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Do you think traveling in hill buses are safe & comfort ?

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Author Topic: Increasing Road Accidents In Uttarakhand - उत्तराखंड मे बढ़ती सड़क दुर्घटनायें  (Read 35770 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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14 killed, nine injured in Uttarakhand accident
Dehradun (PTI): At least 14 people were killed and nine injured when a bus in which they were travelling fell into a gorge in Uttarakhand's Pauri district on Friday. The bus was going to Satpuli area from Sankhnikhet in the district when the mishap occurred at Datpul, officials said. The injured were shifted to the nearby Kotdwar hospital where the condition of two of them is stated to be serious.

The exact cause of the accident was not known. Chief Minister B C Khanduri has expressed grief over the accident and ordered a magisterial inquiry. He has also directed the district administration to give an ex-gratia of Rs 50,000 to the next of kin of the deceased, Rs 25,000 to those critically injured and Rs 5,000 to those with minor injuries.

This is the second such incident within a week. Last week, 13 people were killed in a road accident in Nainital district. According to official statistics, 246 people have so far died and 497 injured this year in road accidents in the hill state

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बेकाबू बस पेड़ से टकरायी, 20 मरेJul 04, 02:00 am

कालाढूंगी (नैनीताल)। गड़प्पू बैरियर के पास बेकाबू बस पेड़ से टकरा गयी। हादसे में 20 यात्रियों की मौत हो गयी और 30 लोग घायल हो गए। दुर्घटना इतनी जबर्दस्त थी, कि तेज आवाज के साथ बस के परखच्चे उड़ गये। मृतकों में अधिकांश नैनीताल व ऊधमसिंह नगर जिले के रहने वाले हैं। दुर्घटना का कारण बस की तूफानी गति माना जा रहा है। जिलाधिकारी ने दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिये गये हैं। साथ ही मृतकों के परिजनों को 50 हजार व घायलों को 25 हजार मुआवजा देने की घोषणा की है।

प्राइवेट बस यूए 04-0397 गुरुवार दोपहर हल्द्वानी से काशीपुर के लिए रवाना हुई। बस में 50 से अधिक यात्री सवार थे। गड़प्पू बैरियर के पास गति तेज होने के कारण चालक संतुलन खो बैठा और बस सड़क के दायीं ओर पेड़ से टकरा गयी। तेज आवाज हुई और बस के कई टुकड़े होकर इधर-उधर बिखर गये। दुर्घटना होते ही वहां आसपास के लोगों की भीड़ लग गयी। इसी बीच कालाढूंगी व बाजपुर पुलिस भी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गयी। उन्होंने बस से लहूलुहान यात्रियों को निकाला। इनमें 15 लोगों की मौत हो चुकी थी। दुर्घटना में घायल तीन को बाजपुर व बाकी 27 लोगों को हल्द्वानी भेजा गया। मृतकों में चार लोगों की मौके पर ही शिनाख्त हो गई। इनमें बरहेनी निवासी हरीश जोशी पुत्र शिवदत्त, हरसान के देव सिंह नेगी पुत्र नैन सिंह, धनुपुर(ऊधमसिंह नगर) के सिमला पत्नी सुभाष,बाजपुर (ऊधमसिंह नगर) लाड़ी सिंह पुत्र सुच्चे मिस्त्री शामिल हैं। सभी मृतकों के शवों को कालाढूंगी स्वास्थ्य केन्द्र भेज दिया गया। इधर, पांच घायलों ने हल्द्वानी बेस अस्पताल में दम तोड़ दिया। कालाढूंगी स्वास्थ्य केन्द्र में देर शाम 14 और मृतकों की शिनाख्त कर ली गई। दुर्घटनास्थल का जिलाधिकारी अमित नेगी, एसएसपी जीएस मर्तोलिया, एएसपी मुकेश चौहान, आरटीओ एसके सिंह ने दौरा किया। जिलाधिकारी श्री नेगी ने बताया कि दुर्घटना के मजिस्ट्रियल जांच करायी जायेगी। मृतकों के आश्रितों को 50 हजार व घायलों को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा दिया जायेगा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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There is no stop on accident in road Uttarkahand.

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20 killed, 28 injured in bus mishap in Uttarakhand

DEHRADUN: Twenty people, including four women, were killed and 28 injured when the bus carrying them rammed into a tree at Gadappu area of Nainital district said.

