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House Wood carving Art /Ornamentation Uttarakhand ; उत्तराखंड में भवन काष्ठ कल
Bhishma Kukreti:
गंगी ( घनसाली , टिहरी ) के एक भवन में पारम्परिक गढवाली शैली की काष्ठ कला, अलकंरण, उत्कीर्णन, अंकन
Traditional House Wood Carving Art of, Gangi , Tehri
गढ़वाल, कुमाऊँ, भवनों (तिबारी, जंगलेदार निमदारी, बाखली, खोली, मोरी, कोटिबनाल ) में पारम्परिक गढवाली शैली की काष्ठ कला, अलकंरण, उत्कीर्णन, अंकन- 510
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संकलन - भीष्म कुकरेती
टिहरी के सीमान्त गाँव गंगी गाँव से काष्ठ युक्त कुछ भवनों की सूचना मिली है। आज शिव सिंह रौथाण द्वारा भेजी सूचना पर चर्चा होगी।
गंगी गाँव का प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। पहले तल में तिबारी नुमा संरचना स्थापित है। इस तिबारी में तीन सिंगाड़ ( स्तम्भ ) दृष्टिगोचर हो रहे हैं। प्रत्येल सिंगाड़ की कला कृति आम गढ़वाली तिबारी सिंगाड़ /स्तम्भ में कलाकृति जैसे है - अधोगामी कमल दल , ड्यूल व फिर उर्घ्वगामी पद्म दल व ऊपर पुनः दोहराव। ऊपरी उर्घ्वगामी पद्म दल के ऊपर स्तम्भ थांत आकृति लिए है। शीर्ष में तोरणम (मेहराब ) स्थापित हैं। तोरणम के स्कन्धों में बेलबूटों का अंकन हुआ है। ऊपर चौखट शीर्ष की कड़ी में भी अंकन हुआ है। शीर्ष में दीवारगीर भी हैं।
काष्ठ कला व अंकन उत्कृष्ट प्रकार का है। प्राकृतिक व ज्यामितीय अलंकरण का उदाहरण इस भवन में मिलता है।
सूचना व फोटो आभार: शिव सिंह रौथाण
यह आलेख कला संबंधित है , मिलकियत संबंधी नही है I भौगोलिक स्तिथि और व भागीदारों के नामों में त्रुटि संभव है I
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020
गढ़वाल, कुमाऊं , देहरादून , हरिद्वार , उत्तराखंड , हिमालय की पारम्परिक भवन (तिबारी, जंगलेदार निमदारी , बाखली , खोली , मोरी कोटि बनाल ) काष्ठ कला , अलकंरण , अंकन लोक कला घनसाली तहसील टिहरी गढवाल में पारम्परिक भवन काष्ठ कला ; टिहरी तहसील टिहरी गढवाल में भवन काष्ठ कला , ; धनौल्टी, टिहरी गढवाल में पारम्परिक भवन काष्ठ कला, लकड़ी नक्काशी ; जाखणी तहसील टिहरी गढवाल में भवन काष्ठ कला; प्रताप नगर तहसील टिहरी गढवाल में भवन काष्ठ कला, नक्काशी ; देव प्रयाग तहसील टिहरी गढवाल में भवन काष्ठ कला, ; Traditional House Wood carving Art from Tehri;
Bhishma Kukreti:
नेलंग (हरसिल , उत्तरकाशी ) के भवन ११ में काष्ठ कला
Traditional House wood Carving Art in Nelong , Harsil , Uttarkashi
गढ़वाल, कुमाऊँ , के भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , कोटि बनाल ) में पारम्पपरिक गढवाली शैली की काष्ठ कला, अलकंरण, अंकन उत्कीर्णन - 511
संकलन - भीष्म कुकरेती
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नेलंग (हरसिल , उत्तरकाशी ) से कई भवनों की सूचनाएं मिली हैं। आज नेलांग के भवन संख्या ११ की काष्ठ कला पर चर्चा होगी। नेलंग का प्रस्तुत भवन दुपुर या ढाई पुर है व दुखंड है। प्रस्तुत भवनपर बालकोनी पहले मंजिल पर है व बालकोनी को तख्तों से ढका गया है। सभी तख्ते सपाट , आकर्षक व ज्यामितीय कटान से निर्मित हैं।
