Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 360822 times)

Bhishma Kukreti

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Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,, Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm on Migration from Hills


                                       उत्तराखंड विधान सभा मा  तोड़फोड़ , विधायक हॉस्पिटल भर्ती
                                              ड्यार बौड़ै  पर  वि. स. मा हंगामा , तोड़फोड़, ल्वैखतरी

                                         चबोड़्या खबरची ::: भीष्म कुकरेती
स्थान : विधान सभा
समय - दिसंबर 2064 , दिनक ग्यारा बजे बाद
विरोधी दल नेता  - अध्यक्ष जी ! प्वाइंट ऑफ ऑर्डर !
वि. स. अध्यक्ष - जोर से ब्वालो , घ्याळ  मा कुछ नि सुण्यानु च।
विरोधी दल नेता  - अध्यक्ष जी ! प्वाइंट ऑफ ऑर्डर !
अध्यक्ष -लीडर ऑफ ओपोजिसन ! अपण सदस्यौं कुण ब्वालो , जब तुम बुलणा छंवां तब तक त चुप रावन ।
विरोधी दल नेता  - मै अपण  दलक खूंखार  नेताओं से अपील करदु कि थ्वड़ा देर घ्याळ नि कारन !
अध्यक्ष -हाँ ब्वालो !
विरोधी दल नेता  - प्वाइंट ऑफ ऑर्डर या च कि जब तक मुख्यमंत्री  विधान सभा मा बयान नि दयाला बहस शुरू नि ह्वे सकद।
अध्यक्ष - पर अबि तुमन इ बहस की मांग कार अर अबि तुम बुलणा  छंवां कि जब तक मुख्यमंत्री  विधान सभा मा बयान नि दयाला बहस शुरू नि ह्वे सकद।
विरोधी दल नेता  - जी हम विरोधी दल का लोग छंवां , हमर काम विरोध करण च। हम ड्यार बौड़ै  से बेहद चिंतित छंवां।  ड्यार बौड़ै से पहाड़ का हरेक गांवुं मा अत्यंत तनाव की स्थिति पैदा हूण वाळ च।
संसदीय कार्य मंत्री  - हम ड्यार बौड़ै अर जु बच्यां छन ऊँ तैं बि उत्तराखंड से भैर कारो द्वी विषयुं पर बहस का वास्ता तैयार छंवां।
वि. स.अध्यक्ष -हां जी बुजर्ग यादव जी उर्फ़ बिहारी भया जी ! तुम क्या बुलणा छंवां।  क्या बहस की शुरुवात तुम करणा छंवां ?
बुजर्ग यादव जी- जी मि बुलणु छौं कि ड्यार बौड़ै , घर वापसी या प्रवासी घर लौट  आओ जन घटनाओं से प्रदेश मा गृह युद्ध की स्थिति हुईं च अर हम सब विरोधी दल का लोग 'प्रवासी घर लौट  आओ' से चिंतित छंवां। अर मुख्यमंत्री तैं बयान इ नि दीण पोड़ल बल्कण मा सदन तैं मौखिक  अर लिखित आश्वासन बि दीण पड़ल कि घर वापसी रुके जाली। प्रवासी कभी भी घर नही लौटेंगे।
वि. स.अध्यक्ष - पर बुजुर्ग यादव जी ! पर विरोधी दलों मादे क्वी त बहस शुरू कारो।
अस्मत की खोज मा  - जी मी बि
वि. स.अध्यक्ष - जी अस्मत की खोज माँ उर्फ़ बंगाली बाबू ! क्या तुम बहस शुरू करण वाळ छंवां ?
अस्मत की खोज मा  - जी म्यार मंतव्य या च प्रदेश  की प्रवासी घर लौट आओ की   आग मा झुलसणु  च अर मुख्यमंत्री आश्वासन बि नि दे सकणु च कि इस प्रदेश में प्रवासियों को उनके गाँव तो छोडो उत्तराखंड में भी नही घुसने दिया जाएगा।
एक विरोधी नेता - मुख्यमंत्री कैसे ब्यान देंगे ! ऊंक सरकार तो द्वी गढ़वाली अर द्वी कुम्मयौं की बैशाखी पर जि चलणि च।
संसदीय कार्यमंत्री - ठीक है गृह मंत्री बयान देने को तयार हैं।
गृह मंत्री - अध्यक्ष महोदय , प्रदेश की कानून व्यवस्था मेरे विभाग के जिम्मे है।  त मि सदन तैं आश्वाशन दींदु कि ड्यार बौड़ै अभियान का वास्ता कै बि प्रवासी गढ़वाली या कुम्म्या तैं उत्तराखंड मा नि घुषण दिए जाल।
बमशाह नेपाली - गृह मंत्री झूट बुलणा छन।  सब तैं पता च कि जब गढ़वाली अर कुमाउनी उत्तराखंड का पहाड़ छोड़िक चलि गे छा तो हम नेपाली , गुरख्या , बंगलादेशी , बिहारी , झारखंड्युंन गढ़वाल अर कुमाऊं की धरती संभाळ।  यीं धरती तैं फिर से आबाद कार।  अर अब यदि इथगा सालों बाद  गढ़वळि , कुमाउनी  प्रवासी लोग  पहाड़ वापस आणो तयारी   करणा छन तो हम नेपाली , गुरख्या , बंगलादेशी , बिहारी , झारखंड्युं का अधिकार हनन नि होलु ? हमर मौलिक अधिकार तैं छिने जाल तो हम तैं गुस्सा नि आल ? चिंता का विषय च कि एक घटना ह्वे कि द्वी गढ़वाली प्रवासी अपण ड्यार ऐन अर ऊँ दुयुंन नागराजा पूजा कार।   गढ़वाली अर कुमाउनी प्रवासियों को अपने गाँव वापस आने से एकदम रोका जाय।
संसदीय कार्य मंत्री - जी वा घटना ह्वाइ नी च।  हमर राज मा आज तक क्वी बि गढ़वाली या कुमाउनी प्रवासी उत्तराखंड नि आई अर कैन बि अपण पैतृक गाँव मा नागराजा की पूजा नि कार।
विरोधी दल नेता - झूट ! सरासर झूट ! हमम खुपिया विभाग की रिपोर्ट च कि प्रवास्युं ड्यार बौड़नै एक घटना गढ़वाळ अर एक घटना कुमाऊं मा ह्वे च।
सरकारी दल  का सबि सदस्य -झूट ! एक बि प्रवासी पहाड़ वापस नि आयि।
विरोधी दल नेता- हम बहस तब इ शुरू करला जब मुख्यमंत्री बयान   द्याल कि क्वी बि गढ़वाली या कुमाउनी प्रवासी उत्तराखंड मा नि घुसल !
संसदीय कार्य मंत्री - अध्यक्ष महोदय ! विरोधी दल का नेता तैं पता च कि हमर मुख्यमंत्री अपण   बूड  ददा का वार्षिक श्राद्ध का वास्ता बिहार जयां छन।  हमर गृह मंत्री जबाब दीणा त छन।
विरोधी दल नेता - तो उपमुख्यमंत्री से बयान दिलवावो।
संसदीय कार्य मंत्री - उप मुख्यमंत्री बि अपण रिस्तेदारी क काम से नेपाल जयां छन।
विरोधी दल नेता -तो अपण पार्टी अध्यक्ष से बयान दिलवाओ कि
संसदीय कार्यन्त्री - हमर पार्टी अध्यक्ष अपण पैतृक जमीन का कुछ काम बाबत झारखंड जयां छन।
विरोधी सदस्य - हम कभी भी गढ़वाली -कुमाउनी प्रवास्युं की घर वापसी बर्दास्त नही करेंगे और ड्यार बौड़ाई नही होने देंगे।  हम ईंट से ईंट बजा देंगे पर किसी गढ़वाली -कुमाउनी प्रवासी को उत्तराखंड में नही घुसने देंगे।
नेपथ्य से आवाज  - अरे टीवी कैमरा बंद कारो।  टेबल -कुर्सी -माइक चलणा छन।  विधयकों का सर फुटणा छन , विधयकों शरीर से खून बगणु च, खून ही खून दिखेणु च अर टीवी अबि तक लाइव दिखाणु च।
-----------जी टीवी क्रू बि घायल ह्वेक भाजि गेन तो टीवी लाइव इ चलणु च। ल्या अछु  ह्वे कि ऐम्ब्युलेंस बि ऐ गेन।




    19/12/14  Copyright@  Bhishma Kukreti , Mumbai India


   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!


