विरुद्ध लहर छे वा पार्टी बि अब प्रजेंटेसन फॉर्मूला का जरिया सिद्ध करणी च कि लोकसभा चुनाव की हार कॉंग्रेस की हार च अर यीं हार मा राहुल गांधी कु नेतृत्व अपण पीक (उच्च चोटी ) पर पौंच।  नितरसि कॉंग्रेस का ऑफिस मा कॉंग्रेस कोर कमेटी की कछेड़ी मा चुनाव विश्लेषण पर एक कम्पनीन पावर प्वाइंट प्रजेंटेसन इन दे -
प्रोडक्ट - राहुल गांधी जी  कॉंग्रेस मा सर्वमान्य पसंदीदा परसन छन ।
प्राइस - मनमोहन सरकार की प्राइस राइज पॉलिसी से राहुल गांधी जी तैं बहुत नुकसान ह्वे। इलै सबि प्रदेशों अध्यक्षों तै बदलण जरुरी च।
पब्लिसिटी - पीपल (जनता ) जाहिल छन ।   राहुल गांधी का अंग्रेजी पोस्टर  की भाषा जनता अबि बि नी समझ सकणी च।  इलै कॉंग्रेस का सभी महासचिवों तै इस्तीफा दीण चयेंद।
प्लेसमेंट - मनमोहन सरकार की नाकामयाबी छे कि अपण पॉलिसी क्रियावन्नित नि कार साक इलै प्रदेशो का मुख्यमंत्री बदलेण चयेंदन।
पीपल - जनता थर्ड क्लास च। इलै कॉंग्रेस मा जिला स्तर पर बदलाव जरूरी च।
नरेंद्र मोदीक प्रजेंटेसन फैसन कु असर मुलायम सिंग पर बि ह्वे गे।  वैदिन एक मीटिंग मा बुलणा छा ," सभी यादवों और मुसलमान भाइयों को अब प्रजेंटेसन सीखना ही होगा और खतरे में आया हुआ सेक्युलरिज्म को बचाना होगा। "
लालू प्रसाद यादव का हिसाब से त प्रजेंटेसन शब्द ही नॉन सेक्युलर च तो ऊंक पार्टी मा प्रजेंटेसन पर रोक च।
म्यार ड्यारम बि प्रजेंटेसनौ रोग लग गे।
ड्यारम त मि सिगरेट पे सकुद किन्तु मि तैं दिन मा द्वी-चार  बीड़ी पीणो नि मील तो मि तैं लगदो इ नी च कि मीन सिग्रेटौ धुंवा उड़ाइ।  वाइफ कु बुलण च कि बीड़ी फेमिली इमेज का वास्ता हानिकारक च।  इनि हम आठ दस लोग छंवां जु फेमिली इमेज का चक्कर मा ड्यारम बीड़ी नि पे सकदा।  हम सब घाम अछल्याण पर अपण मुहल्ला से दूर एक बेंच मा बैठिक चर चर बीड्युं पर फ़काफ़क सुट्टा मरदवां अर फिर बगीचा मा घुमणो जांदवां।  वाइफ समजदी मि स्वास्थ्य लाभ हेतु स्याम दैं जॉगिंग करणो जांद पर मेरो असली मकसद त बीड्यूं पर सुट्टा मारण रौंद।
ब्याळि मि जनि घुमणो तयार हों कि वाइफन ब्वाल - कख जाणा छंवां ?
मि -सद्यानो तरां घुमणो !
वाइफ - पैल कम्प्यूटर से फॉर्मल प्रजेंटेसन द्यावो कि तुम तैं घुमण जरूरी च कि ना ? अब ये घर मा बगैर प्रजेंटेसन दियां चाय बि नि पिए जाली।
वाइफन कम्प्यूटर ऑन कार अर मीन पावर प्वाइंट मा प्रजेंटेसन दे।
परपज (उद्येस्य ) - स्वास्थ्य लाभ अर बोरियत भगाण
                           कार्य
१- प्रणायाम - हवा भीतर लीण अर भैर खैंचण ( मीन झूट नि ल्याख किलैकि बीड़ी पीण मा यि सब करणी पोड़द )
२- चक्षु ध्यान - चक्षु सेकन प्रक्रिया से आंखुं स्वास्थ्य बढ़ाण। (मि झूट तब बि नी छौ किलैकि आंद जांद जनान्युं पर ध्यान से हम बुड्या चक्षु सेकन कार्य बड़ी चतुराई से करणा रौंदा )
३- घुमण
४- कथगा लोग - छ -सात लोग
५- कब तक - छै बजि से साडे सात तक
६- कथगा खर्चा - कुछ ना ( बीड्युं खर्चा तो हम बच्चों कीसौंदन इनि चुरै लींदा )
जब मीन प्रजेंटेसन पूरु कार दे तबी जैक मि बीड़ी क्लब जै सौकुं।  ऊख पता चौल कि अजकाल सब्युं ड्यार प्रजेंटेसन कु भूत लग्युं च अर आज हरेक देर से आई किलैकि सब तैं अपण वाइफ तैं प्रजेंटेसन जि दीण छौ ।
घूम घामिक ड्यार औं तो मेरी वाइफ हमारी  नौकरी करदार बहु तैं पावर प्वाइंट का जरिया प्रेजेंटेसन दीणी छे -
विषय - सासुओं को K टाइप सीरियल देखना क्यों आवश्यक है ?




