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ना ऐ पिछने तू इन पाठ फिरैकि
लड़ी ले जिकोडि तू हिमत भोरिकि
जैल ऐ बि बुरू टैम थोडु टैम लगे दि
अपडो परयों कि बल खुद लगे कि
ध्यान धैर ध्यानी ऐ आखेर नि छ
डैरी डैरी कि हि सै ते थे बाट देखेलि
ना ऐ पिछने तू इन पिठ फिरैकि
लड़ी ले जिकोडि तू हिमत भोरिकि
पता छे ते वै समण तू ठैर निसकदु
कुच निछ ते पास वै दगड़ लड़णा कुन
फिर बि वैते चित्कारी ललकार देणु रे
बिच बिच मां तू वै ते हुंकार देणु रे
ना ऐ पिछने तू इन पिठ फिरैकि
लड़ी ले जिकोडि तू हिमत भोरिकि
ध्यान धरि ऐ समै क्या शिक्षा देणु
हरेक बेल ऊ तुमरी परीक्षा लेणु
उपयोग मा ले अफ ते सक्षम कना कुन
कु छु मि ? अर क्या ह्वै सक्दु ऐ जण ना कुन
ना हात-खुथी गालि वै कु रूप देखिकि
स्वार हवैजा वै पर लड़णु छ ऐ ठरैकि
ना ऐ पिछने तू इन पिठ फिरैकि
लड़ी ले जिकोडि तू हिमत भोरिकि
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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