Author Topic: Your Dream State Uttarakhand - आपके सपनो का राज्य उत्तराखंड  (Read 22199 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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This is the news from Dainik Jagran Source.I have doubt that our state is at No 5 in India. We see the development in rural areas and other place so then this report does justify.

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उत्तराखंड सर्वश्रेष्ठ पांच छोटे राज्यों में शामिल
 
देहरादून। उत्तराखंड देश के सर्वश्रेष्ठ पांच छोटे राज्यों में शुमार हो गया है। यही नहीं स्वास्थ्य, शिक्षा और न्यायिक प्रशासन वर्गो में भी सूबे को प्रथम चार राज्यों में शामिल किया गया है। दिल्ली में एक मीडिया ग्रुप द्वारा आयोजित डायमंड स्टेट अवाडर््स कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को इस आशय से संबंधित पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री डा. निशंक ने कहा कि केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से ही देश का विकास संभव हैं। राज्यों के विकास के लिए केंद्र को बिना भेदभाव के आवश्यक वित्ताीय सहायता देनी चाहिए। श्री निशंक ने कहा कि सरकार सूबे के 65 प्रतिशत हिस्से को वनाच्छादित बनाने के लिए कटिबद्ध है पर वन अधिनियम से विकास कार्य प्रभावित हो रहें हैं। उन्होंने केंद्र से इसकी क्षतिपूर्ति का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक दृष्टि से चीन और नेपाल से सटे होने के कारण केंद्र को चीन की तर्ज पर राज्य के सीमावर्ती विकास की अवस्थापना विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। श्री निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सूबे की पहचान तेजी से विकास कर रहे राज्यों में के रूप में हो रही है। उन्होंने कहा कि सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आयुर्वेद विवि की शीघ्र स्थापना इस दिशा में एक ठोस पहल है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5852190.html

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SAPNE TO BAHUT DEKHE THE LEKIN KYA KAREN SAPNE TO SAPNE HOTE HAIN , SAPNE DEKHANA BURI BAAT NAHIN HAI.LEKIN SAPNO KO SAKAAR KARNA BAHUT MUSHKIL HAIN HAI OR KATHIN BHI.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Atleast i am speechless to see the pace of development in during these 9 yrs.

सत्यदेव सिंह नेगी

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KAUN KAREGA DEVELOPMNT BATA BHI DO MEHTA SAHAB

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हमारे सपनो का उत्तराखंड की तो बात ही छोडिये,लेकिन आज का उत्तराखंड है इनके सपनो का


लो लगा लो लालबत्ती

देहरादून। लालबत्ती वाली कार में घूमने के विधायकों के अरमान आखिर पूरे हो ही गए। शासन की ओर से इस बारे में आज बाकायदा आदेश जारी कर दिया गया है। अब सभा सचिव का ओहदा पा चुके भाजपाई विधायक अपने अरमानों वाली कार में घूमते नजर आएंगे।

सूबे की सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही भाजपाई विधायक लालबत्ती वाली कार में घूमने का अरमान पाले थे। पहले तो मंत्रिमंडल का आकार छोटा होने से अरमानों पर पानी फिरा। बाद में पार्टी की नीतियों ने गला ही घोंट दिया। सूबे में नेतृत्व परिवर्तन हुआ तो उम्मीदें फिर से जवां हो गई। तमाम जोड़-तोड़ शुरू की गई।

किसी तरह से सरकार पसीजी तो सात विधायकों की राह आसान हुई। पद मिल गया और मुख्यमंत्री ने शपथ भी दिला दी। इसके बाद भी लालबत्ती की कार नहीं मिली। भाजपा के ही कुछ नेताओं ने अंदरखाने विरोध किया तो विधायकों की बेचैनी बढ़ गई।

लगा कि फिर से सादा कार में बैठना होगा। आज शासन ने अचानक ही इस बारे में आदेश कर दिया। परिवहन सचिव की ओर से जारी आदेश में साफ कर दिया गया है कि सभा सचिव से ओहदे से नवाजे गए सभी सात विधायकों की कार पर लालबत्ती सजा दी जाए।

अब विधायकों से इतर भाजपा नेताओं के ख्वाब अभी हकीकत बनते नहीं दिख रहे हैं। सरकार ने कई नेताओं को दायित्व तो सौंप दिए हैं पर इन्हें इंतजार है कांग्रेस शासन की तरह लालबत्ती वाली कार में घूमने का।

इस बारे में नेताओं की कवायद जारी है पर माना यही जा रहा है कि इनके अरमान शायद ही पूरे हो पाएं। हां, सरकारी दायित्व वितरण की अगली सूची में नाम जुड़वाने में सफल होने वाले विधायकों के लिए लालबत्ती वाली कार का इंतजाम करने की कोशिशें शासन स्तर पर जरूर की जा रही हैं।



एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Was it our Dream State ? Go through the news.
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स्वतंत्रता सेनानियों के गांव की सड़क 