Copyright@  Bhishma Kukreti  27 /6/2014 
   
*लेख में  स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।

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Bhishma Kukreti

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गढ़वाळि व्यंग्य शब्दकोष -1
बटोळन्देर - भीष्म कुकरेती

अंगजा (कन्या )- जैं तैं लक्षमी बुले जाँद पर ब्वेक पुटक मारे बि जान्दि।
अंगरक्षक - नेता लोगुं अहम कु मलहम।
अंगहानी -भारत मा विरोधी पार्टी को एकी कार्य रै जांद सरक़ार का  कामुं अंगहानी दिखण
अंगार -जब नरेंद्र मोदी कॉंग्रेस तैं गाळी दींद तो अंगार सि दिखेंद।
अंगार हूण -मायावती या नीतेश कुमारौ समिण जरा नरेंद्र मोदीक बड़ै कारो त सै फिर द्याखो यि कन अँगार बणदन धों !
अंगार बरखण (आपत्ति औण ) - विचारो नरेंद्र मोदी तैं प्रधानमँत्री बणदि रेल दुर्घटना , मुंडे  देहावसान, ईराक घटना दिखण पड़िन।
अंगार उगळण  - कम्युनिस्ट जब बि नरेंद्र मोदीक बारा म बुल्दन अंगार इ उगळदन।
अंग्रेज - अफु भागि गैन अर कठुक कोचि गेन।
अंगिया (चोली, कंचुकी  )- गर्म्युं मा नौन्युं तैं छुटि अंगिया से शीतलता से सेळि पड़दी  तो दिखण वळु आंख्युं पर बि सेळि  पड़दि। 
 अंतरपुरुष (आत्मा ) - जै से नेता अर अधिकारि नफरत करदन।
अंगूठा चुसण -वोट लींद दैं नेता जनताक समणि अंगूठा चुसदन।
अंगूठा दिखाण -जितणो बाद जनता तैं नेता अंगूठा दिखान्दन।
अंगूठा नचाण (चिरड़ाण )  -मंहगाई तैं रुकणो बान रेलकिराया अर  पेट्रौलौ दाम बढाण।
अंगूठी -जैम च उ बुल्द कि भगवानन बीस अंगळि किलै निं देन अर जैमा नी च उ बुल्दो अंगळि द्याई किलै च।
अंग्वछा /अँगुछा - प्रागैतिहासिक काल की एक पछ्याणक।
अंघस(अपराध )- अंघस का नाम सुणिक   नेताओं बुलण   हूंद बल न्यायप्रक्रिया / लौ अपणा काम करेगा।
आँचल -जु अब हर महीना  छुटु हूणु च। अर विलोप हूणै स्थिति मां च।
पटवारी -व्यवस्था कु कब्जादार /भूस्वामी
पधान -अब त याद इ बाकि छन कि हमर बि राज थौं।
प्रधान -सरकारी पैसा खतणों आखरी कड़ी
प्रेम -जै से फैदा हो वैं सें हि हूंद
व्यंग्य शब्दकोश जारी रहेगा ……।



