Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 360603 times)

Bhishma Kukreti

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                                        सूचना केंद्र --चबोड़्या स्किट

                        चबोड़्या स्किट संकलन :::   भीष्म कुकरेती


[कैरा काकाक पैथर बोर्ड लग्युं च -गढ़वाल सूचना केंद्र  . पूछताछ , सबि सूचना मीललि।  घ्याळ दाक प्रवेश ]

घ्याळ दा -शुभ प्रभात !

कैरा काका -शुभ प्रभात !

घ्याळ दा -शुभ प्रभात !
कैरा काका -अच्छा ?

घ्याळ दा -हाँ ?
कैरा काका -हाँ इखम सब सूचना मिल्दी।

घ्याळ दा -अच्छा मि तै सूचना चयेणी च।

कैरा काका -हाँ क्या चैणी छन।

घ्याळ दा -पता नी च।  अच्छा चलो तुमम क्या च ?
कैरा काका -मतबल ?

घ्याळ दा -मतलब तुमम क्या क्या सूचना छन ?
कैरा काका -सब तरां की।

घ्याळ दा -जन कि ?

कैरा काका -जन कि बांज -बुरांस की औसतन आयु।

घ्याळ दा -औ मि तै पता इ नि छौ कि बांज -बुरांस की औसतन आयु हूंद।
कैरा काका -हाँ हूंद च।

घ्याळ दा -औ। कुछ हौर सूचना बि च ?

कैरा काका -हाँ छैं छन।  पर तुम तै प्रश्न पुछण पोड़ल।

घ्याळ दा -अर तब आप जबाब देल्या ?
कैरा काका -हाँ।

घ्याळ दा -अच्छा उत्तराखंड का क्या छन ?
कैरा काका -या तो क्वी सूचना नि ह्वे।  कुछ हौर सवाल पूछ।

घ्याळ दा -तो गढ़वाल का क्या हाल छन ?

कैरा काका -क्या हाल छन मतबल ?

घ्याळ दा -मतलब गढ़वाल की तब्यत ठीक थाक च या ?
कैरा काका -पर गढ़वाल की तब्यत तो कई तरह से जाँचे जांद।

घ्याळ दा -तो एक तरह से इ बतै द्यावो।
कैरा काका -हाँ पर कै तरह से ?

घ्याळ दा -देखो जी सूचना आपन दीण अर प्रश्न में से करणा छंवां ?

कैरा काका -हाँ पर क्यांक सूचना दीण ?

घ्याळ दा -ब्वाल च ना गढ़वाल का क्या हाल छन ?
कैरा काका[गुस्सा  मा अर टरकाणो बान ] -बुरा हाल छन।

घ्याळ दा -को च जुम्मेवार ?
कैरा काका -क्यांक जुम्मेबार ?

घ्याळ दा -बुरा हालका जुम्मेवार ?

कैरा काका -मि त नि छौं।

घ्याळ दा -तो मि छौं ?
कैरा काका -आप अपने को ही पूछो।

घ्याळ दा -पर जबाब तो आपण दीण ना ?
कैरा काका -हाँ पर कामक सवाल हो तो जबाब द्यूं ना ?

घ्याळ दा -गढ़वाल की हालत की सूचना कामक सूचना नी च ?

कैरा काका -छैं च पर मथि वाळ इन सूचना ये सूचना केंद्र तै नि दींदन।

घ्याळ दा -चलो ठीक च।  हैंक सवाल करूँ ?
कैरा काका -हाँ पूछो।

घ्याळ दा -खुसी का राज ?
कैरा काका - ये प्रश्नक जबाब गुप्त बि च अर निषिद्ध बि च।

घ्याळ दा -पर आपम छै च ना ?

कैरा काका -हाँ छैं च पर निषिद्ध अर गुप्त च।

घ्याळ दा -अच्छा प्लीज मि तै बताओ कि ख़ुशी का राज क्या च ?
कैरा काका -छ तो गुप्त च -आप कैमा बोल देल्या तो ?

घ्याळ दा -मि कै तै नि बतौल।
कैरा काका -तो ख़ुशी का राज रहस्य च कि -

घ्याळ दा -हाँ बताओ।
कैरा काका -ठीक बतै इ दींदु कि -

घ्याळ दा -हाँ हाँ ब्वलो ना ?
कैरा काका -कभी भी प्रश्न ना पूछो।
18 /4/15 , Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
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Bhishma Kukreti

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                    टल्ली -थिगळि -पैबंद संस्कृति बिनास से सेवानिवृत लोगुं नुकसान

                        चबोड़्या, चखन्यौर्या , हंसोड्या   :::   भीष्म कुकरेती


टल्ली , थिगळी या पैबंद लगाण एक भली संस्कृति छे। पुनः दुरस्तीकरण एक सभ्यता छे।  रिपेयरिंग एक कल्चर छे।

या पैबंद लगाणो संस्कृति गाँव इ ना शहरूं मा बि परिपक्व स्थिति मा छे।  अरे जु गांवुं मा द्यु बतल पर बि टल्ली लगदी छे तो शहरूं मा कबि जंद्यो पर बि टल्ली लगदी छे।  छतरा , रेडिओ , स्टोव , चप्पल रिपेयरिंग संस्कृति तो अबि बि चलणि च।

टल्ली संस्कृति से सबसे अधिक फायदा बूड बुड्यों तै हूंद छौ।  बस सेवा निवृत ह्वावो ना कि टल्ली संस्कृति का बैठ्वाक याने कुसन मा दिन बितै ल्यावो अर बासी भोजन (जु  पैबंद ही च ) से जिंदगी गुजार द्यावो। 

