बागेश्वर में उत्तरायणी के मेले का अत्यधिक पौराणिक, आध्यात्मिक व ऐतिहासिक महत्व है. स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान इसी मेले के दौरान इसी संगम में सन 1921 में कुमाऊं केसरी बदरी दत्त पाण्डे के नेतृत्व में आम जनता ने "कुली बेगार" का उन्मूलन करके ब्रिटिश सरकार के मुंह पर करारा तमाचा मारा था. इस आन्दोलन से प्रभावित होकर स्वयं गांधी जी बागेश्वर भ्रमण पर आये थे.