Copyright@ Bhishma Kukreti 28/6/2014

Bhishma Kukreti

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                                    गूमखाळ  बजार मा शराबबंदी का  पोस्टर अर  होर्डिंग !

                                         घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     
                   
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

वैदिन मुंबई की एक उत्तराखंडी संस्थाक   जळसा मा भूतपूर्व मुख्यमंत्री अर आजका विरोधी दल का नेता  सुपिन चन्द्र खंडूड़ीन गढ़वाल-कुमाऊं  मा शराबौ बढ़दो रिवाज का विरुद्ध इथगा गरजणि मार कि माइक टूटी गे अर दगड़ मा अयाँ दुसर भूतपूर्व मुख्यमंत्री सगत सिंग कोशियारिन   शराब को बढ़दो चलन से ग्रामीण उत्तराखंड की युवा पीढ़ी खतम हूणी च पर जोर से ऐड़ाट -भुभ्याट कार कि  कोशियारी जीक हल्ला से मेज कुर्सी हिलण लग गेन।
दुई मुख्यमंत्र्युं मुंबई मा करीं गर्जना की खबर उत्तराखंड का फ़ाइल न्यूजपेपर (जु खाली सरकारी  विज्ञापन लीणो का वास्ता छपदन ) ही ना असली अखबारों मा बि प्रकाशित ह्वे गेन अर सोसल मीडिया मा बि यां पर बहस शुरू ह्वे गे।  भूतपूर्व मुख्यमंत्र्युं की गर्जना का असर इथगा जादा छौ कि दिल्ली , मुंबई , न्यूआर्क , कनाडा का पियक्कड़ भाइ लोग बि  रोज स्याम दैं ठीक आठ बजी 8 PM का पैग  मारदा मारदा फेस बुक मा राज्य सरकार तैं  गाळी दीण लग गेन कि शराब बंदी का वास्ता राज्य सरकार कुछ नि करणी च। 
राज्य सरकार हिल गे। सोसल मीडिया मा शराब बंदी पर बहस से हाइ कमांड का वरद हस्त का बाद बि राज्य का मुख्यमंत्री गिरीश रावत की कुर्सी बि हिलण लगि गे अर रावत जी  तैं आधिकारिक तौर याने औफिसियली पैल बार पता चौल कि ग्रामीण उत्तराखंड शराब का चपेट मा ऐ गे।
मुख्यमंत्रींन फटाफट शराबबंदी मंत्री तैं आदेश दे कि उत्तराखंड का हरेक ब्लॉक मुख्यालय का बजाराम एक शराब से नुकसान का होर्डिंग लगाओ अर सौ सौ पोस्टर लगाओ।  5 करोड़ रुपया जनहित मा शराबबंदी विज्ञापनों बजट पास ह्वे गे।
दुसर दिन वित्त मंत्र्याणी श्रीमती जिकुड़ेस्वरि जी मुख्यमंत्री जी से मील कि 5 करोड़ रुपया कखन आल अर कै मद से आल।  मुख्यमंत्री जीन आबकारी मंत्री जी तैं बुलाइ अर ब्वाल ,"राज्य तैं पांच करोड़ रुपया की अतिरिक्त आवश्यकता च त तुरंत कुछ कारो। "
 ठीक दस दिन बाद हरेक ब्लॉक  का मुख्य बजार मा शराब का नुक्सान वाळ होर्डिंग अर पोस्टर चिपक्याणा छया अर लोग एक समाचार बि पढ़णा छया कि राज्य मा पांच विदेशी शराब का अर दस देसी शराब का कारखाना लगणा छन जौं कारखानौं  से राज्य की बीस करोड़ रुपया अतिरिक्त आमदनी  ह्वेलि।