Bhishma Kukreti

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                                                 चाय कु चस्का  !

                                         चाय कु रसिया  ::: भीष्म कुकरेती

 जु क्वी ब्वालल बल भारत मा मर्च बंद करो, भारत मा अल्लु खाण पर रोक लगण चयेंद अर चाय पीण पाप माने जावो तो विश्व हिन्दू परिषद  वाळुन राम मंदिर मांग छोड़िक आंदोलन करण कि मर्च , अल्लु अर चाय बंद करणै मांग याने हिन्दू संस्कृति खतम करणै मांग। मर्च , अल्लु अर चाय वास्तव मा अंग्रेजुं ब्वालो या यूरोपियनुं की देन च। अर आज भारतीय संस्कृति की   पछ्याणक छन।
मि त चायक रसिया छौं।  सुबेर साड़े तीन बजि बिजुं या सवा छै बजि मि बिजिक चाय पींदु ।  रात दारु घटकौं  या नि घटकौं  पर चाय पीण जरूरी च।
जख तलक चाय पीणो याद की बात च त ब्वेक दूदिक बाद चाय की कितलि ही मि तैं याद आंद कि ज्वा मि तैं बचाण , बणाण मा काम ऐ।
तब गढ़वाळम  चाय का द्वी चार नियम छा।  तब रिवाज थौ बल जड्डू मा चाय मा गुड़ उबाळण अर   गर्म्युं मा चाय गुड़ै  कुटकी दगड़ पीण,   बरसात मा कुछ बि कर ल्यावो। कुछ मौ जौंक इख जन हमर इख काळी मर्च हो तो जड्डू मा हफ्ता मा द्वीएक दिन चा मा काळि मर्च डाळे जांद छे।  कुछ दाळ चिन्नी पत्ता डाळदा छा।
हमरि टैम पर पौणु स्वागत हुक्का पाणि ना बल्कण मा मेहमानो का स्वागत चाय से कु रिवाज शुरू ह्वे गे छौ।
देहरादून मा पढ़ै बगत चाय पीण पढ़ण से अधिक महत्वपूर्ण छौ।
मुंबई आण पर सेल्स लाइन मा नौकरी लगण से मी पर तीन रोग लगिन।  एक दारु पीण , सिगरेट पीण अर दिन मा कम से कम आठ दस कप चा पीण। मुख मा दांत नीन, पेट मा आंत नीन पर यि तिनि व्यसन  नि छुटणा छन ।
सेल्स लाइन मा पंजाब , हिमाचल , कश्मीर छोड़िक सरा भारत घूम पर  गुजरात अर मध्य प्रदेश मा ही चाय कु मजा कुछ हौरि आंद।  इख ठेला की चाय याने आदु (अदरक ) ,हरी इलायची की चाय। केरल , कर्नाटक , तामिलनाडु मा चाय मा मजा नि आंद इख कॉफी कु ही मजा सवादी हूंद। आंध्र प्रदेश मा चाय अर कॉफी द्वी सवादी हूंद।  गोआ मा दुकानदार मित्र चाय की मांग से परेशान रौंदन।  ऊख दारु पैग मांगो तो व्यापारी मित्र खुश ह्वे जांदन किंतु चाय मांगो तो उंकी ननि मर जांदी।  गोआ मा हर चौथी दुकान दारु की हूँदि अर एक बगत त चाय की दुकान हुंदी नि छै।
रोडवेज का अड्डा अर रेलवे स्टेसनो मा चाय असल मा आज बि घळतण्या चा  ही हूंद।  रेलुं मा   बहुत सा क्षेत्रों मा एक खास एरिया मा प्राइवेट चाय पिलाण वाळ हूंदन जु ख़ास चाय का नाम से प्रसिद्ध छन।  जन कि नवापुर से जलगांव रेल से आंद तक आंद दैं तुम तैं हर स्टेसन ही न ट्रेन मा बि चा बिचण वाळ बुलद - चौधरी की असली चाय। इनि भौत सा जगा अलग अलग नाम से चाय  प्रसिद्ध छन।
मि तै मैंगा होटलुं मा रौण आवश्यक हूंद अर यूं मैंगा होटलुं मा चाय मा मजा इ नि आंद।  मि तैं चाय , चिन्नी अर दूध सब उबाळीक गरमा - गरम चाय पसंद च किंतु यूं होटलुं मा टी बैग , मिल्क पावडर अर सुगर क्यूब से अफिक चाय बणान पड़द अर सच्ची बोलुं त इन चा दस कप पेक बि मजा नि आंद।  मि इन होटलुं से भैर जांदु अर कै ठेला पर चाय पेक आंद। हवाई जाज की चाय तो चा बुले इ नि सक्यांद !
भैर देस खासकर यूरोप मा चाय अर बियर की कीमत   बरोबर हूंद तो जब बि मि विदेश ग्यों तो दगड़म टी बैग अर मिल्क पावडर लिजाण नि बिसरदो छौ अर होटलक बाथरूम का गरम पाणि या होटल रूम मा कैटल से पाणि गरम करिक चाय बणाण पड़द।  मजा त नि आंद पर विदेश मा चा का ठेला बि त नि मिल्दन। जापान मा टी सरमनी भौत प्रसिद्ध च।  जापान मि ग्यों नि छौं त पता नी ऊख चाक क्या स्वाद हूंद धौं।
मि तैं घौरम गिलास पर चाय पीणै आदत च।
आज बस!  किलैकि मीन लिखद लिखद चार अदा अदा गिलास  चाय पियेन अर पंचौं गिलास चाक बान किचन मा जाणु छौं।


20/12/14 Copyright@  Bhishma Kukreti , Mumbai India



Bhishma Kukreti

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                                कॉकटेल पार्ट्यूं से भौत सूचना, खबर अर ज्ञान मिलद