बालकोनी में काष्ठ कला आदि कालीन कला का उदाहरण है जबकि भवन वर्तमान का है।
सूचना व फोटो आभार : नेलंग डॉट कौम (राणा जी )
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत हेतु . भौगोलिक , मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020
Traditional House Wood Carving Art (Tibari, Nimdari, Bakkhali, Mori) of Bhatwari, Uttarkashi Garhwal, Uttarakhand ; Traditional House Wood Carving Art (Tibari, Nimdari, Bakhali, Mori) of Rajgarhi, Uttarkashi, Garhwal, Uttarakhand; Traditional House Wood Carving Art (Tibari, Nimdari, Bakkhali, Mori) of Dunda, Uttarkashi, Garhwal, Uttarakhand ; Traditional House Wood Carving Art (Tibari, Nimdari, Bakhali, Mori) of Chiniysaur, Uttarkashi , Garhwal , Uttarakhand ; पारम्परिक उत्तरकाशी मकान काष्ठ कला, अलकंरण- अंकन , भटवाडी मकान , पारम्परिक , रायगढी उत्तरकाशी मकान काष्ठ कला, अलकंरण- अंकन, चिनियासौड़ पारम्परिक उत्तरकाशी मकान काष्ठ कला, अलकंरण- अंकन श्रृंखला जारी
Bhishma Kukreti:
हरिद्वार की प्राचीन हवेली में भवन काष्ठ कला
Traditional House Wood Carving Art of a House in , Haridwar
उत्तराखंड, के भवनों ( बाखली,तिबारी , निमदारी,जंगलेदार मकान,खोली,कोटि बना ) में 'काठ कुर्याणौ ब्यूंत' की काष्ठ कला अलंकरण अंकन - 513
संकलन - भीष्म कुकरेती
हरिद्वार में देहरादून व उधम सिंह नगर जैसे ही भवन निर्माण में तब्दीलियां आयीं व प्राचीन भवनों की कोई सूचना अब नहीं मिलती हैं। कभी कभार सोशल मीडिया के सदस्य फोटो साझा कर देते हैं। ऐसे ही ब्रिटिश काल में निर्मित हवेली का छायाचित्र की सूचना मिली। हवेली कई तरह की भित्ति चित्र व चित्रांकनों हेतु प्रसिद्ध है।
हवेली की कला पर चर्चा आवश्यक है। चूँकि यह लेखक भवन काष्ठ कला में ही सीमित है तो इस प्राचीन भवन की काष्ठ कला पर ही चर्चा होगी।
भवन में खड़कियों के बाहर के स्तम्भ लकड़ी या पेरिस प्लास्टिक के हैं की सूचना नहीं है। कला दृष्टि में ये स्तम्भ आम गढ़वाली तिबारियों के स्तम्भों जैसे ही हैं। अर्थात आधार में अधोगामी पद्म पुष्प दल , मध्य में ड्यूल व ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल व ऊपर पुनः इनका दोहराव है।
खड़िकियों के स्तम्भों के मध्य तोरणम /मेहराब /Arch निर्मित हैं। निम्न तोरणम जो लकड़ी का लगता है में स्कन्धों में बिलकुल गढ़वाली तिबारियों के तोरणम स्कंध जैसे ही सूरज मुखी पुष्प उत्कीर्ण हुए हैं। खिड़की के छाजों /झरोखों के नीचे ज्यामितीय कटान के तख्तों से ढके हैं। खड़कियन के मध्य प्लेट भी सपाट लकड़ी के ही हैं।
आश्चर्य कि इस ओर कोई मूर्ति , देव मूर्ति नहीं दिखाई दे रही है।
सूचना व फोटो आभार: अरविन्द शर्मा
यह आलेख कला संबंधित है , मिलकियत संबंधी नही है I भौगोलिक स्तिथि और व भागीदारों के नामों में त्रुटि संभव है I