Copyright@  Bhishma Kukreti  29 /6/2014 
   
*लेख में  घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।

Bhishma Kukreti

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गढ़वाळि व्यंग्य शब्दकोष -भाग 2
संकलन (बटोळन्देर)  - भीष्म कुकरेती


अंडा -खुजनेर वैज्ञानिकुं मुसीबत बल ब्वै पैल कि बेटि पैल ?
अंङैल (जैक पेट मा अन्डा ह्वावन )- सरकारी नौकरी
अंतक्रिया , अंत्येष्टि -जखमा लोग रिलैक्स महसूस करदन या रिलैक्स हुणों आंदन।
अंतरिख , अंतरिक्ष - मंहगाईक  गंतव्य स्थान।
अक्रिय -सरकारी फ़ाइल
अकल -ज्वा असल समय पर घास चरणों जांदी। ज्वा भैंस से छुटि च। 
अकलमंद  - ड्यार अयुं मेमान तैं भगाणम उस्ताद, दल बदलिक बि दलबदल कानून तैं चुषणा दिखाण वाळ।
अखरा , झूठा -वकील या  गवाह कु एक मुख्य अवतार ।
उऋण , ऋणमुक्त - सरकारी बैंक से ऋण लीण वाळ.
अखंड -लालकृष्ण आडवाणी की प्रधानमंत्री बणनै चाहत।
अगम (जख क्वी नि जै सौक )  -सरकारी कमीसन रिपोर्ट
अंछेरी, अप्सरा  -जैं से हरेक बुबा दोस्ति करण चांदो पर कबि नि चांदो कि वैंक नौनु पर वींक  छोप पड़ो।
अतिमैथुन ,अत्याधिक  स्त्री प्रसंग - नारायण दत्त तिवारी।
अतिरंजना - अच्छे दिन आएंगे।
अतिलंघन (लम्बो उपवास ) - जु अन्ना हजारे बस कु बि नीं  च
अधिकारी -कर्तव्य बिमुखी , अधिकार मुखी अर अंडर दि टेबल हाथ पसर्या
अर्थहीन - लोकसभा -राजयसभा मा बहस कुँ इक नाम
अल्पसंख्यक - रिजर्वेसन /आरक्षण का आशा रखण वाळ




व्यंग्य शब्दकोश जारी रहेगा ……।



Copyright@ Bhishma Kukreti 29 /6/2014

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               बलात्कार्युं से निपटण सरल च पुलिस से कनकै निपटण ?


                                     घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     
                   
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
 
 प्रदेश मा बलात्कार की घटनाओं से टीवी दर्शक , परेशान ह्वे गेन , पिते गेन, बेहाल ह्वे गेन।  सरा दिन टीवी समाचारुं मा प्रदेश मा बलात्कार की घटनाओं का अलावा क्वी न्यूज दिखणो नि मिलणि छे।  देस का विभिन्न भागों का सैकड़ों टीवी न्यूज फैन  क्लब का हजारों सदस्योंन प्रदेश का मुख्यमंत्री तै रोज फोन करण शुरू कौर दे कि प्रदेश मा बलात्कार रोका या नि रोको किंतु बलात्कार की घटनाओं तैं टीवी न्यूज तक आण से रोको।
 प्रदेश मुख्यमंत्री जाणदा छा कि बलात्कार तैं त वु रोक सकदन किन्तु टीवी समाचार नि रोक सकदन।
मुख्यमंत्रीन बलात्कार रुकणो बान कड़ा कदम उठाणै घोषणा हि नि कार सचिमुचि मा हरेक 300 लोगुं पैथर एक पुलिस पहरा का इंतजाम करवै दे।
अबि चार दिन नि ह्वेन कि छुट छुट शहर -कस्बों मा लोग तहसीलदार का इख मोर्चा लेक जाण बिसे गेन।
लोगुं बुलण छौ कि बलात्कार्युं से तो हम निपट ल्योला किंतु पुलिस से निपटण हमर बसै  बात नी च।
मोर्चा मा अधिकतर मुर्गी बिचण वाळ , देसी शराब का धंधा करण वाळ अर जवान बेट्युं बुबा -ममा छया।