भौत सा समय जंग्या -कच्छा पर इथगा थिगळी लग जांद छ कि ओरिजिनल कच्छा  का कपड़ा इ गायब ह्वे जांद छौ अर इन कच्छा पैरण वळ तब बि घमंड नि करदो छौ कि वु इथगा इनोवेटिव अर क्रियेटिव च।

टल्ली संस्कृति का बाइ प्रोडक्ट या साइड इफेक्ट सभ्यता छे कि बडु कपड़ा छुटुं तै पैरा द्यावो।  इन बि दिखे गे छौ कि क्वी बुड्या मर जावो तो वैक कपड़ा हैंक बुड्या पैर्दो छौ अर इख तक कि स्वर्गवासी बुड्या का चश्मा पृथ्वीवासी हैंक बुड्या पैर लींद छौ।

अब कै हैंकाक कपड़ा पैरणो रिवाज पर लगाम लग गे अर कुत्ता बि यीं संस्कृति का विरोधी ह्वे गेन।

मि अब रिटायर ह्वे ग्यों तो मीन बि स्वाच कि मि अब अपण नौनुं कपड़ा पैरिक पुनर्जवानी को लुफ्त उठौं।  पर जब मी अपण नौना की टी शर्ट अर जीन पैरिक रोड पर औं तो जु कुत्ता म्यार खुट चाटद छा वु में पर भुकण मिसे गेन अर टल्ली संस्कृति का विरोध मा ज़रा मुहल्ला का कुत्ता एक ह्वे गेन।

अब घौरम बैठिक मे शरीका बुड्याका जंग्या याने बरमुदा का पैथरो हिस्सा अर टी शर्ट का कीसा अधिक फटदन।  बैठ बैठिक  जंग्या कु पैथरो हिस्सा फटण लाजमी च अर सेवानिवृति का बाद किसौंद खाली चिल्लर रखण से कीसा कु फ़टण क्वी अपवाद नी च।  पर अजकाल दर्जी टेलर मास्टर ह्वे गेन तो ऊंन टल्ली लगाण बंद कर देन।  म्यार कच्छा याने बरमुदा कु पैथर फट अर टी शर्ट  कु कीसा फट तो मि टल्याणो टेलर मास्टरुं मा ग्यों।  हरेकन मि तै इन दुत्कार जन मि खजी वळ कुत्ता हों।  मि चार मील घूम तो एक टेलर मास्टर मील गे जु म्यार कच्छा अर टी शर्ट तै टल्याणो बान दर्जी बणनो बान तयार ह्वे गे।  वु टेलर मास्टर सहतर साल कु छौ अर मेरी बुढ़ापा की भावना तै अच्छी तरह से समझदो छौ इलै वु टेलर से दर्जी बणणो तयार बि ह्वे।  वैन बड़ी लगन से टल्ली लगैन अर मि प्रसन्नता पूर्वक टल्लीदार कच्छा अर टी शर्ट लेक घर ऐ ग्यों।  मि खुस छौ कि म्यार बच्चा मेरी मितव्ययता से खुस ह्वे जाल।

पर मेरी प्रसन्नता थ्वड़ा देर बि नि राइ।  सरा घौरम कुहराम मचि गे।

बड़ी ब्वारिन ब्वाल - अब आप हमतै नीचा दिखाणो बान टल्लीदार कपड़ा पैरण चाणो   छंवां ? लोगुन  बुलणि  च कि जौंक ब्वारी नौकरी करदी वु टल्लीदार कपड़ा पैरणु च।

बेटान बि खदुळ कुत्ता जन ब्यवहार कार - हम आपौ कुण क्या नि छंवां करणा अर आप टल्ली लगैक ऐ गेवां ?

घरवळिन बि लताड़ गौड़ी तरां लात लगांद ब्वाल - जवानी मा कमैक धरदा तो बुढ़ापा मा टल्लीदार कपड़ा पैरणो जरूरत पड़दी क्या ?

अब टल्लीदार कपड़ा पैरण असभ्यता ना गुनाह ह्वे गे।

अब रिपेयरिंग कु जमाना नी च बल्कि यूज ऐंड थ्रो कु जमाना च।  याने अब हरेक तै बुढ़ापा का वास्ता उथगा इ कमाण पोड़ल जथगा वु जवानी मा खर्चदो।


19/4/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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                               इन मा त रुण आंण  इ  च

                        चबोड़्या स्किट संकलन :::   भीष्म कुकरेती


[स्थल - गढ़वाल सभा देहरादून कु वार्षिकोत्सव  कु स्टेज।  स्टेज मा बैनर लग्युं च -गढ़वाली लघु नाटिकाएं ]

गीतकार नाटककार ओ पी  बधाणी [रुणु च ] ये मेरी ब्वे क्या कौरु ?

नाटककार ओ पी सेमवाल - बधाणी जी ! क्या ह्वे ?

[बधाणी ji सेमवाल जीक कंदुड़म   कुछ बुल्दन ]

ओमप्रकाश सेमवाल - ये मेरी ब्वे ? [जोर रुण मिसे जांदन ]

नाटककार कुलानन्द घनशाला -ये तुम द्वी किलै रूणा छंवां ?

[द्वी घनशाला जीक  कंदुड़म   कुछ बुल्दन ]

कुलानन्द घनशाला  -ये मेरी ब्वे ? ये मेरा बाबाजी ? [और जोर रुण मिसे जांदन ] अब क्या ह्वालु ?