                                                    चबोड़्या ::: भीष्म कुकरेती

             भौत सा लोगुं तैं गलतफहमी च कि कॉकटेल पार्ट्यूं मा खाली गप लगदन अर कुछ नि हूंद।  एक दैं कॉकटेल पार्टी मा सूणो त सै तब पता चलल कि कॉकटेल पार्ट्यूं मा कामै खबर मिल्दन।
                           अब जन कि मि तैं एक कॉकटेल पार्टी मा इ पता चौल बल गढ़वाळम बि शराबौ प्रचलन भौत बढ़ गे।
              एक दिन हम चार पांच गढ़वळि दगड्या एक फ़्युनेरल मा जयां छा।  मड़घट बिटेन आंद दैं एक मैंगा होटल मा हम दारु पीण लग गेवां अर वींइ कॉकटेल पार्टी मा पता चौल बल हमर प्यारो गढ़वाळम अब मुंडै चिताग्नि दीणो बाद खूब अंडा खांदन , शिकार घुळदन अर   दारु घटकांदन।  या नई सूचना सूणिक हम सब तैं बड़ो दुःख ह्वे कि हमर गांवक भयात कथगा बिगड़ि गे अर कैक मरण पर बरजात मनाणो जगा शिकार पर हाथ लगांदन अर दारु पींदन।
  मि तैं कॉकटेल पार्टी मा जाण से इ पता चौल कि अब इण्डिया मा ई -रिटेलिंग एक रियलिटी याने इंटरनेट से खरीदी एक असलियत च।
मि तैं कॉकटेल पार्टी से इ पता लग कि मनोरमा डोबरियाल पर कॉंग्रेस का बड़ा नेता कु हात च तबि त वा राजयसभा मेंबर बौण।
मि तैं कॉकटेल पार्टी से इ सूचना मील कि सतपाल महाराज दुखि छन कि भाजपा मा ऐक बि कुछ नि मील ना ही उत्तराखण्डौ  मुख्यमंत्रीपद, ना ही केंद्र मा क्वी चेयरमैनशिप अर अमृता रावत तैं मंत्रिपद गंवाण पोड़।  इ त इनि ह्वै  जन तैं जनानी का ग्युं बि खतेन अर नांग बि दिखे।
कॉकटेल पार्टी से ही मालूमात ह्वे कि गैरसैण मा जमीनौ भाव देहरादून से अधिक छन।  पता नि कॉकटेल पार्टी मा पिय्यक्कड़ लोग किलै रुणा रौंदन कि गैरगढ़वाली बिचौलियों मजा ऐ गेन।
कॉकटेल पार्टी मा पांच पैग पीणो बाद इ एकान सुरक से बताइ बल खंडूरी अर कुशियारी त बुड्या ह्वे गेन त केन्दीय मंत्री नि बण सकदन। टीरी की राणि मा नजमा हेपतुल्ला बरोबर बि पुन्यात नी च।  डा रमेश निशंक पर भ्रस्टाचार का आरोप त माफ़ी लैक छन पर ऊ बड़ा उखाड़ -पछाड़ वाळ छन त ज्यादातर भाजपाई नि चांदन कि डा निशंक केंद्रीय मंत्री बणन।  टमटा जी तैं मंत्री बणये जाल तो उत्तराखंड का स्वर्ण /बिठ नराज ह्वे सकदन।  तो उत्तराखंड तैं मंत्रिमंडल मा प्रतिनिधित्व नि मिल सकद। कॉकटेल पार्ट्यूं मा रोज बहस हूंद बल यदि कैमा मंत्री बणनो पुन्यात नि ह्वावो तो वु /वा संसद सदस्य कनै बण सकद ?
इंटरनेट कु कथगा बि प्रचार -प्रसार ह्वे जाल किताबुं महत्व कम नि हूण।
भारतीय उद्योगपति नरेंद्र मोदी तैं सक्षम माणदन किंतु निराश छन कि अबि तलक रिफॉर्म मा तेजी नि आई याने चल , अचल राष्ट्रीय संपत्ति जल्दी जल्दी नि बिच्याणि च।
कॉंग्रेसन राजयसभा इलै नि चलण दे कि कखि इन्स्युरेंस जन बिल पास ह्वे गे त विदेशी निवेश मा तेजी ऐ जालि अर नरेंद्र मोदीक नाम और बि अग्वाड़ी ऐ जाल।   पैल भाजपा बिल पास नि ह्वावन का वास्ता संसद नि चलण दींदी छे।  क्या राष्ट्रीय पार्ट्यूं तैं देशद्रोही कार्य करणो अधिकार मिलण चयेंद ?
भला समाचार यी छन कि अजकाल मीडिया संजय दत्त तैं दिखणो यरवदा जेल नी जाणु च अर हिंदी न्यूज चैनेल का दर्शक बोर हूण से बच्यां छन।
खुसखबरी या च कि मीडिया अब बार बार बाबा रामदेव कु चेहरा नि दिखांद अर दर्शक रामदेव की चिंघाड़ से बच गेन।
ब्याळि रात मि एक सर्वधर्मी कॉकटेल पार्टी मा जयूँ छौ।  हम सब हिन्दू -सिख ,  मुसलमान अर ईसाई कॉंग्रेसी नेता आनंद शर्मा की वीं बात पर जोर जोर हंसणा छया ज्वा ऊंन  राजयसभा मा ब्वाल कि धर्मांतर से भारत मा भयंकर तनाव च।  हम सब तैं पता च अब धर्मांतर धर्म हेतु नि करे जांद अपितु राजनीतिक लाभ हेतु या दुसर तिसर ब्यौ करणो बान धर्मांतर करे जांद।
आज रात मीन हैंक कॉकटेल पार्टी मा जाण अर अवश्य ही उख नई सूचना मीलली।
 


21/12/14 Copyright@  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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                                               ये साल  कथगा ठंड पोड़ली  ?
                                            अनुवाद  :   भीष्म कुकरेती
           मथि मुलकौ छ्वीं छन,   आधुनिक जुग कि छ्वीं छन,  एक आदि वासी समाज की छ्वीं छन। ऊंन अबि अपण एक नेता चुन। नेता तैं अपण समाजक रीति रिवाज कुछ बि पता नि छौ । वैतैं अपण समाजौ पुराणा भेद , राज , गुप्त बात कुछ बि नि पता छौ किलैकि वैकि शिक्षा राजधानी मा हिन्दू कॉलेज मा जि ह्वे छा।  जनि वु नेता बौण वै तैं वैक लोगुंन पुछण शुरू कार - पधान जी ! पधान जी !  ये बार कथगा ठंड पोड़लि ?
नै पधान तैं पता इ नि छौ कि कनकै पता लगाये जाव कि कथगा ठंड पोड़ल ! वैन असमानै तरफ देखिक ब्वाल बल भौत ठंड पड़न वाळ च तुम लखड़ जमा कौरी द्यावो। लोगुंन लखड़ जमा करण शुरू कर दे।
जड्डूक बारा मा पक्का आस्वश्थ  हूणौ बान पधान गाँव से दूर एक टेलीफोनौ बूथ मा गे अर वैन जलवायु पूर्वानुमान विभागौ कुण फोन कार - ये साल कथगा ठंड पड़लि ?
अधिकारिन जबाब दे - इन लगणु च बल ठंड कुछ ज्यादा ही पोड़लि।
पधान गाँव आयि अर वैन गांवाळु कुण ब्वाल - ठंड कुछ जादा ही पड़न वाळ च तुम लोग हौर ज्यादा लखड़ जमा कर द्यावो।  लोगुंन हौर लखड़ जमा कर देन।
द्वी चार दिन बाद फिर पधानन जलवायु विभागौ कुण फोन कार - ये साल कथगा ठंड पोड़लि ?
अधिकारीक जबाब छौ - अवश्य ही ठड उम्मीद से अधिक ही पड़लि।
पधानन गाँव वाळ तैं हौर बि अधिक लखड़ जमा करणो हिदैत दे।
एक दैं पूरो निश्चित हूणों बान फिर से पधानन जलवायु पूर्वानुमान विभागौ कुण फोन कार - ये साल कथगा ठंड पोड़लि ?
जलवायु पूर्वानुमान विभागौ आधिकारिक जबाब छौ - ये साल यीं सदी की सबसे अधिक ठंड पड़ण वाळ च।
नया नया पधानन  पूछ - तुम इथगा निश्चय से कनै बोल सकदा कि ये साल यीं सदी की सबसे अधिक ठंड पड़ण वाळ च?
जलवायु पूर्वानुमान विभागौ आधिकारिन उत्तर दे - ये साल आदि वासी इथगा अधिक लखड़ जमा जि करणा छन।  अर आज तक आदि वास्युं जलवायु पूर्वानुमान कबि बि गलत नि ह्वे।