 
Copyright@  Bhishma Kukreti  1 /7 2014 
   
*लेख में  घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।

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 गढ़वाळि व्यंग्य शब्दकोष -भाग 3

Garhwali Satire Dictionary part -3
 
 चबोड़्या  - भीष्म कुकरेती
अनर्थ - पुलिस स्टेसन से बुलावा
अनर्थनासी  - पुलिस तैं दीणै घूस
अनाप्युं (बगैर नप्युं )-नेता का बोल
अनिद्रा (निद्राविहीन ) - चार बार सांसद ह्वेक बि मंत्री नि बण
अनिष्टसूचक  - वित्त मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस
अधावित (अनुचर ,पिछलग्गु )- गांधी परिवार का कूडौ  न्याड़ ध्वार घुमण वाळ कॉंग्रेसी
अवमूल्यन -भारतीय रुपया की असली पछ्याणक
आसा - राजनीति कु धारदार हथियार
उदघाट्न -जांसे बड़ आदम्युं पछ्याणक हूंद
उद्यम -दूसरों पैसा खासकर  बैंको से कर्जा लीणो कार्य
उद्यमी -  इनकमटैक्स मारणो उस्ताद
सरकारी या सँजैत उद्यान -हल्ला करणो , गंदगी फैलाणो जगा
उपहासप्रद -जब क्वी बड़ो ऑफिसर छुटि -मुटि घूस लींद पकड़े जावु
अवोळ (फलहीन वृक्ष )- सरकारी नौकरी मा ईमानदार नौनु

अभिनेता-अभिनेत्री  - बिरण बुल्युं मनण वाळ, अगास मा रंग बिरंगी कनकवा जैक डोर डाइरेक्टर मा हूंद, बगैर डायरेक्टरों, बिचारा लाटा जन लगदन

अभिनय - राजेन्द्र कुमार अर राजेन्द्र नाथक हिँदी फिलम  देखिक परिभाषा  - कैमराक  समणि मुख लिकाण

अग्वाड़ीसोची - आज का हिसाब से सतपाल महाराज अग्वाड़ीसोची छन

आडंबर -जु काम आड़ मा रैक हूंदन
एड़ा बणिक पेड़ा खांदेर /खंदेर - मनमोहन सिंह
कंकड़ -चौंळ , दाळु दगड्या
ककड़ाट -विरोधी दल की पछ्याणक
कपिल सिब्बल -नामी वकील पर गणत मा कमजोर अर जैकि नजऱ बि कमजोर छे तबि त वु बुल्दा छौ एक लाख करोड़ का नुकसान माने ज़ीरो लौस
कमी -अपण तो मानवीय गुण दूसरोंक पाप
कमीसन -नेताऊं  , अधिकार्युं साइड बिजिनेस क़ी  आमदनी
करदाता -जैक दियुं से सरकार कबि निं अघांदी
करापहरण (कर चोरी )- व्यापारियूं जन्म सिद्ध अधिकार
करूणानिधि - एक अत्याधुनिक क्रांतिकारी जैन द्राविड़ आँदोलन तैं बेशर्मी से भ्रस्टाचार बढाओ आंदोलन मा बदल
कलेऊ, कल्यौ,   (नास्ता )-आधुनिक नाम केलॉन्ग
कळयज ,कळेजि ,  कलेजा -जु नेताओँ अर अधिकार्युं मा नि मिल्द
कल्पना - जैं तैं बढ़ाणो चक्कर मा रचनाकार जल्दि बुड्या ह्वे जांद
कल्पित , मनगढंत -अच्छे दिन आएंगे , गरीबी हटेगी
जन कल्याणकारी योजना - दलालों , घूसखोरों वास्ता चारागाह
कसमसाना - लोकसभा या राज्यसभा मा निठल्ला बैठ्याँ नेतौं उ भाव जु आचाणचक़ टीवी कैमरा आण पर नेताजीका चेहरा पर आंदन
कॉंग्रेस -नेहरू -गांधी की खानदानी रियासत
कामना -लालकृष्ण आडवाणी
कार्यवाही हो रही है - उ  वाक्य जु कै नेता तैं बचाणो बान बोले जांदन या टाळणो बान वक्तव्य
कारागृह , जेल -जख जैक राजनैतिक नेता अचाणचक  सगत बीमार पड़द  अर वै तैं आईसीयु मा भर्ती करण पोड़द; अनाड़ी या  अप्रशिक्षित अपराध्युं तैं प्रवीण बणानो प्रशीक्षण गृह
किरायेदार -एक आवश्यक दासता
 
