Author Topic: Delicious Recepies Of Uttarakhand - उत्तराखंड के पकवान  (Read 181478 times)

Bhishma Kukreti

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पपीता क  गढवाली शैली म परवठा , दै दगड़
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सरोज शर्मा सहारनपुर
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एक पपीता छवटु
मर्च 1/2 चम्मच
हींग चुटकी भर
हैरि मर्च 2
लूण स्वादानुसार
एक बड़ु कटवरा आटु
थोड़ा-बहुत लूण मर्च डालिक
गूंदा
जरा ढिललू आटु गुथण
गूथिक अलग धैर दयाव
अब पपीता छीलिक बीज निकालिक
कद्दू कस कैर ल्याव
खूब जोर देकर निचोड़ ल्याव
ये मा लूण स्वादानुसार, मर्च हींग हैर मर्च बरीक काटिक डाल दयाव मिला ल्याव
अब आटू की पेड़ि ल्याव वै मा भोरिक हल्का हाथल बेल ल्याव गरम तवा मा डालिक परौठा स्याको करारा-करारा, सुबेर क नाश्ता मा दै दगड़ परोसा ।

सर्वाधिकार @ सरोज शर्मा सहारनपुर


Bhishma Kukreti

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आज च छुट्ट छुट्ट घरया अमाक  गढवाली शैली का आमरस 
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संकलन --बिमला रावत
सामग्री –
10-15 दांणी आम ,
पिस्युं लूंण (हर मर्च, जीरु , पुदीना पत्ता , नमक )
आम खट्ट छन त थोड़ी सी चिन्नी ।
बणांणा तरीक़ा --- आमों थै ध्वैकी छील द्यावा और हथन निचोड़ी ल्यावा । हडैल भि रस्स दगड़ि डोंगा मा हि रन द्यावा और बस पिस्युं लुंण मिलै ल्यवा । आम ख़ट्टटु च तथोड़ी सी चिन्नी मिलै सकदा । बस आमरस च तैयार । रूट्टी मा भात दगड़ि खावा और हडैल भि चूसा मजा आल ।
धन्यवाद  कन लगि यूँ आमरस , जरूर बथयां ।
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सर्वाधिकार @ बिमला रावत



Bhishma Kukreti

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निखालिश गढवाली शैली का उड़द का परोंठा
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संकलन – अनिता नैथानी ढौंडियाल
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द्वि माबतू
सामान
एक कटोरी साबुत उड़द,
हींग
हल्दी चुटकी भर,
लाल मर्च आधा चम्मच,
लासण चार फोली,
लोण स्वादानुसार
बणाणू सगोर
उड़द तैं साफ ध्वेकी रात भर पाणी डालिकि भिजै द्या
सुबेर दालि कू पाणी अच्छी तरह निथारि कि मोटू मोटू पीसकि सब्या मसला मिलै द्या
आटू गूंदिकि रवटी से जरा मोटी गुंथगी बेलिकि मसेटू भ्वौरा
आराम से बेला परौंठौं जन तेल लकैकि सेका
गरम गरम घी दगड़ खावा
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सर्वाधिकार @ अनिता नैथानी ढौंडियाल