[गढ़वाल सभाका प्रधान असवाल जी आंदन ]

प्रधान - ये तुम सबि नाटककार किलै रुणा छंवां ? शुरू करा नाटक।

[सबी प्रधान  जीक  जीक कंदुड़म   कुछ बुल्दन ]

प्रधान असवाल - ये क्या बुलणा छंवां ? जरा जोर से ब्वालो।

सबि -हमम   नाटिका का वास्ता क्वी नई पटकथा इ नी च।

असवाल [जोर जोर से रुंदन ] ये निर्भाग्युं क्या बुलणा छंवां ? सि मंत्री जी अपण लाब लश्कर लेकि ऐ गेन अर तुम बुलणा छंवां कि नाटिका तयार इ नी च ?

सबि -जी क्वी नया विषय इ नि मील।

असवाल - ठीक च तुम इकै  करिक गढ़वाल मा पलायन का रोग पर दु दु लाइन ब्वालो।  गढ़वाल से पलायन हमेशा नया इ विषय हूंद।


21/4/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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                     ग्राम प्रधान त ग्राम प्रधान कैक हूंद काका बाडा नि हूंद

                        चबोड़्या स्किट संकलन :::   भीष्म कुकरेती

[स्थान -ग्राम प्रधान की तिबारी , द्वी चमचा रौंपलु अर भौंपलु गहन चिंता मा बैठ्याँ छन ]

ग्राम प्रधान - ये निर्भाग्युं ! कुछ स्वाचो , कुछ स्वाचो कि द्वी सौ नेताओं कुण चिट्ठी कनै लिखण जाँसे यूँ नेताओं तै पता चल जावो कि मस्ता प्रधान बि क्वी प्रधान च ?

रौंपलु-सुचणो काम तो म्यार नी च।  आप ब्वालो तो मि धरती फाड़ द्यूं , गंगा जी मा फाळ मार द्यूं !

  भौंपलु- सुचणो काम तो आपक च।  आप हुकम द्याओ मि कैक मवासी घाम लगै द्योलु।

प्रधान - हाँ चिंता तो मीन इ करण कि द्वी सौ चिट्ठी कनकैक लिखण ?

[घ्याळ दाक प्रवेश ]

प्रधान - मीम समय नी च।  काम बता काम बता ?

घ्याळ दा -अब काम क्या बताउं ?कुछ समज मा नी आणु च।

प्रधान -अरे प्रधानम तू ऐ अर बुलणु छे कि काम क्या बतौं ?

घ्याळ दा -इन च रै बेटा नारायण कि -
प्रधान -द्याखो मि अब नारायण नि छौं।

घ्याळ दा -हैं ? ये नाम बदल याल क्या ?
प्रधान -मि ना तो तुम्हारा बेटा हूँ अर ना ही नारायण।

घ्याळ दा -अरे मि त्यार काका नि छौं ?
प्रधान -नहीं।

घ्याळ दा -हैं ? अब तू नारायण बि नि छै ?
प्रधान -ना ना।

घ्याळ दा -हैं ? इन कन ह्वे सकुद
प्रधान -किलै नि ह्वे सकुद ?
रौंपलु - अब यी ग्राम प्रधान छन।

घ्याळ दा -कनो ग्राम प्रधान मनिख नि हूंद ? नाता रिस्ता नि हूंदन ?

भौंपलु - नही ग्राम प्रधान केवल ग्राम प्रधान हूंदन। ग्राम प्रधान एक रिस्ताहीन बस्ता हूंद।

घ्याळ दा -अर जब ये नारायण तै बोटुं जरूरत छे तो येन खुट मा पोडिक बोल छौ - ये घ्याळ काका तू इ म्यार छूट बुबा छे।  तब मि छुट बुबा छौ अर अब मि काका बि नि छौं ?
प्रधान -अरे तो एक बोत का बदल अपण कूड़ी पुंगड़ी त्यार नाम कर द्यूं क्या ?

घ्याळ दा -मतबल तू अब नारायण नि छै ?
प्रधान -नही।
रौंपलु - अब यी केवल ग्राम प्रधान छन। ग्राम प्रधान रिस्ताहीन स्याही , रिस्ताहीन रबर स्टैम्प हूंद।

घ्याळ दा -अब तू नारयण बि नि छे ?

भौंपलु - अब यी केवल बस प्रधान छन।

घ्याळ दा -मतलब अब मि त्यार काका बि नि छौं ?
प्रधान -ब्वाल त च कि मि अब कैक भतीजो नि छौं।
रौंपलु - अब यी प्रजातंत्र का खंबा छन बस।
घ्याळ दा -ठीक च तो मि अफिक ब्वारि तै लेक हस्पताल लिजांद।
प्रधान - तो ली जा कैन रोक ? हस्पताल लीजा या मड़घट लीजा।  मि तै क्या पड़ीं च।
रौंपळु - घ्याळ दा ! कैक ब्वारी तै अस्पताल लिजाण ?
घ्याळ दा - तै नारयणै ब्वारि तैं।  ब्वारी  भ्यूंळौ डाळ बिटेन लमडी गेन ।  पर अब जब स्यु नारायण इ नी च तो मी इ ब्वारी तै अस्पताल लिजांदु।

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22 /4/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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on Farmer Suicide


                    अच्छा ! किसान मरि गे , भलु ह्वे  ये बहाना गंगा स्नान बि ह्वे जाल

                        चबोड़्या, चखन्यौर्या , हंसोड्या   :::   भीष्म कुकरेती


 --अरे अरे सूणो घ्याळ दाक बुबा गुजर गे।

-च्च्च , च्च्च, च्च्च अबै अबि मोन्नो दिन त नि छा।  पर चलो अच्छो ह्वे गे।   पोर बिटेन गंगा स्नान नि ह्वे छौ आज गंगा स्नान बि ह्वे जाल !