22/12/14 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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Bhishma Kukreti

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                       उत्तराखंडी मुख्यमंत्र्युं ड्रेस सेन्स या झुल्ला पैरणौ  सलीका

                                                 विपणन विशेषज्ञ ::: भीष्म कुकरेती

  अजकाल मोदी का विरोधी मार्केटिंग तैं खलनायक बताण मा आपस मा कम्पीटीसन करणा छन।  जब कि राजनीतिक या कनि बि व्यक्तिगत छविकरण  कुछ नी च पर्सनल ब्रैंडिंग च , पर्सनल मार्केटिंग च , व्यक्तिगत विपणन च। व्यक्तिगत छविकरण मा
बाचन - याने तुम क्या बुल्दां , कखम बुल्दां अर क्या बुल्दां
कर्म - कर्म यानी मनिखौ  काम
यी सब  छवि बणान्दन।  ड्रेसिंग या झुल्ला पैरणो सलीका बि  ब्रैंडिंग का वास्ता महत्वपूर्ण च।  तबि त समुद्र मंथन मा स्लीकादार पीतांबरी ड्रेस पैरण वाळ विष्णु जी तैं लक्ष्मी मील अर रंगुड़ मा रतबळयां (लतपत ) शिवजी तैं विष मील।  सब कपड़ा पैरणो कमाल तब बि छौ।
पॉलिटिकल ब्रैंडिंग मा ड्रेस सेन्स महत्वपूर्ण अंग च।
जख तक उत्तराखंड बिटेन   हुयां मुख्यमंत्र्युं सवाल च पाठक बि जाणदा इ होला कि कैक ड्रेस सेन्स कन छौ।
सबसे पैल नाम आंद भारत रत्न स्व गोविन्द बल्ल्भ पंत कु नाम।  पंत जी अपण समौ का हिसाब से कोट अर धोती पैरदा छा अर सीधा -साधा छवि पैदा करण वाळ ड्रेस पैरदा छा। पर राजनीति मा पंत जी तैं सीदा सादा पर घाग नेता (डिप्लोमेसी मा ) अवश्य माने जांद छौ।
  फिर आंद नाम स्व हेमवती नंदन बहुगुणा कु।  कुछ बि ब्वालो बहुगुणा जी बड़ा हि तिकड़म बाज छा।  ड्रेस का मामला मा बहुगुणा जी नेहरू ड्रेस का करीब छा।  लम्बो कोट (अधिकतर भूरो ) अर सफेद रेबदार सुलार मा गांधी टोपी बहुगुणा जीक ड्रेस छे।  बहुगुणा जी ड्रेस से क्वी छाप छुडन मा विश्वास नि छौ किन्तु उखाड़ -पछाड़ मा आज तक अपणा डा निशंक बहुगुणा जीक आस -पास बि नि आंदन।
उत्तर प्रदेश मा इ नारयण दत्त तिवाड़ी बि मुख्यमंत्री ह्वेन अर फिर उत्तराखंड का बि मुख्यमंत्री बणिन।  ड्रेस का मामला मा तिवाड़ी जी बि नेहरू जीक ड्रेस का प्रशंसक छन।  लम्बो कोट , सफेद रेबदार सुलार। तिवाड़ी जी पर या ड्रेस फबद बि छौ।  अवश्य ही तिवाड़ी जी आकर्षक ड्रेस मा विश्वास करदन। जु नौन्युं प्रेमी ह्वालो वु अपण ड्रेस पर अवश्य ही ध्यान द्याल।  उत्तराखंड का सबि मुख्यमंत्र्युं मा वुद्धिजीवी जन भाषण दीण मा तिवाड़ी जीक नाम आंद , तिवाड़ी जी कुमाऊं का गांवुं मा भाषण दींद दैं बर्नाड शा का उदाहरण बि दींदा छा।
उत्तराखंड का सबसे पैल मुख्यमंत्री नित्या नन्द स्वामी बि लम्बो कोट , रेबदार सुलार , काळो जुत्त पैरदा छा। हुस्यार मनिख छा। मीन स्वामी जी तैं टोपी मा कबि नि द्याख।
उत्तराखंड का दुसर मुख्यमंत्री भगत सिंग कोशियारी जी ड्रेस सेन्स मा क्वी ख़ास नि छन।  कोट , कुर्ता अर धोती, कंधा मा गर्म्युं मा बि पंखी, म्वाट टुपला  कोशियारी जी तैं ग्राम प्रेमी नेता की छवि दीन्दी।किन्तु कोशियारी जी तैं ड्रेस से क्वी फायदा नि हूंद।
उत्तराखंड का चौथ या तिसर मुख्यमंत्री मेजर जनरल ( रि ) भुवन चन्द्र खंडूरी की क्वी एक ड्रेस नि बुले सक्यांद।  अर ड्रेस से ब्रैंडिंग का मामला मा खंडूरी जी क क्वी छवि  पैदा बि नि हूंद ना ही खंडूरी जीन कबि स्वाच होलु कि ड्रेस बि पर्सनल ब्रैंडिंग का वास्ता आवश्यक च।
उत्तराखंड का मुख्यमंत्र्युं मादे सबसे अधिक ड्रेस पर ध्यान दीण वाळ मुख्यमंत्री छन अपणा डा रमेश पोखरियाल 'निशंक '। रंगीन फत्वी  , कुर्ता , रेबदार सुलार, सलीकादार  बाळ डा निशंक जी पर फबत छन।  डा निशंक ड्रेसिंग पर उथगा बरीकी से बरोबर  ध्यान दींदन जथगा  कि चुनाव मा अपण इ पार्टी का कंडिडेट का बेड़ागर्क करण मा ध्यान दींदन।
हरीश रावत जी ड्रेस का मामला मा साधारण छन याने उंक ड्रेस हरीश रावत तैं एक आम मनिख का नजदीक लिजांदी। जन वु बुलण मा आम आदिम लगदन तनि उंक पहनावा बि हरीश जी तैं आम मनिख की छवि प्रदान करद।
तो  ड्रेस सेन्स का मामला मा सबसे पैल डा निशंक कु नंबर च अर फिर नारायण दत्त तिवाड़ी जी दुसर नंबर पर छन।
अब आपन पुछण कि विजय बहुगुणा जी की ड्रेस सेन्स कन च ? तो म्यार बुलण च बल इम्पोर्टेड चीफ मिनिस्टर अर बंगाली बहुगुणा का बारा मा लिखणम  मि समय की बर्बादी समजदु । ड्रेस से बहुगुणा जीक क्वी छवि नि बणदि अर उन  बि मोळक लड्डु पर सोना चांदी का वर्क लगाण से मोळक लड्डू मोतीचूर का लड्डू नि बण सकदन।

24/12/14 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत! 