Bhishma Kukreti

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ब पैली और आख़री बेर झुंगारू भात बणै छे।
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हरी लखेड़ा
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शीर्षक देखीक अंदाज लगि गे होलु कि क़लम कना जांणै च।
जै तै पता नी बतै द्यूं कि झुंगारू बरसाती फ़सल हूंद। बारीक बीज हूंदन और साट्टी क तरां कूटीक सफेद दाना निकलदन जै कुण झंगरियाल बोलदन। आज त कत्ती तरह क पकवान माँ इस्तेमाल हूंद पर गाँव मा पलेऊ मा डालद छे। झंगवारे की खीर भी बणांद छे। झंगवार कु भात भी बणद छे।
म्यार झंगवार कु अनुभव भात तक ही च।
मी चार मा पढदु छे। अब जब तक मी नी बतौं कि मी पढदु भी छे त आप तैं कनकै पता चलण कि मी पढदु भी छे। उमर रै ह्वेली दस साल। बनचूरी क गौंखड्या स्कूल माँ हम द्वी भै पढदु छे। बडु भै पाँच मा और मी चार मा। वे टैम पर चार और पाँच क विद्यार्थी रात कुण भी स्कूल मा रंद छे। पाँचवीं की बोर्ड की परीक्षा हूंदि छे त मास्टर जी कुछ त विद्यार्थीयों क ख़ातिर और कुछ अपर नौकरी क ख़ातिर कोशिश माँ रंद छे कि रिज़ल्ट बढिया रौ। यन भी ह्वे सकद कि रात अकेला डर लगदी रै ह्वेली।
मे पर विशेष क्रिपा छे किलै की प्रधानाचार्य गोकुल देव कुकरेती जी मेरी माता जी क नानी क गाँव बणांस क छे मतलब मेरी मा क मामा जी। जान पहचान तब भी काम आंदि छे जी।
ह्वे यन च कि वे दिन माँ तै पुंगड क्वी काम रै ह्वाल। चुल्लू माँ झुंगारू चढ़ै गे और मे कुण ब्वाल की कर्ची चलाणै रै और पक जालु त आग बुझा दे। दादा आलु द्वी भै फांणु झुंगारू ख़ै कन चलि जैन। पकुद कन च बतै त ह्वालू पर याद नी। हाँ त मी जोबरी क ढक्कन उठै क कर्ची चलैक क दिखणै रौं कि पक च कि ना। मितै पता छे कि चावल पकांदन त पाणी पस्यै कन माँड़ निकालि दींदन। झुंगारू क भी यनि हूंद ह्वाल। काफ़ी देर तक थडकणै रै और फिर एकदम सुखी गे। मीन स्वाच पाणी कम ह्वे गे मिज़ाण और द्वी गिलास पाणी डालि दे। खूब थडीकि गे त पसाण शुरु कर। हाथ लगै त रबड़ी बण्यूं छे।
दादा रात क स्कूल करीक सुबेर दस बजे तक खाणुक आंद छे ख़ै कन स्कूल जांद छे । मीन स्वाच हरि तेरी त बजण वाली च! बस्ता उठै और भुखि स्कूल क बाट लगि ग्यूं । वे ज़माना मा दरवाज़ों पर तालु नि लगांद छे, बस बंद करीक चलि जांद छे। बीच मा दादा मील पर बात ही नी कैरि। बताण भि क्या छे। दादा भी भुखि वापस ऐ गे!
स्कूल हाफ टैम हुयूं छे। भूख से बेहाल। माता जी मुंड माँ एक थैला धर्यूं आंद दिखे गे। रोटी सब्जी बणै क लाईं छे।
दादा तै जब सब पता चल त द्वी चार ज़रूर जमै ह्वेली पर याद नी!
वे क बाद कभी झुंगारू क भात बणाणू क मौका नी मील।


Bhishma Kukreti

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कुमाउंनी शैली क  (पहाड़ी स्टाइलक)  च्यौ ( मशरूम)
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सुमीता प्रवीण
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चार मैसन लिजी
सौमान
एक पैकेट मशरूम
एक प्याजक दाण
एक चमच जीर
2 चमच ग्यों पिश्यूँ
2 चमच घरौक घ्यू
लूँण सवाद अनुसार
तरीक
च्यौ भली के ध्वे भेर द्वि टुकुड़ में काट ल्यो। लुआ भदै में घी खित भेर प्याज काट भेर भुन ल्यो। वी बाद 2 चमच ग्यों पिश्यूँ खित भेर भुन लियो लाल हुण जाणे। भड़ाया झन तभे असल सवाद आल। वी बाद मशरूम खित दियो।खूब भलीचार भुनया। जीर पिस भेर खितो, लूँण सवाद अनुसार खित भेर 15 मिनिट तक मिश्यूँण आग में पकावो। बिल्कुल च्यौ जस सवाद भात दगड़ी सपोडने लिजी तैयार छू।
नोट- मश्याल जतुक कम हुनी उतुक भल हुनी प्योर पहाड़ी व्यंजन।
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सुमीता प्रवीण
मुंबई


Bhishma Kukreti

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गढवाली शैली का पनीर पसंदा
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सरोज शर्मा सहारनपुर
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सामग्री
पनीर 250 ग्राम
1/2 इंच अदरक बारीक कटयूं
लासण 4 फोलि बरीक कटयू
प्याज एक बडु लम्बाई मा कटयू
टमाटर एक बडु छिलका हटै क
लम्बाई मा कटयू
लूण स्वादानुसार
तेल एक चम्मच बढ़ू
मर्च 1/4 चम्मच
गर्म मसाला 1/2 चम्मच
बणाण कु सगोर
कड़ै मा तेल गरम कैरिक
अदरक लासण भूनिक प्याज डालिक भूना
प्याज पारदर्शी ह्वै जा वै मा टमाटर डालिक भूनिक पकाव अब वै मा पनीर डालिक चलाव
गर्म मसाला मर्च लूण डालिक भूनिक
गैस बंद कैर दयाव।
परौठा या रवटि से खावा
सर्वाधिकार @  सरोज j शर्मा