उत्तरकाशी। देश की आजादी से लेकर विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी श्यालिक राम नौटियाल व दौलत राम रवांल्टा के गांव को सड़कों से जोड़ने वाला मार्ग बदहाल बना हुआ है। मार्ग निर्माण के 16 साल बाद भी सड़क का डामरीकरण न होने से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।

स्वतंत्रता सेनानी श्यालिक राम नौटियाल व दौलत राम रवांल्टा के गांव नौगांव सुनारा, कोटियाल गांव, मंजियाली मोटरमार्ग का सोलह वर्षो बाद भी डामरीकरण न होने से ग्रामीणों में जनप्रतिनिधियों सहित सरकारी मशीनरी के खिलाफ आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की लापरवाही से इतने लंबे समय में भी ग्रामीणों को सड़क मार्ग का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे लोग खस्ताहाल सड़क पर जान जोखिम में डाल कर सफर करने को मजबूर है। सामाजिक कार्यकर्ता गजेन्द्र नौटियाल का कहना है कि दिल्ली यमुनोत्री मार्ग निर्माण को लेकर लखनऊ में 21 दिन के भूख हड़ताल पर बैठने वाले स्वतंत्रता सेनानी दौलत राम रवांल्टा व श्यालिक राम नौटियाल के गांव को जोड़ने वाली सड़क इतने लंबे समय से डामरीकरण सहित अन्य सुविधाओं की बाट जोह रही है। ग्रामीण मोहन प्रसाद, देवेन्द्र दत्त, सोहन, सूर्यमणी, सुमन प्रसाद, उपेन्द्र, रवीन्द्र दत्त, जगमोहन आदि का कहना है कि जल्द सकारात्मक कार्रवाई नहीं की तो विभाग का करने के साथ ही जनप्रतिनिधियों को गांव में नहीं घुसने देंगे।

Source : Dainik Jagran

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सपनों का उत्ताराखंड बनाने आगे आई महिलाएं

कोटद्वार(पौड़ी गढ़वाल)। उत्ताराखंड महिला मंच ने जनपद पिथौरागढ़ में गौरा नदी पर बन रहे 18 छोटे-बड़े बांधों से प्रभावित जनता की ओर से लड़ी जा रही लड़ाई को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। मंच ने नैनीताल, धारी व रामगढ़ में भू-माफियाओं के खिलाफ संघर्ष करने की भी बात कही है।

रविवार को कोटद्वार में आयोजित मंच के प्रांतीय सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि जल-जंगल व जमीन उत्ताराखंड का भूगोल नहीं बल्कि, उत्ताराखंडवासियों की आजीविका, इतिहास, परंपरा व जीवन है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाएं पूरी तरह इन पर निर्भर हैं। ऐसे में जरूरी है कि जल-जंगल-जमीन को सुरक्षित कर उसे आने वाली पीढ़ी को धरोहर के रूप में दिया जाए।

 वक्ताओं ने प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार व अराजकता पर चिंता जताते हुए कहा कि जल-जंगल-जमीन को माफियाओं के हाथों बेचा जा रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि अपने संसाधनों व गरीबों के हकों के लिए लड़ने वालों को माओवादी घोषित कर जेलों में ठूंसा जा रहा है।

जंगलों के किनारे बसे लोगों को हटाया जा रहा है व नदियों के किनारे बसे लोगों को विद्युत परियोजनाओं के नाम पर उजाड़ा जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि राज्य गठन के उपरांत प्रदेश की राजनीति जिस राह पर जा रही है, उससे प्रदेश की मुश्किलें बहुत अधिक बढ़ गई हैं। प्रदेश में दिशा-दशा नदारद है व 'घर-घर, गांव-गांव' में नेतागिरी तो है लेकिन, नेतृत्व का नामोनिशान नहीं है। योजनाओं के नाम पर सभी की नजरें थैलियों व संसाधनों की लूट पर लगी है। कहा गया कि इस मानसिकता को बदलने व तमाम सवालों की लड़ाई लड़ने के लिए सभी को आगे आना होगा। गांवों से जनसंघर्षो की अलख जगानी होगी। तभी विकसित उत्ताराखंड का सपना साकार हो पाएगा। सम्मेलन में विभिन्न प्रखंडों में संयोजकों की तैनाती भी की गई, जिसमें दमयंती देवी व गंगा देवी , शकुंतला रावत व बसु , सिद्धी देवी व सुंदरा देवी , गुड्डी देवी व भगवती देवी (थलीसैण) और विजयलक्ष्मी व बीना (बीरोंखाल) संयोजक चुने गए।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6037288.html

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Was it was dream state. Go through this news.
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रुद्रप्रयाग। जिला मुख्यालय में स्थापित राजकीय महाविद्यालय के संचालन को तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी भवन निर्माण के आसार दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहे हैं।