Bhishma Kukreti

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Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,, Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm on Searching Congress Workers

                                  ढूंढो -ढूंढो रे साजना !  कॉंग्रेस के कार्यकर्ता !

                                            चखन्यौर्या ::: भीष्म कुकरेती


मि रस्ता मा हिटणु छौ कि एक फोन आयि ," भीषम जी ! मि बड़ो से बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता बुलणु छौं। "
मीन ब्वाल ," हां हुकुम सरकार !"
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता ," नै नै अबै दैं हुकुम दीणै बात नी च।  जरा एक सूचना चयेणी छे। "
मि - हाँ ब्वालो !
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता- मि उत्तराखंड प्रभारी छौं अर मि तैं इन बतावो कि उत्तराखंड मा कॉंग्रेसी कार्यकर्ता कख मीलल ?
मि -क्या ? उत्तराखंड मा कॉंग्रेसी कार्यकर्ता कख मीलल ?
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-हाँ हाँ मि यी पुछणु छौं कि उत्तराखंड मा कॉंग्रेसी कार्यकर्ता कख मीलल ?
मि - तुम तो इन पुछणा छंवां जन कि पूछे जाव कैं ढँढि माछ मीलल ?
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-अरे यार कुकरेती जी ! मजाक करणो टैम नी च यार।  मि तैं कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओं से मिलण जरूरी च।
मि -ह्यां ! ह्वाइ क्या च ?
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-अरे कुकरेती जी ! हूण क्या छौ।  सब जगा हम हारी गेवां तो कै कुटबागीन राहुल गांधी जी तैं बगैर बातौ सलाs दे द्यायि बल कार्यकर्ताओं से मिलो अर हार का कारण खुज्यावो।  राहुल जीन हम सब बड़ा बड़ा नेताओं तैं अादेस दे द्याई कि कार्यकर्ताओं से मीलो अर हार का कारण खोजिक लाओ।
मि -अच्छा ?
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-हाँ अब मि कार्यकर्ताओं खोज मा छौं।  जरा इन त बतावो कि उत्तराखंड मा कॉंग्रेसी कार्यकर्ता कख मीलल ?
मि -भै पैल तो कॉंग्रेसी कार्यकर्ता गांवुं मा बि मिलदा छा पर अब चूँकि मीन खबर पौढ़ कि गांवुं से पलायन ह्वे गे तो अवश्य ही कॉंग्रेसी कार्यकर्ता शहरूं मा ही मीलल।
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-अरे भै कुकरेती जी अब शहरूं मा केवल भाजपा या क्षेत्रीय दलूँ कार्यकर्ता मिल्दन। मि राजपुर रोड देहरादून मा कॉंग्रेस भवन गे छौ पर ऊख नेताओं अलावा कार्यकर्ता नि आंदन।
मि -तो अपण कॉंग्रेसी मंत्र्युं से पूछो बल कॉंग्रेसी कार्यकर्ता कख कख मीलल।
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-कॉंग्रेसी मंत्री हमेशा से कार्यकर्ताओं से दूर ही रौंदन तो वु क्या बताल कि कार्यकर्ता क्या चीज हूंद।
मि -तो विधायकों से पूछो बल कार्यकर्ता कख मीलल।
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-विधायक लोग बुल्दन बल जब मंत्री कार्यकर्ताओं से नि मिल सकदन तो हम विधायकों तैं कार्यकर्ताओं से मिलणो क्या जरूरत !
मि -नै नै फिर बि कार्यकर्ता विधायकों से मिलणो त आंद ह्वाला ?
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-उत्तराखंड मा हरेक कॉंग्रेसी विधायक संसदीय सचिव ह्वे गे अर तब बिटेन वो बि राज्य मंत्रिक बरोबर जि ह्वे गे तो वूंन  बि कार्यकर्ताओं से मिलण बंद कर दे।
मि -तो संगठन का लोगुं से पूछो कि कार्यकर्ता कख छन।
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-तुम मा सै बात लगौं त संगठन मा बि विजय बहुगुणा जन अळग बिटेन बिठयाँ  लोग छन तो जौं तैं अपण इ कड़दोड़ संबाळणो   सओर नी च उ क्या कार्यकर्ताओं का ख्याल राखल ?  अर फिर
मि -अर फिर क्या ?
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-संगठन का अधिकाँश लोग तो अपण पदोन्नति का वास्ता दिल्ली पड्यां रौंदन तो संगठन वळु संवाद कार्यकर्ताओं दगड़ छैं इ नी च।
मि -मतलब आज कॉंग्रेस नेताओं की जमात की पार्टी च जख कार्यकर्ता इ नि छन।
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-हाँ ! यार जरा हेल्प कौर ना।  कख खोजु मि कॉंग्रेसी कार्यकर्ता ?
मि -मतलब कॉंग्रेसी कार्यकर्ता मिलण तो कठण ह्वे गे ?
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-हाँ , बिरळौ औंर मिल जांद , तिमलौ फूल मिल जांद किन्तु अच्काल कॉंग्रेसी कार्यकर्ता इ नि मिलणा छन।
मि -नेता जी ! सूणो ! तुमकुण राहुल गांधी तैं रिपोर्ट दीण महत्वपूर्ण च कि कार्यकर्ताओं से मिलण महत्वपूर्ण च ?
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-भाड़ मा जैन कार्यकर्ता।  मेकुण त राहुल गांधी की अर्चना महत्वपूर्ण च।  कौनसे कार्यकर्ताओं वजै से मि बड़ो नेता बौण।  मि त राहुल जिकी मेहरबानी से बड़ो नेता बौण।
मि -तो इन कारो भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलिक रिपोर्ट बणैक राहुल गांधी तैं दे द्यावो।  कौनसे राहुल गांधी बि कार्यकर्ताओं से मिलद !
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता-अरे वाह वेरी गुड आइडिया।  मि भाजपा कार्यकर्ताओं से पूछिक रिपोर्ट बणैक राहुल जी तैं दे देलु।   अच्छा एक सवाल पुछण छौ।
मि -पूछो
बड़ो भारी कॉंग्रेसी नेता- यी उत्तराखंड मा पार्टी कार्यकर्ता दिख्यांण दर्शन मा कन हूंद ह्वाल ? यी बि मनिखौ जन ही हूंदन ना ?





25/12/14 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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Bhishma Kukreti

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Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,,on Options for New Year Celebration