Bhishma Kukreti

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सुबेरौ पौष्टिक कल्यो  गढ़वाली शैली की मकई रोटी /   मुंगरी रवटी/ रोटी
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अनिता ढौंडियाल कोटद्वार
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द्वी माबतूं
सामान
द्वि मुंगरी, द्वि हैरी मर्च, चुटकी भर हल्दी, लोण सवाद क हिसाब से
बणाणू सगोर
मुंगरी का दाणा निकाली मिक्सी मा बरीक पीस ल्या
दगड़ मा सब्या सामग्री भि पीस ल्या
घोल न गाड़ू होण चैंदु न ब भौत पथलू
नानस्टिक तवा गरम करा
एक छ्वटु चम्मच तेल डालिकि एक चुटकी जख्या डाला
अब द्वि बड़ा चम्मच घोल डालिकि आराम से फैलावा
चारों तरफ आदा चम्मच तेल डालिकि हैंकि तरफ़ फरकैकि अच्छी तरह सेका
ल्या ह्वेगी तैयार
मनपसंद चटनी दगड़ खावा
@अनिता ढौंडियाल


Bhishma Kukreti

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मिलौ भुजी बिरंजी।


उषा बिज्लवाण- देहरादून।
मन्खी २।
 समै- १/२ घन्टा।
सामग्री- चौंळ  १ कटोरी धुली अर भिगांई,
१/२ कटोरी बीन,
१/२ कटोरी न्यूट्रेला भिगांई,
१ आलू,
दै १ कटोरी कट्यूं,
१ बड़ू टमाटर कट्यूं ,
थौड़ा सा काजू बदाम, २
 हरीमिर्च कटीं, १
प्याज़ मोटृ कट्यूं,
थौड़ा हरू धणिया कट्यूं,
लोण स्वाद से
१ चम्मच धणिया पौडर
, १/२ चम्मच हल्दी,
१/२ चम्मच जीरु,
 २ बड़ी ईलाइची,
१ टुकड़ा दाल चीनी,
२ तेज पता
घ्यू १/२ कटोरी।
बणोणक सगोर/ रेसिपी - गैस खोलीक कढै रखा घ्यू डाला , सब तड़का कु सामान डाला अब प्याज़ डाला जब तक प्याज़ भुनेदान तब तक चौल पर २ सीटी मरावा अब कढै म प्याज दगड़ी सब भुजी डाला भुना लसण आदा कु पेस्ट डाला अब टमाटर डाला और भुना मसाला अर लोण डाला भुना अब पकाया चौंल डाला थोड़ा और भुना हरा धणिया से सजा तैयार छ पुलाव दै या रैता अर सलाद दगड़ी परोसा
सर्वाधिकार @ उषा बिजल्वण

Bhishma Kukreti

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गींठीक साग ( असल सवाद कुमाउक)
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सुमीता प्रवीण
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चार मैशने लिजी
सौमान
गेठी 500 ग्राम
एक ठुल ढाढ़ सरसोंक तेल
एक पुर गांठ लासनक
एक प्याजक दाण
एक चमच गरम मश्याल
नमक, हल्द, धणी, जीर सवाद अनुसारेल
तरीक
गेठी कें काट लियो (उमाव भेर ले कर सकछा) लुआ कढै में
तेल गरम कभेर प्याज कें लाल हुण जाणे भुन्या। वी बाद मश्याल पिस भेर भलीके भुनो। अब कटी हुई गेठी डाल भेर मश्याल दगड़ी भुनो। थोड़ देर भुनते रया। बाद में पाणी खित भेर। ढाक लगा दियो। 10 मिनट बाद (उमावि गेठी) 20 मिनट बाद कटी हुई गेठी पैक जाल।
नोट- कैंसर, कब्ज, अल्सर, बवासीर लिजी रामबाण छू गेठी। पुराण खाँश हो, या शुगर हवो वी लिजी लाभदायक हुन्छ। स्वादिष्ट गेठीक तासीर गरम हुन्छ। ये लिजी जादातर जाड़न में खई जान्छ।
सुमीता प्रवीण
मुंबई


Bhishma Kukreti

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सफेद चाणा, अंकुरित मूंग दाल कु नाश्ता
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सरोज शर्मा सहारनपुर
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द्वी मनिखयूं खुण
एक छवटि कटवरि चाणा
लूण डालिक उबलया
एक छवटि कटवरि
मूंग दाल अंकुरित एक छवटि कटवरि
एक टमाटर बरीक कटयू
प्याज एक बरीक कटयू
खीरा छवछु सी बरीक कटयू
अल्लु एक उबालिक बरीक कटयू
अदरक एक इंच बरीक कटयू
सबया सामग्री एक खुला भांड मा डालिक
लाल मर्च ,और कालु लूण स्वादानुसार
कालि मर्च बुरकी क निम्बू निचोड़िक खूब मिलाव
ह्वै गे तैयार, सुबेर क नाश्ता बस, ये थै ही बणावा
फिटनेस कू बड़िया च।


 

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