Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 44082 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshiposted 

कवि की जनानी की पीड़ा (हास्या व्यंग )
दिन रात छिन कवि सम्मेलन मा
खाली चा आटू चौलो कनस्तर
कंनुक्वे चललू घर ग्रहस्थी को बेलन
अब तुमारा खोपड़ा चलाण पड्लू चकला बेलन
दिन रात कविता लिखणा मा मिस्या रैदिन
यखलू बांदर सी लग्या अंखारो मा
जरा बाल बच्चो तै पड़ा दी
भली माया की छवी लगादी
मितै सौत ह्वेगे तुमरी स्या गीत कविता
हेजी मी बोल्णु छोऊ भै का सौ खैकी अब भौत हवे गीत कविता
रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshi
 
जै ढोल ढमौ की हमन नी जाणी क्वी मोल
देखा दी कन्नु भलू बजाणु
अमेरीका मा वी ढोल तै
स्टीफन फियोल
गौ का गौ हवेगिन खाली
हमरी सग्वाड़ी मा कन्नी भली साग भुज्जी उगाणा नेपाली
सैरी दुनिया की नज़र चा
ये हिमालय मा
क्वी बीजली क्वी पाणी क्वी जड़ी बूटी से
इख बीटी कमाणू चा
सब की जेब इख बीटी भरणी चा
पर जोग देखा पाड़ीयों कू
कामणा ग्याँ भैर उन्द
रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
एक अक्षर पर सीमीत होकर शब्द बना माँ
पर पूरी दुनिया रची बसी माँ पर
दुनिया को आकर्षित करती माँ
दुनिया को प्रकाशित करती माँ
नये युग को जन्म देती माँ
नवपुरूष से महापुरुष बनाती माँ
नयी दिशा देती माँ
दुनिया दिखलाती माँ
दुनिया सिखलाती माँ
प्यार देती माँ
दुलार देती माँ
क्या ना देती माँ
सब कुछ देती माँ
हे माँ
मेरी प्यारी माँ
रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshi

तू बैठी है आज सज सावर के सखी

मला है दुनिया भर का क्रीम पाउडर

अगर निकला तेरो दूल्हा काला

तो फिर गोबर मलती फिरयो

अगर निकला वो काला ब्रज का बांका

तो फिर न कहियो सखियों

तू इठलाती बन ठन के

तेरा दूल्हा निकला अगर बैरागी

तो फिर भस्म रामकै जोगन बन फिरयो

अगर निकला वो कैलाश दिगंबर

तो फिर न कहियो सखियों

तू तो थकती नहीं ससुराल की तारीफ कर कर के

अगर निकली सासु तेज़ तो फिर बर्तन मलती फिरयो

अगर निकली सासु सीता सावित्री

तो फिर न कहियो सखियों

तू करती रहती है अपने दुल्हे का गुणगान

अगर निकला वो गुंडा बैमान तो जेल चक्की साथ पिसयो

निकला अगर वो राम

तो फिर न कहियो सखियों

मानी सखी तेरी हर बात

बजाओ ढोलक चम्मच थाल

रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

From - Shailendra Joshi.

गीत बण जादन भौत लेकिन

गौला मा बार बार क्वी क्वी ही गीत चड़दू

बाटा मा मुखडी भौत दिखदी लेकिन

क्वी क्वी मुखडी देखी फ़र्कणू ज्यू बोल्दू

छुयो का छुयाल भौत मिल जादन

पर भला विचार बुलन वाला मिलदन कभी कभार

बस्ग्याल मा भ्यो बरखादु रोज हर बार

रुड मा भ्यो बरखादु कभी कबार

रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
विश्वविद्याय क्या चा बबाल चा गढ़वाल

पदों मा बैठ्या लोगो तै नियम कानून कू कुछ नि पता

गिच्चो पर छन यू का सुधि मुधी का सवाल

बुरा छिन इख हाल

कभी इख लडै कभी इख हरताल

कनुक्वे चलणु गढ़वाल विश्व विद्यालय देवता भी छन हैरान

रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshi

नेतो की सोच देरादूंण तक
ब्याली भी छै आज भी चा भोल भी राली
गैरसैंण मा राजनीती
ब्याली भी छै आज भी चा भोल भी राली
पाड़ मा खैरी
ब्याली भी छै आज भी चा भोल भी राली
पाड़ मा ईस्कूल बिटी मास्टर गोल
ब्याली भी छोऊ आज भी चा भोल भी राला
खाली नौ का अस्पताल
... ब्याली भी छोऊ आज भी चा भोल भी राला
बेटी ब्वारी दुख मा
ब्याली भी छै आज भी चा भोल भी राली
पाड़ ज़िन्दगी आस मा
ब्याली भी छै आज भी चा भोल भी राली
पर मन मा आज तलक आणा छिन बिन्सिर का वो भला सुपन्या
एक दिन जरुर होली सुखों की सुबैर

रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshi

बुबा गीत सुनणु नरेन्द्र सिंह नेगी का

बेटा सुनणु ओये होये हनी सिंह

सोनिया की सुनणु मनमोहन सिंह

देश की क्वी नी सुनणु

चा तुम कितना भी बड़ा छा सिंह

रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshi

कोई ग़ज़ल हो जाये

कोई गीत गुन गुनालो

तरन्नुम मे

आज मुड है सुनने का

कल फिर ना सुन पाये तुम को

फिर मुझे ना कहना

रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

रचना शैलेन्द्र जोशी
 
जेठा कू घाम

तन मा पस्यो की बर्खा

तपणी चा धरती रुढ का घामो मा

मनखी त मनखी

गरम बथो मा चखुला भी छन बैचैन

कखा मिल्ली मंगरा की धार

बुझली गौला की तीस

रुढ बर्खा जरा सी चैन देदी

आराम तै मिल्दु भै तभी

जब बस्ग्याल बर्खादा

रचना शैलेन्द्र जोशी

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22