                     न्यू इयर पार्टी कख मनौण : एक घंघतोळ , कशमश , प्रश्न

                      चबोड़्या पार्टीबाज : भीष्म कुकरेती

भारत मा जथगा बि त्यौहार छन सब अधिकतर न्यू इयर संबंधित छन। क्रिश्चियनुं क्रिसमस या नया साल तैं हिंदु  बि मनौन्दन त वांक पैथर हिंदुंउंक सेक्युलर मानसिकता नी च अपितु खदबद , मौज -मजा अर दारु सारू च।  जरा न्यू इयर पर दारू सारू बैन कर द्यावो तो सब हिंदु जु क्रिश्चियनुं न्यू इयर मनांदन वु बि बजरंग दलक सदस्य ह्वे जाल।
जब तलक मि लखनपाल (मर्फी , नोविनो ) मा छौ तब तलक मि तैं न्यू इयर मनाणो क्वी समस्या नि छे। लखनपाल मा कम्पनी स्टाफ का वास्ता न्यू इयर मनाणो इंतजाम करदी छे अर खर्च -पाणि कम्पनी ही दींदि छे।  मैनेजर हूणों कारण होटलौ इंतजाम कु निर्णय मा मी बि भागीदार हूंद छौ या बात आज तक मेरी घरवळि बि माणदि।
लखनपाल  छुड़णो परांत न्यू इयर अपण खर्चा पर इ मनाण पोड़द अर हर साल न्यू इयर कै तरां से , कखम अर कैक दगड मनाये जावो की हमेशा घंघतोळ रौंद।  ये साल बि न्यू इयर मनाणो घंघतोळ च।  मीम तौळक कुछ विकल्प छन -
                                                   टैरेस पार्टी
असल मा या निम्न कोटि की पार्टी हूंद। यीं तैं बिल्डिंग पार्टी बि बुल्दन।  बच्चा लोग अपण मनोरजनपूर्ण कार्यकर्म करणा रौँदन   अर पियक्क्ड़ छत मा दारु -सारू  घटकांदन अर मटन -मच्छी चटकांदन।  सोसाइटी  सोसल स्टेटस का हिसाब से छत या टैरेस पार्टी का इंतजाम हूंद। मि तैं पंजाबी या सिंध्युं दगड़ टैरेस पार्टी मा मजा आंद , सिंधी अर पंजाब्यूं जनान्युं खासियत हूंद कि पींद दैं बकबास करद हजबैंड तैं इ जनानी डांटद नि छन। गढ़वळि जनानी जब तलक अपण कजै तैं आँख नि दिखाली वा गढ़वळि जनानी नि ह्वे सकद। हाँ टैरेस पार्टी मा बोतल अर गिलास अपण अपण हूंद।  चखना सँजैत ह्वे सकद च।

                                     डच या बोतल पार्टी
 या पार्टी हूंद तो छत मा इ च किन्तु लोग दारु अर चखना अपर अपर ड्यारन लांदन अर सब चीजुं तैं मेज मा दगड़ी धर दींदन अर फिर जैं बोतल की दारु पीणाइ पींदा जावो।  इन पार्टी मा कॉकटेल ह्वे जांद तो दुसर दिन हैंगओवर कु खतरा हमेशा रौंद।

                                    गार्डन पार्टी
गार्डन पार्टी मुंबई मा नि हूंदन किलैकि अब व्यक्तिगत गार्ड्नु जमानु नी च।  दिल्ली -देहरादून मा गार्डन छन किन्तु ठंड ज्यादा हूण से उख गार्डन पार्टी कु रिवाज अधिक नी च।  उत्तर भारत मा ये बगत गार्डन पार्टी से दुसर दिन जुकमौ भी सद्यनी रौंद।  मीन दक्षिण भारत या महाराष्ट्र का शहरूं मा गार्डन पार्टीक मजा लियुं च।

                                           होटल पार्टी
जब मि सन 1974 तक देहरादून मा छौ तब तलक होटल वाळु तैं बि नि पता छौ बल न्यू इयर बि हूंद।  बस दून क्लब की सजौट से पता चलद छौ कि न्यू इयर जन क्वी चीज हूंद।  अब तो जु होटल दारु सर्व नि करदन वू होटल बि पैल दिसंबर से विज्ञापन करण मिसे जांद कि इकतीस दिसंबर की रात न्यू इयर च।  अपण अपण औकात का हिसाब से होटलुं मा लोग न्यू इयर मणानंदन।  क्वार्टर सिस्टम का पांच सौ रुपया से लेकि पांच लाख रुपया प्रति ग्राहक वाळ होटल मुंबई ना बल्कण मा सारा भारत मा छन। जु क्लबुं सदस्य छन वु क्लब मा न्यू इयर मनांदन। देहरादून से मसूरी जांद दैं रस्ता मा इन ढाबा छन जु चखणा दींदन अर तुम उखम दारु पे सकदा।

                                  दूसरौ पीठ मा सत्तु छुळण याने फ्रेंड पार्टी
कुछ लोग भाग्यशाली छन जौं तैं दोस्त न्यू इयर पार्टी मनाणो अपण ड्यार बुलांदन।   
                                  कार पार्टी
जु देहरादून जन जगौं मा रौंदन वूं तैं पता च कि कार पार्टी क्या हूंद। अधिकतर  बीबी का डरायां कार पार्टी मनांदन।  बस अपण या दोस्तुं कार मा दारु , गिलास , सोडा अर चखणा  इंतजाम कारो अर कार मा न्यू इयर मनाओ।  मुंबई मा जुहू , चौपाटी , गेट वे ऑफ इंडिया का पास लोग कार मा दारु पीन्दन अर बारा बजी करीब समुद्रौ छाल पर चली जांदन।

                          किचन माँ घुटकी लगाण
 जब अळगाक  विकल्प बंद ह्वे जावन तो एक या द्वी क्वार्टर लावो और घरम ही घुटकी लगावो।  यदि घरवळि पिपरण्या हो तो घरवळि पिपराण सुणदा जावो अर घरवळि पिपरण्या नि ह्वावु त प्याज खावो।  दारु   दगड पिपराण चएंदी च।
  उन यदि बीस  साल पैल मि ये लेख तैं गढ़वळि मा लिखुद त बि संपादक जीन यु लेख नि छपण छौ कि समाज मा बुराई नि फैलांण अर आज बि कै बि संपादकन यु लेख नि छपण कि लेख मा नया कुछ नी च तो किलै लेख छपे जाव।

26/12/14 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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Bhishma Kukreti

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                                 मेक इन इंडिया अर स्किल डेवलपमेंट कु सच
                                 
                                                  चबोड़्या : भीष्म कुकरेती

एक आम भारतीय कर्मिक -साब याद च आप डिप्टी मैनजर छा  अर मि एक पुर्जा छंट्याण वळ साधारण कर्मिक छौ।  अर तब आपन मि तैं निकाळ दे कि मीमा टेक्निकल डिप्लोमा नी च।
फैक्ट्री मैनेजर -हाँ तब हम फैक्ट्री मा ISO 9000 लाण वळ छया तो हरेक काम का वास्ता स्किल्ड वर्कर चयेणा छा। जौंमा टेक्निकल डिप्लोमा नि छौ हमन ऊँ सब्युंक तैं छुट्टी कर दे जौंतैं टेक्निकल नॉलेज नि छौ।
एक आम भारतीय कर्मिक -अब आप फैक्ट्री मैनेजर बण गेन अर मीन पुर्जा छंट्याणो डिप्लोमा बि हासिल कर याल।  अब त मि तैं फैक्ट्री मा ले ल्यावो।
फैक्ट्री मैनेजर -भौत बढ़िया कार।  पर चूँकि हम अब 6 SIGMA सिद्धांतुं हिसाब से चलणा छंवां त हमन पुर्जा छंट्याणो वास्ता  रॉबट ले एन जखमा कर्मिकों जरूरत ही नि पड़दी।  हाँ हम तैं रोबॉट मेंटेनेन्स का वास्ता ट्रेंड टेक्नीशियन चयाणा छन।  यदि टीम रोबॉट मेंटेनेंस कु टेक्निकल डिप्लोमा ह्वो त तू आजि बिटेन ऐजा।
एक आम भारतीय कर्मिक -ठीक च मि रोबॉट मेन्टेंनेंस कु डिप्लोमा लेक आंद
फैक्ट्री मैनेजर -भौत बढ़िया तो त्वे तैं तुरंत नौकरी मिल जाली।