The incident comes a day after 13 people lost their lives in a road accident in Uttarkashi district.

The bus, carrying nearly 48 passengers, was going to Kashipur from Haldwani when the mishap occurred, Nainital SSP G S Mortolia said.

While 15 people were killed on the spot, five succumbed to injuries in the hospital, he said.

The condition of some of the injured admitted in the hospital is stated to be critical. Mortolia said four children miraculously escaped unhurt.

The mishap apparently occurred when the front tyre of the bus burst and the vehicle lost balance. The impact of the collision was so high that bus broke into two pieces, Mortolia said.

Nearly 300 people have so far been killed and over 500 people injured this year in road accidents in different parts of the hill state.


http://timesofindia.indiatimes.com/India/20_killed_28_injured_in_bus_mishap_in_Uttarakhand/articleshow/3193773.cms

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बस गंगा में गिरी 13 की मौत, 36घायलJul 03, 12:59 am

उत्तरकाशी। गंगोत्री से हरिद्वार जा रही टीजीएमओ (टिहरी गढ़वाल मोटर्स ओनर्स)की एक बस उत्तरकाशी से 11 किमी दूर नाकुरी-अठाली के पास अगला टायर फटने से गंगा नदी में जा गिरी। इस हादसे मे 13 लोगों की मौत हो गई। सभी के शव भी बरामद हो गए हैं। मृतकों में तीन महिलाएं व दस पुरुष शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इतने ही लोग गंगा की तेज धारा में बह गए। इसके अलावा 36 घायल यात्रियों को जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया। बाद में गंभीर रूप से घायल चार लोगों को देहरादून रेफर कर दिया गया। देर शाम तक मृतकों में से एक युवक की ही शिनाख्त हो पाई थी।

घटनाक्रम के अनुसार बुधवार को गंगोत्री से हरिद्वार जा रही टीजीएमओ की बस संख्या यूपी 10-4750 उत्तरकाशी से 11 किमी की दूरी पर लगभग पौने बारह बजे नाकुरी अठाली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बताया गया कि तेज गति से आ रही बस टायर फटने से अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी और गिरते ही बस के परखच्चे उड़ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बस गिरते ही कुछ यात्री गंगा की तेज धारा में बह गए जिसमें कई लोगों के लापता होने की खबर है। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। मृतकों में कमल वर्मा पुत्र बलंवत वर्मा निवासी सेक्टर 23 बी-चंडीगढ़ की शिनाख्त हुई है। देर शाम तक अन्य मृतकों की शिनाख्त के प्रयास जारी थे। जिला अस्पताल में घायल सत्ते सिंह तड़ियाल ने बताया कि बस में तकरीबन 58 लोग सवार थे। घायलों में सत्ते सिंह तड़ियाल (50) निवासी उत्तरकाशी, लीला राम जिला झुंझनू राजस्थान, हरिओम बाबा (32) चीड़वासा गंगोत्री, संजीव कुमार (19) मुजफ्फरनगर (उप्र), हरिकृष्ण राणा (24) मुगलसराय(उप्र), अणची देवी (45) राजस्थान, कलन सिंह (21)नेपाल, प्रदीप कुमार (22) मेरठ, उमा चतुरीनीकर (60) उड़पुरी (कर्नाटक), विजय डोभाल (22) नई टिहरी, सीता राम (50)बहराइच (उप्र), सोहन सिंह (32) डोईवाला देहरादून, पिंकू (26) सतमाऊ उन्नाव (उप्र),ओम प्रकाश (40) किरावल (नई दिल्ली), श्रीमती प्रकाशी (30) नई टिहरी, लोकेन्द्र (30)कुमार खोला ब्रह्माखाल (उत्तरकाशी), नवीन कुडि़याल (36) मातली (उत्तरकाशी), दयानन्द (45) कुड़पुरी (कर्नाटक), मदन सरदार (25) पितामोली (झारखंड), सकिला सेट्ठी मैगलों (कर्नाटक),मंगल किशकू (23) थाना मुसासी (झारखंड), अरविन्द (22) सिवाल खास (मेरठ), लीला राम (30) जिला देवतिया खेतरी (राजस्थान), निर्मला (42) नई टिहरी, कर्ण बहादुर (42)नेपाल, श्याम सुन्दर (55) बीकानेर (राजस्थान) कुवंर सिंह (58) ऋषिकेश, गुरूदास आचार्य चंड़ीगढ, आदि शामिल है। मुख्यमंत्री भुवचंद्र खंडूड़ी ने नाकुरी के पास हुई बस दुर्घटना पर दु:ख जताते मृतकों के प्रति शोक जताया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। जिलाधिकारी आर मीनाक्षी सुन्दरम ने बताया कि दुर्घटना की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि घायलों के उपचार में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए। सीएम ने मृतकों के आश्रितों को पचास-पचास हजार गंभीर घायलों के लिए बीस-बीस व मामूली घायलों के लिए पांच-पांच हजार रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