Copyright@ Bhishma Kukreti 2/7/2014

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          बनि बनिक कुंठा
 गढ़वाळि व्यंग्य शब्दकोष -भाग 4

Garhwali Satire Dictionary part -4
 
 चबोड़्या  --- भीष्म कुकरेती
कुंठा - आधुनिक याने बामपंथी -जनवादी हिंदी साहित्यकारुं गंठयुं नयो रोग
दैनिक कुंठा -बढ़दी मंहगाई
स्वार -भारुं की दियीं कुंठा -जब अफु तैं अनुदान नि मील पर  स्वार भारुं तै सरकारी अनुदान मिल जाउ
सडु भयाती कुंठा - ससुरासम अफु से जादा सडु भाइ तैं मिलण वाळ इज्ज़त
पडोसी कुंठा -पड़ोसी मा तीन तीन कार अर अफुम एकि कार
सिगरेटी कुंठा - सिगरेटूँ   दाम बढ़ण पर बि हड़ताल नि कौर  सकण
मा -बाबुं  शिक्षा  कुंठा -बच्चा द्वारा 100 % लाण पर बि एडमिसन नि मिलण
फेसबुकी कुंठा -फेसबुक मा जैदिन पोस्टिंग तैं क्वी Like नि करद
मोबाइली कुंठा - मिस काल करण पर वापस कैक फ़ोन नि आवो
गजेन्द्र राणा कुंठा - महान गिताड़ तैं गाळी देक बि कुछ नि  ह्वावो
पुलिसाई कुंठा - नीलामी मा बोली लगाणो बाद बि पोस्टिंग कमाउ थाणा मा नि ह्वावु
उस्तादी कुंठा - च्याला तैं अर्जुन पुरुष्कार मिल्द किंतु  उस्ताद तै द्रोण पुरुष्कार नि मीलो
मनरेगा की कुंठा - प्रधान तै मुर्गा खलैक बि योज़ना कु काम करण पोड़द
साउथ अफ्रिकाइ कुंठा - बार बगत पर मैच नि जितण
नरेंद्र  मोदी कुंठा - बहुमत का बाद बि मँहगाई पर काबू पाण मा लाचार
नारायण दत्त कुंठा - सरकार बुड्यों कुण फ़्री मा  हरम नी खुलणी च
नीतीश कुमार कुंठा - आधी छोड़ सारी धावे , आधी भी  कवा खा जावे
मनमोहनी कुंठा -निर्णय कु आधिकार परधान मंत्री ना अपितु निर्णय का अधिकार हाइ कमांड अर सहयोगी पार्ट्युं पास ह्वाउ
मुलायम सिंघी कुंठा -प्रधान मंत्री बणनो ख्वाबन चीफ मिनिस्ट्री छुड़ण
लालकृष्ण आडवाणी कुंठा - सदा ही प्राइम मिनिस्टर इन वेटिंग या मिनिस्टर इन वेटिंग रावो
लालू यादव कुंठा - जाने कहां गए वे किंगमेकरी दिन
थर्ड फ्रंट की कुंठा - फ्रंट इ नि बणद
राजनैतिक कुंठा -जब अपण पार्टी भारी बहुमत से जीत जावु अर इन मा मंत्री पद की जगा पार्टी प्रवकता बणन पोड़द
थुक्युं चाटणो कुंठा - अमेरिका द्वारा नरेंद्र मोदी तैं अमरीका आणो न्यूत दीण