- अरे ! अरे ! आज फिर एक किसानन आत्महत्या कर दे !

- अरे अरे ब्याळि मरदु तो भलु हूंद।  हमर नेता जी ब्याळि देस मा छया।  तो ब्याळि मृत शरीर पर राजनीति रुटि इ भरचे लींदा।  इ किसान साला समय देखिक बि आत्महत्या नि करदन।  आज तो नेता जी  भारत मा किसान आत्महत्या किलै करणा छन का अध्ययन का वास्ता अमेरिका अर कनाडा की यात्रा पर जाणा छन।  पर चिंता नी च नेता जी ट्यूटर पर ही राजनैतिक रुटि भरचै द्याला।

- अरे ! अरे ! आज फिर एक किसानन किसान रैली मा आत्महत्या कर दे !

- ओहो ओहो भलो ह्वे रैली मा पेड़ मा लटकिक आत्महत्या कार।  अब हमर नेता कजीरवाल अर कुविश्वास तै फड्याणो मौक़ा मिल ग्याइ।  बिचारा चार मैना बिटेन अपण घौरक लड़ै मा फंस्यां छया।  किसान तै आत्म शान्ति मील अर हमर वैकल्पिक राजनीति का स्यवंभू चौधरी कजीरवाल तै विरोधी पार्टी की खाल उतारणो मौक़ा मिल गे।

- अरे ! अरे ! आज फिर एक किसानन किसान रैली मा आत्महत्या कर दे !

-भलो ह्वे टाइम पर किसानन आत्महत्या कर दे।  हमर राजकुमार तै दुबर राजनीति मा पैर पसराणो मौक़ा मिल गे।  हम तो अमेठी अर रायबरेली की देवी से प्रार्थना करदां कि रोज इनि नाटकीय शैली मा किसान आत्महत्या करणा रैन अर हमर राजकुमार किसान प्रेमी का चप्पल पैरिक रोज राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल जाणा रैन।  शायद यांसे इ हमर खानदानी नेता का दुबर जनम ह्वे जाओ ! धन्य हे किसान !

- अरे ! अरे ! आज फिर एक किसानन किसान रैली मा आत्महत्या कर दे !

-ओ भलो ह्वे किसानन फिर से आत्महत्या कर दे।  मेरी राजनीतिक छवि सैफई नाच गाण अर चारा घोटाला  मा धूमिल ह्वे गे छे।  अब मि किसान का नाम पर अपण छवि पैनी करदु। हम बिहार और यूपी वालों को क्या समझते हैं ये लोग ?

- अरे ! अरे ! आज फिर एक किसानन किसान रैली मा आत्महत्या कर दे !

-ह्यां हम सरकार मा छंवां , हमर समज मा नि आणु कि यी किसान हमर विरोध्युं बुल्युं किलै मानणा छन अर आत्महत्या किलै करणा छन।  चलो अपण कर्तब्य तो निभाण इ च , आत्महत्या का बाद तिरैं बरिख का पितृभोज तो चखण इ च।  हम किसान आत्महत्या का वास्ता कजीरवाल , राजकुमार अर सैफई का राजा पर कठोर ब्यान देकि किसान आत्महत्या की जीमण उरै लींदा।

-- अरे ! अरे ! आज फिर एक किसानन किसान रैली मा आत्महत्या कर दे !

- अरे एडिटर ! अपण समाचार चैनेल मा हर मिनट ब्रेकिंग न्यूज द्यावो कि आज फिर एक किसानन किसान रैली मा आत्महत्या कर दे ! अर द्याखो कि हमर टीआरपी बढ़ जावो।


23 /4/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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                               घ्याळ दाक लाइव इंटरव्यू

                        चबोड़्या स्किट संकलन :::   भीष्म कुकरेती

[स्थान रोड साइड , रस्ता मा खून की छळा बळी  च।  टीवी क्रू व्यस्त च ]

टीवी ऐंकर [कैमरामैन से ] - हाँ तो हम तैयार छंवां ?

घ्याळ दा -हाँ मि तयार छौं अर मीन ऐक्सिडेंट अपर आंख्युंन द्याख -

टीवी ऐंकर -ना ना।  मि अपण कैमरामैन से बात करणु छौ।
घ्याळ दा -ओ , समज ग्यों।

टीवी ऐंकर -ओके।  मि पैल सवाल पुछल कि तुमन क्या द्याख     ....
घ्याळ दा -स्यु ड्राइवर वै कूण्या से तेजी से आइ शायद साठ सहत्तर की स्पीड   ....

टीवी ऐंकर -ना।  जरा रुको।  जब तक मि सवाल नि पुछलु तब तक रुको -

घ्याळ दा -औ।  ठीक च मि तब तक -

टीवी ऐंकर -मि तुम तै पुछल कि तुमन क्या द्याख -
घ्याळ दा -औ हाँ हाँ ! स्यु ड्राइवर वै कूण्या से तेजी से आइ अर मीन स्वाच यु दिवार तै इ गिरै द्यालु  …

टीवी ऐंकर -अरे चुप भै।  जब तक मि प्रश्न नि पुछुद कि -
घ्याळ दा -सॉरी सॉरी

टीवी ऐंकर -हाँ  तो तयार   ....

घ्याळ दा -स्यु ड्राइवर वै कूण्या से तेजी से आइ  ....