पंकज सिंह महर

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राज्य में बस दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकार की तमाम तैयारियों व दावों के बावजूद सार्वजनिक वाहनों का दुर्घटनाग्रस्त होना जारी है। दुर्घटनाएं ही अपने में साबित करती हैं कि व्यवस्था में कहीं न कहीं खोट है। यह विभागीय स्तर पर हो सकता है और संचालकों के स्तर पर भी, लेकिन यह तय है कि वे लोग निर्दोष ही होते हैं जो दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं। यात्रा सीजन के दौरान दुर्घटनाओं की तादाद बढ़ जाती है। इसका कारण ट्रेफिक लोड बढ़ जाना व मानसून के कारण भू-क्षरण होना भी है। दोनों कारणों को रोक पाना हालांकि शासन के बस में नहीं है, लेकिन मजबूत इच्छाशक्ति के बल पर दुर्घटनाओं की संख्या काफी कम की जा सकती है। होता यह है कि प्रदेश सरकार हर साल यात्रा सीजन में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई स्तरों पर बैठकों का आयोजन कर जो व्यवस्था बनाती है, इच्छाशक्ति के अभाव के कारण उसे पूरी तरह से लागू नही कर पाती। पुलिस व परिवहन विभाग, जिन्हें व्यवस्थाओं को लागू करना होता है, वे उसमें पूरी नाकाम होते आए हैं और सरकार की मजबूरी यह है कि व्यवस्था को लागू कराने में इन्हीं पर आश्रित रहना है। दोनों विभागों के कारिदों का ध्यान व प्राथमिकता नियमों का अनुपालन से ज्यादा किसी तरह काम चलाने वाली रही है। ज्यादातर मामलों में यही कामचलाऊ रवैया घातक सिद्ध होता है। यात्रा के प्रारंभ में होने वाली फिटनेस चेकिंग भी महज रस्म अदायगी जैसी बन गई है। अनफिट बसों के दूर्गम मार्गो पर जाने के कारण भी दुर्घटनाएं हो रही हैं। दुर्घटना के बाद जिम्मेदार अधिकारियों व संचालकों के खिलाफ कार्रवाई न होना भी इस लापरवाही को बढावा देता है। हालांकि कुछ दुर्घटनाएं मानवीय भूल या प्राकृतिक आपदाओं का नतीजा भी होती हंै, लेकिन ज्यादातर दुर्घटनाओं को बनाई गई व्यवस्था को लागू कर देने भर से रोका जा सकता है।
 


साभार- संपादकीय, दैनिक जागरण, देहरादून

पंकज सिंह महर

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कालाढूंगी बस दुर्घटना
« Reply #65 on: July 04, 2008, 01:09:16 PM »
कालाढुंगी के पास गुरुवार अपराह्न तेज रफ्तार निजी बस की बेकाबू होकर पेड़ से टकरा जाने से ऐसी हालत हो गयी। यह बस हल्द्वानी से काशीपुर के लिए रवाना हुई थी। 