                                        छै मैना बाद

एक आम भारतीय कर्मिक - साब ! मि रोबॉट मेन्टेंनेंस कु डिप्लोमा लेक ऐ ग्यों।  अब मी तैं नौकरी दे द्यावो।
फैक्ट्री मैनेजर -एक्सलेंट ! पर न्यूअर क्वालिटी टेक्नीक का तहत अब हमम ऑटोमेटिक कम्प्यूटर ऐ गेन जु ऑटोमेटिकली रोबोट की देख रेख करणा  रौंदन। हां यदि तू ऑटोमेटिक कम्प्यूटर चलै सकदी त आजी नौकरी पर ऐ जा।
एक आम भारतीय कर्मिक -ठीक च मि ऑटोमेटिक कम्प्यूटर च्लानो ट्रेनिंग लेक आंदु।
फैक्ट्री मैनेजर -हाँ त वैदिनी नौकरी पक्की।

                                   छै मैना पैथर
एक आम भारतीय कर्मिक -साब ! मीन ऑटोमेटिक कम्प्यूटर चलाण सीख आल। अब मि तैं नौकरी पर धौर द्यावो।
फैक्ट्री मैनेजर -ओहो , ग्लोबल क्वालिटी का वास्ता हमन कम्प्यूटर चलाणो वास्ता सुपर कम्प्यूटर लगै ऐन।  यदि त्वै तैं सुपर कम्प्यूटर चलाण आंद हो तो ?
एक आम भारतीय कर्मिक -ठीक च मि सुपर कम्प्यूटर चलाण सीखिक आंदु।
फैक्ट्री मैनेजर -बस तो तेरी नौकरी पक्की समझ !

                                     छै मैना उपरान्त

एक आम भारतीय कर्मिक -सर ! नाउ आई एम सुपर कम्प्यूटर एक्सपर्ट !
फैक्ट्री मैनेजर -ओहो ! अब हमन सरा फैक्ट्री चीन शिफ्ट करी आल।  हम अब इंडिया मा कुछ बि निर्माण नि करदा।  अब हम इख मेड इन चाइना का माल अपण ब्रैंड का नाम पर बिचदा।
एक आम भारतीय कर्मिक -तो म्यार स्किल डेवेलपमेंट कु क्या ह्वाल ?
फैक्ट्री मैनेजर -इंडियन स्किल अब चाइना मा काम आल।  तू चीनी भाषा सीखी ले अर चीन मा काम ढूंढ।
एक आम भारतीय कर्मिक -ठीक च मि अब चीनी भाषा सिखदु अर उखी नौकरी खुज्यांदु।


29/12/14 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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                           सन 14 अर कुछ इनै -उनै की

                                    भीष्म कुकरेती


सन 14 कु अंतिम मंगळवारौ कुछ इनै -उनै की छ्वीं।
उन भारतीयों वास्ता इ साल मिश्रित साल राइ।
मनमोहन सिंह बिचारो एक विशेषज्ञ अर्थशास्त्री छन अर अपण प्रधानमंत्री काल का आखिरी सालुं मा भारतौ आर्थिक दशा सुदारणम नाकमयाब रैन।  उन डुबद वी च जै तैं तैरण आंद।  जै तैं तैरण नि आंद वु जब तैरणो कोशिस इ नि करद त डुबण कखन च ?
मनमोहन सिंह बिचारन विरोधी पारट्युं गाळी खाण इ  छौ पर सबसे अधिक गाळी मनमोहन जीन कॉंग्रेस्यूं गाळी खैन कि मनमोहन जीक वजै से राहुल गांधी प्रधान मंत्री बणन से रै गेन।  अब कॉंग्रेस्यूं तैं कु बताल कि गळया बल्द तैं किलै देसक प्रधानमंत्री बणाण पर अयाँ छवाँ।
यदि मनमोहन सिंग  जीक कामुँ से राहुल गांधी प्रधान मंत्री नि बौण सौक तो नरेंद्र मोदीक वजै से बिचारा लाल कृष्ण आडवाणी प्रधान मंत्री नि बण सकिन।
सन 14 त आयातित मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा बि नि बिसर सकद।  कॉंग्रेसी हाइ कमांडन बहुगुणाक  जगा हरीश रावत तैं गद्दी मा बिठै दे।  सुणन मा आइ कि विजय बहुगुणा राज्यसभा   मा जाण चाणा छया त घ्याळ करणो वास्ता हरीश रावत अपण पत्नी या कै चमचा तैं राज्य सभा भिजण चाणा छा।  अब कॉंग्रेस तरफ से मनोरमा डोबरियाल राज्य सभा  कार्यवाही मा वाधा डाळलि।
राज्यसभा मा घ्याळ  पर बात आयि कि भाजपा परेशान च कि कॉंग्रेस अर अन्य पार्टी का सांसद राज्यसभा मा घपरोळ करणा छन अर भाजपा बिसरि गे कि पिछ्ला पांच सालों मा भाजपा संसद नि चलण दींदी छे।
लोग मि तैं पुछदन बल सन 14 का लोकसभा चुनाव से क्या फरक पोड़ ? सरकार कैक बि हो वीन सरकारी हिसाब से हि चलण।  मनमोहन सरकारक   बगत भारतीय निरास छया , भारतीय हर भला काम मा बि निरशा खुज्यान्द छया किन्तु मोदीक हरेक काम मा लोग आशा दिखदन।  आशा , विश्वास अर पक्को विश्वास से ही देस तरक्की कर सकद।  पर सवाल च कि हिन्दुउंक तथाकथित   ठेकेदार विश्व हिन्दू संगठन या हिन्दू महासभा धर्मांतर या PK पर बैन लगाण जन मुद्दा उठाला तो यूँ कर्मुं से मोदी से लोगुं आशा कथगा दिन बचीं रालि।
मोदी की सरकार मा कुछ इन मंत्री छन जु जब संसद मा सवालुं जबाब दींदन त लग जांद कि युंक बसक मंत्रालय चलाण नी च।  बिचारा नरेंद्र मोदी !
अंटोनी जीन कॉंग्रेस तैं बथाइ बल कॉंग्रेस की अंटी हिन्दू या हिंदु विरोधी छवि बण गे।  पर कॉंग्रेस तब बि नि सुधरी।  राज्यसभा मा धर्मांतर पर बबाल -घ्याळ -घपरोळ से कॉंग्रेसी नेता पुळयाणा छया किन्तु कॉंग्रेस की समझ मा नि आयि कि कॉंग्रेस की  हिंदु विरोधी छवि मा इजाफा इ ह्वाइ अर मुस्लिम मतदाताओं का संदर्भ मा समाजवादी पार्टी , जनता पार्टी व तृणमूल कॉंग्रेस तैं इ फायदा ह्वे ह्वालु ना कि कॉंग्रेस तैं।  कॉंग्रेस अपणो  जाळ मा अफिक फंसणी च। 
अबि कुछ दिन पैल पाकिस्तान मा आतंकवादी हमला मा बच्चा मारे गेन तो भारत मा दुःख दर्शाणो बान लोगुंन लाखों मोमबत्ती जगैन पर आसाम मा आतंकवादी हमला मा 80 लोग मरिन त एक बि मोमबत्ती नि जळिन।  प्रश्न च बल क्या आसामी आदिवास्युं जान जान नी च ?
क्या आसाम भारत मा नी च ?
 उन मेकुण सन 2014 भलो इ राइ।  हजारों नया पाठक मिलेन।  सन 2015 मा बि हजारों नया पाठक मिलणै पूरी उम्मीद च।
 


30/12/14 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

Bhishma Kukreti

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                                         गढ़वळि -कुमाउनी साहित्यकारूं  तैं नरेंद्र मोदी  विरुद्ध रोज लिखण चयेंद !

