वैसे तो उत्तराखंड में विशिष्ट साहित्यकारों की लम्बी सूची है,लेकिन मैं यहाँ दो अल्पज्ञात कवियों की कविता प्रस्तुत कर रहा हूँ, शायद आपको पसंद आये -
अपने भविष्य का चित्र बना, आशा का उसमें रंग भरा
सोचा था न तनिक मन में मैंने, क्या है मेरी ललाट रेखा
वह रंग मिटा, मिट गया चित्र,मैं भी उसमें मिट जाऊंगी
पर मिटा नहीं सकती हूँ क्या मैं विधि! तेरा निर्मम लेखा ?
- तारा पाण्डे
जानता हूँ जो न मिलती चाह है वह
जो न मंजिल तक पहुँचती राह है वह
जो हृदय की पीर बनी वह भावना है
जो आधूरी रह गयी वह साधना है.
- जीवन प्रकाश जोशी