Mahar Da,
yah holi kahan par likhi hai jo ki bahut famous hai.
कैसे आऊं रे सांवरिया तेरी बृज नगरी,
इत गोकुल, उत मथुरा नगरी,
बीच बहे जमुना गहरी, कैसे आऊं?
कैसे आऊं रे सांवरिया...............।
धीरे चलूं, पायल मोरी बाजे,
कूद पड़ूं तो डूबूं सगरी, कैसे आऊं।
कैसे आऊं रे सांवरिया...............।
भर पिचकारी मेरे मुख पर डारी,
भीज गई रंग से चुनरी, कैसे आऊं।
कैसे आऊं रे सांवरिया...............।
केसर कींच मग्यो आंगन में,
रपट पड़ी राधे गवरी, कैसे आऊं।
कैसे आऊं रे सांवरिया...............।
मोर सखी मजा बाल कृष्णा छवि,
चिरंजी रहे सुन्दर जोरी, कैसे आऊं,
कैसे आऊं रे सांवरिया...............।