पंकज सिंह महर

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मृतक

 1. हाजी मोहम्मद पुत्र महमूद खान, 48 साल, इन्द्रानगर हल्द्वानी 2. शमशाद 50 साल, मुरादाबाद 3. नन्हे पुत्र टी खान, 40 साल, इन्द्रानगर हल्द्वानी 4. परिचालक विरेन्द्र, काशीपुर उधम सिंह नगर 5. अज्ञात 6. अतीक अहमद पुत्र रहीस अहमद मीरगंज बरेली 7. राजपाल मैनी पुत्र बलवंत मैनी आलापुर, बाजपुर उधम सिंह नगर 8. गुरदीप सिंह लाड़ी पुत्र सुच्चा सिंह बाजपुर उधम सिंह नगर 9. हरीश जोशी पुत्र स्वर्गीय शिव दत्त जोशी 10. तारा दत्त पुत्र रमेश दत्त बाजपुर उधम सिंह नगर 11. शिमला देवी पत्‍‌नी सुभाष धनपुर चूनाखान 12. देव सिंह नेगी हरीपुरा हरसान 13. राजेन्द्री देवी पत्‍‌नी स्वर्गीय प्रेम सिंह, चकरपुर बाजपुर उधम सिंह नगर 14. अली अहमद पुत्र जमील अहमद स्वार रामपुर 15. सुंदर भंडारी पुत्र खुशाल भंडारी हरीपुरा हरसान 16. दिलवरी पत्‍‌नी असलम स्वार रामपुर 17. अब्दुल रहमान पुत्र अब्दुला टांडा रामपुर 18. मक्खन सिंह पुत्र उमराव सिंह सुल्तानपुर पट्टी 19. अज्ञात बालिका 12 साल 20. इनाम अली पुत्र मुशर्रफ

घायल

 1.लवी पुत्र नन्हे सिंह (20 साल), निवासी रामपुर 2.अज्ञात 20 साल 3.अज्ञात 20 साल 4.अज्ञात 30 साल 5.रवीना पुत्री कल्लन सिंह 19 साल धमोला 6.आसिफ पुत्र अब्दुल वाहिद 7.कंवलजीत सिंह पुत्र बाबू, 16 साल, हल्द्वानी 8.प्रियांशु दो साल 9.मोनू दो साल 10.साजिद पुत्र अहमद हुसैन, 32 विकासपुर रामपुर 11.मो. अशरफ पुत्र अनवर हुसैन 30 साल, कालाढूंगी नैनीताल 12.आर्यन 13.किरन पुत्री जागेश्र्वर सिंह, एक साल बरहनी उधम सिंह नगर 14.नेहा 15.कलावती पत्‍‌नी मधुवन, 30 साल गूलरभोज उधम सिंह नगर 16.शीला देवी पत्‍‌नी जोगेश्र्वर सिंह, 35 साल बरहनी उधम सिंह नगर 17.इकरार बाजपुर से एसटीएच रेफर 18. मुशर्रफ 19.रईस पुत्र सलीम, 30 साल, रामपुर 20.बिशन कुमान पुत्र कल्लन सिंह, 22 साल रामपुर 21.शादाब पुत्र मो. रफी, रामपुर 22.मो. हसन पुत्र मो. अहमद लखीमपुर खीरी 23.नासिर 19 साल रामपुर हल्द्वानी 24. नौसार 21 साल इन्द्रानगर हल्द्वानी 25. अंश 6 साल रामनगर नैनीताल 26. सिमरनजीत कौर 8 साल रामनगर नैनीताल 27. फूलमियां 21 साल इन्द्रानगर हल्द्वानी

अपनों को तलाशतीं नजरें: कालाढुंगी के पास बस दुर्घटना में मारे गए लोगों को पहचानने की कोशिश करते परिजन। अपने अजीज की लाश देख बिलख उठी महिला।

 

पंकज सिंह महर

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हल्द्वानी: बस दुर्घटना ने गुरुवार को 20 लोगों की जिंदगी छीन ली। जबकि 30 जिंदगी व मौत से जूझ रहे हैं। दुर्घटना के कारणों को लेकर कई प्रकार के कयास लगाये जा रहे हैं। जिसमें कोई चालक के मोबाइल पर बात करना बता रहा है, तो कोई ओवर स्पीड व पंचर होने की बात कर रहा है। दुर्घटना के बाद बस के जिस तरह परखच्चे उड़े हैं, उससे यह तो जाहिर है कि बस बेहद तेज गति से चल रही है। क्योंकि आम तौर पर बस में आगे बैठने वाले यात्री ही लहूलुहान होते हैं, लेकिन इसमें पिछली सीट तक उखड़कर हवा में झूल गयी। तेज गति के साथ दूसरे ऐसे कौन से कारण रहे, कि बस पेड़ से टकरा गयी। इसे लेकर अधिकारी भी एक राय नहीं है। जिलाधिकारी अमित नेगी का कहना है कि घायल यात्रियों ने पूछताछ में बस का टायर फटना बताया है। अलबत्ता वास्तविक कारण जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। दुर्घटना के वक्त आसपास मौजूद लोग भी तेज आवाज होने की बात बता रहे हैं, पर वह इस आवाज को पेड़ से टकराने की मान रहे हैं। इसके अलावा आरटीओ एसके सिंह यात्रियों के हवाले से बताते हैं, कि चालक मोबाइल पर बात कर रहा था। इसकारण संतुलन गड़बड़ा गया। कालाढूंगी थानाध्यक्ष ने जांच में बस की कमानी को टूटी पाया। उन्हें सीओ ने जांच के लिए भेजा था। एक अन्य अधिकारी का कहना है कि बस के तेज गति में ओवर टेक करने के कारण यह दुर्घटना हुई है। इसके अलावा लोग कारण बस के बेहद पुरानी होने को भी मान रहे हैं। उनका कहना है कि बस खस्ताहाल थी, इसलिए तेज गति में संतुलन बिगड़ गया।
 

