सेवामे,
विषय: 23 मार्च- 2014 से मलेथा - गैरसैण पद यात्रा को लेकर सहभागिता व आमंत्रण हेतु I
महोदय/महोदया,
विगत कई वर्षों से हिमालय बचाओ आन्दोलन व अन्य संगठन द्वारा हिमालय के विभन्न मुद्दों पर अनेक गोष्ठी व गहन विचार विमर्श करते आयी है I जल, जंगल, जमीन के सवाल व हक हकूको को लेकर अनेक प्रस्ताव आये हैं, जिसमे प्राथमिकता के तौर पर ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है I आप सभी अपने-अपने माध्यम से पहले ही इस तरफ अग्रसर है I इस सामाजिक अभियान को मजबूती प्रदान करने हेतु 2013 के 3 मई से 18 मई तक युवाओं द्वारा शिवपुरी से मलेथा तक प्रथम चरण की 16 दिवसीय पद यात्रा की थी I
इस पद यात्रा के दौरान उन गाँव का भ्रमण किया गया जो सड़क से लगभग बहुत दूर है और जहाँ विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग कर या स्थानीय रोजगार में माध्यमो को सृजित किया गया है I यात्रा के दौरान विकास के नाम पर प्राकृतिक सम्पदा के दोहन के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी गयी थी व इससे उत्पन्न होने वाले गंभीर परिणाम को लेके सचेत किया गया, जिसका यथार्थ पद यात्रा के एक माह पश्च्यात 16 जून, 2013 को आयी भीषण आपदा में देखने को मिला, जिसे हम प्राकृतिक आपदा की संज्ञा दे रहे है वो असल में मानव जनित आपदा थी I
यात्रा के पश्च्यात विकास को हमने : सर्वागीण विकास - “स्थानीय संसाधनों का प्रयोग, स्थानीय जनता द्वारा, स्थानीय जनता के लिए” से व्याख्या की I प्रथम पद यात्रा के दौरान हमनें निम्न परिक्षेत्र का भ्रमण किया और आंकलन किया :
1. गाँव जो सड़क या अन्य प्रकार के यातायात से दूर थे लेकिन इन इलाकों में जल था I अपने पौराणिक तरीके के खेती के माध्यम से वे अपनी आजीविका के श्रोत के जन्मदाता थे I सम्पन्नता व शालीनता और संस्कृती का प्राय: ये गाँव सिर्फ शिक्षा के गिरते स्तर व चिकित्सा सुविधा का आभाव को गाँव की जरुरत मानते है I
2. गाँव जो सड़क के करीब हैं, जल भी है, खेती भी भरपूर है, पलायन भी है (गाँव से सडक की तरफ) लेकिन यहाँ खेती नेपालियों की मेहनत पर आश्रित है I खनन का भी यहाँ बोल बाला है लेकिन जन संघर्ष के सामने वो घुटने टेकता है I
3. गाँव जो सड़क से जुड़े तो है लेकिन जल नहीं है; अपितु पीने के पानी तक की उपलब्धिता नहीं है I दिन दोपहर शराब का प्रचलन, बिजली के हाई टेंशन पॉवर लाइन से खेती नष्ट होती, शराब की दूकान का आवंटन महिलाओं के नाम, मनरेगा के माध्यम से गाँव की महिलाओं को रोजगार, खेती की तरफ नकारात्मक रवैया, आजीविका के लिए पलायन, मनी आर्डर जैसे इकॉनमी का प्रचलन, आदि स्पष्ट तौर पर सामने आयी I
4. गाँव जहाँ शिक्षा का स्तर ठीक है, आजीविका के साधन खड़े किये गए, खेती है लेकिन जंगली जानवरों के कारण हताश है I पलायन है, युवाओं में रोजगार की ललक है लेकिन संसाधन नहीं है I पशु पालन, कुटीर उद्योग है लेकिन प्रबल मात्रा में विपणन की बहुत बड़ी समस्या है I बड़ते हुए पलायन से चिंतित गाँव के लोग आने वाले भविष्य को अन्धकार मानते है I
इस अध्यन यात्रा के पश्च्यात दूसरे चरण में हम लोग bilateral डायलॉग्स को प्राथमिकता देना चाहते है I गाँव को जागरूकता के साथ- साथ ग्रामीणों के हिसाब से विकास कैसे हो, रोजगार के कैसे साधन उनके पास है और ऐसे कौन से साधन या प्रतिदर्श विभिन्न स्थानों में है जो ग्रामीण अपने इलाको में भी कर सकते है I ऐसे कौन – कौन से पॉलिसीस है जो ग्रामीणों के विकास के लिए सहायक हो सकती है I यह यात्रा मलेथा से 23 मार्च – 2014 से प्रारंभ होगी व पौड़ी जिले के दूरस्थ गाँव से होते हुए अप्रैल में गैरसैण में समाप्त होगी I यात्रा के दौरान जिन बिन्दुओं पर जन जागरूक अभियान चलाया जाएगा वे निम्न प्रकार है;
1. सर्वागीण विकास : “ स्थानीय संसाधनों का प्रयोग, स्थानीय जनता द्वारा, स्थानीय जनता के लिए” I
2. 5 हजार से 15 हजार कमाने के लिए पलायन कर रहे नौजावानो के लिए रोजगार के साधन पर जागरूक करने I इसमें मूलत: पहाड़ में स्थापित विकास या रोजगार के मॉडल (प्रतिदर्श) व सरकारी नीतियाँ जो युवाओं को रोजगार सृजित करने में सहायक हो तक पहुचाया जाएगा I
3. उत्तराखंड को मिल रहे ग्रीन बोनस का नियोजन किस प्रकार हो; पहाड़ के उन इलाके को केन्द्रित किया जाना चाहिए जिसके बदौलत ग्रीन बोनस उत्तराखंड को तोहफे के रूप में मिल रहा है I
4. चकबंदी तो प्राथमिकता के तौर स्वीकार किया जाना चाहिए, राज्य सरकार व आमजन अपनी सहभागीता सुनिश्चित करें I
5. उत्तराखंड में ग्राम स्तर के विकास के लिए ग्राम सभा को ताकत मिले, पंचायत के विकास के लिए ग्रामीणों व पंचायत की भागीदारी सुनिश्चित हो I ग्राम सभा अपने क्षेत्र के विकास को खुद नियोजित कर सके इसके लिए संविधान संसोधन 73 व 74 का अनुपालन होना अनिवार्य है I
चूंकि आप सभी सामाजिक अभियान के अभिन्न अंग है, अत: आपकी सहभागिता प्राथनिय है I आपसे निवेदन है की पद यात्रा में शामिल होने के साथ – साथ अपनी राय व मार्ग दर्शन करायें ताकि इस यात्रा को और भी साकारत्मक बनाया जा सके I
निवेदक:
(कोर कमिटी)
हिमालय बचाओ आन्दोलन