पौराणिक कहानी -
कोट विकास क्षेत्र के चार गाव - नौड, रीई, सिल्सू एव लसेरा का यह प्रसिद्ध धाम डांडा नाग राजा जिसके इतिहास १५० वर्ष प्राचीन बताया जाता है ग्राम सिल्सू के देशवाल जाते के लोग तब से इस मंदिर के पूजक अर्चक रहे है! मनायाताओ के अनुसार १५० वर्ष पूर्व लसेरा में गुमाल जाति के पास एक दुधारू गाय थी जो डांडा की एक शिला को प्रत्येक दिन सुबह अपने दुग्ध से नहला देती थी! घर के लोगो को गाय का दूध न मिलने पर और दूध को शिला पर गिरता देख क्रोधित होकर गाय के स्वामी ने कुल्हाड़ी से गाय पर प्रहार कर दिया! प्रहार गाय पर न लगकर शिला पर लगा और और शिला दो खंडो में विभक्क्त हो गए ! जिनमे एक शिला एक शिला का खंड आज भी डांडा नागराज में स्थित है! इस कूर कृत्य के बाद गुमल जाति पूर्ण तह समाप्त हो गयी!