टीवी ऐंकर -रुक - एक मिनट रुक ना  …
घ्याळ दा -मीन समज कि तुम   …

टीवी ऐंकर -रुक जरा रुक ना।  अच्छा हे धामी ! तू तयार छे ना ?

[नेपथ्य से ]- तयार !
घ्याळ दा -स्यु ड्राइवर वै कूण्या से तेजी से आइ  ....

टीवी ऐंकर -चुप्प  रौ।

घ्याळ दा -औ हाँ हाँ।

टीवी ऐंकर -जब तक मि सवाल नि पुछल तब तक जवान नि खुलण।
घ्याळ दा -समजि ग्यों।  समिज ग्यों -

टीवी ऐंकर -ठीक ! हां तो  तयार कि ना ?
घ्याळ दा -हाँ हाँ बिलकुल तयार छौं अर स्यु ड्राइवर वै कूण्या से तेजी से आइ  ....

टीवी ऐंकर -अबे तू कति मैना मा पैदा ह्वे ?

घ्याळ दा -कनो ? मि अटों मैना मा इ पैदा ह्वे गे छौ।  किलै ?

टीवी ऐंकर [गुस्सा मा ] -मीन ब्वाल च कि ना कि जब तक मि सवाल नि पुछल तब तक जवान नि खुलण ?
घ्याळ दा -हाँ सॉरी समिज ग्यों -

टीवी ऐंकर -हाँ तो अब सब तयार छन कि ना ?
घ्याळ दा -हाँ हाँ बिलकुल तयार छौं अर स्यु ड्राइवर वै कूण्या से तेजी से आइ  ....

[टीवी ऐंकर, घ्याळ दाक मुख पर एक मुक्का मार अर घ्याळ दाक द्वी दांत गिरिक उखम गिरी गेन  जखम द्वी कुत्तों  की लाश गिरीं छे ]



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                    जु आइ आइ ऐम अहमदाबाद मा नि सिखाये जांद -1

                            जी मि भय्या ना भुल्ला छौं

                      चबोड़्या मैनेजमेंट संस्मरण :::   भीष्म कुकरेती

 हमर बगत विद्यार्थ्युं कुण सलाह आदि कुछ नि छे।  बस पोस्ट ग्रेजुएसन करणो सलाह ही सलाह छे।  मीन बि एमएससी इनि बॉटनी मा कार।  ना तो मकसद पता छौ ना ही मकसद कु रस्ता बस पोस्ट ग्रेजुएसन करण छौ स्यु कर दे।  किलै बॉटनी ले आज तक नी पता।

खैर जब मि डीएवी कॉलेज मा छौ तो एक दगड्या उपाध्याय छौ जु एमए इकोनोमिक्स से करणु छौ। वु हम मा बुल्दु छौ ," इकोनोमिक्स की बड़ी डिमांड च।  बस कॉलेज से भैर औलु अर क्वी बि नौकरी दे दयालु। "

तो मी बि इनि सुचद छौ कि क्वी बि नौकरी दे दयालु।

जब देहरादून आदि मा नौकरी दीण वळ  क्वी बि नि मील तो मि बम्बई (तब बॉम्बे छौ ) ऐ ग्यों।

अर फिर शुरू ह्वे नौकरी की खोज।  छै मैना तो नौकरी का वास्ता प्रार्थना पत्र लिखण सिखण मा बीती गेन।  मि तै तो ना पर माँ बाप तै मेरी डिग्री पर जब संदेह हूण लग तो मीन कै बि तरां से इंटरव्यू का वास्ता कोशिस शुरू कार कि इंटरव्यू द्योलु तो ब्वे बाब तै मेरी डिग्री पर संदेह नि होलु।

एकॉन मि तै गुरु मंत्र बताइ बल दस जगा एप्लीकेसन भेजो तो एक जगा से इंटरव्यू का वास्ता लेटर आइ जालु अर दस इंटरव्यू का बाद एक जगा अप्वॉन्टमेंट लेटर मिल ही जालु। तो मीन अखबारुं मा जु बि जनि बि विज्ञापन ह्वावन ऊंकुण एप्लीकेसन भिजणशुरू कर दे।

एक जगा बिटेन अंततः इंटरव्यू लेटर ऐ गे।  संस्था तै जूनियर क्लर्क की जरूरत छे तो मि क्लर्क का गुणों बारा मा एक किताब पढ़िक इंटरव्यू दीणो ग्यों। द्वी घंटा  बाद इंटरव्यू कुण भितर बुलाये गे।

इंटरव्यू लीण वळ द्वी आदिम छया। 

एकॉन पूछ - तो आपक नाम भीष्मा चंद्रा कुकरेटी च ?

मि - जी ना।  भीष्म चन्द्र कुकरेती

दुसर - तो आप तै ठीक से अंग्रेजी नि आदि ? अपण नाम बि ठीक से नि  लेख सकदा ?

मि - जी ! अंग्रेजी मा इन इ लिखण पोड़द।

पैलु - आज का टाइम्स ऑफ इण्डिया की मेन न्यूज क्या च ?

मि -जी मीन आज टाइम्स इंडिया नि पौढ़।

पैलु -हैं ? इंटरब्यू कुण ऐ अर टाइम्स नि पौढ़ ?

मि - जी मि 'अच्छे क्लर्क के गुण ' पढ़णु रौं तो टाइम्स पड़णो टैम नि मील।

दुसर -व्हट नॉनसेंस ? क्या क्लर्क का बि गुण हूंदन क्या ?