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020
Bhishma Kukreti:
नैनीताल के एक भवन में कुमाऊं शैली की काष्ठ कलाअंकन,अलंकरण, उत्कीर्णन
Traditional House Wood Carving Art in Nainital;
कुमाऊँ, गढ़वाल, केभवन ( बाखली,तिबारी,निमदारी, जंगलादार मकान, खोली, ) में कुमाऊं शैली की काष्ठ कलाअंकन,अलंकरण, उत्कीर्णन - 514
संकलन - भीष्म कुकरेती
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नैनीताल जनपद से कई काष्ठ कला युक्त भवनों की अच्छी संख्या में सूचना मिली हैं। आज इसी क्रम में नैनीताल के एक भवन में काष्ठ कला की चर्चा होगी।
प्रस्तुत भवन बाखली शैली का दुपुर व दुखंड भवन है जो बाखली से बहुत छोटा है। काष्ठ कला विश्लेषण हेतु निम्न भागों पर ध्यान देना है।
भवन के तल मंजिल में दो कक्षों के द्वारों में काष्ठ कला है। द्वारों के स्तम्भ के आधार में उलटे कमल दल , ऊपर ड्यूल व ऊपर सीधे कमल दल का अंकन हुआ है व पुनः ऊपर इसका दोहराव हुआ है। कक्ष के ऊपर कोई तोरणम नहीं है अपितु मथिण्ड /मुरिन्ड /शीर्ष सपाट कड़ी से निर्मित हुआ है।
खोली प्रथम तल से पहली मंजिल तक है व खोली के सभी स्तम्भों में विवरण किये कक्षों के स्तम्भों जैसे ही कलयुक्त हैं। इसी तरह भवन के छाजों के स्तम्भों में काष्ठ कला प्रदर्शित हो रही हैं।
खोली व पहले मंजिल में दो छाजों के शीर्ष में एक ही प्रकार की कला वाले तोरणम /मेहराब निर्मित हैं। तोरणमों में प्राकृतिक अलंकृत उत्कीर्णन हुआ है किन्तु छायाचित्र में ठीक से दृष्टिगोचर नहीं हो रहा है।
निष्कर्ष निकलता है नैनीताल के प्रस्तुत भवन में ज्यामितीय कटान व प्राकृतिक अंकरण की काष्ठ कला विद्यमान है। काष्ठ उत्कीर्णन उत्कृष्ट व महीन है।
सूचना व फोटो आभार: सुमन जोशी
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी। . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021
Bhishma Kukreti:
अल्मोड़ा के भवन संख्या १५ के द्वार में काष्ठ कला
Traditional House Wood Carving art in , Almora, Kumaon
कुमाऊँ ,गढ़वाल, के भवन में ( बाखली ,तिबारी, निमदारी ,जंगलादार मकान खोली, कोटि बनाल ) कुमाऊं की ' काष्ठ कला अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन -515
संकलन - भीष्म कुकरेती
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प्रस्तुत अल्मोड़ा के भवन संख्या का द्वार ब्रिटिश काल में उत्तराखंड का आम द्वारों का स्मरण दिलाता है। प्रस्तुत द्वार भवन के तल मंजिल के कक्ष का द्वार है। दोनों द्वारों में ज्यामितीय कटान के सपाट कड़ियों व (पटिलों ) तख्तों का प्रयोग हुआ है।
इस तरह पाते हैं कि अल्मोड़ा बजार में प्राप्त भवन संख्या १४ के द्वार में ज्यामितीय कटान की कला विद्यमान है।
सूचना व फोटो आभार : गजेंद्र बिष्ट संग्रह
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी। . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020
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