                                                                    खीर मा लूण  : भीष्म कुकरेती

                                                           
                                     गढ़वळि -कुमाउनी साहित्यकारूं  कु    फेसबुक मा फोटो   दगड़ प्रतियोगिता च

                                                   
                            इंटरनेट अर खासकर फेसबुक गढ़वळि -कुमाउनी , जौनसारी भाषौं बान बरदान सिद्ध हूणु च।  फेसबुक मा अजकाल लिख्वार अपण रचना पोस्ट करणा छन , बंचणा छन अर प्रतिक्रिया बि दीणा छन। लिख्वारुं तैं समण्या समिण पता लग जांद कि रचना का प्रति पाठकों की क्या राय च अर लिख्वार जाण जांद कि बंचनेरुं , पाठकुं , रीडरुं तैं क्या जादा पसंद च।
                    सबसे पैल साहित्यकारुं तैं समजण चयेंद कि फेसबुक मा फेसबुक्या पढ़णो नी अयुं च अपितु अपणी अभिव्यक्ति करणो अयुं च।  याने कि हरेक फेसबुक्या तुमर साहित्य पढ़णो नी अयुं/अयीं  च अपितु अपण बात तुम तैं बताणो अयुं /अयीं च।.
                         असल मा गढ़वळि -कुम्मय्या साहित्यकारुं समिण द्वी तीन मुख्य समस्या छन -
                          १-पाठकुं तैं गढ़वळि -कुमाउनी भाषा मा पढ़णो ढब दिलाण, बंचनेरुं तैं गढ़वळि -कुमाउनी भाषा मा पढ़णोमजबूर करण अर पाठकुं प्रतिक्रिया दीणो हुस्क्याण /उकसाण !
                          २-मानकीकृत भाषा का प्रयोग कि अधिक से अधिक बंचनेर आपकी रचना पौढ़न।  फेसबुक मा अनावश्यक बौद्धिक रचना की क्वी ख़ास जगा नी च।
                          ३- फेसबुक माँ गढ़वळि -कुमाउँनी साहित्य की असली प्रतियोगिता फोटों दगड़ च।
                            तो फेसबुक मा प्रतियोगिता या छौंपादौड़ का हिसाब से गढ़वळि -कुम्मय्या साहित्यौ निम्न प्रतियोगी छन -
                             १- फेसबुक सदस्यों अभिव्यक्ति की अप्रतिम इच्छा -  हरेक  फेसबुक्या चाँद कि वैकि अभिव्यक्ति तैं लोग बांचन , द्याखन अर प्रतिक्रिया द्यावन।  गुड मॉर्निंग , गुड इवनिंग पर बि फेसबुक्या प्रतिक्रिया चाँद।
                           २- फोटो सर्वाधिक दिखे जांदन , फोटो सर्वाधिक Like हूँदन , फोटो सर्वाधिक प्रतिक्रिया पांदन।
                          जख तलक फेसबुक्यौं अभिव्यक्ति कु सवाल च यांक एकी उपाय च कि लक्ष्यित पाठकों (Target Readers ) अभिव्यक्ति दगड़ सामंजस्य बिठाओ। साहित्यकारुं तैं हरेक फेसबुक्या तैं खुश करणो बान रचना कतै नि लिखण चयेंद अपितु कुछ ख़ास प्रकार का पाठकुं वास्ता हि रचना पोस्ट करण।  फेसबुक्यौं अभिव्यक्ति दगड़ प्रतियोगिता जितणो  एकी उपाय च अर वा च ---------एक सधे सब सध जाय।
                          सबसे कठण कार्य च फेसबुक मा  फेसबुक सदस्यों द्वारा फोटो पोस्ट से छौंपादौड़ , प्रतियोगिता या कम्पीटीसन ।  अर यांक बान निम्न उपाय छन -
                          १- अधिसंख्य फ़ोटुं संघटक चरित्रुं  तैं समजिक वै रचना पोस्ट करण जु फोटो दगड़ प्रतियोगिता कर साक।
                          २- फोटो पढ़ण मा कम समय लींद तो फेसबुक्या फ़ोटुं तैं अधिक दिखदन याने कि आपकी रचना फेसबुक माँ ''देखन में छोटे लगें घाव करें गंभीर'' वाळ हूण चयेंद।
                           ३- फोटो भावना पैदा करदन तो आपका विषय अवश्य ही लक्ष्यित पाठकों भावना का नजिक हूण चयेंद।
                            ४- शीर्षक प्रोवोकेटिव याने खचांग /घचांग लगाण वाळ हूण चयेंद।
                            ५-   अलंकार नया हूण चयेंदन अर भाषा सरल हूणि चयेंद ।
                          ६- रचना कु काम च कि  पाठक कल्पना करण लग जावन ।
                        ७-  कुछ खलबली अवश्य मचाओ ---कन्फ्लिक्ट, कॉन्ट्रास्ट, घपरोळ   पैदा करो। दूध मा लिम्बु डाळो।   खीर मा लूण डाळो।  कुछ बि कारो पर फेसबुक की फोटोऊं  दगड़ छौंपादौड़ कारो।
श्री बालकृष्ण ध्यानी जी अर जगमोहन जयाड़ा जी आदि कवि बढ़िया फोटो मा अपण कविता पोस्ट करदन अर अधिक पाठक पांदन।  यु एक अकलमंदी को काम च।  हरेक कवि तैं यु प्रयोग करण चयेंद।
                 मि अपण अनुभव से बोल सकुद कि उत्तराखंडी फेसबुक मा भाजपा का कट्टर व सार्थक समर्थकुं भीड़ च।  यी कट्टर समर्थक कॉंग्रेस की आलोचना की प्रशंसा करदन किन्तु जरा नरेंद्र मोदी या सरकार की आलोचना कारो तो आस्मान  खड़ा कर दींदन।  गढ़वळि -कुमाउँनी भाषा का वास्ता यी भाजपाइ  काम का छन।  आप गढ़वळि -कुमाउँनी मा नरेंद्र मोदी की आलोचना कारो तो यी अवश्य ही पौढ़ल तो यूँ भाजपायुं तैं गढ़वळि-कुमाउँनी  पढ़णो ढब अवश्य पोड़ल।  इलै गढ़वळि -कुमाउँनी साहित्य विकास का वास्ता नरेंद्र मोदी की कटु आलोचना आवश्यक च। 
फिर निर्गुट पाठक , कॉंग्रेसी पाठक बि नरेंद्र मोदी का प्रति संवेदनशील छन तो वो बि नरेंद्र मोदी की आलोचना पढ़णो आतुर रौंदन।  याने गढ़वळि विकास का वास्ता नरेंद्र मोदी  एक कामगार माध्यम च , औजार च , चरित्र च।
हाँ भाजपाई , स्वयं संघी, हिन्दुऊँ  ठेकेदार मरखुड्या बि हूंदन।  यूंन हरिशंकर परशाई जन साहित्यकारुं भट्यूड़ बि तुड़ी छन अर हसन सरीखा चित्रकार तैं दुबई मा मरणो बान मजबूर बि कार।  मि त मार खाणो तयार छौं बसर्ते यी भाजपाई गढ़वळि पढ़न लग जावन।

31 /12 /14 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!


 

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