आज-कल में एक गाना देखा जो रीमिक्स था- " ना बासा घुघुती चैत की"
इस बोल पर रीमिक्स डी०जे० चल रहा था और वीडियो में अधनंगे कलाकार मस्त होकर नाच रहे थे और बैकग्राउंड में कभी-कभी एक नामचीन कलाकार का फोटो भी दिखाया जा रहा था। बड़ी कोफ्त हुई, कम से कम गाना रीमिक्स करने से पहले गीत के बोलों पर तो ये कलाकार ध्यान दे दें...............
इस गीत के बोल हैं, ना बासा घुघुती चैत की, या आ जांछी मैस मैत की................एक लड़की जो शादी के बाद अपने मायके से दूर ससुराल में है और अभी तक उसकी भिटौली नहीं आयी है, वह लड़की इस गीत में आगे मंगल कामना भी करती है कि मेरे मायके में सबकुछ ठीक हो, कोई दुःख-बीमार ना हो, कोई अपशकुन ना हुआ हो......और मेरी भिटौली आ जाय।
इतने ज्यादा विरह और एक लड़की की घुघुती से मार्मिक अपील पर ये लोग कैसे नाच लेते हैं, समझ से परे है। मेरा विनम्र अनुरोध है कि कम से कम हमारे मार्मिक गीतों, जिन्हें सुनने भर से हमारी माताओं/बहनों की आंखें नम हो जाती हैं, उन गीतों का ऎसा भौंडा और भद्दा मजाक ना बनायें ये लोग।