वर्ष 2006 में मुख्यालयवासियों के संघर्षो के फलस्वरूप अस्तित्व में आए राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग का अभी तक भवन नहीं बन पाया है। वर्तमान में महाविद्यालय की कक्षाएं आईटीआई भवन से संचालित हो रही है। महाविद्यालय संचालित हुए तीन साल गुजर जाने के बाद यहां न तो सृजित पाठ्यक्रम शुरू हो पाए हैं और शिक्षकों के पद भी नहीं भरे गए हैं। महाविद्यालय में फिलहाल बीबीए व बीसीए पाठ्यक्रम ही संचालित हो रहे हैं।

महाविद्यालय के भवन निर्माण के प्रति शासन-जिला प्रशासन भी तत्परता नहीं दिखा रहा है। इसके लिए जिला मुख्यालय से सटे जवाड़ी क्षेत्र में पांच हेक्टेयर भूमि चयनित तो की गई, लेकिन अभी कई बाधाएं सामाने आ रही हैं। वन भूमि होने के कारण वन विभाग से स्वीकृति के लिए महाविद्यालय प्रशासन ने विभाग को पत्र तो लिखा, लेकिन कब तक स्वीकृति मिल पाएगी, इसका कोई पता नहीं है। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य केके एस नेगी ने बताया कि महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए भूमि चयन की जा चुकी है, जिसके लिए अग्रिम कार्यवाही जा रही है। उन्होंने बताया कि भवn निर्माण जल्द से जल्द शुरू हो सके इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6048645.html

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ये है हमारे सपनो का उत्तराखंड, ये ही सपने देखे थे हमने इस देव्बूमी के लिए की जो हमारी और इस देवभूमि की रक्षा करने के लिए जिनको नियुक्त किया गया है,अब हमें उन्हीं से अपनी रक्षा करने की जरूरत है,

बदसलूकी पर दारोगा समेत चार नपे

देहरादून। व्यापारी के घर देर रात जबरन घुसने व मारपीट के मामले में आरोपी चार पुलिसकर्मियों को एसएसपी ने प्रथम दृष्ट्या जांच के बाद लाइन हाजिर कर दिया। इससे पूर्व, गुस्साए व्यापारियों ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एसएसपी अभिनव कुमार से मुलाकात की। एसएसपी के निर्देश पर एसपी सिटी जगत राम जोशी ने व्यापारी के घर जाकर प्राथमिक जांच-पड़ताल की। जांच में पुलिस की खामी पाई गई। एसएसपी ने मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात पलटन बाजार के व्यापारी और रेसकोर्स निवासी उमेश गुप्ता के आवास पर डोईवाला, डालनवाला व नेहरू कालोनी थाने की पुलिस ने छापा मारा। पुलिस का दावा था कि व्यापारी का फोन नंबर अक्टूबर माह में कालसी में हुई हत्या के मामले में ट्रेस हुआ है। उमेश गुप्ता का आरोप है कि इस दौरान पुलिस जबरन उनके घर में घुस गई और विरोध करने पर उन्हें जमकर मारा पीटा। जब घटना की भनक अन्य व्यापारियों को लगी तो उन्होंने पुलिस के विरोध पर न सिर्फ हंगामा किया, बल्कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की धमकी भी दी। शनिवार सुबह मामला काफी गरमा गया। पलटन बाजार में व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोली। भाजपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष पुनीत मित्ताल के नेतृत्व में दर्जनों व्यापारी एसएसपी अभिनव कुमार से उनके आवास में मिले। व्यापारियों ने पुलिस पर गुंडाराज फैलाना का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बगैर जांच किए पुलिस व्यापारी उमेश गुप्ता के घर पहुंची और उनसे मारपीट कर परिवार से अभद्रता की। व्यापारियों ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। एसएसपी ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस मौके पर भाजपा नेता विनय गोयल, राजेश शर्मा, नितिन मलिक, सुनील उनियाल गामा, पार्षद सचिन गुप्ता, सुशील गुप्ता आदि मौजूद थे। वहीं, एसएसपी अभिनव कुमार के आदेश पर एसपी सिटी जगत राम जोशी, पीड़ित व्यापारी उमेश गुप्ता के घर पहुंचे। एसपी सिटी ने श्री गुप्ता व घर के अन्य सदस्यों से पूछताछ की। पुलिस सूत्रों की मानें तो प्रथम दृष्ट्या जांच में पुलिस की गलती पाई गई है। इस पर एसपी सिटी जोशी की रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी कुमार ने डोईवाला थाने में तैनात वरिष्ठ उप निरीक्षक सत्यव्रत व तीन सिपाही सतनाम सिंह, धर्मेद्र कुमार व सुनील को लाइन हाजिर कर दिया। एसएसपी ने इस घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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राजधानी देहरादून के ये हाल हैं तो फिर दुसरे दूर द्रास के इलाकों में क्या हो सकता है ये हम सब जानते हैं और फिर भी हमने सपना देखना बंद नहीं किया आज भी इन आँखों में उस उत्तराखंड उस देवांचल का सपना है जिसके लिए उन अमर सहिदों ने अपना सब कुछ खो दिया है !

 

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