पैल - क्लर्क तो एक सीधा साधा आदिम हूंद जु उथगा इ काम करद जथगा बॉस ब्वालो।

दुसर -हाँ चंट चालाक अर दिमाग लगाण वळ त चपड़ासी हूंद।

मि -जी मि तै अनुभव नी च।

पैलु - अच्छा तो तुम भय्या हो ?

मि -जी नही।

दुसर - अरे तुम भय्या नि छंवां ?

मि -जी ना।

दुसर - तो फिर एप्लीकेसन मा झूठ किलै ल्याख ?

मि - जी एप्लीकेसन मा मीन नि ल्याख कि मि भय्या छौं।

पैलु -व्हट नॉनसेंस ! तीन साफ़ साफ़ लिख्युं च कि तुम भय्या हो।

मि - जी मीन जात मा कुकरेती , ब्राह्मण अर हिंदू लिख्युं च पर भय्या नी लिख्युं च।

दुसर - नै नै मि राज्य याने पोविन्स की बात करणु छौं।  साफ़ साफ लिख्युं च कि तुम यूपी का छंवां।  लिख्युं च कि ना ?

मि -हाँ यूपी लिख्युं च।

पैल - तो पान की दुकान या दूध की दुकान किलै नि खुल्दी ?

दुसर - हाँ या चना या सब्जी दुकान में भी अच्छा पैसा है।

मि -जी मी यूपी को अवश्य छौं पर मि भय्या नि छौं।

दुसर -तो क्या छे ?

मि -जी मि भुला छौं।

पैल - तुम यूपी के ही हो ना ?

मि - जी हाँ पर मै गढ़वाल कु छौं।

दुसर -गढ़वाल ! यु क्या च ?

मि -जी हिमालय -

पैलु - औ  हिमाचल का छे ?

मि - जी ना हिमाचल तो अलग राज्य च।

दुसर - टोटल कनफ्यूजन !

पैलु -एब्सॉल्यूट कनफ्यूजन। यूपी कु च अर भय्या नी च।  हिमालय कु च पर हिमाचल कु नी च।

दुसर - यदि म्यार क्लर्क इन कनफ्यूज रालु या कनफ्यूज कारल तो चल गे कम्पनी।

पैलु - वेल मिस्टर कुकरेटी या कुक्रेती अबि हमन पचास इंटरव्यू लीणन।  यदि क्वी नि मीलल तो हम आप तै बुलौला।

[यु म्यार पैल इंटरव्यू छौ अर मीन दसेक किताब 'हाउ टु गिव इंटरव्यू ' पढ़िन पर कखिम बि नी लिख्युं कि इंटरव्यू मा इन प्रश्न पूछे जाल ]


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                                रोजगार प्रार्थी अर प्रार्थनापत्र

                जु मैनेजमेंट कॉलेजुं  मा नि सिखाये जांद -2


                          चबोड़्या मैनेजमेंट संस्मरण :::   भीष्म कुकरेती

तब याने सन अस्सी से पैल नौकरी लगाण वळ दलाल [ प्लेसमेंट सेर्विसेज ] बि नि हूंद छा  अर ना इ कम्पनी यूँ पर ऐतवार करदी छे।   तो तब सलाहकार बि नि होंदा छ।  यदि अखबार मा विज्ञापन ऐ गे तो भौत तरां का बेरोजगार  अपण बेरोजगारी प्रमाण पत्र या एप्लीकेसन भिजदा छा।  महान प्रबंध लिख्वार सुरु रांगणेकर की बहुमूल्य किताब 'In the Wonderland of Indian Managers ' माँ विभिन्न प्रार्थ्युं किस्मों विभाजन इन हुयुं च -

                                                  पोस्ट कार्ड अप्लिकेंट याने जुगति वळु  प्रार्थी


                 पोस्ट चाहे सीईओ की ह्वावो , ह्वावो चपड़ासी की या पोस्ट क्लर्क की हो पोस्ट कार्डी प्रार्थी रोजगार प्रर्थना पत्र हमेशा पोस्ट कार्ड से ही भिजदन।  तब पोस्ट कार्ड दस पैसा मा आंद छौ अर इ प्रार्थी पोस्ट कराड मा इ अपण बारा मा सब कुछ लेखि दींदा छ। यि जुगति हूंदन।  अनावश्यक जगा व्यर्थ  नि जाण दीदन।  यी प्रार्थी कम जगा को बेहतर इस्तेमाल बखूबी करदा छ या शायद अब बि करदा ह्वावन ? यदि यूँ तै मैनेजर बणये जांद तो मि यूंकि कसम खैक बोल सकुद कि यी कार्यालयों मा स्पेस की समस्या दूर कर सकदन अर जख दस कर्मी काम नि कर सकदन यी बीस कर्मी बैठै सकदन।  समस्या या च कि क्वी बि सुपरवाइजर या मैनेजर यूँ तै इंटरव्यू कुण कबि नि बुलांदन। 