व्यंग्य शब्दकोश जारी रहेगा ……।
Copyright@ Bhishma Kukreti 3 /7/2014


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Bhishma Kukreti

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                        श्रेष्ठि लोग किलै चपड़ासी जीक ट्रांसफर रुकवाणा छन ?

                         घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     
                   
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

जनि इलाका मा खबर फैल कि सुदामा चपड़ासी की बदली वास्ता प्रिंसिपल साब अनुमोदन करण वाळ छन कि इलाका का ग्राम प्रधान अर श्रेष्ठि जन अपण आवश्यक काम छोड़िक  दौड़- दौड़ि   विद्यालय पौंछि गेन।
सबि भद्र जनुंन प्रधानाचार्य से विनती कार कि इलाका मा छात्र कल्याण का वास्ता सुदामा जन शिक्षा कर्मचारी ये विद्यालय मा रौण अत्त्यावश्यक च।
ग्राम प्रधानुं अर श्रेष्ठि जनुं मानण छौ कि यदि सुदामा चपड़ासी जीक बदली ह्वे गे तो विद्यार्थ्युं अणभर्वस ह्वे जाल, छात्रों भविष्य अन्धकारमय ह्वे जाल , सुदामा जी नि राल त स्कुलौ शिक्षा स्तर घटि जाल  अर सुदामा जी की अनुपस्थिति परीक्षाफल पर बुरु असर बि डाळ सकुद।
अपरोक्ष रूप से श्रेष्ठि जन प्रिंसिपल साब तैं धमकी देक गेन कि यदि सुदामा चपड़ासी बदली ह्वेलि तो फिर देखि लेन तुमर क्या कुहाल हूंदन धौं.
प्रधानाचार्य इलाका का श्रेष्ठि जनु अजीब व्यवहार से खौंळयाणा छया।  कुछ दिन पैल यूं श्रेष्ठि जनुंन एक अनुशासनप्रिय , नकल से चिरड्याण वाळ मास्टर सत्या जीक ट्रांसफर करायी अर आज निकज्जो सुदामा चपड़ासीक सहायता मा सब एक ह्वेक सुदामा की बदली रुकवाणा छन ?
प्रधानाचार्य तैं यीं स्कूलम अयां छै मैना इ ह्वे छा।
ग्राम प्रधान अर इलाका श्रेष्ठि जनुं जाणो बाद प्रधानाचार्य जीन बुजुर्ग अर अनुभवी क्लर्क रति लाल जी तैं बुलाई अर आश्चर्य जताई कि सुदामा चपड़ासी कु छात्रों परीक्षाफल अर शिक्षा स्तर से क्या संबंध ?
बुजुर्ग अर अनुभवी क्लर्कन खुलासा कार।  एक त सदमान आस पास का हरेक गाँव वाळ से कर्ज लियुं च।  दुसर सुदामा चपड़ासी विद्यार्थ्युं वास्ता नकल करणो पर्ची हि नि बणाद अपितु छात्रों नकल करण मा सबि तरांसे सहायता बि दींदु अर परीक्षाफल अब्बल लाण मा छात्रों व  स्कूलों मदद करद।
प्रधानचार्य कुछ नि बोल सकद छा किलैकि आंदो आंद सुदामा चपड़ासीन प्रधानाचार्य से द्वी हजार रुपया उधार ले ले छा।  अपण , लोगुंक उधार बौड़ाणो वास्ता अर स्कूलौ  अब्बल परीक्षाफल की कामना हेतु प्रधानचार्य जीन सुदामा चपड़ासी जीक तबादला अनुमोदन रोक दे।




Copyright@  Bhishma Kukreti  4/7 /2014 
   
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