पंकज सिंह महर

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हल्द्वानी : ओ ईजा कस अंधेर है ग्यो, हमार मुलुक कें कैक नजर लागि गै..। बेस अस्पताल में अपने परिजनों का हाल चाल जानने आई महिलाओं के मुख से बार-बार ऐसे ही शब्द निकल रहे थे। महिलाएं जब मृतकों एवं घायलों परिजनों के आंसू देखती तो उनकी आंखों से भी आंसू जार-जार हो गिर पड़ते। सिसकियों में बात कहते लोगों के मन में करूणा एवं दया के भाव जाग रहे थे। रोज-रोज हो रही दुर्घटनाओं में असमय हो रही मौतों से यहां हर कोई व्यथित नजर आया। इन दुर्घटनाओं में किसी का सिंदूर मिट रहा है, तो किसी के हिस्से आंचल में पली-बढ़ी संतान को खोने का गम। लोग माता-पिता, बेटा, भाई बहिन के प्यार से समय से पहले ही महरूम हो रहे हैं। आज मरीजों तक की आंखे इस हृदयविदारक घटना को देखकर छलछला रही थी। अपनी चिंता छोड़ वे घायलों के लिए बैड छोड़ने तक को तैयार दिखे। मानवता के लिए मर मिटने वाले राज्य वासियों पर पिछले दो माह से दुर्घटनाएं भयंकर कहर बरपा रही हैं।
 


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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During last month, there have been many tragic road accidents in various part of Uttarakhand. In some cases, it has been come into the light that safety rules flouted by the bus operators. A old tyre was put which burst in bus running condition.


I take this opportunity to share an incident with you and where the Driver of UK Roadway was found fully under the influence of liquor last where. 2-3 hit the front vehicle was avoided from Ghaziabad to Muradabad.  After a lot resistance from the commuters, finally the Driver drove the bus slowly there was no alternative driver in the bus.

There are many such factors which needs to be looked into and strict safety rules are required to be implemented sot that innocent do not lose their lives in such road accidents.


हल्द्वानी : ओ ईजा कस अंधेर है ग्यो, हमार मुलुक कें कैक नजर लागि गै..। बेस अस्पताल में अपने परिजनों का हाल चाल जानने आई महिलाओं के मुख से बार-बार ऐसे ही शब्द निकल रहे थे। महिलाएं जब मृतकों एवं घायलों परिजनों के आंसू देखती तो उनकी आंखों से भी आंसू जार-जार हो गिर पड़ते। सिसकियों में बात कहते लोगों के मन में करूणा एवं दया के भाव जाग रहे थे। रोज-रोज हो रही दुर्घटनाओं में असमय हो रही मौतों से यहां हर कोई व्यथित नजर आया। इन दुर्घटनाओं में किसी का सिंदूर मिट रहा है, तो किसी के हिस्से आंचल में पली-बढ़ी संतान को खोने का गम। लोग माता-पिता, बेटा, भाई बहिन के प्यार से समय से पहले ही महरूम हो रहे हैं। आज मरीजों तक की आंखे इस हृदयविदारक घटना को देखकर छलछला रही थी। अपनी चिंता छोड़ वे घायलों के लिए बैड छोड़ने तक को तैयार दिखे। मानवता के लिए मर मिटने वाले राज्य वासियों पर पिछले दो माह से दुर्घटनाएं भयंकर कहर बरपा रही हैं।
 



 

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