                                               कम्प्लीट अप्लिकेंट याने रामायणी प्रार्थना पत्र

                   यदि कुछ प्रार्थी पोस्ट कार्ड मा  प्रार्थना पत्र भिजदन तो कुछ दस बारा पृष्ठ का प्रार्थना पत्र भिजण मा बि नि शरमांदन।  यी अपण दर्जा पाचक मार्कशीट से लेकि मास्टर जीक, बिल्डिंग चेयरमैन का दियां प्रसस्ती पत्र बि दगड़ मा संलग्न करदन। मैनेजमेंट सर्वे का हिसाब से इन पता लग कि रिक्रूटमेंट ऑफिसर्स यूंकि एप्लीकेसन तै बि पोस्ट कार्डी अॅप्लिकेसन का साथ डस्टबिन मा चुटै दींदन।
                                     व्यवसायिक प्रार्थी का प्रार्थना पत्र
तब जिरॉक्स /फोटोकॉपिंग नि ऐ छौ।  तो भौत सा प्रार्थी अपण बेरोजगारी प्रमाण पत्र टाइप्ड या सयक्लोस्टाइल्ड कार्बन कॉपी वळ प्रार्थना पत्र भिजदा छा।
विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात ह्वे बल इन बेरोजगार सुबेर उठिक अखबार का वैकेंसी वल कॉलम पढ़द अर फिर दुफरा तक सब जगा साइक्लोस्टाइल्ड प्रार्थना पत्र भेज दींदु।  कुछ इन बि हूंदन जु  प्रार्थना पत्र प्रिंट हि करिक रखदन अर जख वैकेंसी या रिक्त स्थान द्याखो तख प्रार्थना पत्र पोस्ट कर दींदन।

                                            औल राउंडर
सुरु रांगणेकर ही ना मीन बि अपण नौकरी मा ऑल राउंडर प्रार्थी अर प्रार्हणा पत्र दिख्यां छन।  इन प्रार्थी 20 -21 साल की उमर मा सेल्स , परचेज , स्टोर , प्रोडक्सन , ऑडिट आदि सब का अनुभवी हूंद अर अपण प्रार्थना पत्र मा पूरो ब्युएरा बि दींदु। वैक हिसाब से 'जखम जगा च मि तै काम द्यावो ' ।

                  कनेक्टेड याने रिस्तेदारी दिखाण वळ प्रार्थी

इन प्रार्थी अपण प्रार्थना पत्र मा अपण बारामा कम पर अपण कामयाब रिस्तेदार [ममा , चचा , बाड़ा , काका , दोस्त आदि ] का बारामा अधिक लिखदन।  अब या जाति पाये जांद।

                      एक पर एक मुफ्त

भौत सा प्रार्थी इन बि पाये जांदन जु बारगेन वळ प्रार्थना पत्र भिजदन जन कि -
यदि आपक मि तै नौकरी देल्या तो मेरी घरवळि मृ स्क्रेटरी बण जालि -मुफ्त मा !
या आजकल - मि अपण लेपटॉप प्रयोग करुल आदि आदि।
                  जल्दवाज प्रार्थी

 बेरोजगार प्रार्थना पत्र , इंटरव्यू वास्ता पत्र आदि कु समय बचाणो बान वैदिन इ कम्पनी मा पौंछ जांद जैदिन रोजगार कु विज्ञापन आई अर परसनल मैनेजर से इंटरव्यू की गुजारिस करद।

* भोळ बांचो  - कम्पन्युं विभिन्न प्रकार का एप्लीकेसन फॉर्म


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Best  Harmless Garhwali Literature Humor  , Hiring Advertisement & Personnel Management;   Garhwali Literature Comedy Skits  Hiring Advertisement &Personnel Management;   Garhwali Literature  Satire Hiring Advertisement;  Garhwali Wit Literature  Hiring Advertisement &Personnel Management  ;  Garhwali Sarcasm Literature  Hiring Advertisement &Personnel Management;     , Garhwali Skits Literature Hiring Advertisement &Personnel Management;   Garhwali Vyangya  , Garhwali Hasya

                   रोजगार विज्ञापन याने हुनरमंद  कर्मियों तै रुकण


                    जु मैनेजमेंट कॉलेजुं मा नि सिखाये जांद -3

                   
                  चबोड़्या मैनेजमेंट संस्मरण :::   भीष्म कुकरेती

                मि जब देहरादून मा छौ अर जब मुंबई औं तो मीन सैकड़ों रोजगार विज्ञापन देख ह्वाल अर बाद मा नौकरी मा बि रोजगार विज्ञापन देन अर सब मा एक विशेषता अवश्य छे कि रोजगार विज्ञापन का काम योग्य , हुनरबंद या कुशल कर्मी बुलाणो नि हूंदन बल्कि योग्य कर्मियों तै दरख्वास्त दीण से रुकण अधिक हूंद।

  कुछ अजीब विज्ञापनुं इबारत आज बि पढिल्या तो लग जांद कि यु  प्राइवेट संस्थान या सरकारी संस्थान कौशल कर्मियों तै आस पास नि आण दीण चाणु च खासकर सरकार सावजनिक संस्थान जन बैंक या इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड आदि।

                     काम से शिक्षा अर अनुभव कु संबंध नि हूण

भौत सा दफा आपन बि विज्ञापन पौढ़ ह्वाल कि क्लर्क चयेणु च अर वैकि शिक्षा चार्टेड अकाउंटेंट की मांग हूंद अर अनुभव दस से बारा साल। या नई टेक्नॉलजी तै अयाँ एक साल बि नि हो अर विज्ञापनदाता तै दस साल का अनुभवी क कार्मिक चयेंदन।


                            युवा किन्तु अति दस साल का अनुभवी

भौत सा कार्मिक खोजी इन विज्ञापन दींदन कि साफ पता चल जांद कि कम्पनी मा विज्ञापन का वास्ता फोकट मा पैसा च अर यूँ तैं वास्तव मा कर्मिक चयेंद इ नि छन।

एक दै मे से बि गलती हुईं च कि मीन अपण पर्सनल डिपार्टमेंट तै इन विज्ञापन दीणो इजाजत दे द्याइ।  हम तै मैनेजमेंट ट्रेनी चयेणा छ अर नया नया एमबीए।   पर्सनल डिपार्टमेंटन विज्ञापन दे दे - युवा , उर्जावन एबीए चयेणा छन।  उमर पचीस से तौळ अर अनुभव दस साल।  अब इन मा सही कार्मिक तो मिलण से राइ।  हाँ विज्ञापन की खौत अवश्य ह्वे।

                   अपण वर्तमान मालिक /एम्प्लॉयर की इजाजत

सावजनिक संस्थानों से  इन रोजगार विज्ञापन आंदन कि यदि आप सरकारी या सवजनिक संस्थानों मा काम करदन तो अपण संस्थान से इजाजती पत्र एप्लीकेसन का साथ भ्याजो।  मतलब साफ़ च कि तुम तै कर्मिक चयेणा छन किन्तु कौशलयुक्त कार्मिक नि चयेणा छन।

भौत सा सरकारी या सार्वजनिक संस्थानों मांग हूंद कि एप्लीकेसन केवल प्रिस्क्राइब्ड /निर्धारित फॉर्म ही एप्लीकेसन आण चयेंद।  मतलब एप्लीकेसन फॉर्म महत्वपूर्ण च ना कि कौशलयुक्त कर्मी।

 भौत सा विज्ञापन इन हूंदन जखमा इन ना , तन ना , उन ना जन शब्द अधिक हूंदन।  मतलब रुकावट अधिक अर कुशल कार्मिकों आव भगत  कम।


30/4/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!


Bhishma Kukreti

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                        एप्लीकेसन फॉर्म याने प्रार्थी की टक्क तुड़नै साजिश


                    जु मैनेजमेंट कॉलेजुं मा नि सिखाये जांद -4

                   
                 चबोड़ इ चबोड़ मा  मैनेजमेंट संस्मरण :::   भीष्म कुकरेती

तब  बेरोजगारी युग छौ तो प्रार्थी तैं तुच्छ समजे जांद छौ अर मैनेजर अफु तैं तुर्रमखां समजदा छा।

संस्थानों मा रोजगार प्रार्थना पत्र बणान पर मैनेजर दसियों दिन अर दसियों मीटिंग करदा छा।   केवल इम्प्लॉयमेंट एप्लीकेसन फॉर्म बणानो बाण पोस्ट रिटायरमेंट स्कीम का तहत भौत सी कम्पनी भूतपूर्व पर्सनल मैनेजरों तै सलाहकार बि बणै दींदी छे।

चार पेज से तौळ एप्लीकेसन फॉर्म हूण याने छुटि कम्पनी। भारी भरकम एप्लीकेसन फॉर्म प्रार्थी का बारा मा समुचित ब्यौरा मागणो बान तयार नि करे जांद छौ अपितु मैनेजरों की आत्मसंतुष्टि , मैनेजरों की अहमतुष्टि या कम्पनी तै बड़ी कम्पनी साबित करणो बान बणये जांद छौ।

फिर भौत सा कंपन्यूं  एप्लीकेसन इन बि हूंद छा  जन कि प्रार्थी अवश्य ही जनमजात  मुलजिम हो अर वैन अवश्य ही जुर्म करिक भगण च।

काम का हिसाब से एप्लीकेसन फॉर्म मा सूचना नि मांगे जांद छे अपितु एक गुठ्यार मा गोर बछर, भैंस , बकरी अर खरगोस पालणै कोशिस हूंद छे।  प्रोडक्सन का कार्मिक से ज्वा सूचना चयेंद वा सेल्स मैनेजर से नि चएंदी पर द्वी कामुं कुण एक इ प्रकार से सूचना मंगाए जांद छे तो अमूनन एक प्रार्थी तै कम्पनीक एप्लीकेसन फॉर्म भरण इ मा अदा दिन लग जांद छौ अर इन ह्वेइ नि सकद कि फॉर्म फिर बि सही भरे जाव। अब द्याखो ना एप्लीकेसन फॉर्म मा एक क्लर्क से वैक ददा कु कार्य पूछे जाव तो वीं सूचना को क्या तातपर्य ?

इंटरव्यू लींद दै इन्टरव्यूवर प्रार्थी की सबसे अधिक मजाक एप्लीकेसन फॉर्म मा भरीं गलत्यूं उडांद छा।

मी तै एक दै सिंगर इण्डिया मा इंटरव्यू दीणो मौक़ा मील। उखमा  परिवार का बारामा सवाल पूछे गे छौ -फादर /स्टेप फादर ; मदर /स्टेप मदर ; ग्रैंड मदर /स्टेप ग्रैंड मदर आदि आदि।

सबसे बेतुका सवाल मि तै लग छौ - इज युवर फादर मैरीड /इज युवर मदर मैरीड ? तब सन 1977 का करीब भारत मा तलाक सामन्य बात नि ह्वे छे , लिविंग विद कम्पेनियन विचार शायद फिल्मों तक सीमित छौ पर अमेरिकी कम्पनी छे तो अमेरिकाक हिसाब से एप्लीकेसन फॉर्म बण्यू छौ।

अधिकतर एप्लीकेसन फौर्मुं मा काम की सूचना तिसर पेज से शुरू हूंदन अर पैल द्वी पेज की सूचना कभी भी इंटरव्यू लीण वळ नि पढ़द।

अधिकतर सूचना की मांग का पैथर या मनशा हूंदी छे कि यदि भोळ कर्मिक भाग गे तो वै तै कनकैक पकड़े जावो !



1/5/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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